Humanities/Arts Exam  >  Humanities/Arts Notes  >  Hindi Class 12  >  NCERT Solutions - ममता कालिया

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra - ममता कालिया

प्रश्न 1: पाठ के आधार पर हर की पौड़ी पर होने वाली गंगाजी की आरती का भावपूर्ण वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर: कलकल करती गंगा माता मानो जीवन को सुख प्रदान कर रही हो। वहाँ विभिन्न घाट विद्यमान थे। हम हरकी पौड़ी नामक घाट पर गए। पिताजी ने दादा जी के नाम का पिंडदान किया। हम शाम की आरती की प्रतीक्षा करने लगे। संध्या के समय घाट पर विभिन्न तरह के दीप जल उठे। आरती आरंभ हो गई। पूरे घाट में माँ गंगा की आरती गूंज उठी। बड़े-बड़े दीपदानों से गंगा माँ चमक उठी। ऐसे लग रहा था मानो माँ गंगा में इन दीपों का सोना रूपी प्रकाश मिल रहा हो। मेरी आँखें ऐसा दृश्य देखकर भावविभोर हो उठी। मैंने जीवन में कभी परम शांति और सुख का अनुभव नहीं किया था। भक्ति की भावना मेरी नसों में प्रवाहित होने लगी। आरती के पश्चात हम बहुत देर तक माँ गंगा के पवित्र जल में पैरों को डूबाए बैठे रहें। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो माँ गंगा मुझे चिरंजीवी रहने का आशीर्वाद दे रही हो।

प्रश्न 2: 'गंगापुत्र के लिए गंगा मैया ही जीविका और जीवन है'- इस कथन के आधार पर गंगा पुत्रों के जीवन-परिवेश की चर्चा कीजिए।
उत्तर: गंगापुत्र वे कहलाते हैं, जो गंगा मैया को अर्पण किए गए पैसे को गंगाजी की धाराओं के बीच में लेकर आते हैं। लोग गंगा नदी पर पैसे डालते हैं गंगापुत्र उन पैसों को गंगा जी के बहते जल से बाहर निकालते हैं। यह कार्य बहुत जोखिम भरा होता है। गंगा का जल प्रवाह कब इंसान को निगल जाए कहा नहीं जा सकता है। इस काम में जितना जोखिम होता है, उतनी कमायी नहीं होती है। लेकिन उनके पास कोई चारा नहीं है। उन्हें विवश होकर यह कार्य करना पड़ता है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि उनका जीवन-परिवेश बहुत अधिक अच्छा नहीं होगा। दो वक्त की रोटी मिल जाए, यही उनके लिए काफी होगा।

प्रश्न 3: पुजारी ने लड़की के 'हम' को युगल अर्थ में लेकर क्या आशीर्वाद दिया और पुजारी द्वारा आशीर्वाद देने के बाद लड़के और लड़की के व्यवहार में अटपटापन क्यों आया?
उत्तर: पुजारी ने अज्ञानवश लड़की के हम से यह अर्थ लिया कि दोनों रिश्ते में पति-पत्नी है। अतः पुजारी ने उन्हें सुखी रहने, फलने-फूलने तथा हमेशा साथ आने का आशीर्वाद दे दिया। इसका अर्थ था कि उनकी जोड़ी सदा सुखी रहे और आगे चलकर वे अपने परिवार तथा बच्चों के साथ आएँ। पंडित का यह आशीर्वाद सुनकर दोनों असहज हो गए। लड़की को अपनी गलती का अहसास हुआ क्योंकि इसमें उसके हम शब्द ने यह कार्य किया था। वह थोड़ा घबरा गई। दूसरी तरफ लड़का भी परेशान हो गया उसे लगा कि लड़की कहीं इसकी ज़िम्मेदार उसे न मान ले। अब दोनों एक-दूसरे से नज़रे मिलाने से डर रहे थे। दोनों वहाँ से चले जाना चाहते थे।

प्रश्न 4: उस छोटी-सी मुलाकात ने संभव के मन में क्या हलचल उत्पन्न कर दी? इसका सूक्ष्म विवेचन कीजिए।
उत्तर: संभव एक नौजवान था। इससे पहले किसी लड़की ने उसके दिल में दस्तक नहीं दी थी। अचानक पारो से मुलाकात होने पर उसे किसी लड़की के प्रति प्रेम की भावना जागरूक हुई थी। पारो को जब उसने गुलाबी साड़ी में पूरी भीगी हुई देखा, तो वह देखता रह गया। उसका सौंदर्य अनुपम था। उसने उसके कोमल मन में हलचल मचा दी। वह उसे खोजने के लिए हरिद्वार की गली-गली खोजता था। घर पहुँचकर उसका किसी चीज़ में मन नहीं लगता। विचारों और ख्वाबों में बस पारो की ही आकृति उसे नज़र आ रही थी। वह उससे मिलने के मनसूबे बनाना लगा। उसका दिल उसे पाना चाहता था। पारो उस क्षण में ही उसके जीवन का आधार बन गई थी, जिसे पाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार था।

