सामान्य निर्देश:
प्रश्न संख्या 1 से 5 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
विज्ञान ने मनुष्य को मशीन बना दिया है, यह कहना उचित नहीं है। मशीनों का आविष्कार मनुष्य ने अपनी सुख-सुविधा के लिए किया है। यदि मशीनें नहीं होतीं, तो मनुष्य इतनी तेजी से प्रगति नहीं कर पाता एवं उसका जीवन तमाम तरह के झंझावातों के बीच ही गुम होकर रह जाता। मशीनों से मनुष्य को लाभ हुआ है, यदि उसे भौतिक सुख-सुविधाएँ प्राप्त हो रही हैं, तो उसमें मशीनों का योगदान प्रमुख है। मशीनों को कार्यान्वित करने के लिए मनुष्य को उन्हें परिचालित करना पड़ता है जिससे कार्य करने में उसे अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ता।
यदि कोई त्यक्ति मशीन के बिना कार्य करे, तो उसे अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता पड़ेगी। इस दृष्टि से देखा जाए, तो मशीनों के कारण मनुष्य का जीवन यंत्रवत् नहीं हुआ है, वल्कि उसके लिए हर प्रकार का कार्य करना सरल हो गया है। यह विज्ञान का ही वरदान है कि अब डेबिट-क्रेडिट कार्ड के रूप में लोगों के पर्स में प्लास्टिक मनी आ गई है और वे जब भी चाहें, रुपये निकाल सकते हैं। रुपये निकालने के लिए अब बैंकों में घंटों लाइन में लगने की जरूरत ही नहीं।
पहले लंबी दूरी की यात्रा करना मनुष्य के लिए अत्यंत कष्टदायी होता था। अब विज्ञान ने मनुष्य की हर प्रकार की यात्रा को पुखमय बना दिया है। सड़कों पर दौड़ती मोटरगाड़ियाँ एवं गयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ इसका उदाहरण हैं।
महले मनुष्य के पास मनोरंजन के लिए विशेष साधन उपलब्ध आ गया है। यही नहीं मनुष्य विज्ञान की सहायता से शारीरिक मजोरियों एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा निजात) पाने में अब पहले से कहीं अधिक सक्षम हो गया है और यह सब संभव हुआ चिकित्सा क्षेत्र में आई वैज्ञानिक प्रगति से।
प्रश्न.1: मशीनें नहीं होतीं तो क्या होता?
(क) मनुष्य तेजी से प्रगति नहीं कर पाता
(ख) मनुष्य तेजी से प्रगति कर पाता
(ग) मनुष्य खुश रहता
(घ) मनुष्य झंझावातों से निकल जाता
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.2: विज्ञान ने मनुष्यों को क्या-2 दिया है?
(क) मशीनें
(ख) सुख-सुविधाएँ
(ग) असुविधाएँ
(घ) परिश्रम
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.3: मशीनों से मानव के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा है?
(क) उसे अधिक परिश्रम करना पड़ता है
(ख) उसका प्रत्येक कार्य सरल हो गया है
(ग) उसका प्रत्येक कार्य कठिन हो गया है
(घ) उसका जीवन यंत्रवत् हो गया है
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.4: गद्यांश के अनुसार विज्ञान का वरदान क्या है?
(क) लोग जब चाहें रुपये निकाल सकते हैं
(ख) उपरोक्त सभी
(ग) डेबिट-क्रेडिट कार्ड के रूप में लोगों के पर्स में प्लास्टिक मनी आ गई है
(घ) अब रुपये निकालने के लिए बैंकों में घंटों तक लाइन में नहीं लगना पड़ता
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.5: मशीनों का प्रमुख योगदान क्या रहा है?
