CTET & State TET Exam  >  CTET & State TET Notes  >  Hindi Language & Pedagogy  >  Revision Notes: बच्चों में भाषा संबंधित त्रुटियां

Revision Notes: बच्चों में भाषा संबंधित त्रुटियां | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET PDF Download

परिचय


बच्चों में भाषा संबंधी बहुत सी त्रुटियां पाई जाती हैं इन्हीं कारणों से कुछ बच्चे कक्षा में पिछड़ जाते हैं तथा भाषा शिक्षण में कम रूचि लेने लगते हैं बच्चों में भाषा संबंधी प्रमुख त्रुटियां इस प्रकार है। 

  • उच्चारण संबंधी त्रुटियां: सीखने वाली भाषा के शब्दों का उच्चारण मानक भाषा से थोड़ा भिन्न होता है इसीलिए बच्चे शब्द तथा अक्षरों के उच्चारण में त्रुटियां करते हैं । उदाहरण के लिए कुछ छात्र व तथा ब , स  तथा श , ड तथा ढ आधे अक्षरों को सही से उच्चारित नहीं कर पाते हैं।
  • व्याकरण संबंधित त्रुटियां: छात्र अक्सर द्वितीय भाषा सीखते समय व्याकरण संबंधित त्रुटियां करते हैं।  व्याकरण अशुद्धियों में लिंग,, वचन, कारक आदि सम्मिलित होते हैं। व्याकरण त्रुटियों से बचने के लिए व्याकरण नियमों का सही ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक होता है।
  • पाठन संबंधित त्रुटियां: यह कुछ छात्रों में पढ़ने संबंधी कठिनाई तथा त्रुटि आ पाई जाती है, क्योंकि पूर्व माध्यमिक कक्षाओं में उनका यह कौशल पूर्ण रूप से विकसित नहीं किया गया होता है।  जिसके कारण उन्हें पढ़ने में कठिनाई आती है। दुनिया तेज पढ़ना विराम चिन्हों की उपेक्षा, संवादों को भावों अनुसार ना पढ़ पाना, अशुद्ध उच्चारण, सही सुर तथा लय का प्रयोग ना करना  आदि पाठन संबंधित त्रुटियां होती है।
  • लेखन संबंधी त्रुटियां: छात्रों में लेखन संबंधित त्रुटियां पाई जाती है मात्राओं की अशुद्धियां, वर्णों को उचित आकार में ना लिख पाना, उल्टे अक्षर लिखना, शिरोरेखा ना लगाना आदि लेखन संबंधित त्रुटियां कहलाती है
  • शब्दावली संबंधित  त्रुटियां: छात्रों में शब्दावली संबंधित त्रुटियां पाई जाती हैं।

भाषागत त्रुटियों के प्रकार 


भाषागत त्रुटियों को दो श्रेणियों में रखा गया है।

  • व्यवस्थित  त्रुटियां
  • अव्यवस्थित त्रुटियां

1. व्यवस्थित  त्रुटियां 
इसका अभिप्राय भाषा व्यवहार की उन फूलों और अशुद्धियों से है जो किसी व्यक्ति के पारिवारिक और परिवेश गत संस्कारों के चलते उत्पन्न होती है इस प्रकार की अशुद्धियां प्राया स्थाई होती है और इनका उपशमन कठिन होता है इन अशुद्धियों में अनुचित उच्चारण और शब्दों के शुद्ध रूप ओं का प्रयोग साधारण है  आमतौर पर इस प्रकार की अशुद्धियां किसी एक व्यक्ति के भाषा व्यवहार में ही ना होकर उस परिवेश के सभी प्रयोक्ता ओं मैं समान रूप से मौजूद होती हैं । शुद्ध भाषा परिवेश और कक्षा में औपचारिक भाषा शिक्षण इस प्रकार की भाषा त्रुटियों के संशोधन का एकमात्र उपाय है