प्रश्न 5: मंसा देवी जाने के लिए केबिल कार में बैठे हुए संभव के मन में जो कल्पनाएँ उठ रही थीं, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर: मंसा देवी जाने के लिए केबिल कार में बैठे हुए संभव के मन में अनेक कल्पनाएँ जन्म ले रही थीं। वह घाट में मिली लड़की से मिलना चाहता था। उस लड़की की छवि उसके मस्तिष्क में बस गई थी। वे चारों ओर उस लड़की को पाने के लिए बैचेन था। वह उसी केबिल कार में जाकर बैठा जिसका रंग गुलाबी था क्योंकि उस लड़की ने गुलाबी साड़ी पहनी थी। वह मंसा देवी भी इसी उम्मीद से जा रहा था कि शायद उस लड़की को एक बार देख पाए।

प्रश्न 6: ''पारो बुआ, पारो बुआ इनका नाम है..... उसे भी मनोकामना का पीला-लाल धागा और उसमें पड़ी गिठान का मधुर स्मरण हो आया।'' कथन के आधार पर कहानी के संकेत पूर्ण आशय पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: जब संभव ने पारो बुआ सुना तो वह देवदास रचना में खो गया। जिस प्रकार देवदास की प्रेमिका पारो थी, वैसे ही यहाँ भी उसकी प्रेमिका पारो ही थी। उसने इसी पारो को पाने के लिए मंसा देवी में मन्नत की गांठ बाँधी थी। वह अपनी इसी पारों को देखना चाहता था। इस कथन से स्पष्ट हो गया कि इस कहानी की नायिका का नाम पारो है और संभव की कहानी इस पारो के बिना पूरी नहीं हो सकती है।

प्रश्न 7: 'मनोकामना की गाँठ भी अद्भुत अनूठी है, इधर बाँधो उधर लग जाती है।' कथन के आधार पर पारो की मनोदशा का वर्णन दीजिए।
उत्तर: संभव की दशा तो पारो को पहली बार देखकर पता चल जाती है। लेकिन पारो के मन की दशा का वर्णन उसके द्वारा मन में बोली गई इस पंक्ति से होता है। इससे पता चलता है कि संभव पारों के दिल में पहली ही मुलाकात में जगह पा गया था। वह भी संभव को उतना ही मिलने को बैचेन थी, जितना संभव था। यहाँ तक की संभव से मिलने के लिए उसने संभव की भांति ही मनसा देवी में मन्नत की चुनरी बाँधी। संभव को देखकर उसकी मन्नत पुरी हो गई। इससे पता चलता है कि उसकी मनोदशा भी संभव की भांति पागल प्रेमी जैसी थी, जो अपने प्रियतम को ढूँढने के लिए यहाँ-वहाँ मारा-मारा फिर रहा था।

प्रश्न 8: निम्नलिखित वाक्यों का आशय स्पष्ट कीजिएः
(क) 'तुझे तो तैरना भी न आवे। कहीं पैर फिसल जाता तो मैं तेरी माँ को कौन मुँह दिखाती।'
(ख) 'उसके चेहरे पर इतना विभोर विनीत भाव था मानो उसने अपना सारा अहम् त्याग दिया है, उसके अंदर स्व से जनति कोई-कुंठा शेष नहीं है, वह शुद्ध रूप से चेतन स्वरूप, आत्माराम और निर्मलानंद है।'
(ग) 'एकदम अंदर के प्रकोष्ठ में चामुंडा रूप धरिणी मंसादेवी स्थापित थी। व्यापार यहाँ भी था