(क) मनुष्य को यंत्रवत् जीना पड़ता है
(ख) मनुष्य को परिश्रमी बना दिया है
(ग) मनुष्य को भौतिक सुख-सुविधाएँ प्राप्त हो रही हैं
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न संख्या 6 से 10 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
जहाँ भी दो नदियाँ मिल जाती हैं, उस स्थान को अपने देश में तीर्थ कहने का रिवाज़ है। कई पहाड़ों, जंगलों और खेतों पर गिरी बारिश के पानी के संगम से नदियाँ बनती हैं। एक दूसरे से मिलकर ये नदियाँ बड़ी हो जाती हैं। सबसे बड़ी नदी वह होती है जिसका दूसरी नदियों से सबसे ज़्यादा संयोग होता है। अगर सागर से उलटी गंगा बहाएँ तो गंगा का स्रोत गंगोत्री या उद्गम गोमुख भर नहीं होगा। यमुनोत्री और तिब्बत में ब्रह्मपुत्र का स्रोत भी होगा, दिल्ली, बनारस और पटना जैसे शहरों के सीवर से निकलने वाला पानी भी होगा। बनारस या पटना में गंगा विशाल नदी है, लेकिन वहाँ उसका पानी मात्र शिव जी की जटा से निकलकर नहीं आता।
भारतीय परिवेश में असली संगम वे स्थान हैं, वे सभाएँ तथा वे मंच हैं, जिन पर एक से अधिक भाषाएँ एकत्र होती हैं। नदियाँ अपनी धाराओं में अनेक जनपदों का सौरभ, आँसू और उल्लास लिए चलती हैं और उनका पारस्परिक मिलन वास्तव में नाना जनपदों के मिलन का प्रतीक है। यही हाल भाषाओं का भी है। अगर हिंदी और उर्दू, संस्कृत और फारसी को बड़ी भाषाएँ माना जाए, तो यह तय है कि इनका संगम कई दूसरी भाषाओं से हुआ होगा। अगर किसी भाषा का दूसरी भाषाओं से मेल-मिलाप बंद हो जाता है तो उसका बहना रुक जाता है, ठीक उस नदी के जैसे, जिसमें दूसरी नदियों का पानी मिलना बंद हो जाता है।
प्रश्न.6: हमारे देश में किसे तीर्थ कहने की परंपरा है?
(क) जहाँ दो तीर्थ नहीं मिलते हैं
(ख) जहाँ दो नदियाँ नहीं मिलती हैं
(ग) जहाँ दो नदियाँ मिलती हैं
(घ) जहाँ दो तीर्थ मिलते हैं
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.7: सबसे बड़ी नदी किसे माना जाता है?
(क) जो विशाल होती है
(ख) जो समुद्र में मिलती है
(ग) जिसका दूसरी नदियों से सबसे ज्यादा संयोग होता है
(घ) जो अधिक पूजनीय होती है
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.8: बनारस या पटना में गंगा विशाल नदी है लेकिन उसका पानी मात्र शिव की जटा से नहीं आता। - के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।
(क) गंगा अनेक नदियों और जल स्त्रोतों का मिलाजुला रूप हैं
(ख) गंगा अनेक समुद्रों का मिलाजुला रूप है
(ग) गंगा में अनेक नदियाँ आकर मिलती हैं
(घ) गंगा एक विशाल नदी है
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.9: गद्यांश में असली संगम किसे माना गया है और क्यों?
(क) जहाँ नदियाँ समुद्र में मिलती हैं
(ख) जहाँ अनेक झरने मिलते हैं
(ग) जहाँ अनेक नदियाँ आकर मिलती हैं
(घ) जहाँ एक से अधिक भाषाएँ एकत्र होती हैं
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.10: भाषाओं का विकास कब अवरुद्ध होता है?
