सामान्य निर्देश:
(i) इस प्रश्नपत्र में तीन खंड हैं खंड-क, खंड-ख और खंड-ग।
(ii) खंड-क में कुल 2 प्रश्न पूछे गए हैं। दोनों प्रश्नों के कुल 20 उप प्रश्न दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 10 प्रश्नों के ही उत्तर दीजिए।
(iii) खंड-ख में कुल 4 प्रश्न हैं तथा इन सभी के 20 उप प्रश्न हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 16 प्रश्नों के ही उत्तर दीजिए।
(iv) खंड-ग में कुल 3 प्रश्न हैं तथा 14 उप प्रश्न सम्मिलित हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
प्रश्न संख्या 1 से 5 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
आत्मविश्वास मनुष्य की सबसे बड़ी पूँजी है। यह हमारे सभी आंतरिक गुणों का शिरोमणि है, जिसके अभाव में हम लक्ष्य सिद्धि के प्रयलों से दूर हो जाते हैं। विद्यार्थी जीवन से ही हमें इस गुण का विकास स्वयं अपने अंदर विकसित करना चाहिए ताकि आने वाला हमारा भविष्य तात्कालिक लक्ष्यों से ओतप्रोत और परिपूर्ण हो। आत्मविश्वास वस्तुत: अपनी शक्तियों की सच्ची पहचान का नाम है अर्थात् अपनी कार्यक्षमता, कार्यकुशलता और योग्यता का ज्ञान और परख से रूबरू होना और उस दिशा में अपने आपको झोंक देना।
अपनी शक्तियों को कार्यरूप में परिणत करने की वास्तविकता ही आत्मज्ञान और आत्मविश्वास है। हमें जिस
पदार्थ की कामना है, लिप्सा है उसकी सिद्धि के लिए हमें आत्मविश्वासी बनकर फल की प्राप्ति की साधना करनी होगी। दृढ़ निश्चय कीजिए, अटूट, अक्षय संकल्प कीजिए और अपने मार्ग की रुकावटों को प्रबल आत्मविश्वास से पराजित कीजिए। जिस प्रकार का व्यक्ति का आत्मविश्वास होगा, वैसी ही उसकी योग्यता होगी, यदि हमारी इच्छा अदम्य है तो प्रयल भी अदम्य होना चाहिए और उसका मूलाधार आत्मविश्वास ही है।
जिसमें आत्मविश्वास प्रबल होगा, दृढ़ इच्छाशक्ति होगी, वह व्यक्ति विपुल ज्ञान, अदम्य साहस और धन-संपत्ति का स्वामी होगा, हर मनोनुकूल क्षेत्र में विजेता होगा। आत्मविश्वास एक भावना है, एक अद्भुत गुण है, एक सर्वश्रेष्ठ आंतरिक शक्ति है, एक आंतरिक भावातिरेक है। जहाँ और जिस व्यक्ति के अंदर इन गुणों का कार्य रूप में परिणत करने का साहस है, उत्साह है और शक्ति है उसे सफलता और कार्य-सिद्धि स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। आत्मविश्वास ही साहस और उत्साह का जनक है, जीवन में कठोर परीक्षाएँ सम्मुख आएँ या कठिनाइयाँ बाधा डालें, आत्मविश्वासी को कोई भी परिस्थिति हतोत्साहित नहीं कर सकती है।
प्रश्न.1: मनुष्य की सबसे बड़ी पूँजी क्या है?
(क) कार्यक्षमता
(ख) विद्यार्थी जीवन
(ग) आत्मविश्वास
(घ) योग्यता
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.2: आत्मविश्वास के अभाव में हम किससे दूर हो जाते हैं?
(क) विद्या प्राप्त करने से
(ख) धन कमाने से
(ग) लक्ष्यसिद्धि के प्रयत्नों से
(घ) घर से
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.3: साहस और उत्साह का जनक कहा गया है
(क) संघर्षों को
(ख) आत्मविश्वास का
(ग) दृढ़ संकल्प का
(घ) अक्षय संकल्प को
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.4: जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ किसको हतोत्साहित नहीं करती?
