Class 6 Exam  >  Class 6 Notes  >  Additional Study Material for Class 6  >  Worksheet Solutions: अनुच्छेद - लेखन

अनुच्छेद - लेखन Class 5 Worksheet EVS

अनुच्छेद

1. भारतीय किसान
भारतीय किसान धूप-वर्षा, आंधी-पानी, सर्दी-गर्मी, चाहे कोई भी मौसम हो, भारतीय किसान दिन-रात खेती में जुटा रहता है। किसान समाज का अन्नदाता है। किसान दिन-रात परिश्रम करके तरह-तरह की फल-सब्जियों और अनाज को अपने खेतों में उगाता है। किसान के प्यारे साथी हैं- हल और बैल। किसान खेतों में हल चलाता है, बीज बोता है, और उन्हें सींचता है। वह पशु-पक्षियों से खेतों की रक्षा करता है। जंगली पौधों को खेतों में से उखाड़ता है। धीरे-धीरे पौधे बढ़ते हैं। किसान पौधों को बढ़ता देखकर खुश होता है। जब फसल पकती है तो पकने के बाद उन्हें काटता है। किसान का सारा परिवार खेतों में जुटा रहता है। इतने परिश्रम के बाद किसानों के खलिहान भरते हैं। किसान की मेहनत सफल होती है। वह रात को चैन की नींद सोता है। अनाज को मंडी पहुँचाता है और धन पाता है। अब फिर समय आता है खेतों में बुआई करने का। भारतीय किसान हल और बैल लेकर खेत पहुँच जाता है। उसे फिर आँधी-तूफान की चिंता सताने लगती है। वह फसल को अपने पसीने से सींचता है। इसलिए कहा गया है- “जय किसान”।

2. परोपकार
परोपकार दूसरों की भलाई करना ही परोपकार कहलाता है। दूसरों की भलाई के लिए मन से, कर्म से तथा वचनों से जो कुछ भी किया जाता है, वह परोपकार कहलाता है। उदार एवं परोपकारी पुरुष दुखियों का दुख दूर करने में तत्पर होते हैं। शक्तिशाली निर्बलों की रक्षा करते हैं। वे तन, मन और वचनों से जन-जन का कल्याण करते हैं। प्रकृति में भी हमें परोपकार की भावना दिखाई देती है। इसी से प्रेरित होकर कबीर दास ने कहा था: वृच्छ कबहुँ नहिं फल भखै, नदी न संचै नीर। परमारथ के कारने, साधुन धरा शरीर।।
परोपकारी मनुष्य विरले ही होते है। वे परोपकार के लिए अपना जीवन उत्सर्ग करने से पीछे नहीं हटते। गाँधी, नेहरू, राजा शिवि आदि अनेक महापुरुषों ने अपने जीवन का उत्सर्ग कर दिया। दूसरों को दुख देने से बढ़कर कोई पाप नहीं है तथा परोपकार करने से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है।

3. सच्चा मित्र
सच्चा मित्र मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, उसे समाज में रहकर एक-दूसरे के सहारे जीना पड़ता है, जिसके कारण मित्रता का जन्म होता है, हमारे जीवन में अनेक मित्र बनते हैं। कवि गिरधर कहते हैं- “साई इस संसार में मतलब का व्यवहार, जब लग पैसा गाँठ में तब लग ताको यार”। अर्थात् स्वार्थी मित्र तो बहुत मिल जाते हैं लेकिन भाग्यशाली वही होता है जिसे सच्चा मित्र मिल जाता है । सच्चा मित्र सुख-दु:ख में सदा साथ रहता है। वह अपने मित्र के प्रत्येक दुःख को दूर करने का प्रयत्न करता है, वह अपने बड़े से बड़े दुःख को राई की भाँति समझते हुए प्रकट नहीं होने देता, यदि सच्चा मित्र मिल जाए तो जीवन रूपी यात्रा सरलता से कट जाती है ।

