भगवान ने इंसान को सोचने-समझने की खास ताकत दी है। जब हम किसी चीज़, दृश्य, या चित्र को देखते हैं, तो हमारे मन में कई तरह के विचार और भाव आते हैं। हर इंसान की सोचने का तरीका अलग होता है। अपने अनुभवों के कारण वह किसी घटना या माहौल को अपने तरीके से महसूस करता है। अपनी सोच और भावनाओं को अच्छे शब्दों में व्यक्त करना ही "चित्र वर्णन" का मकसद है। किसी चित्र को देखकर जो विचार मन में आते हैं, उन्हें अपनी कल्पना की मदद से शब्दों में कहना ही "चित्र-वर्णन" है।
जब हमें किसी चित्र का वर्णन करना हो, तो वह चित्र किसी घटना, किसी खास स्थिति, किसी व्यक्ति, या प्रकृति से जुड़ा हो सकता है। चित्र का वर्णन करते समय हमें इन बातों पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम उसे अच्छे से समझा सकें।
(i)
यह चित्र एक मंदिर का है। मंदिर वह जगह है जहाँ लोग श्रद्धा से जाते हैं और अपने भगवान की पूजा करके शांति पाते हैं। सुबह के समय लोग मंदिर जाते हैं। इस चित्र में एक महिला है जो पूजा की थाली लेकर मंदिर जा रही है। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों की पूजा की परंपरा है, इसलिए हर मंदिर के बाहर पीपल या केला का पेड़ और तुलसी का पौधा होता है। इस चित्र में भी एक पेड़ है, जिसके सामने एक महिला पूजा कर रही है। एक बच्चा, जो गरीब है, पूजा के लिए जा रही महिला से कुछ मदद माँग रहा है। उसके हाथ में एक कटोरा है और उसने दूसरा हाथ आगे बढ़ाया हुआ है। सीढ़ियों के पास एक और बच्चा बैठा है, जो अपाहिज है। वह भी मंदिर में आने वाले लोगों से दया की उम्मीद कर रहा है।
(ii)
यह चित्र एक रेलवे प्लेटफार्म का है। इसमें एक ट्रेन खड़ी है और यात्री गाड़ी के अंदर बैठे हैं। दो कुली सिर पर सामान रखे और हाथ में अटैची पकड़े चल रहे हैं, उनके साथ सामान का मालिक भी चल रहा है। एक बच्चा अखबार बेचने के लिए घूम रहा है। दूसरी ओर एक बच्चा बूट-पॉलिश की दुकान लगाए बैठा है। एक व्यक्ति समाचार-पत्र पढ़ रहा है और बच्चा उनके जूते पॉलिश कर रहा है। किनारे पर एक कूड़ेदान रखा है, लेकिन कूड़ा इधर-उधर बिखरा हुआ है। सरकार सफाई पर ध्यान देती है, पर जब तक हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएगा, तब तक सफाई के सभी प्रयास सफल नहीं होंगे।
(iii)
यह चित्र सुबह सूरज निकलने का है। आसमान में सूरज की लाल रोशनी फैल रही है, जो बहुत खूबसूरत लग रही है। कुछ पक्षी उड़ रहे हैं और कुछ पेड़ों की डाल पर बैठे हैं, उड़ने की तैयारी कर रहे हैं। दो घर भी दिख रहे हैं, जिनके बाहर सुंदर फूलों के पौधे हैं। सामने एक कुआँ है और उसके पास एक बड़ा पेड़ है। दो महिलाएँ सिर पर घड़े रखकर कुएँ से पानी लेने जा रही हैं। एक चरवाहा अपनी भेड़ों को चराने ले जा रहा है। पूरा दृश्य बहुत प्यारा और मनमोहक लग रहा है। सुबह का समय सेहत के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, इस समय घूमने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
(iv)
यह चित्र दीपावली के त्योहार का है, जिसे खुशियों और रोशनी का त्योहार कहा जाता है। इसमें एक घर दिख रहा है, जिसके सामने एक लाइन में दीए जल रहे हैं। घर के सामने एक बड़ा मैदान है जहाँ बच्चे दीवाली मना रहे हैं। दो बच्चे एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं, और पास में एक लड़की खुशी से मिठाई लेने के लिए हाथ बढ़ा रही है। पीछे एक बच्चा अनार जलाकर उसकी रोशनी देखकर खुश हो रहा है। दो बच्चे (शायद भाई-बहन) पटाखा जलाने की तैयारी कर रहे हैं। पूरा चित्र खुशी और उत्साह को दिखा रहा है।
(v)
यह चित्र एक बड़े शहर के चौराहे का है। लाल बत्ती जलने की वजह से सभी गाड़ियाँ रुकी हुई हैं। फुटपाथ पर एक बच्चा एक बुजुर्ग महिला को सड़क पार करने में मदद कर रहा है। एक व्यक्ति अपने स्कूटर को आधा फुटपाथ पर चढ़ा लाया है, जो नियमों के खिलाफ है। यातायात के नियमों का पालन न करने से ही दुर्घटनाएँ होती हैं। कुछ लोग हरी बत्ती का इंतजार नहीं करते और गाड़ी तेज़ चलाते हैं, जिससे टकराव और दुर्घटना हो सकती है। इसलिए, वाहन चलाते समय हमेशा यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए।
(vi)
यह चित्र एक वृद्धाश्रम का है। इसे देखकर समाज में भावनाओं की कमी का एहसास होता है। हमारे माता-पिता और बुजुर्ग, जो परिवार के आधार होते हैं, जब उन्हें परिवार के साथ और सहयोग की ज़रूरत होती है, तब आज के कुछ लोग उन्हें वृद्धाश्रम भेज देते हैं। इस चित्र में सभी बुजुर्ग आपस में बात कर रहे हैं, टहल रहे हैं और कैरम व साँप-सीढ़ी जैसे खेल खेलकर अपना समय बिता रहे हैं। उनके चेहरे की मुस्कान से लगता है कि वे खुश हैं। लेकिन अंदर ही अंदर वे अपने परिवार और बच्चों को जरूर याद करते होंगे। आज की स्थिति में, बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम जैसी जगह अच्छी है, जहाँ वे अपने उम्र के लोगों के साथ खुशी से रह सकते हैं।
(vii)
यह दृश्य बहुत दुखद है। एक रेल दुर्घटना में इंजन के साथ चार डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। दूसरी ट्रेन के दो डिब्बे भी टूट गए हैं। चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल है, और लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही है। सभी लोग असमंजस में हैं। कुछ यात्री अपने साथियों की मदद करने में लगे हैं, और सेना के जवान भी लोगों की मदद कर रहे हैं। एक बच्चा अपनी मरी हुई माँ के पास बैठकर रो रहा है, और उसका रोना सुनकर आस-पास के लोगों के दिल में भी दर्द हो रहा है। ऐसा लगता है कि यह घटना प्रकृति के कारण नहीं, बल्कि इंसानों की लापरवाही की वजह से हुई है। ऐसी दुर्घटनाओं को सावधानी बरतकर रोका जा सकता है। काश! लोग अपनी लापरवाही को कम करना सीखें।
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1. चित्र वर्णन क्या होता है? |
2. चित्र वर्णन के लिए किस प्रकार की चित्रों का चयन करना चाहिए? |
3. चित्र वर्णन में कौन-कौन से बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए? |
4. चित्र वर्णन को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है? |
5. क्या चित्र वर्णन में कोई विशेष तकनीक या विधि होती है? |
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