(क) अमीर व्यक्ति को
(ख) ज्ञानी व्यक्ति को
(ग) असाहसी व्यक्ति को
(घ) आत्मविश्वासी व्यक्ति का
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.5: जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास प्रबल होगा, वह होगा
(क) आत्मज्ञानी
(ख) मनोनुकूल क्षेत्र में विजेता
(ग) संतजनों में से एक
(घ) विश्व विजेता
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न संख्या 6 से 10 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययनों और संयुक्त राष्ट्र की मानव-विकास रिपोर्टों ने भारत के बच्चों में कुपोषण की व्यापकता के साथ-साथ बाल मृत्यु-दर और मातृ मृत्यु दर का ग्राफ़ काफ़ी ऊँचा रहने के तथ्य भी बार-बार जाहिर किए हैं। यूनिसेफ़ की रिपोर्ट बताती है कि लड़कियों की दशा और भी खराब है।
पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के बाद, बालिग होने से पहले लड़कियों को ब्याह देने के मामले दक्षिण एशिया में सबसे ज़्यादा भारत में होते हैं। मातृ-मृत्यु दर और शिशु मृत्यु-दर का एक प्रमुख कारण यह भी है। यह रिपोर्ट ऐसे समय जारी हुई है जब बच्चों के अधिकारों से संबंधित वैश्विक घोषणा-पत्र के पच्चीस साल पूरे हो रहे हैं। इस घोषणा-पत्र पर भारत और दक्षिण एशिया के अन्य देशों ने भी हस्ताक्षर किए थे। इसका यह असर ज़रूर हुआ कि बच्चों की सेहत, शिक्षा, सुरक्षा से संबंधित नए कानून बने, मंत्रालय या विभाग गठित हुए, संस्थाएँ और आयोग बने।
घोषणा-पत्र से पहले की तुलना में कुछ सुधार भी दर्ज हआ है। पर इसके बावजूद बहुत सारी बातें विचलित करने वाली हैं। मसलन, देश में हर साल लाखों बच्चे गुम हो जाते हैं। लाखों बच्चे अब भी स्कूलों से बाहर हैं। श्रम-शोषण के लिए विवश बच्चों की तादाद इससे भी अधिक है वे स्कूल में पिटाई और घरेलू हिंसा के शिकार होते रहते हैं।
परिवार के स्तर पर देखें तो संतान का मोह काफ़ी प्रबल दिखाई देगा, मगर दूसरी ओर बच्चों के प्रति सामाजिक संवेदनशीलता बहुत क्षीण है। कमज़ोर तबकों के बच्चों के प्रति तो बाकी समाज का रवैया अमूमन असहिष्णुता का ही रहता है। क्या ये स्वस्थ समाज के लक्षण हैं?
प्रश्न.6: यूनिसेफ की रिपोर्ट में किस बात पर चिंता व्यक्त की गई है?
(क) कुपोषण पर
(ख) लडकियों की ख़राब दशा पर
(ग) जन्म मृत्यु दर पर
(घ) बाल मृत्यु दर पर
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.7: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने का उद्देश्य क्या था?
(क) संस्थाएँ बनाना
(ख) लड़कियों को बचाना
(ग) बच्चों की दशा को सुधारना
(घ) नए कानून बनाना
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.8: परिवार के स्तर पर किसका मोह अधिक प्रबल दिखाई देता है?
(क) माता का
(ख) परिवार का
(ग) पिता का
(घ) संतान का
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.9: कमज़ोर तबकों के बच्चों के प्रति समाज का रवैया किस प्रकार का है?
(क) असहिष्णुता का
(ख) सहिष्णुता का
(ग) असंवेदनशीलता का
(घ) संवेदनशीलता का
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.10: बच्चों के प्रति सामाजिक संवेदनशीलता कैसी है?