(क) जब अनेक भाषाओँ का मेल बंद नहीं होता है
(ख) जब अनेक नदियों का मेल अवरुद्ध हो जाता है
(ग) जब अनेक भाषाओँ का मेल बंद हो जाता है
(घ) जब अनेक नदियों का मेल अवरुद्ध नहीं होता है
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न संख्या 11 से 15 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
जाति-प्रथा को यदि श्रम-विभाजन मान लिया जाए, तो यह स्वाभाविक विभाजन नहीं है, क्योंकि यह मनुष्य की रुचि पर आधारित है। कुशल व्यक्ति या सक्षम श्रमिक समाज का निर्माण करने के लिए यह आवश्यक है कि हम व्यक्ति की क्षमता इस सीमा तक विकसित करें, जिससे वह अपने पेशे या कार्य का चुनाव स्वयं कर सके। इस सिद्धांत के विपरीत जाति-प्रथा का दूषित सिद्धांत यह है कि इससे मनुष्य के प्रशिक्षण अथवा उसकी निजी क्षमता का विचार किए बिना, दूसरे ही दृष्टिकोण जैसे माता पिता के सामाजिक स्तर के अनुसार पहले से ही अर्थात गर्भधारण के समय से ही मनुष्य का पेशा निर्धारित कर दिया जाता है।
जाति-प्रथा पेशे का दोषपूर्ण पूर्वनिर्थारण ही नहीं करती, बल्कि मनुष्य को जीवन-भर के लिए एक पेशे में बाँध भी देती है, भले ही पेशा अनुपयुक्त या अपर्याप्त होने के कारण वह भूखों मर जाए। आधुनिक युग में यह स्थिति प्राय आती है, क्योंकि उद्योग धंधे की प्रक्रिया व तकनीक में निरंतर विकास और कभी-कभी अकस्मात परिवर्तन हो जाता है, जिसके कारण मनुष्य को अपना पेशा बद्लने की आवश्यकता पड़ सकती है और यदि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मनुष्य को अपना पेशा बदलने की स्वतंत्रता न हो तो इसके लिए भूखे मरने के अलावा क्या चारा रह जाता है? हिंदू धर्म की जाति प्रथा किसी भी व्यक्ति को ऐसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती है, जो उसका पैतृक पेशा न हो, भले ही वह उसमें पारंगत है। इस प्रकार पेशा-परिवर्तन की अनुमति न देकर जाति-प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख व प्रत्यक्ष कारण बनी हुई है।
प्रश्न.11: कुशल श्रमिक-समाज का निर्माण करने के लिए क्या आवश्यक है?
(क) व्यक्ति की क्षमता को इस सीमा तक विकसित करना जिससे वह अपने पेशे का चुनाव स्वयं न कर सके।
(ख) व्यक्ति की क्षमता को इस सीमा तक विकसित करना जिससे वह अपने पेशे का चुनाव स्वयं कर सके।
(ग) व्यक्ति की क्षमता को इस सीमा तक विकसित करना जिससे उसके पेशे का चुनाव दूसरे कर सके।
(घ) व्यक्ति की क्षमता को इस सीमा तक विकसित करना जिससे उसके पेशे का चुनाव दूसरे न कर सके।
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.12: जाति-प्रथा के सिद्धांत का दूषित विचार क्या है?
(क) उसके पेशे का उसके जन्म से पूर्व निर्धारण करना
(ख) उसके पेशे को निश्चित करना
(ग) उसके पेशे को अपर्याप्त करना
(घ) उसके पेशे का उसके द्वारा निर्धारण करना
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.13: हिन्दू धर्म की जाति-प्रथा किसी भी व्यक्ति को कौनसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती है?
(क) जिसमें वह पारंगत न हो
(ख) जो उसका पैतृक पेशा न हो
(ग) जो उसका पैतृक पेशा हो
(घ) जिसमें वह पारंगत हो
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.14: कौनसा विभाजन मनुष्य की रूचि पर आधारित है?
(क) इनमें से कोई नहीं
(ख) जाति विभाजन
(ग) श्रम विभाजन
(घ) जाति प्रथा
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.15: प्रतिकूल परिस्थिति में व्यक्ति पेशा बदलने की स्वतंत्रता न मिलने पर क्या हो सकता है?