उत्तर: (क) संभव के देर से आने पर चिंताग्रस्त नानी उसे कहती है। तू तैरना नहीं जानता है। यदि स्नान करते हुए फिसल गया, तो सीधे गंगा नदी में गिर जाएगा। फिर तो बचना संभव नहीं था। यदि ऐसी कोई अनहोनी हो जाती, तो तेरे माता को क्या जवाब देती। माँ तो यही कहती है कि मैंने नानी के पास भेजा था और मुझे मेरा बेटा देखना नसीब नहीं हुआ।
(ख) संभव गंगा नदी की धारा के मध्य एक व्यक्ति को देखता है, जो माँ गंगा में सूर्य को जल अर्पण कर रहा है। उसके चेहरे के भावों को देखकर संभव उनकी ओर आकर्षित हो जाता है। वह गंगा मैया के मध्य खड़े होकर प्रार्थना कर रहे थे। उनके चेहरे पर प्रसन्नता और विनती का बहुत सुंदर रूप था। उनके चेहरे पर यह भाव था मानो उन्होंने अपने अंदर व्याप्त अहंकार को समाप्त कर दिया है। प्रायः मनुष्य अहंकार के कारण परेशान और दुखी होता है। जब मनुष्य अहंकार के भाव को त्याग देता है, उसके हृदय में फिर किसी बात का दुख, परेशानी तथा कुंठा  नहीं बचती है। ऐसा व्यक्ति शुद्ध हो जाता है। उसे आत्म ज्ञान हो जाता है, वह निर्मल तथा आनंद को प्राप्त कर जाता है।
(ग) इन पंक्तियों में संभव चामुंडा मंदिर के बारे में व्याख्या करता है। संभव मंदिर के अंदर जाता है, वहाँ वह चामुण्डा रूप में स्थापित मंसा देवी को देखता है। इसके साथ ही वह मंदिर स्थल के आस-पास सभी व्यापारिक गतिविधियाँ भी देखता है। जहाँ कहीं पूजा का सामान बिक रहा है, तो कहीं खाने का, कहीं रुद्राक्ष बिक रहा है।

प्रश्न 9: 'दूसरा देवदास' कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस कहानी का नाम 'दूसरा देवदास' बिलकुल उचित है। यह शीर्षक कहानी की सार्थकता को स्पष्ट करता है। जिस प्रकार शरतचंद्र का देवदास अपनी पारो के लिए सारा जीवन मारा-मारा फिरता रहा, वैसे ही संभव रूपी देवदास अपनी पारो के लिए मारा-मारा फिरता है। पारो की एक झलक उसे दीवाना बना देती है। वह उसे ढूँढने के लिए बाज़ार, घाट, यहाँ तक कि मनसा देवी के मंदिर तक हो आता है। उससे एक मुलाकात हो जाए इसके लिए मन्नत तक माँगता है। जब वह मिलती है, तो लड़की का पारो नाम सुनकर जैसे उसकी खोज सार्थक बन जाती है इसलिए वह अपने नाम के बाद देवदास लगाकर इसका संकेत भी दे देता है। दोनों के मध्य छोटी-सी मुलाकात  प्रेम के बीज अंकुरित कर देती है। यह मुलाकात उनके अंदर प्रेम के प्रति ललक तथा रूमानियत को दर्शा देती है। देवदास वह नाम है, जो प्यार में पागल प्रेमी के लिए प्रयुक्त किया जाता है। अतः दूसरा देवदास शीर्षक संभव की स्थिति को भली प्रकार से स्पष्ट कर देता है। यही कारण है कि यह शीर्षक कहानी को सार्थकता देता है।

प्रश्न 10: 'हे ईश्वर! उसने कब सोचा था कि मनोकामना का मौन उद्गार इतनी शीघ्र शुभ परिणाम दिखाएगा-आशय स्पष्ट कीजिए।'
उत्तर: पारो को अपने सामने देखकर उसके मन में यह वाक्य उत्पन्न हुआ। जिस लड़की को पाने के लिए उसने कुछ देर पहले ही मनसा देवी में धागा बाँधा था, वह देवी के मंदिर के बाहर ही मिल गई। वह पारो को देखकर प्रसन्न हो उठा। आज उसकी मनोकामना इतना शुभ परिणाम लेकर सामने आई थी।

भाषा-शिल्प

प्रश्न 1: इस पाठ का शिल्प आख्याता (नैरेटर-लेखक) की ओर से लिखते हुए बना है- पाठ से कुछ उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए।
उत्तर: पाठ से उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं-

  • गंगा सभा के स्वयंसेवक खाकी वरदी में मुस्तैदी से घूम रहे हैं।
  • यकायक सहस्र दीप जल उठते हैं पंडित अपने आसन से उठ खड़े होते हैं।
  • दूसरे यह दृश्य देखने पर मालूम होता है कि वे अपना संबोधन गंगाजी के गर्भ तक पहुँचा रहे हैं।
  • संभव हँसा। उसके एक सार खूबसूरत दाँत साँवले चेहरे पर फब उठे।