2. अव्यवस्थित त्रुटियां 
इस प्रकार की त्रुटियां/ अशुद्धियां स्थाई ना होकर तात्कालिक कारणों से होती है  इन के कारणों में शीघ्रता हर बड़ा हट, क्रोध जैसे आवेग के प्रमुख है, इस प्रकार की त्रुटियां कभी भी एक समान नहीं होती है क्योंकि भाषा   प्रयोक्ता सही भाषा की सही रूप से परिचित होता है
इस प्रकार की त्रुटियों से बचने का कोई सुनिश्चित उपाय नहीं है क्योंकि इनके होने की कोई सुनिश्चित परिस्थिति नहीं है।

त्रुटियों के कारण

  • मातृभाषा व्याघात: द्वितीय भाषा सीखने वाले छात्रों पर मातृभाषा का स्पष्ट प्रभाव देखता है,  क्योंकि शिक्षार्थी द्वितीय भाषा की ध्वनियों को अपनी पहली सीखी हुई, भाषा की ध्वनियों के संदर्भ में ग्रहण करता है
  • लक्ष्य भाषा की संरचनात्मक जटिलता: भाषा की संरचना भिन्न होने से द्वितीय भाषा सीखने वाले छात्र भाषा के कुछ स्तरों पर अधिकार प्राप्त नहीं कर पाते, और उन्हें कठिनाई होती है तथा भी त्रुटियां करते हैं
  • अच्छे शिक्षकों का अभाव: अच्छे शिक्षकों के अभाव के कारण छात्र भाषा में उच्चारण गत अशुद्धियां करते हैं क्योंकि यदि शिक्षक स्वयं ही किसी वर्ण यहां शब्द को गलत तरह से उपचारित करेगा तो छात्र भी वैसा ही उच्चारण सीखेंगे
    • उच्चारण का मानक भाषा( मातृभाषा) सेविंग होना
    • छात्रों की मानसिक स्थिति ठीक ना होने के कारण भी कई त्रुटियां हो सकती
    • विज्ञान शब्दावली से अपरिचित या उसका ज्ञान ना होने के कारण भी त्रुटियां होती है

भाषागत त्रुटियों को दूर करने के उपाय

  • बालकों को सही अक्षर बोध कराना।
  • बालकों को विभिन्न अक्षरों की ध्वनियों का बोध कराना।
  • उन्हें संयुक्त अक्षरों(ड , ढ\व ,ब \ स ,श ) आदि से अवगत कराना।
  • लघु तथा दीर्घ ध्वनि का बोध कराने।
  • सही उच्चारण से खाना तथा ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराना।
  • बालक ओं को बलाघात का ज्ञान कराना।
  • छात्रों को लघु और दीर्घ अक्षरों से परिचित करवाना।
  • उच्चारण को सुधारने के लिए पाठ को बोल बोल कर पढ़ने का निर्देश देना चाहिए।
  • एक समान त्रुटियां करने वाले विद्यार्थियों का समूह बनाकर दोष सुधार की व्यवस्था की जानी चाहिए।
  • अच्छे शिक्षकों का चयन करना चाहिए ।
  • बच्चों में भाषा संबंधी विकार(Language disorders in children)

बच्चों में भाषा से संबंधित विकार  के बारे में नीचे विस्तार पूर्वक बताया गया है


1. डिस्लेक्सिया( पढ़ने संबंधी विकार) 
डिस्लेक्सिया शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्द “डस” और ” लेक्सिस”से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है, ” कथन भाषा” यह अधिगम अक्षमता का सबसे सामान्य प्रकार है।  यह भाषा के लिखित रूप, मौखिक रूप एवं भाषायी दक्षता को प्रभावित करता है।
लक्षण-

  • वर्ल्डमाला अधिगम में कठिनाई  होना।
  • अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई हो ना।
  • एकाग्रता में कठिनाई।
  • शब्दों  को उल्टा या अक्षरों का क्रम इधर-उधर कर पढ़ा जाना, जैसे नाम को मान्या शावक को शक पढ़ना।
  • वर्तनी दोष से पीड़ित हो ना।
  • स्मरण शक्ति  का कम होना।
  • समान उच्चारण वाले ध्वनियों को ना पहचान पाना।
  • शब्दकोश का अभाव होना।