(क) अधिक
(ख) क्षीण
(ग) मज़बूत
(घ) कम
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न संख्या 11 से 15 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
मानव की दो मूल प्रवृत्तियाँ होती हैं। एक तो यह कि लोग हमारे गुणों की कद्र करें, हमें दाद दें और हमारा आदर करें और दूसरे वे हम पर प्रेम करें, हमारा अभाव महसूस करें, उनके जीवन में हम कुछ महत्त्व रखते हैं-ऐसा अनुभव करें।
आपके जरा-से कार्य की यदि किसी ने सच्चे दिल से प्रशंसा की तो आपका दिल कैसा खिल उठता है? कोई आपकी सलाह माँगने आता है तो आपका मन कैसे फूल जाता है?
ऊपर से कोई बड़ा आदमी कितना भी आत्मविश्वासी और आत्मतुष्ट क्यों न दिखाई दे, भीतर से वह हमारी-आपकी तरह प्रशंसा का, प्रोत्साहन का, स्नेह का भूखा है। यदि आप उसे, प्रमाणिकतापूर्वक ले सकें तो आप फौरन उसके हृदय के निकट पहुँच जाएँगे। दूसरों की भावनाओं को ठीक-ठाक समझना, उनकी कद्र करना, उनके साथ सच्चाई और स्नेह का व्यवहार करना यही व्यवहारकुशलता है। इसी से सामाजिक जीवन में लोकप्रियता के दरवाजे खोलने की कुंजी हाथ लगती है। इससे हमारी अपनी सुख-शांति बढ़ती है, सो अलग।
प्रश्न.11: मनुष्य का मन प्रसन्नता से कब भर उठता है?
(क) जब वह दूसरों की मदद करता है
(ख) जब दूसरे लोग उसकी प्रशंसा करते हैं तथा उसकी राय माँगते हैं
(ग) जब हम अपने जीवन में दूसरों का अभाव महसूस करते हैं
(घ) जब हम दूसरे के गुणों की कद्र करते हैं
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.12: बड़े-से-बड़े आदमी भी निम्नलिखित में से किस चीज़ का भूखा होता है?
(क) अथाह धन-संपत्ति का
(ख) प्रतिष्ठा एवं प्रोत्साहन का
(ग) अच्छे स्वादिष्ट भोजन का
(घ) दूसरों को प्रोत्साहित करने का
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.13: सामाजिक जीवन में लोकप्रियता के दरवाजे खोलने की कुंजी है-
(क) मनुष्य को समय के अनुसार रंग बदलने की आदत
(ख) मनुष्य की व्यवहारकुशलता
(ग) मनुष्य की योग्यता-ऐसी योग्यता जो दूसरों पर प्रभाव जमाने में समर्थ हो
(घ) मनुष्य की दबंगता
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.14: व्यवहारकुशलता किसे कहते हैं?
(क) दूसरों की भावनाओं को समझकर उसके अनुकूल कार्य करना
(ख) दूसरों की भावनाओं को समझकर सच्चाई और स्नेह का व्यवहार करना
(ग) दूसरों को समझना, दूसरों की परेशानी जानना और अपनी बताना
(घ) दूसरों की आवश्यकता एवं उसकी रुचि के अनुकूल कार्य करना
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.15: उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक निम्नलिखित में से क्या है?