(क) उसके श्रम करने की नौबत आ सकती है
(ख) उसके पेशा बदलने की नौबत आ सकती है
(ग) उसके भूखे मरने की नौबत आ सकती है
(घ) उसके जाति बदलने की नौबत आ सकती है
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न संख्या 16 से 20 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
आत्मविश्वास मनुष्य की सबसे बड़ी पूँजी है। यह हमारे सभी आंतरिक गुणों का शिरोमणि है, जिसके अभाव में हम लक्ष्य सिद्धि के प्रयलों से दूर हो जाते हैं। विद्यार्थी जीवन से ही हमें इस गुण का विकास स्वयं अपने अंदर विकसित करना चाहिए ताकि आने वाला हमारा भविष्य तात्कालिक लक्ष्यों से ओतप्रोत और परिपूर्ण हो। आत्मविश्वास वस्तुत: अपनी शक्तियों की सच्ची पहचान का नाम है अर्थात् अपनी कार्यक्षमता, कार्यकुशलता और योग्यता का ज्ञान और परख से रूबरू होना और उस दिशा में अपने आपको झोंक देना।
अपनी शक्तियों को कार्यरूप में परिणत करने की वास्तविकता ही आत्मज्ञान और आत्मविश्वास है। हमें जिस पदार्थ की कामना है, लिप्सा है उसकी सिद्धि के लिए हमें आत्मविश्वासी बनकर फल की प्राप्ति की साधना करनी होगी। दृढ़ निश्चय कीजिए, अटूट, अक्षय संकल्प कीजिए और अपने मार्ग की रुकावटों को प्रबल आत्मविश्वास से पराजित कीजिए। जिस प्रकार का व्यक्ति का आत्मविश्वास होगा, वैसी ही उसकी योग्यता होगी, यदि हमारी इच्छा अदम्य है तो प्रयल भी अदम्य होना चाहिए और उसका मूलाधार आत्मविश्वास ही है। जिसमें आत्मविश्वास प्रबल होगा, दृढ़ इच्छाशक्ति होगी, वह व्यक्ति विपुल ज्ञान, अदम्य साहस और धन-संपत्ति का स्वामी होगा, हर मनोनुकूल क्षेत्र में विजेता होगा। आत्मविश्वास एक भावना है, एक अद्भुत गुण है, एक सर्वश्रेष्ठ आंतरिक शक्ति है, एक आंतरिक भावातिरेक है। जहाँ और जिस व्यक्ति के अंदर इन गुणों का कार्य रूप में परिणत करने का साहस है, उत्साह है और शक्ति है उसे सफलता और कार्य-सिद्धि स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। आत्मविश्वास ही साहस और उत्साह का जनक है, जीवन में कठोर परीक्षाएँ सम्मुख आएँ या कठिनाइयाँ बाधा डालें, आत्मविश्वासी को कोई भी परिस्थिति हतोत्साहित नहीं कर सकती है।
प्रश्न.16: मनुष्य की सबसे बड़ी पूँजी क्या है?
(क) कार्यक्षमता
(ख) विद्यार्थी जीवन
(ग) आत्मविश्वास
(घ) योग्यता
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.17: आत्मविश्वास के अभाव में हम किससे दूर हो जाते हैं?
(क) विद्या प्राप्त करने से
(ख) धन कमाने से
(ग) लक्ष्यसिद्धि के प्रयत्नों से
(घ) घर से
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.18: साहस और उत्साह का जनक कहा गया है
(क) संघर्षों को
(ख) आत्मविश्वास को
(ग) दृढ निश्चय को
(घ) अक्षय संकल्प को
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.19: जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ किसको हतोत्साहित नहीं करती?