4. मेरा भारत महान
कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक फैला मेरा देश विश्व का सातवाँ बड़ा देश है। उत्तर में पर्वतराज हिमालय के उन्नत भाल पर मुकुट के समान सुशोभित है। दक्षिण में हिंद महासागर इसके चरणों को धोकर धन्य हो रहा है। गंगा जैसी पावन सलिला इसी धरती पर प्रवाहित हो रही है। ऐसी ही अनेक नदियाँ इस धरती को सींचकर हरा-भरा बनाती हैं। मेरे देश की भौगोलिक विशेषताएँ इसे और भी विशिष्ट बना देती हैं। यहाँ कहीं पहाड़ है तो कहीं वन, कहीं विस्तृत मरुस्थल है तो कहीं समतल उपजाऊ मैदान। मेरे देश में उन्तीस राज्य और छह केंद्र शासित प्रदेश हैं जहाँ विभिन्न भाषाएँ बोली जाती हैं। एक अरब से भी अधिक आबादी वाला देश सत्य, अहिंसा, प्रेम, सोहार्द्र एवं सहिष्णुता के आदर्शों का पालन करने वाला है। आओ, हम सब मिलकर इस धरती को, अपनी जननी को नमन करें।

5. श्रम का महत्त्व
सकल पदारथ हैं जग माहीं महाकवि तुलसीदास जी ने ठीक ही कहा है- इस संसार में किसी वस्तु की कमी नहीं है। यह पृथ्वी माता वसुधा है, वसुंधरा है, रत्नों की खान है। सभी प्रकार की संपदाएँ पृथ्वी के गर्भ में समाई हुई हैं, पर इन्हें प्रत्येक व्यक्ति प्राप्त नहीं कर पाता। प्रश्न है- सभी संपदाएँ इस विश्व में हैं फिर भी नर उसे पाने में असमर्थ क्यों रहता है। महाकवि तुलसीदास जी ने इस प्रश्न को प्रश्न नहीं रहने दिया। उन्होंने इसका उत्तर भी दिया है। उनका कहना है।
सकल पदारथ हैं जग माहीं कर्महीन नर पावत नाहीं। जी हाँ, कर्महीन व्यक्ति वसुधा में उपलब्ध अपार संपत्ति को नहीं पा सकता क्योंकि-विश्व में उपलब्ध सभी सुख सुविधाओं को पाने का एक ही मार्ग है और वह है कर्मशीलता। कर्मशील व्यक्ति ही सकल पदार्थों को पाने में सफल होता है। विश्व का इतिहास ऐसे ही व्यक्तियों के उदाहरण से भरा पड़ा है जिन्होंने श्रम बिंदुओं के बल पर जीवन में वह सब प्राप्त कर दिखाया था जिसे ये प्राप्त करना चाहते थे। उन्होंने श्रम बल का महत्त्व समझा था, उसे अपने जीवन का आधार बनाया था और मानव समाज के लिए अपार संपदा प्राप्ति के द्वार खोल दिए थे।

6. खेल दिवस
खेल दिवस हमारे विद्यालय में हर साल खेल दिवस मनाया जाता है। इस साल भी यह उत्साहपूर्वक मनाया गया। खेल दिवस के आरंभ में बच्चों ने परेड की। बच्चों ने अलग-अलग रंग के झंडे उठा रखे थे। एक तंबू में मुख्य अतिथि और अध्यापकगण बैठे थे। अब खेलों की बारी थी। पहले सौ मीटर दौड़ हुई, फिर चार सौ मीटर की। इसके साथ ही तरणताल पर तैरने की प्रतियोगिता हुई। खेल अध्यापक प्रथम या द्वितीय आने वाले बच्चों के नाम लिख रहे थे। अब बोरा दौड़ हुई। बच्चों ने बोरे पहने थे। बोरा दौड़ देखकर बच्चे हँसते-हँसते लोट-पोट हो रहे थे। इसके बाद चम्मच दौड़ हुई। इस दौड़ में चम्मच को मुँह से पकड़ते हैं। चम्मच में नींबू रखकर दौड़ना पड़ता है। सबके नींबू बीच रास्ते में ही गिर गए। फिर खरगोश दौड़ हुई। लंगड़ी दौड़ में भागते-भागते कुछ बच्चे गिर गए। अंत में गोला फेंकने की प्रतियोगिता थी। अध्यापिकाओं की भी एक दौड़ हुई। मुख्य अतिथि ने बच्चों को पुरस्कार दिए। खेल में भाग लेने वाले बच्चों को फल और टॉफियाँ बाँटी गईं।