(i) मानव की प्रवृत्तियाँ
(ii) स्नेह का भूखा
(iii) सामाजिक जीवन
(iv) व्यवहारकुशलता
(क) (ii)
(ख) (iii)
(ग) (मैं)
(घ) (iv)
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न संख्या 16 से 20 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों को मानव-मात्र की समानता और स्वतंत्रता के प्रति जागरुक बनाने का प्रयत्न किया। इसी के साथ उन्होंने भारतीयों के नैतिक पक्ष को जगाने और सुसंस्कृत बनाने के प्रयत्न भी किए। गांधी जी ने ऐसा क्यों किया? इसलिए कि वे मानव-मानव के बीच काले-गोरे, या ऊँच-नीच का भेद ही मिटाना प्रयाप्त नहीं समझते थे, वरन उनके बीच एक मानवीय स्वभाविक स्नेह और हार्दिक सहयोग का संबंध भी स्थापित करना चाहते थे।
इसके बाद जब वे भारत आए, तब उन्होंने इस प्रयोग को एक बड़ा और व्यापक रुप दिया विदेशी शासन के अन्याय-अनीति के विरोध में उन्होंने जितना बड़ा सामूहिक प्रतिरोध संगठित किया, उसकी मिसाल संसार के इतिहास में अन्यत्र नहीं मिलती। पर इसमें उन्होंने सबसे बड़ा ध्यान इस बात का रखा कि इस प्रतिरोध में कहीं भी कटुता, प्रतिशोध की भावना अथवा कोई भी ऐसी अनैतिक बात न हो जिसके लिए विश्व-मंच पर भारत का माथा नीचा हो। ऐसा गांधी जी ने इसलिए किया क्योंकि वे मानते थे कि बंधुत्व, मैत्री, सदभावना , स्नेह-सौहार्द आदि गुण मानवता रूप टहनी के ऐसे पुष्प हैं जो सर्वदा सुगंधित रहते हैं।
प्रश्न.16: अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के पीड़ित होने का क्या कारण था?
(क) धार्मिक भिन्ता पर आश्रित भेदभाव
(ख) निर्धनता धनिकता पर आधारित भेदभाव
(ग) रंग-भेद और सामाजिक स्तर से संबंधित भेदभाव
(घ) विदेशी होने से उत्पन्न मन-मुटाव
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.17: गांधी जी अफ्रीकावासियों और भारतीय प्रवासियों के मध्य क्या स्थापित करना चाहते थे?
(क) अहिंसा एवं सत्य के प्रति लगाव
(ख) पारिवारिक अपनत्व की भावना
(ग) विश्वबंधुत्व की भावना
(घ) सहज प्रेम एवं सहयोग की भावना
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.18: भारत में गांधीजी का विदेशी शासन का प्रतिरोध किस पर आधारित था?
(क) राष्ट्रीयता के विचारों पर
(ख) नैतिक मान्यताओं पर
(ग) संगठन की भावना पर
(घ) शांति की सदभावना पर
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.19: बंधुत्व, मैत्री आदि गुणों की पुष्पों के साथ तुलना आधारित है –
(क) उनकी कोमलता पर
(ख) उनकी सुंदरता पर
(ग) उनके अपनत्व पर
(घ) उनके कायिक प्रभाव पर
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.20: गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?
(क) अफ्रीका में गांधी जी
(ख) प्रवासी भारतीय और गांधी जी
(ग) गांधी जी और विदेशी शासन
(घ) गांधी जी की नैतिकता
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.21: शब्द भाषा में विशिष्ट स्थान रखते हैं-
(क) क्योंकि वे हमारे विचारों के आदान-प्रदान में सहायक है।
(ख) क्योंकि वे निश्चित अर्थ धारक होने के साथ-साथ उपयोगी भी हैं।
(ग) क्योंकि वे स्वतंत्र होते हैं।
(घ) क्योंकि उनका अर्थ होता है।
सही उत्तर विकल्प है (क)
क्योंकि वे हमारे विचारों के आदान-प्रदान में सहायक है।
प्रश्न.22: हम पद उन शब्दों को कह सकते हैं -
(क) जो वाक्य की आवश्यकतानुसार बदलते नहीं हैं।
(ख) जिनका अस्तित्व स्वतंत्र होता है।
(ग) जो किसी अर्थ को स्पष्ट न करते हों।
(घ) जो व्याकरण के नियमों में बंध कर वाक्य में प्रयुक्त होते हैं।
सही उत्तर विकल्प है (घ)
जो व्याकरण के नियमों में बंध कर वाक्य में प्रयुक्त होते हैं। [लिंग, वचन, कारक आदि के आधार पर]
प्रश्न.23: निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार के उचित प्रयोग वाला शब्द चुनिए-
चमंच, प्रयन्तं, मंगल, घटों
(क) चमंच
(ख) मंगल
(ग) घटों
(घ) तक
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.24: अनुनासिक के उच्चारण में ध्वनि कहां से निकलती है ?
