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Important Questions and Answers: Lata Mangeshkar | Hindi Class 11 - Humanities/Arts PDF Download

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. लता जी के गाने की क्या विशेषता है? 

लता जी के गानों में मिठास, कोमलता एवं निर्मलता देखने को मिलती है | उनके गानों में भक्ति, विरह, देश प्रेम देखने को मिलता है|


प्रश्न 2. स्वर कोकिला कौन है? 

लता जी इतना मीठा गाती है कि भारत में उनको स्वर कोकिला कहकर संबोधित किया जाता है|


प्रश्न 3. वर्तमान समय में किस प्रकार के संगीत को अपनाया जा रहा है? 

आज के समय में हमें अनेकों प्रकार के संगीत को को सुनने का अवसर मिलता है जैसे लोकगीत, शास्त्रीय गीत, प्रांतीय गीत एवं साथ-साथ पश्चिमी संगीत को भी अपनाया जा रहा है|


प्रश्न 4. कुमार गंधर्व को किन सम्मान से अलंकृत किया गया है? 

कुमार गंधर्व को कालिदास और पद्म भूषण सम्मान से अलंकृत किया गया है|


प्रश्न 5. लता जी की लोकप्रियता का मुख्य कारण क्या रहा है? 

लता जी बहुत ही अद्भुत एवं मिठास के साथ दिल की गहराइयों से गाती है उनकी मिठास ही उनकी लोकप्रियता का कारण है|


लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 6. पहले और आज के संगीत में मुख्य अंतर क्या है? 

पहले के संगीत में परंपरागत संस्कृति, मिठास मधुर स्वरों एवं सरलता एवं स्पष्ट का देखने को मिलती हैं आम इंसान भी बड़ी आसानी से संगीत को समझ जाता था लेकिन वर्तमान समय में संगीत में एक नया परिवर्तन देखने को मिलता है वह संगीत ज्यादा शोर शराबा एवं अश्लील शब्दों का प्रयोग करके संगीत को संगीत नहीं रहने देते| 


प्रश्न 7. लता जी के विषय में लेखक  का क्या मानना है? 

लेखक का मानना है कि लता जी के जैसी कोई और गायिका नहीं हो सकती है | उनकी बराबरी किसी के साथ भी करना अनुचित नहीं है | लता जी मिठास से परिपूर्ण है | चित्रपट संगीत लोकप्रियता देने में लता जी ही है ,इसी कारण से आज के समय में बच्चों के गाने का स्वर बिल्कुल बदल गया है| 


प्रश्न 8. कुमार गंधर्व के संगीत की मुख्य विशेषता क्या है? 

भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में कुमार गंधर्व का अहम योगदान है उनके संगीत से मुख्य विशेषता यह है कि उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और मालवालोकधुनों का सुंदर मिश्रण एवं सामंजस्य है  इसका अद्भुत उदाहरण कबीर के पदों द्वारा किया गया है|


प्रश्न 9. गानपन का क्या अर्थ है? 

गानपन का अर्थ है -- गानों में मिठास और मौज मस्ती होना |
जिस प्रकार इंसान को इंसान बनने के लिए मानवता नामक गुणों का होना जरूरी है जैसे कि भाईचारा, एक दूसरे की मदद करना आपसी समझ , प्रेम पूर्ण व्यवहार, धैर्य, विश्वास, समझदारी जैसे गुणों का होना आवश्यक है ठीक उसी प्रकार गीतों में या गानों में भी मिठास  यानी गानपन होना आवश्यक है मिठास  पूर्ण गानों को ही हम संगीत कह सकते हैं या संगीत का नाम दिया जा सकता है |


प्रश्न 10. संगीत में गानपन लाने के लिए क्या आवश्यक है ?

संगीत में  गानपन के लिए आवश्यक है गाते  समय शब्दों का उचित उच्चारण | गायक की आवाज में स्पष्टता मिठास एवं सफलता होनी जरूरी है इसके तरीके संगीत में रस के अनुसार ले एवं ताल का होना भी उतना ही आवश्यक है | संगीत के सात स्वरों का उच्चारण एवं सही उच्चारण कर ना सबसे आवश्यक है संगीत में गानपन लाने के लिए  इसके लिए प्रतिदिन रियाज जरूरी है | 


लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 11. किसी संगीत को किस प्रकार गाया जाना चाहिए?  क्यों 

किसी भी संगीत को गाते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि वह संगीत आम इंसान तक पहुंच सके यानी शब्दों का उच्चारण शुद्धता पूर्वक इतना सरल एवं स्पष्ट हो कि वह आसानी से समझा जा सके | संगीत में मिठास, यबद्ध, होनी चाहिए, अत: स्वरों का उच्चारण जितना शुद्ध एवं सरल स्पष्ट होगा श्रोता उसकी तरफ उतना ही आकर्षित होगा और गायक और संगीत दोनों की महत्ता  एवं लोकप्रियता बढ़ेगी | वर्तमान समय की संगीत में जो परिवर्तन आ रहा है संगीत क्षेत्र में एक नया दौर तो लाया है लेकिन अपनी संस्कृति से पीछे छूटता जा रहा है | 


प्रश्न 12. लता जी के विषय में लेखक पास क्या मानना है? 