(क) अमीर व्यक्ति को
(ख) ज्ञानी व्यक्ति को
(ग) असाहसी व्यक्ति को
(घ) आत्मविश्वासी व्यक्ति को
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.20: जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास प्रबल होगा, वह होगा
(क) आत्मज्ञानी
(ख) मनोनुकूल क्षेत्र में विजेता
(ग) संतजनों में से एक
(घ) विश्व विजेता
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.21: सही या गलत बताओ कि शब्दों का रूप स्वतंत्र होता है , जबकि पद स्वतंत्र रचना नहीं है |
(क) पता नहीं
(ख) सही
(ग) गलत
(घ) इनमें से कोई विकल्प सही नहीं है|
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.22: सही वाक्य पहचानिए
(क) शब्द और पद दोनों स्वतंत्र इकाइयाँ हैं।
(ख) पद और शब्दों को, वाक्य की आवश्यकतानुसार परिवर्तित किया जा सकता है।
(ग) शब्द और पद, दोनों का प्रयोग कोश में किया जा सकता है।
(घ) वाक्य में प्रयोग होने के बाद शब्द ‘पद’ बन जाता है।
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.23: निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार के उचित प्रयोग वाला शब्द चुनिए-
अंसभव, असँभव, असम्भंव, असंभव
(क) असंभव
(ख) असँभव
(ग) अंसभव
(घ) असम्भंव
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.24: कुण्डली में उचित स्थान पर अनुस्वार लगाकर मानक रूप बताइए-
(क) कुंन्डली
(ख) कुंडलीं
(ग) कुंडली
(घ) कुँडली
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.25: निम्नलिखित शब्दों में से अनुनासिक के उचित प्रयोग वाला शब्द चुनिए-
धुआँ, धुँआँ, धुँआ, धुआं
(क) धुँआ
(ख) धुआँ
(ग) धुआं
(घ) धुँआँ
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.26: कारक शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
(क) अक
(ख) क
(ग) उक
(घ) रक्
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.27: निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा पद उपसर्ग रहित है?
(क) अनजान
(ख) सहकारी
(ग) आजन्म
(घ) इकहरा
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.28: प्यासा शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग हुआ है?
(क) सा
(ख) आसा
(ग) आ
(घ) प्यास
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.29: निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द हिंदी उपसर्ग की सहायता से नहीं बना है?
(क) सत्गुण
(ख) अनपढ़
(ग) उनतीस
(घ) भरपूर
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.30: निश्चल शब्द में कौन-सा उपसर्ग लगा है?
(क) निश्
(ख) निः
(ग) निर
(घ) निस्
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.31: श्रुतिसम भिन्नात्मक शब्द का सही अर्थ वाला विकल्प चुने-
अतप-आतप
(क) आग-धूप
(ख) शीतल-धूप
(ग) शीतल-आग
(घ) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.32: श्रुतिसम भिन्नात्मक शब्द का सही अर्थ वाला विकल्प चुने-
अभिराम-अविराम
(क) सामर्थ्य-उन्नति
(ख) प्रातःकाल-सायंकाल
(ग) लगातार-सुंदर
(घ) सुंदर-लगातार
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.33: कलानिधि का पर्यायवाची है-
(क) गजानन
(ख) सूरज
(ग) निकेत
(घ) राकेश
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.34: इनमें से कुसुमेषु शब्द का पर्यायवाची है-
(क) आकाश
(ख) कबूतर
(ग) काला
(घ) कामदेव
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.35: किरण का पर्यायवाची शब्द नहीं है-
(क) रश्मि
(ख) प्रकाश
(ग) अंशु
(घ) मयूख
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.36: इति शब्द का विलोम शब्द है-
(क) ईश
(ख) ईश्वर
(ग) अथ
(घ) इच्छा
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.37: पाश्चात्य शब्द का विलोम शब्द है-
(क) मीठा
(ख) मुरझाया
(ग) विषाद
(घ) पौवार्त्य
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.38: करुण शब्द का विलोम शब्द है-
(क) कठोर
(ख) निठुर
(ग) निर्दय
(घ) निष्ठुर
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.39: अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए-
यदि तुम भी मेरे साथ रहोगी तो मुझे अच्छा लगेगा।
(क) संदेहवाचक
(ख) इच्छावाचक
(ग) आज्ञावाचक
(घ) संकेतवाचक
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.40: वाक्य के किस प्रकार में प्रश्न पूछे जाने का बोध होता है?