प्रश्न 2: पाठ में आए पूजा-अर्चना के शब्दों तथा इनसे संबंधित वाक्यों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर: 

  • दीया-बाती- दीया-बाती का समय या कह लो आरती की बेला।
  • आरती- आरती शुरू होने वाली थी।
  • नीलांजलि- पीतल की नीलांजलि में सहस्र बत्तियाँ घी में भिगोकर रखी हुई हैं।
  • मूर्तियों- गंगा जी की मूर्ति के साथ-साथ चामुंडा, बालकृष्ण, राधाकृष्ण, हनुमान, सीताराम की मूर्तियों की श्रृंगारपूर्ण स्थापना है।
  • स्नान- आरती से पहले स्नान!
  • चंदन और सिंदूर- हर के पास चंदन और सिंदूर की कटोरी है।

योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1: हरिद्वार और उसके आस-पास के स्थानों की जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर: हरिद्वार का अर्थ है “भगवान या देवता का वास”। जहाँ आप आकर साक्षात देवताओं के दर्शन कर पाऐंगे। हरिद्वार नाम सुनते ही मन में एक छवि उभरती है जहाँ मंदिर की घंटियों की गूँज व पुजारियों के मंत्र उच्चारण, स्थल को और भी अधिक आध्यात्मिकता में डुबो देते हैं। हर छोटी दुकानों पर बजते “जय गंगे” के भजन रोम-रोम को पुलकित कर देते हैं। भग्वा वस्त्रों में पुजारियों की छवि वातावरण को और धार्मिक कर देती है। हरिद्वार के दर्शनीय स्थल आपको प्रभु की शरणों में ले जाऐंगे जहाँ आपको असीम शांति का अनुभव होगा क्योंकि प्रभु की लीला है ही अपरंपार। भगवान की कृपा-दृष्टि अपने पर भरपूर बरसने दीजिए और हो जाइए अराधना में लिप्त ताकि सांसारिक मोह-माया से आप कुछ पल का विराम पा सकें।
हरिद्वार के दर्शनीय स्थल: आध्यात्मिकता व शांति की पहल करती आपनी हरिद्वार की यात्रा के लिए आपको पहले इनके बारे में थोड़ी जानकारी होना आवश्यक है, जो यहाँ दी गई है:

  • गंगा आरती: गंगा की पवित्र लहरों के घाट जिसे हर की पौड़ी के नाम से जाना जाता पर हर संध्या को आरती की जाती है जो गंगा मैया को समर्पित है। पुजारियों द्वारा हाथ में लिए बड़ें-बड़े दीयों से इस पावन स्थान की आरती की जाती है देखकर ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने स्थल को अपनी रोशनी से जगमगा दिया हो। पानी में पड़ता दीयों का प्रतिबिंब टिमटिमाते सितारों की तरह मालूम पड़ता है। महाआरती की मधुर आवाज़ पूरे घाट में गूँजती हुई सुनाई पड़ती है। इस आरती का गवाह बनने सिर्फ भारतीय पर्यटक ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी भारी मात्रा में आते हैं।
  • चंडी देवी मंदिर: नील पर्वत पर बसा यह मंदिर चंडी देवी को समर्पित है। ऊँचाई पर बसा यह मंदिर सिर्फ पूजा-पाठ का केंद्र नहीं है बल्कि यात्रियों के बीच ट्रैकिंग के लिए भी लोकप्रिय है। खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारे के साथ भक्ति का मेल अद्भुत है। हरिद्वार के पाँच तीरथ स्थलों में ये भी एक है जहाँ भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने की इच्छा सँजो के लाते है। इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था व विश्वास बहुत गहरा है। पहाड़ के ऊपर मंदिर व चारों तरफ हरियाली कितनी शोभा बिखेरता नज़र आता है। यहाँ से हरिद्वार की फोटो बेहद सौंदर्य पूर्ण आएगी। यह सबसे प्रसिद्ध हरिद्वार के दर्शनीय स्थल में से है।
  • राजाजी नेशनल पार्क: शिवालिक पर्वत श्रृंखला से गुज़रता यह नेशनल पार्क अपने अनोखे वनस्पति व वन्यजीवों के लिए मशहूर है। प्रकृति व वन्य जीवन प्रेमियों के लिए यह जगह बहुत शानदार है पेड़ों की सरसराती ठंडी वायु के बीच यहाँ-वहाँ छलांग लगाते पशु-पक्षी आपके ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करेंगे। यह मुख्य तौर पर बाघ व हाथियों के वन्य जीवन के लिए लोकप्रिय हैं। यह वन साल, टीक, आदि जैसे अन्य पेड़ों से लदा हुआ है। आपको यहाँ एशायाई हाथी, बाघ, किंग कोबरा, भालू, चीतल, सांभर, जंगली बिल्ली आदि देखने को मिल जाऐंगे।