(क) नाक
(ख) मुंह
(ग) मुंह और नाक
(घ) तालु
सही उत्तर विकल्प है (ग)
मुंह और नाक। ध्वनि मुख के साथ-साथ नासिका द्वार को छूकर निकलती है।
प्रश्न.25: सम् + हार=संहार
इस शब्द में अनुस्वार का प्रयोग बिंदु (ं) के रूप में क्यों किया गया है?
(क) श,ष,स,ह ( ऊष्म व्यंजन) से पूर्व यदि पंचमाक्षर आए तो अनुस्वार का प्रयोग होता है।
(ख) 'सम्' उपसर्ग जोड़ा जाता है तो अनुस्वार का प्रयोग बिंदु के रूप में होता है।
(ग) य,र,ल,व ( अंतस्थ व्यंजनों) से पूर्व यदि पंचमाक्षर आए तो अनुस्वार का प्रयोग होता है।
(घ) जब किसी वर्ण से पहले अपनी ही वर्ग का पांचवा अक्षर आए तो उसके स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग होता है।
सही उत्तर विकल्प है (ख)
जब किसी शब्द में 'सम्' उपसर्ग जोड़ा जाता है तो अनुस्वार का प्रयोग बिंदु के रूप में होता है।
प्रश्न.26: इनमें से किस शब्द में उपसर्ग नहीं है?
(क) लावारिस
(ख) बहादुर
(ग) बेकसूर
(घ) बदनाम
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.27: दोषहर्ता शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
(क) आरटी
(ख) हरता
(ग) टा
(घ) रता
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.28: निम्नलिखित शब्दों में से किस शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों का प्रयोग किया गया है?
(क) सुव्यवस्थित
(ख) आनंदित
(ग) धार्मिक
(घ) अक्लमंद
सही उत्तर विकल्प है (क)
सुव्यवस्थित स्पष्टीकरण: सुव्यवस्थित (अच्छी तरह से व्यवस्थित + यह)
प्रश्न.29: अन उपसर्ग से बना सही शब्द हैं-
(क) सुंदर
(ख) अनिच्छुक
(ग) बहुत
(घ) अनजान
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.30: देव शब्द में प्रत्यय है-
(क) अ
(ख) व
(ग) अभी
(घ) ओस
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.31: श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द युग्म -'बाण-बान' का अर्थ है -
(क) वाणी व शान
(ख) तीर व आदत
(ग) वचन व बन्धन
(घ) वन -वन भटकना
सही उत्तर विकल्प है (ख)
'बाण' का अर्थ 'तीर' तथा 'बान' का अर्थ 'आदत' होता है।
प्रश्न.32: श्रुतिसम भिन्नात्मक शब्द का सही अर्थ वाला विकल्प चुने-
चरम-चर्म
(क) अंतिम-चमड़ा
(ख) चमड़ा-अंतिम
(ग) श्रेष्ठ-शक्तिहीन
(घ) टूटना-शश्वत
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.33: इनमें जाह्नवी से शब्द का पर्यायवाची है-
(क) संसार
(ख) सुरसारी
(ग) जाननेवाली
(घ) जहन्नुम
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.34: 'गृह' शब्द का पर्यायवाची बताइए।
(क) समीर
(ख) सही
(ग) निकेतन
(घ) सुत
सही उत्तर विकल्प है (ग)
गृह - निकेतन
प्रश्न.35: इनमें से अंक शब्द का पर्यायवाची है-
(क) निशान
(ख) लेख
(ग) गोद
(घ) धब्बा
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.36: 'तम' शब्द का विलोम बताइए।
(क) कोमल
(ख) अति
(ग) प्रकट
(घ) प्रकाश
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.37: परिश्रम शब्द का विलोम शब्द है-
(क) विश्रम
(ख) विश्राम
(ग) विश्राम
(घ) आश्रम
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.38: 'योग' शब्द का विलोम बताइए।
(क) वियोग
(ख) देव
(ग) आयोग
(घ) व्यायाम
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.39: अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए-
फूलों को समय पर पानी मिलेगा, तो अधिक समय तक खिले रहेंगे।
(क) आज्ञाकारी वाक्य
(ख) संकेतवाचक वाक्य
(ग) विस्मयादिबोधक वाक्य