(क) इच्छाबोधक वाक्य
(ख) विधिवाचक वाक्य
(ग) प्रश्नवाचक वाक्य
(घ) संदेहसूचक वाक्य
सही उत्तर विकल्प है (ग)
मनष्यों की पोशाकें उन्हें विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती हैं। प्रायः पोशाक ही समाज में मनुष्य का अधिकार और उसका दर्जा निश्चित करती है। वह हमारे लिए अनेक बंद दरवाजे खोल देती है, परंतु कभी ऐसी भी परिस्थिति आ जाती है कि हम जरा नीचे झुककर सपाज की निचली श्रेणियों की अनुभूति को समझना चाहते हैं। उस समय यह पोशाक ही बंधन और अड़चन बन जाती है। जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिर जाने देतीं, उसी तरह खास परिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक सकने से रोके रहती है।
बाजार में, फुटपाथ पर कुछ खरबूजे डलिया में और कुछ जमीन पर बिक्री के लिए रखे जान पड़ते थे। खरबूजों के समीप एक अधेड़ उम्र की औरत बैठी रो रही थी। खरबूजे बिक्री के लिए थे, परंतु उन्हें खरीदने के लिए कोई कैसे आगे बढ़ता? खरबूजों को बेचने वाली तो कपड़े से मुँह छिपाए सिर को घुटनों पर रखे फफक-फफककर रो रही थी।
प्रश्न.41: गद्यांश के आधार पर बताइए कि मनुष्य की पोशाक कौन-सा कार्य करती है?
(क) व्यक्ति को प्रतिष्ठित बनाती है
(ख) विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती है
(ग) भेदभाव को कम करती है
(घ) समानता और भाईचारे की भावना पैदा करती है
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.42: लेखक के अनुसार पोशाक हमारे लिए बंधन कब बन जाती है?
(क) जब हम अपने से ऊँची श्रेणियों के लोगों से मिलते हैं
(ख) जब हम न चाहते हुए भी उन्हें पहनते हैं
(ग) जब हम अपने से नीची श्रेणियों की अनुभूति को समझना चाहते हैं
(घ) जब हम किसी विशेष कार्यक्रम में जाते हैं।
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.43: लेखक किसके रोने का कारण नहीं जान सका?
(क) निम्न वर्ग के
(ख) बूढ़ी स्त्री के
(ग) बच्चे के
(घ) दुकान वाले के
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.44: कपड़े में मुँह को छिपाए सिर को घुटनों पर रखकर कौन रो रहा था?
(क) बूढ़ी स्त्री
(ख) भगवाना
(ग) पड़ौसिन
(घ) लेखक का मित्र
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.45: बूढ़ी स्त्री के रोने का क्या कारण था?
(क) खरबूजे न बिकना
(ख) बेटे की मृत्यु
(ग) उसकी गरीबी
(घ) लोगों के ताने
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न संख्या 46 से 50 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
दोपहर बाद मैंने अपने दल के दूसरे सदस्यों की मदद करने और अपने एक थरमस को जूस से और दूसरे को गरम चाय से भरने के लिए नीचे जाने का निश्चय किया। मैंने बर्फीली हवा में ही तंबू से बाहर कदम रखा। जैसे ही मैं कैंप क्षेत्र से बाहर आ रही थी मेरी मुलाकात मीनू से हुई। की और जय अभी कुछ पीछे थे। मुझे जय जेनेवा स्पर की चोटी के ठीक नीचे मिला। उसने कृतज्ञतापूर्वक चाय वगैरह पी, लेकिन मुझे और आगे जाने से रोकने की कोशिश की। मगर मुझे की से भी मिलना था। थोड़ा-सा और आगे नीचे उतरने पर मैंने की को देखा। वह मुझे देखकर हक्का-बक्का रह गया।
"तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री?"