प्रश्न 2: गंगा नदी पर एक निबंध लिखिए।
उत्तर: 'गंगा' भारत की सर्वाधिक महिमामयी नदी है। इसे देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विश्नुपगा, देवपगा, देवनदी, इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। गंगा का उद्गम स्थल गंगोत्री है। यह हिमालय के उत्तरी भाग गंगोत्री से निकलकर नारायण पर्वत के पार्श्व से ऋषिकेश, हरिद्वार, कानपुर, प्रयाग, विध्यांचल, वाराणसी, पाटिलीपुत्र, मंदरगिरी, भागलपुर, बंगाल से गुजरती हुई गंगासागर में समाहित हो जाती है।
गंगा का हमारे देश के लिए बहुत अधिक महत्त्व है। गंगा नदी भारत के चार राज्यों में से होकर गुजरती है। ये हैं- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल। भारत के इस मध्यम भाग को 'गंगा का मैदान' कहा जाता है। यह प्रदेश अत्यंत उपजाऊ, संपन्न तथा हरा-भरा है, जिसका श्रेय गंगा को ही है। इन राज्यों में कृषि-उपज से संबंधित तथा कृषि पर आधारित अनेक उद्योग-धंधे भी फैले हुए हैं, जिनसे लाखों लोगों की जीविका तो चलती ही है, राष्ट्रीय आय में वृद्धि भी होती है। पेयजल भी गंगा और उसकी नहरों के माध्यम से प्राप्त होता है।
यदि गंगा न होती तो हमारे देश का एक महत्त्वपूर्ण भाग बंजर तथा रेगिस्तान होता। इसीलिए गंगा उत्तर भारत की सबसे पवित्र व महत्त्वपूर्ण नदी है। गंगा नदी भारतीय संस्कृति का भी अभिन्न अंग है। भारत के प्राचीन ग्रंथों; जैसे- वेद, पुराण, महाभारत इत्यादि में गंगा की पवित्रता का वर्णन है। भारत के अनेक तीर्थ गंगा के किनारे पर ही स्थित हैं।

The document NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra - ममता कालिया is a part of the Humanities/Arts Course Hindi Class 12.
All you need of Humanities/Arts at this link: Humanities/Arts
88 videos|166 docs|36 tests

Top Courses for Humanities/Arts

FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra - ममता कालिया

1. What is the significance of NCERT Solutions for students preparing for exams?
Ans. NCERT Solutions provide comprehensive and accurate answers to the questions given in NCERT textbooks, helping students understand concepts better and prepare effectively for exams.
2. How can NCERT Solutions help in improving exam preparation for students?
Ans. NCERT Solutions cover all topics in a structured manner, making it easier for students to revise and practice different types of questions, thus enhancing their exam preparation.
3. Are NCERT Solutions sufficient for scoring high marks in exams?
Ans. NCERT Solutions are a valuable resource for conceptual clarity and practice but students should also refer to additional study materials and solve sample papers to ensure thorough preparation and score high marks in exams.
4. Can NCERT Solutions be used for competitive exam preparation as well?
Ans. Yes, NCERT Solutions provide a strong foundation for competitive exam preparation as they cover basic concepts in a clear and concise manner, helping students build a solid understanding of various subjects.
5. How can students effectively utilize NCERT Solutions to improve their academic performance?
Ans. Students can use NCERT Solutions to clarify doubts, practice different types of questions, and assess their understanding of concepts, thereby improving their academic performance and achieving better grades in exams.
88 videos|166 docs|36 tests
Download as PDF
Explore Courses for Humanities/Arts exam

Top Courses for Humanities/Arts

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

study material

,

Sample Paper

,

Exam

,

shortcuts and tricks

,

Summary

,

mock tests for examination

,

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra - ममता कालिया

,

Semester Notes

,

ppt

,

practice quizzes

,

Objective type Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

MCQs

,

Important questions

,

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra - ममता कालिया

,

pdf

,

Free

,

Extra Questions

,

Viva Questions

,

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra - ममता कालिया

,

past year papers

,

video lectures

;