7. मानव-विकास और मानव-मूल्य
मानव-विकास और मानव-मूल्य आधुनिक मानव समाज में एक ओर विज्ञान को भी चकित कर देने वाली उपलब्धियों से निरंतर सभ्यता का विकास हो रहा है तो दूसरी ओर मानव मूल्यों का ह्रास होने से समस्या उत्तरोत्तर गूढ़ होती जा रही है। अनेक सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का शिकार आज का मनुष्य विवेक और ईमानदारी को त्यागकर भौतिक स्तर से ऊँचा उठने का प्रयत्न कर रहा है। वह सफलता पाने की लालसा में उचित और अनुचित की चिंता नहीं करता। उसे तो बस साध्य को पाने की प्रबल इच्छा रहती है। वह ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए भयंकर अपराध करने में भी संकोच नहीं करता। वह इनके नित नए-नए रूपों की खोज करने में अपनी बुद्धि का अपव्यय कर रहा है। आज हमारे सामने यह प्रमुख समस्या है कि इस अपराध वृत्ति पर किस प्रकार रोक लगाई जाए। सदाचार, कर्त्तव्य-परायण, त्याग और नैतिक मूल्यों को तिलांजलि देकर समाज के सुख की कामना स्वप्न मात्र है।

8. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा
राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश के लिए स्वतंत्र राष्ट्र होने की पहचान है। तिरंगा झंडा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। इसमें तीन रंगों की तीन पट्टियाँ हैं। सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा। केसरिया रंग वीरता एवं बलिदान का प्रतीक है, सफेद रंग शांति का तथा हरा रंग खुशहाली का प्रतीक है। सफेद रंग की पट्टी के बीचों-बीच एक चक्र है जो सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया है। यह चक्र हमें निरंतर कार्य करने की प्रेरणा देता है। यह तिरंगा हमारे देश की आन, बान और शान है। यह हमारी पहचान है। हम सबको इसका सम्मान करना चाहिए।

9. संगठन की महिमा
संगठन की महिमा संगठन में शक्ति है। जब हमारे हाथ की अंगुलियाँ आपस में मिल जाती हैं तो मुक्का बन जाता है। आप जानते हैं कि मुक्के में कितनी शक्ति होती है। अकेली अँगुली कुछ नहीं कर सकती जबकि मुक्का खासा प्रहार कर सकता है। छड़ी अकेली हो तो आसानी से टूट जाती है, पर ऐसी कुछ छड़ियाँ एकसाथ बाँध दी जाएँ, तो उन्हें आसानी से तोड़ा नहीं जा सकता। जब आप अकेले हों तो शत्रु आप पर आसानी से आक्रमण कर सकता है। पर यदि आप दो जने हों तो आपका वैरी भी आप पर वार करने से पहले दस बार सोचेगा। क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं, ऐसा लोग कहते हैं। इस उक्ति का भी आशय यही होता है- जब दो आदमी किसी काम को मिलकर करते हैं तो उनमें उत्साह बढ़ जाता है। शक्ति दुगुनी ही नहीं, कई गुना बढ़ जाती है। संगठन में बल है, यह तथ्य व्यक्तियों की तरह राष्ट्रों पर भी समान रूप से लागू होता है। जो राष्ट्र शक्तिशाली होता है, उसे शत्रु देश आँख नहीं दिखा सकता। वह राष्ट्र सभी विपत्तियों पर काबू पा लेता है। इसके विपरीत, फूट असफलता का मूल कारण है। इसीलिए संगठन की महिमा का बखान किया गया है।

The document अनुच्छेद - लेखन Class 5 Worksheet EVS is a part of the Class 6 Course Additional Study Material for Class 6.
All you need of Class 6 at this link: Class 6
22 docs|31 tests

Top Courses for Class 6

22 docs|31 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 6 exam

Top Courses for Class 6

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

past year papers

,

ppt

,

shortcuts and tricks

,

Objective type Questions

,

study material

,

MCQs

,

Sample Paper

,

अनुच्छेद - लेखन Class 5 Worksheet EVS

,

Exam

,

Summary

,

Important questions

,

video lectures

,

pdf

,

Free

,

अनुच्छेद - लेखन Class 5 Worksheet EVS

,

Previous Year Questions with Solutions

,

mock tests for examination

,

practice quizzes

,

Viva Questions

,

अनुच्छेद - लेखन Class 5 Worksheet EVS

,

Extra Questions

,

Semester Notes

;