मैंने उसे दृढ़तापूर्वक कहा, “मैं भी औरों की तरह एक पर्वतारोही हूँ, इसीलिए इस दल में आई हूँ। शारीरिक रूप से मैं ठीक हूँ। इसलिए मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद क्यों नहीं करनी चाहिए।" की हँसा और उसने पेय पदार्थ से प्यास बुझाई, लेकिन उसने मुझे अपना किट ले जाने नहीं दिया।
प्रश्न.46: दल से दूसरे सदस्यों की सहायता हेतु लेखिका ने क्या करने का निश्चय किया
(क) सभी विकल्प सही है
(ख) वापस नीचे जाने का
(ग) ऑक्सीजन लेकर जाने का
(घ) रस्सी को मजबूती से बाँधने का
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.47: लेखिका बर्फीली हवा में ही तंबू से बाहर क्यों निकली?
(क) उसे वहाँ गर्मी लग रही थी
(ख) उसे पीछे रह गए अपने साथियों की मदद करनी थी
(ग) वह अपने साथियों को ढूँढना नहीं चाहती थी
(घ) उसके साथी उससे आगे चले गए थे
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.48: जय ने लेखिका को और आगे जाने से रोकने का प्रयास क्यों किया?
(क) क्योंकि आगे जाने में खतरा था
(ख) इनमें से कोई नहीं
(ग) क्योंकि आगे जाने मे जय का परशानी हो रही थी
(घ) क्योंकि जय को लेखिका स कुछ बात करनी थी
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.49: की लेखिका को देखकर हक्का-बक्का क्यों रह गया था?
(क) क्योंकि वह दुर्गम मार्ग पर साथियों की सहायता के लिए पुनः वापस आई थी
(ख) क्योंकि वह काफी डरी हुई थी
(ग) क्योंकि वह चाय बनाकर लाई थी
(घ) क्योंकि वह अकेले दुर्गम मार्ग पर नहीं जाना चाहती थी
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.50: इसलिए मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद क्यों नहीं करनी चाहिए कथन से लेखिका के किस स्वभाव का पता चलता है?
(क) साहसी होने का
(ख) साहसी और परोपकारी होने का
(ग) इनमें से कोई नहीं
(घ) परोपकार की भावना होने का
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न संख्या 51 से 54 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै।
गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै।।
जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढहै।
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै।
नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै।
कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै।।
प्रश्न.51: कवि ने गरीब निवाजु किसे कहा है?
(क) राजा-महाराजाओं को
(ख) संत-महात्माओं को
(ग) अपने प्रभु को
(घ) अपने गुरु को
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.52: प्रस्तुत पद में कवि रैदास ने अपने स्वामी को किस नाम से संबोधित किया है?
(क) लाल
(ख) सभी विकल्प सही हैं
(ग) गुसईआ
(घ) हरिजीउ
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.53: नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु कहकर कवि ने क्या इच्छा व्यक्त की है?
(क) जाति प्रथा और भेदभाव को समाप्त करने की
(ख) स्वयं की उन्नति करने की
(ग) कृष्ण की पूजा अर्चना करने की
(घ) निम्न वर्ग में जन्म न लेने की
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.54: कवि संतों से ईश्वर की शरण में जाने को क्यों कह रहा है?
(क) क्योंकि ईश्वर शरणागत का सम्मान करते हैं
(ख) क्योंकि वे ईश्वर के समक्ष कुछ भी नहीं हैं
(ग) क्योंकि ईश्वर ही सर्वोच्च सत्ता है
(घ) क्योंकि ईश्वर ही उन्हें भवसागर से पार लगा सकते हैं
सही उत्तर विकल्प है (घ)
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