(घ) वास्तविकता पर नहीं आशाओं के आधार पर कामना करना
सही उत्तर विकल्प है (ख)
स्पष्टीकरण: महत्वपूर्ण वाक्य
प्रश्न.40: अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए-
संभवत! वह सुधर जाए।
(क) संकेतवाचक वाक्य
(ख) संदेहवाचक वाक्य
(ग) विस्मयादिवाचक वाक्य
(घ) वास्तविकता पर नहीं आशाओं के आधार पर कामना करना
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न संख्या 41 से 45 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
“अरे भाई, उनके लिए मेरे जिए का कोई मतलब न हो, पर दूसरे के धर्म-ईमान का तो खयाल करना चाहिए। जवान बेटे के मरने पर तेरह दिन का सूतक होता है और वह यहाँ सड़क पर बाजार में आकर खरबूजे बेचने बैठ गई है। हजार आदमी आते-जाते हैं। कोई क्या जानता है कि इसके घर में सूतक है। कोई इसके खरबूजे खा ले तो उसका ईमान-धर्म कैसे रहेगा? क्या अँधेर है।"
पास-पड़ोस की दुकानों से पूछने पर पता लगा-उसका तेईस बरस का जवान लड़का था। घर में उसकी बहू और पोता-पोती हैं। लड़का शहर के पास डेढ़ बीघा भर जमीन में कछियारी करके परिवार का निर्वाह करता था। खरबूजों की डलिया बाजार में पहुँचाकर कभी लड़का स्वयं सौदे के पास बैठ जाता, कभी माँ बैठ जाती।
प्रश्न.41: दूसरों के धर्म-ईमान की चिंता किसे सता रही थी?
(क) आम आदमी को
(ख) बूढ़ी स्त्री को
(ग) लेखक का
(घ) लालाजी को
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.42: घर में सूतक होने पर क्या माना जाता है?
(क) घर में रहकर मृत्यु का शोक मनाते हैं।
(ख) घर अशुद्ध माना जाता है
(ग) सभी विकल्प सही हैं।
(घ) घर के लोग धार्मिक कार्यों में हिस्सा नहीं लेते हैं।
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.43: बूढ़ी स्त्री के खरबूजे खा लेने से ईमान-धर्म नष्ट क्यों हो जाएगा?
(क) क्योंकि वह ईश्वर को नहीं मानती है
(ख) क्योंकि उसके घर में सूतक चल रहा है
(ग) क्योंकि वह निम्न वर्ग की स्त्री है
(घ) सभी विकल्प सही हैं
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.44: कोई इसके खरबूजे खा ले तो उसका ईमान-धर्म कैसे रहेगा? इस कथन से किस सोच का पता चलता है?
(क) इनमें से कोई नहीं
(ख) अंधविश्वासी सोच का
(ग) दोनों (अंधविश्वासी सोच का) और रूढिवादी सोच का
(घ) रूढिवादी सोच का
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.45: बूढी स्त्री का लड़का क्या कार्य करता था?
(क) शहर में ही मजदूरी करता था
(ख) शहर के पास की जमीन में अनाज उगाता था
(ग) सड़क पर पत्थर तोड़ता था
(घ) शहर के पास की जमीन में फल-सब्जियाँ उगाता था
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न संख्या 46 से 50 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
जब अप्रैल में मैं बेस कैंप में थी, तेनजिंग अपनी सबसे छोटी सपत्री डेकी के साथ हमारे पास आए थे। उन्होंने इस बात पर विशेष महत्त्व दिया था कि दल के प्रत्येक सदस्य और प्रत्येक शेरपा कुली से बातचीत की जाए। जब मेरी बारी आई, मैंने अपना परिचय यह कहकर दिया कि मैं बिल्कुल ही नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है। तेनजिंग हँसे और मुझसे कहा कि एवरेस्ट उनके लिए भी पहला अभियान है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि शिखर पर पहुँचने से पहले उन्हें सात बार एवरेस्ट पर जाना पड़ा था। फिर अपना हाथ मेरे कंधे पर रखते हुए उन्होंने कहा, "तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।"
प्रश्न.46: पाठ के आधार पर बताइए कि तेनजिंग कौन था?