लेखक का यह मानना है कि लता जी जैसी गाय का ना तो कोई है और ना कोई होगी उनकी बराबरी किसी से भी करना उचित नहीं है क्योंकि  उन्होंने चित्रपट संगीत को लोकप्रिय बनाया | चित्रपट संगीत एक ऐसा संगीत है जिसे आम लोग सुन एवं समझ और गाते हैं  जिसका श्रेष्ठता लता जी को ही जाता है संगीत के क्षेत्र में उन्होंने अपनी आवाज को इस तरह से संगीत में लिप्त किया है कि हर एक इंसान उनकी आवाज की मिठास की तरफ आकर्षित होता है | नई पीढ़ी का संगीत की तरफ आकर्षित होने का श्रेय लेकर स्नेह लता जी को दिया है | 


प्रश्न 13. लता जी ने किस तरह के गीत गाए हैं ? 

लता जी ने चित्रपट संगीत के गाने गाए हैं| । उन्होंने अनेक लता जी ने पंजाबी लोकगीत, रूक्ष और निर्जल राजस्थान में बादल की याद दिलाने वाले गीत, पहाड़ों की घाटियों में प्रतिध्वनित होने वाले पहाड़ी गीत गाए हैं | चित्रपट संगीत में  उन्होंने करूण एवं श्रृंगार के गाने गाए हैं, इसके बाद उन्होंने मुक्त श्रृंगार की अभिव्यक्ति करने वाले गाने बड़ी उत्कटता से गाए हैं | 


प्रश्न 14. लेखक के अनुसार नूरजहां और लता जी के गानों में क्या बताया ? 

नूरजहां अपने समय की प्रसिद्ध चित्रपट संगीत की गायिका  तथा लता जी भारत की स्वर कोकिला है | लेखक  के अनुसार नूरजहां के गानों में मादकता होने के साथ साथ मादक उच्चार  भी दिखाई देता है वहीं दूसरी और लता जी के गानों में नादभम उपचार होने के साथ-साथ स्वरों में कोमलता और मुक्तता भी है अपने इन्ही विशेषताओं  के कारण लता जी गायन के क्षेत्र में  सर्वश्रेष्ठ रही | 


प्रश्न 15. हर दिन संगीत में नयापन आता रहा है ऐसा क्यों कहा गया ? 

आज के समय में लोकगीतों और पश्चिमी गीतों को मिलाकर नए-नए ग्रामीण गीतों से विभिन्न प्रकार के संगीत बनाए जा रहे हैं हर रोज हर समय कुछ नया कुछ अनोखा ही सुनने को मिलता है नई धुन नए स्वर संगीत का रूप ले रहे हैं यह परिवर्तन आना संगीत में एक नयापन नजर आ रहा है यह नयापन का श्रेय हम नई पीढ़ी को भी दे सकते हैं क्योंकि उनका सुन ना समझना एवं गाना एक नए पन की तरफ इशारा करता है | 


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 16. लेखक के अनुसार लता जी की गायकी मैं कौन सी विशेषताएँ है? 

(i) लता जी इतना मीठा गाती है कि भारत में उन्हें स्वर कोकिला कह कर सम्मानित किया है|
(ii) लता जी शास्त्री संगीत में पारंगत है|
(iii) लता जी के संगीत में मधुरता है जो सभी को अपनी तरफ आकर्षित करके देती है
(iv) लता जी के स्वरों में स्पष्ट एवं शुद्ध उच्चारण की विशेषता महत्वपूर्ण है |
लेखक का यह मानना है कि लता जी जैसी गाय का ना तो कोई है और ना कोई होगी उनकी बराबरी किसी से भी करना उचित नहीं है क्योंकि  उन्होंने चित्रपट संगीत को लोकप्रिय बनाया | चित्रपट संगीत एक ऐसा संगीत है जिसे आम लोग सुन एवं समझ और गाते हैं  जिसका श्रेष्ठता लता जी को ही जाता है संगीत के क्षेत्र में उन्होंने अपनी आवाज को इस तरह से संगीत में लिप्त किया है कि हर एक इंसान उनकी आवाज की मिठास की तरफ आकर्षित होता है | नई पीढ़ी का संगीत की तरफ आकर्षित होने का श्रेय लेकर स्नेह लता जी को दिया है | 


प्रश्न 17. चित्रपट संगीत के संदर्भ में लेखक की क्या राय है ? 

