CTET & State TET Exam  >  CTET & State TET Notes  >  Hindi Language & Pedagogy  >  Revision Notes: अधिगम में व्याकरण की भूमिका

Revision Notes: अधिगम में व्याकरण की भूमिका | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET PDF Download

परिचय


भाषा को शुद्ध रूप से प्रयोग करने के लिए चार कौशलों की आवश्यकता होती है ।

  • पढ़ना
  • लिखना
  • बोलना
  • सुनना

शुद्ध भाषा सीखने के लिए व्याकरण का ज्ञान एवं प्रयोग आवश्यक होता है, जिसके लिए व्याकरण शिक्षण किया जाता है।

व्याकरण का अर्थ एवं परिभाषा

  • डॉ. जैगर के अनुसार: “प्रचलित भाषा संबंधी नियमों की व्याख्या ही व्याकरण है।”
  • स्वीट के अनुसार: ” व्याकरण भाषा का व्यवहारिक विश्लेषण अथवा उसका शरीर विज्ञान है।”
  • डॉ. ह्यूम ग्रील्ड के अनुसार: “भाषा के रूप में सार्थक एवं शुद्ध व्यवस्था ही व्याकरण है।”

व्याकरण की भूमिका

  • व्याकरण के नियमों का ज्ञान , छात्रों में” मौलिक” वाक्य संरचना की योग्यता का विकास करता है शुद्ध रूप से लिखिए तथा बोलने के कौशल का विकास करता है ।
  • विद्यार्थियों में भाषा की अशुद्धता  को समझने की शक्ति का विकास करना ।
  • विद्यार्थियों को शुद्ध उच्चारण की शिक्षा प्रदान करना ।
  • व्याकरण से भाषा का शुद्ध प्रयोग सीखना तथा भाषा में दक्षता प्राप्त करना ।
  • विद्यार्थियों को विभिन्न ध्वनि का ज्ञान देना ।
  • छात्रों को वाक्य रचना के नियम एवं विराम चिन्हों का शुद्ध प्रयोग आदि का ज्ञान कराना ।
  • व्याकरण के बिना, स्पष्ट संचार असंभव है ।
  • व्याकरण विधियों को शुद्ध  सूक्ति, लोकोक्ति, मुहावरे आदि का अर्थ निकालने के योग्य बनाता है ।

व्याकरण के द्वारा संप्रेषण तथा लेखन कौशल का विकास


संप्रेषण तथा लेखन कौशल के विकास में  व्याकरण की भूमिका का बहुत ही महत्व है बिना व्याकरण के ज्ञान के संप्रेषण तथा लेखन कौशल का विकास संभव नहीं होता है ।

संप्रेषण कौशल के विकास में व्याकरण की भूमिका

  • यह बालक को में ऐसी क्षमता का विकास करने में सहायक है, जिससे कि वे अपने भावों को शुद्ध रूप से व्यक्त कर सकें।
  • बालकों के अशुद्ध उच्चारण को शुद्ध करने में सहायक।
  • इसके ज्ञान से बालक को में ऐसी क्षमता का विकास होता है, कि बालक प्रश्नों का उत्तर प्रवाह पूर्ण तरीके से दे सकें।
  • यह बच्चों में भाषा संबंधी अभिव्यक्ति का विकास करने में भी सहायक है।
  • व्याकरण शुद्ध एवं सही वाचन का अभ्यास करने में सहायक है।

लेखन कौशल के विकास में व्याकरण का महत्व

  • व्याकरण ज्ञान से छात्र  पढ़ी तथा सुनी हुई बातों को शुद्ध रूप से तथा विराम चिन्हों का सही प्रयोग करते हुए लेखन कौशल का विकास कर सकते हैं।
  • यह छात्रों को लेखन शैली में मुहावरों, लोकोक्तियों का प्रयोग करने का शिक्षण देकर उनके लेखन कौशल में विकास करने में सहायक है।
  • व्याकरण से छात्रों में विभिन्न नए नए शब्दों की समझ विकसित हो जाती है जिसका प्रयोग करके भी अपने लेखन कौशल का विकास कर सकते हैं।
  • यह छात्रों को गद्य पद्य  में अंतर समझा कर उनके लेखन कौशल का विकास करने में सहायक है।
  • व्याकरण छात्रों के लेखन में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, प्रत्यय, उत्तर, तथा तत्सम शब्द, तद्भव शब्द आदि के प्रयोग से उनके लेखन कौशल में विकास करने में सहायक है
The document Revision Notes: अधिगम में व्याकरण की भूमिका | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET is a part of the CTET & State TET Course Hindi Language & Pedagogy.
All you need of CTET & State TET at this link: CTET & State TET
19 videos|31 docs|11 tests

Top Courses for CTET & State TET

19 videos|31 docs|11 tests
Download as PDF
Explore Courses for CTET & State TET exam

Top Courses for CTET & State TET

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Important questions

,

pdf

,

Sample Paper

,

Viva Questions

,

Revision Notes: अधिगम में व्याकरण की भूमिका | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET

,

study material

,

Revision Notes: अधिगम में व्याकरण की भूमिका | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Semester Notes

,

shortcuts and tricks

,

Free

,

MCQs

,

Objective type Questions

,

past year papers

,

Extra Questions

,

mock tests for examination

,

ppt

,

Revision Notes: अधिगम में व्याकरण की भूमिका | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET

,

Exam

,

practice quizzes

,

video lectures

,

Summary

;