(क) लेखिका का ट्रेनर
(ख) पर्वतों की जानकारी रखने वाला सैलानी
(ग) एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पहला व्यक्ति
(घ) लेखिका का सहयोगी
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.47: तेनजिंग ने किस बात पर विशेष महत्त्व दिया?
(क) प्रत्येक सदस्य की परीक्षा लेने पर
(ख) प्रत्येक सदस्य से बातचीत करने पर
(ग) सदस्यों का सामान स्वयं उठाने पर
(घ) कैप के संचालन करने पर
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.48: लेखिका ने स्वयं को नौसिखिया क्यों बताया?
(क) क्योंकि वह दूसरी बार एवरेस्ट पर चढ़ रही थी
(ख) वह पहले से ही चढ़ाई के बारे में बहुत कुछ जानती थी
(ग) इनमें से कोई नहीं
(घ) क्योंकि एवरेस्ट पर चढ़ना उसका पहला पर्वतीय अभियान था
सही उत्तर विकल्प है (घ)
प्रश्न.49: गद्यांश के अनुसार बचेंद्री पाल (लेखिका) का यह कौन-सा अभियान है?
(क) चौथा
(ख) तीसरा
(ग) पहला
(घ) दूसरा
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.50: लेखिका के लिए तेनजिंग ने कौन-से शब्द कहे थे?
(क) तुम दल के पीछे पीछे ही चलना
(ख) तुम्हें पहले प्रयास में ही शिखर पर पहुँच जाना चाहिए
(ग) तुम पर्वतीय लड़की नहीं हो
(घ) तुम पर्वत शिखर पर नहीं पहुँच पाओगी
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न संख्या 51 से 54 दिए गए पाठ पर आधारित हैं। पाठ को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें:
तुम्हारे बिना ऐसे मत रोओ।
बेचारा निवाजू गुसैया मेरे सिर पर छाता रखता है।
जैकी छोटी जगत काउ लगा ता पर तुहिन ढाई।
मेरे गोबिंद काहू से मत डरो।
नामदेव कबीरु तिलोचनु साधना सैनी तराई।
कही रविदासु सुनहू रे संताहु हरिजिउ ते सबाई सराय।
प्रश्न.51: कवि ने गरीब निवाजु किसे कहा है?
(क) राजा-महाराजाओं को
(ख) संत-महात्माओं को
(ग) अपने प्रभु को
(घ) अपने गुरु को
सही उत्तर विकल्प है (ग)
प्रश्न.52: प्रस्तुत पद में कवि रैदास ने अपने स्वामी को किस नाम से संबोधित किया है?
(क) लाल
(ख) सभी विकल्प सही हैं
(ग) गुसईआ
(घ) हरिजीउ
सही उत्तर विकल्प है (ख)
प्रश्न.53: नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु कहकर कवि ने क्या इच्छा व्यक्त की है?
(क) जाति प्रथा और भेदभाव को समाप्त करने की
(ख) स्वयं की उन्नति करने की
(ग) कृष्ण की पूजा अर्चना करने की
(घ) निम्न वर्ग में जन्म न लेने की
सही उत्तर विकल्प है (क)
प्रश्न.54: कवि संतों से ईश्वर की शरण में जाने को क्यों कह रहा है?
(क) क्योंकि ईश्वर शरणागत का सम्मान करते हैं
(ख) क्योंकि वे ईश्वर के समक्ष कुछ भी नहीं हैं
(ग) क्योंकि ईश्वर ही सर्वोच्च सत्ता है
(घ) क्योंकि ईश्वर ही उन्हें भवसागर से पार लगा सकते हैं
सही उत्तर विकल्प है (घ)
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