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अपठित पद्यांश | Hindi Language for Teaching Exams - DSSSB TGT/PGT/PRT PDF Download

पद्यांश - 1

है जन्म लेते जगह में एक ही
एक ही पौधा उन्हें है पालता
रात में उन पर चमकता चाँद भी
एक ही-सी चाँदनी है डालता
छेद कर काँटा किसी की अंगुलियाँ
फाड़ देता है किसी का वर वसन।
प्यार डूबी तितलियों के पर कतर
भौंर का है बेध देता श्याम तन
फूल लेकर तितलियों को गोद में
भौंर को अपना अनूठा रस पिला
निज सुगन्धों का निराले ढंग से
है सदा देता कली का जी खिला।
है खटकता एक सबकी आँख में
दूसरा है सोहता सुर-सीस पर।
किस तरह कुल की बड़ाई काम दे
जो किसी में हो बड़प्पन की कसर।

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Try yourself:'फूल' किसे कहा गया है?
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Try yourself:'बड़ाई' में प्रयुक्त प्रत्यय है
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Try yourself:पद्यांश में किसे महत्त्व दिया गया है?
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Try yourself:कवि ने 'काँटे' शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है?
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Try yourself:'बड़प्पन' शब्द का आशय है
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पद्यांश - 2

एक दिवस
प्रेम, विज्ञान ने
आपस में बातें की।
ऊँचा कर शीश
और तान निज वक्ष तनिक
विज्ञान बोला यों
सुन रे ओ प्रेम
वायु में उड़ाया
गहरे पानी पठाया
ऊँचे शिखरों पर चढ़ाया
मैंने ही मानव को।
मैंने ही मोड़ डाला
अनगिन सरि-धारों को
मरुथल-पहाड़ों को
मेरा सहारा ले
मानव पदों ने
चप्पा-चप्पा भी रौंद डाला।
सुन रे, ओ प्रेम
मैंने मौसम बदल डाला।
ग्रीष्म में शीत और
शीत में ग्रीष्म कर
पहुँचाया कितना है
सुख मैंने मानव को।

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Try yourself: किसके सहारे मानव ने धरती को रौंद डाला?
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Try yourself:विज्ञान ने मनुष्य को कहाँ पहुँचाया?
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Try yourself:शीश इनमें से किसका पर्यायवाची है?
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Try yourself:विज्ञान के कारण मौसम में क्या बदलाव आया?
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Try yourself:वार्तालाप किन दोनों के बीच हुआ?
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पद्यांश - 3

वह आता
दो टूक कलेजे के करता पछताता
पथ पर आता।
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक
चल रहा लकुटिया टेक मुटी भर दाने को ... भूख मिटाने को
मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
साथ दो बच्चे भी हैं सदा हाथ फैलाए
बाएँ से वे मलते हुए पेट को चलते
और दाहिना दया-दृष्टि पाने की ओर बढ़ाए।
भूख से सूख ओंठ जब जाते
दाता-भाग्य-विधाता से क्या पाते?
घुट आँसुओं के पीकर रह जाते। 

चाट रहे जूठी पत्तल वे सभी सड़क पर खड़े हुए
और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए।

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Try yourself:पद्यांश में किस पर व्यंग्य किया गया है?
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:बच्चे भिखारी के साथ क्यों हैं?
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:'झपट' शब्द का समानार्थी है
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Try yourself:इस पद्यांश का शीर्षक होगा
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Try yourself:भिखारी की इच्छा है
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पद्यांश - 4

हारा हूँ सौ बार
गुनाहों से लड़लड़कर
लेकिन बारम्बार लड़ा हूँ
मैं उठ-उठ कर
इससे मेरा हर गुनाह भी मुझसे हारा
मैंने अपने जीवन को इस तरह उबारा
डूबा हूँ हर रोज
किनारे तक आ-आकर
लेकिन मैं हर रोज उगा हूँ जैसे दिनकर
इससे मेरी असफलता भी मुझसे हारी
मैंने अपनी सुन्दरता इस तरह सँवारी।

Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:'किनारे तक आकर डूबने' का अर्थ है
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:कवि ने अपना जीवन कैसे सँवारा?
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:असफलता में प्रयुक्त उपसर्ग है
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:कवि ने अपनी असफलताओं पर विजय कैसे पाई है?
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself: कवि सूर्य का उदाहरण देकर क्या बताना चाहते हैं?
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पद्यांश - 5

आँसू से भाग्य पसीजा, हे मित्र, कहाँ इस जग में।
नित यहाँ शक्ति के आगे, दीपक जलते मग-मग में।
कुछ तनिक ध्यान से सोचो, धरती किसकी हो पाई?
बोलो युग-युग तक किसने, किसकी विरुदावलि गाई?
मधुमास मधुर रुचिकर है, पर पतझर भी आता है
जग रंगमंच का अभिनय, जो आता सो जाता है।
सचमुच वह ही जीवित है, जिसमें कुछ बल-विक्रम है
पल-पल घुड़दौड़ यहाँ है, बल-पौरुष का संगम है।
दुर्बल को सहज मिटाकर, चुपचाप समय खा जाता
वीरों के ही गीतों को, इतिहास सदा दोहराता।
फिर क्या विषाद, भय, चिन्ता जो होगा सब सह लेंगे
परिवर्तन की लहरों में, जैसे होगा बह लेंगे।

Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:उपरोक्त पद्यांश में लोग किसकी आराधना करते हैं?
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:उपरोक्त कविता क्या प्रेरणा देती है?
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:मधुमास किस ऋतु को कहा जाता है?
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:“आँसू से भाग्य पसीजा, हे मित्र, कहाँ इस जग में।" से क्या आशय
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Question for अपठित पद्यांश
Try yourself:“पल-पल घुड़दौड़ यहाँ है' का आशय है
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FAQs on अपठित पद्यांश - Hindi Language for Teaching Exams - DSSSB TGT/PGT/PRT

1. लेख में किस विषय पर चर्चा की गई है?
Ans. इस लेख में व्यापारिक प्रशिक्षण के महत्व पर चर्चा की गई है।
2. व्यापारिक प्रशिक्षण क्या है और इसका महत्व क्या है?
Ans. व्यापारिक प्रशिक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें व्यापारिक कौशलों का विकास होता है ताकि व्यापार क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सके। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से व्यापारिक कौशलों की प्राप्ति होती है जो कि सफलता के लिए आवश्यक होते हैं।
3. व्यापारिक प्रशिक्षण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं हैं?
Ans. व्यापारिक प्रशिक्षण के लिए कई योजनाएं हैं जैसे कि राष्ट्रीय उद्यमिता विकास योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, कौशल विकास और रोजगार योजना आदि।
4. व्यापारिक प्रशिक्षण के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
Ans. व्यापारिक प्रशिक्षण के लिए योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। यह उन लोगों के लिए भी उपलब्ध है जो व्यापारिक कौशलों का विकास करना चाहते हैं और अपने व्यापार को सफल बनाने की इच्छा रखते हैं।
5. व्यापारिक प्रशिक्षण का समयानुसार कार्यक्रम कितने दिनों का होता है?
Ans. व्यापारिक प्रशिक्षण के कार्यक्रम की अवधि विभिन्न हो सकती है और इसे कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों तक का हो सकता है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रकार और संगठन की नीतियों पर निर्भर करेगा।
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