वर्तमान समय में लोगों  को संगीत से काफी लगाव एवं शांति मिलती है इसके अतिरिक्त सामान्य वर्ग भी आज संगीत को सूक्ष्मता से परखने उन समझने में सक्षम है लोग अक्सर यह कहते हैं कि चित्रपट संगीत ने लोगों के कान खराब कर दिए हैं परंतु गंधर्व ने इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं है इनकी नजर में संगीत के क्षेत्र में चित्रपट संगीत आज आने के बाद काफी सुधार हुआ है इस जीत के संदर्भ में उनकी राय कुछ अलग ही है उन्हें लगा है कि चित्रपट संगीत से संगीत के क्षेत्र में चोर और अश्लीलता को बढ़ावा हुआ है | 


प्रश्न 18. कुमार गंधर्व के अनुसार शास्त्रीय संगीत एवं चित्रपट संगीत के महत्व का आधार क्या होना चाहिए ? 

कुमार गंधर्व के अनुसार संगीत चाय शास्त्रीय हो या चित्रपट संगीत का महत्व अधिक है जो श्रद्धा और संगीत प्रेमियों को अधिक आकर्षित एवं आनंदित करता है इन दोनों ही प्रकार के संगीत का मूल आधार करण प्रिया होना चाहिए जैसे शास्त्रीय संगीत मेरी रंजकता अभव होता है तो वह श्रोताओं के लिए बिल्कुल नीरज और प्रिया हो जाएगा इसलिए किसी भी संगीत को प्रिय बनाने के लिए उसमें गानपन का होना बहुत ही आवश्यक है संगीत की सारी मिठास उसके गानपन पर ही निर्भर करती है | 


प्रश्न 19. संगीत का क्षेत्र ही  विस्तीर्ण है इस संबंध में आपकी क्या राय है? 

संगीत का क्षेत्र बड़ा ही विस्तृत है इसमें हर समय  हर दिन हर रोज कुछ नया करने की होड़ लगी रहती है संगीत में कई प्रकार के धुन, राग , ताल और स्वर आज भी अछूते हैं जिस पर कई सुधार और नए प्रयोग निरंतर हो रहे हैं | आज भी शास्त्रीय संगीत ,प्रांतीय गीत, लोकगीत और पश्चिमी गीतो को संगीत के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है कल आप कोई भी हो चाहे वह संगीत हो नृत्य हो या अन्य कोई उसमें तभी आगे बढ़ा जा सकता है जब जब तक हम उसे अपने अंदर रहना कर ले और यह तभी संभव है जब हम हर रोज एक लक्ष्य मानकर उस कला के लिए मेहनत करें| 


प्रश्न 20. लता जी के संगीत  मैं शास्त्रीय शुद्धता किस प्रकार सिद्ध होती है?  

लता जी की आवाज और शब्दावली के संगम के साथ लता जी के संगीत ने हमें रंजकता जैसे विशेषता दिखती है|  उन्होंने भक्ति, देश भक्ति, प्रेम और आराधना आती जैसे विभिन्न प्रकार के संगीत गाए हैं उनके द्वारा गाया गया संगीत श्रोताओं के मन को उनकी गहराई को छू जाता है| गंभीर य हास्य प्रकार के संगीत का गना तो बहुत आसान है परंतु देश भक्ति संगीत गाना मुश्किल है लता जी का देश भक्ति संगीत (ए मेरे वतन के लोगों) ने पूरे भारत वासियो को हमेशा रुला देता है इससे यह सिद्ध होता है कि लता जी की शास्त्रीय संगीत में पारंगत है और उनके संगीत में  शास्त्रीय शुद्धता देखने को मिलती है | लता जी की आवाज में जो मिठास है उन्हें के कारण भारत में उन्हें स्वर कोकिला कहा जाता है |

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FAQs on Important Questions and Answers: Lata Mangeshkar - Hindi Class 11 - Humanities/Arts

1. Who is Lata Mangeshkar?
Ans. Lata Mangeshkar is a renowned Indian playback singer and one of the most respected and celebrated singers in the history of Indian cinema. She has recorded songs in various Indian languages and has been active in the industry for several decades.
2. What are some of Lata Mangeshkar's notable contributions to the music industry?
Ans. Lata Mangeshkar's contributions to the music industry are immense. She has sung thousands of songs in various genres like film music, bhajans, ghazals, and classical music. Her soul-stirring voice and versatility have made her one of the most iconic figures in Indian music.
3. How has Lata Mangeshkar influenced the Indian music industry?
Ans. Lata Mangeshkar has had a profound impact on the Indian music industry. Her melodious voice, impeccable singing skills, and emotional depth have set new standards for playback singing. She has inspired countless aspiring singers and continues to be a source of inspiration for generations to come.
4. What is Lata Mangeshkar's legacy in the field of music?
Ans. Lata Mangeshkar's legacy in the field of music is unparalleled. She has received numerous awards and accolades for her contributions, including the Bharat Ratna, India's highest civilian award. Her songs continue to be cherished and loved by millions of people worldwide, making her an iconic figure in Indian music history.
5. How has Lata Mangeshkar contributed to the promotion of Indian culture and heritage?
Ans. Lata Mangeshkar's contribution to the promotion of Indian culture and heritage is significant. Through her renditions of classical music, bhajans, and regional songs, she has played a crucial role in preserving and popularizing traditional Indian music forms. Her songs have become a part of the cultural fabric of the country and have helped in showcasing the richness of Indian music to the world.
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