Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8  >  अलंकार क्या है?

अलंकार क्या है? | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8 PDF Download

अलंकार

‘अलंकार’ में दो शब्द मिले हैं – अलम + कार
‘अलम्’ का अर्थ है – भूषण या सजावट।
इस प्रकार अलंकार का शाब्दिक अर्थ है – आभूषण अथवा जो अलंकृत या भूषित करे। इनके प्रयोग से भाषा चमत्कारी बनती है। ये भाषा में शब्द और अर्थ की दृष्टि से सौंदर्य उत्पन्न करते हैं। 

अलंकार के भेद

अलंकार के मुख्यतः दो भेद होते हैं:

  1. शब्दालंकार: काव्य में जहाँ शब्दों के विशिष्ट प्रयोग से सौंदर्य और चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ शब्दालंकार होता है, ‘कोमल कलाप कोकिल कामनीय कूकती थी। यहाँ ‘का’ वर्ण की आवृत्ति से शब्द के स्तर पर चमत्कार उत्पन्न किया गया है।
    शब्दालंकार के भेद:
    (i) अनुप्रास अलंकार: जब काव्य में एक ही वर्ण की आवृत्ति बार-बार होती है तो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है;
    जैसे:
    मुदित महीपति मंदिर आए। (म तथा ‘स’ वर्गों की आवृति) सेवक सहित सुमंत बुलाए।
    तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु आए। (त वर्ण की आवृत्ति)
    रघुपति राघव राजा राम (‘र’ वर्ण की आवृत्ति)
    सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुझ पर खिलते है। (‘स’ वर्ण की आवृत्ति)
    कोमल कलाप कोकिल कमनीय कूकती थी (‘क’ वर्ण की आवृत्ति)
    (ii) यमक अलंकार: जब कविता में किसी एक शब्द का एक से अधिक बार भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयोग होता हो, तब वहाँयमक अलंकार होता है;
    जैसे:
    काली घटा का घमंड घटा।यहाँ ‘घटा’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है और दोनों बार उसका अलग अर्थ है। पहले ‘घटा’ का अर्थ ‘बादल’ और दूसरे घटा का अर्थ ‘कम होना है। अतः यहाँ यमक अलंकार है।
    माला फेरत युग भया, फिरा न मन का फेर।कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।
    यहाँ मनका शब्द का प्रयोग बार-बार हुआ है। दूसरे और चौथे ‘मनका’ अर्थ है- मोती अथवा माला का दाना। पहले और तीसरे ‘मन का’ का अर्थ है- हृदय का।
    (iii) श्लेष अलंकार: जहाँ किसी शब्द की आवृत्ति एक ही बार में हो, पर उस शब्द के एक से अधिक अर्थ हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है;
    जैसे:
    जो रहीम गति की कुल कपूत गति सोच।बारे उजियारो करै, बड़े अंधेरो होय।
    बारे–जलने पर, होय होने पर, बड़े-बड़ा हो जाने पर बुझ जाने पर।
    माँगने वाले को देखकर बार-बार वस्त्र देती है। माँगने वाले को देखकर बार-बार दरवाजा बंद कर लेती है।
  2. अर्थालंकार: काव्य में जहाँ अर्थ के कारण विशेष सौंदर्य या चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ अर्थालंकार होता है।
    अर्थालंकार के चार भेद होते हैं:
    (i) उपमा अलंकार: उपमा का सामान्य अर्थ है – समानता या मिलता-जुलता रूप दिखाना।
    जहाँ किसी एक वस्तु या व्यक्ति के गुणों की तुलना किसी दूसरी प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से की जाती है वहाँ उपमा अलंकार होता है;
    जैसे: 
    हाय फूल-सी कोमल बच्ची, हुई राख की थी ढेरी।
    यहाँ बच्चों की कोमलता की तुलना फूल की कोमलता से की गई है।
    उपमा अलंकार में तुलना के लिए सा, सी, से जैसे योजकों का प्रयोग किया जाता है।
    (ii) रूपक अलंकार: काव्य में जहाँ गुण, स्वभाव आदि की अत्यधिक समानता के कारण प्रस्तुत और (अप्रस्तुत) (उपमेय और उपमान) में भेद न दर्शाया जाए, उसे अभिन्न मान लिया जाए, तो वहाँ रूपक अलंकार होता है;
    सामान्य शब्दों में उपमान और उपमेय को एक कर दिया है;
    जैसे:
    मैया मैं तो चंद्र खिलौना लै हों, चंद्रमा (उपमेय) में खिलौना (उपमान) का आनंद आरोपित है।
    चरण कमल बन्दौ हरिराई (भगवान के चरणों (उपमेय) में कमल (उपमान) का आनंद आरोपित है।)
    (iii) उत्प्रेक्षा अलंकार: जहाँ भिन्न होते हुए भी समानता प्रकट करने के लिए उपमेय में उपमान की कल्पना या संभावना प्रकट की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है;
    जैसे:
    सोहत ओढ़े पीत पट स्याम सलोने गात।।
    मनहू नीलमनि सैल पर आतप पर्यो प्रभात।।
    (श्रीकृष्ण के सुंदर साँवले रंग के शरीर में नील मणि पर्वत और उनके पीतांबर में प्रात:कालीन धूप की है।)
    (iv) मानवीकरण अलंकार: जहाँ जड़ वस्तुओं या पदार्थों पर चेतन का आरोप हो अर्थात् प्रकृति के पदार्थों या तत्वों पर मानवीय भावनाओं या क्रियाओं का आरोप हो, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।
    जैसे:
    अंबर पनघट में डुबों रही तारा घट उषा नागरी, प्रात:कालीन ‘उषा’ पर नगरी (चतुर स्त्री) का आरोप किया गया है।
    (v) अतिशयोक्ति अलंकार: काव्य में जहाँ किसी व्यक्ति या वस्तु का वर्णन अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर किया जाता हैं, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है;
    जैसे:
    हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग।
    लंका सिगरी जल गई, गए निसाचर भाग ।।
    हनुमान की पूँछ में आग लगने से पूर्व ही सारी लंका के जल जाने का वर्णन किए जाने के कारण यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
The document अलंकार क्या है? | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8 is a part of the Class 8 Course Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8.
All you need of Class 8 at this link: Class 8
36 videos|73 docs|36 tests

Top Courses for Class 8

Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

pdf

,

past year papers

,

MCQs

,

अलंकार क्या है? | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8

,

Summary

,

Free

,

video lectures

,

Previous Year Questions with Solutions

,

अलंकार क्या है? | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8

,

अलंकार क्या है? | Hindi Vyakaran (हिन्दी व्याकरण) Class 8

,

Sample Paper

,

practice quizzes

,

study material

,

ppt

,

Viva Questions

,

Exam

,

Semester Notes

,

shortcuts and tricks

,

mock tests for examination

,

Objective type Questions

,

Important questions

,

Extra Questions

;