उपचार-  डिस्लेक्सिया का उपचार पूर्ण रूप से असंभव है, लेकिन इसको उच्च शिक्षण अधिगम पद्धति के द्वारा निम्नतम स्तर पर लाया जा सकता है।

2. डिस्ग्राफिया (Discography) लेखन संबंधी विकार 
डिस्ग्राफियालेखन क्षमता को प्रभावित करता है।     यह वर्तनी संबंधी कठिनाइयां, खराब हस्त लेखन एवं अपने विचारों को लिपिबद्ध करने में कठिनाई के रूप में जाना जाता है।
लक्षण-

  • लिखते समय स्वयं से बातें करना ।
  • अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर को लिखना।
  • लेखन सामग्री पर कमजोर पकड़, उसे कागज के बहुत पास से पकड़ना।
  • पठनीय होने पर भी कॉपी( देख कर लिखने)  करने में अत्याधिक श्रम का प्रयोग करना।
  • अपठनीय हस्त लेखन ।
  • लाइनों के ऊपर नीचे लिखना तथा शब्दों के बीच अनियमित स्थान छोड़ना।
  • अपूर्ण अक्षर या शब्द लिखना।

उपचार-  इस अधिगम अक्षमता से ग्रसित व्यक्ति को लेखन का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराया जाना चाहिए

3. डिस्कैकुलिया(Disconculiya) गणितीय कौशल संबंधी विकार
इसके अंतर्गत अंकों, संख्याओं के अर्थ समझने की अयोग्यता से लेकर, अंकगणितीय समस्याओं के समाधान में सूत्रों एवं सिद्धांतों के प्रयोग की योग्यता तथा सभी प्रकार के गणितीय अक्षमता शामिल है।
लक्षण-

  • गणितीय चिन्ह को समझने में कठिनाई  होना।
  • वित्तीय योजना  या बजट बनाने में कठिनाई हो ना।
  • समय सारणी बनाने में कठिनाई का अनुभव करना।
  • दिशा ज्ञान का अभाव होना।
  • समय बताने में कठिनाई का अनुभव करना।

उपचार-  उचित शिक्षण अधिगम रण नीति अपना कर इसे कम किया जा सकता है।

4. डिस्फैसिया (Dysphasia) वाक् अक्षमता
डिस्फैसियाठीक है जब बच्चे विचार की अभिव्यक्ति व्याख्या के समय कठिनाई महसूस करते हैं।  इस अक्षमता के लिए मुख्य रूप से मस्तिष्क क्षति को उत्तरदाई माना जाता है।

5. डिस्प्रेक्सिया(Dyspraxia) लेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार
यह मुख्य रूप से चित्रांकन संबंधी अक्षमता की ओर संकेत करता है।  इससे ग्रसित बच्चे लिखने एवं चित्र बनाने में कठिनाई महसूस करते हैं।

The document Revision Notes: बच्चों में भाषा संबंधित त्रुटियां | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET is a part of the CTET & State TET Course Hindi Language & Pedagogy.
All you need of CTET & State TET at this link: CTET & State TET
19 videos|31 docs|11 tests
19 videos|31 docs|11 tests
Download as PDF

Top Courses for CTET & State TET

Related Searches

Revision Notes: बच्चों में भाषा संबंधित त्रुटियां | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET

,

Viva Questions

,

mock tests for examination

,

ppt

,

Sample Paper

,

shortcuts and tricks

,

Extra Questions

,

Revision Notes: बच्चों में भाषा संबंधित त्रुटियां | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET

,

Semester Notes

,

past year papers

,

study material

,

Exam

,

Objective type Questions

,

Summary

,

MCQs

,

pdf

,

Revision Notes: बच्चों में भाषा संबंधित त्रुटियां | Hindi Language & Pedagogy - CTET & State TET

,

practice quizzes

,

video lectures

,

Free

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Important questions

;