प्रश्न 1. विट्ठल किन भाषाओं की फिल्मों में नायक थे?
विट्ठल मराठी और हिंदी भाषाओं की फिल्मों में नायक थे।
प्रश्न 2. मुकदमा जीतने से विट्ठल को क्या लाभ हुआ?
मुकदमा जीतने से विट्ठल पहली बोलती फिल्म में नायक बने।
प्रश्न 3. अर्देशिर की कंपनी ने तकरीबन कितने फिल्में बनाई?
अर्देशिर की कंपनी ने भारतीय सिनेमा के लिए डेढ़ सौ से अधिक मूक और लगभग सौ सवाक फिल्में बनाईं।
प्रश्न 4. सामाजिक विषय पर बनी पहली फिल्म कौन सी थी?
'खुदा की शान' सामाजिक विषय पर बनी पहली फिल्म थी। इसका एक किरदार महात्मा गांधी जैसा था।
प्रश्न 5. पहली सवाक् फिल्म के निर्माता-निदेशक अर्देशिर को जब सम्मानित किया गया तब सम्मानकर्ताओ ने उनके लिए क्या कहा था? अर्देशिर ने क्या कहा? और इस प्रसंग में लेखक ने क्या टिप्पणी की है? लिखिए।
जब 1956 में 'आलम आरा' के प्रदर्शन के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर उन्हें सम्मानित किया गया और उन्हें 'भारतीय सवाक् फिल्मों का पिता' कहा गया तो उन्होंने उस मौके पर कहा था, "मुझे इतना बड़ा खिताब देने की जरूरत नहीं है। मैंने तो देश के लिए अपने हिस्से का जरूरी योगदान दिया है।" इस प्रसंग की चर्चा करते हुए लेखक ने अर्देशिर को विनम्र कहा है।
प्रश्न 6. 'आलम आरा' फिल्म के बारे में कौन - कौन सी जानकारी पाठ में दी गई है?
'आलम आरा' फिल्म के बारे में निम्नलिखित जानकारी पाठ में दी गई है।
यह फिल्म 14 मार्च 1931 को मुंबई के 'मैजेस्टिक' सिनेमा में प्रदर्शित हुई। फिल्म 8 सप्ताह तक हाउसफुल चली।
यह फिल्म 10 हज़ार फुट लम्बी थी और इसे चार महीनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया था।
फिल्म के संगीत में महज तीन वाद्य - तबला, हारमोनियम और वायलिन का इस्तेमाल किया गया।
पारसी नाटक को आधार बनाया गया था।
इस फिल्म के पहले पाश्र्वगायक बने डब्लू एम खान।
पहला गाना था 'दे दे खुदा के नाम पर प्यारे, अगर देने की ताकत है।'
रात में शूटिंग होने के कारण कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था की गई।
फिल्म हिंदी - उर्दू मेल वाली भाषा का प्रयोग किया गया।
इस फिल्म में नायिका ज़ुबैदा और नायक विट्ठल थे।
प्रश्न 7. फिल्म 'आलम आरा' में विट्ठल के अलावा कौन - कौन से प्रसिद्ध कलाकारों ने काम किया?
फिल्म 'आलम आरा' में विट्ठल के अलावा सोहराब मोदी, पृथ्वीराज कपूर, याकूब और जगदीश सेठी जैसे अभिनेता ने काम किया।
प्रश्न 8. 14 मार्च 1931 का भारतीय सिनेमा के इतिहास में क्यों महत्व है?
14 मार्च 1931 को पहली सवाक फिल्म का प्रदर्शन हुआ था इसलिए इस दिन का भारतीय सिनेमा के इतिहास में महत्व है।
प्रश्न 9. पहली बोलती फिल्म बनाने के लिए अर्देशिर को किन- किन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के आभाव का सामना करना पड़ा?
पहली बोलती फिल्म बनाने के लिए अर्देशिर को सवांद लेखक, गीतकार एवं संगीतकार जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों के आभाव का सामना करना पड़ा।
प्रश्न 10. मूक सिनेमा में संवाद नहीं होते, उसमें दैहिक अभिनय की प्रधानता होती है। पर, जब सिनेमा बोलने लगा उसमें अनेक परिवर्तन हुए। उन परिवर्तनों को अभिनेता, दर्शक और कुछ तकनीकी दृष्टि से पाठ का आधार लेकर खोजें, साथ ही अपनी कल्पना का भी सहयोग लें।
जब पहली बार सिनेमा ने बोलना सीख लिया, सिनेमा में काम करने के लिए पढ़े - लिखे अभिनेता - अभिनेत्रियों की जरुरत भी शुरू हुई क्योंकि अब सवांद भी बोलने थे, सिर्फ अभिनय से काम नहीं चलने वाला था। आरंभिक 'सवाक' दौर की फिल्मों में कई 'गायक अभिनेता' बड़े पर्दे पर नज़र आने लगे। हिंदी - उर्दू भाषाओं का महत्व बढ़ा। अभिनेताओं - अभिनेत्रियों की लोकप्रियता का असर भी दर्शकों पर पड़ने लगा। औरतें अभिनेत्रियों की केश सज्जा तथा उनके कपड़ों की नकल करने लगीं। तकनीकी दृष्टि से फिल्मों में काफ़ी बदलाव आया, फिल्में अधिक आकर्षक लगने लगी, गीत-संगीत का भी महत्व बढ़ने लगा।
प्रश्न 11. 'जब सिनेमा ने बोलना सीखा' पाठ के लेखक कौन हैं?
'जब सिनेमा ने बोलना सीखा' पाठ के लेखक प्रदीप तिवारी जी हैं।
प्रश्न 12. विट्ठल के मुकदमा लड़ने वाले वकील का क्या नाम था?
विट्ठल के मुकदमा लड़ने वाले वकील का नाम मोहम्मद अली जिन्ना था।
प्रश्न 13. विट्ठल फिल्मों में लम्बे समय तक किस रूप में सक्रिय रहे?
विट्ठल फिल्मों में लम्बे समय तक नायक और स्टंटमैन के रूप में सक्रिय रहे।
प्रश्न 14. पाठ में लेखक ने 'आलम आरा' की तुलना किस फैंटसी फिल्म से की है?
पाठ में लेखक ने 'आलम आरा' की तुलना 'अरेबियन नाइट्स' नामक फैंटसी फिल्म से की है।
प्रश्न 15. सवाक सिनेमा के नए दौर की शुरुआत करानेवाले निर्माता - निर्देशक अर्देशिर को क्या उपाधि मिली?
सवाक सिनेमा के नए दौर की शुरुआत करानेवाले निर्माता - निर्देशक अर्देशिर को 'भारतीय सवाक फिल्मों का पिता' कहा गया।
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