प्रश्न 1. फिल्म के शीर्षक पाथेर पांचाली का क्या अर्थ है?
पाथेर पांचाली का अर्थ है पथ का गीत ।
प्रश्न 2. वर्षा के तीन पर्यायवाची लिखिए
मेह, बारिश, बरसात ।
प्रश्न 3. शूटिंग के लिए सत्यजीत ने बोडाल गाँव को क्यों चुना ?
बोडाल गांव बहुत ही सुंदर एवं हरियाली पूर्ण था । वहां सत्यजीत को अप्पू एवं दुर्गा का घर, अप्पू का स्कूल, गांव के मैदान ,खेत आम के पेड़ पास के झुरमुट सभी चीजें देखने को मिली इसीलिए शूटिंग के लिए उन्होंने बोडाल गांव को ही चुना ।
प्रश्न 4. कमरे में सांप देखने पर उन्होंने क्यों नहीं मारा?
कमरे में सांप देखने पर उन्होंने उस को नहीं मारा क्योंकि गाँव वालो ने सत्यजीत को सांप मारने से मना किया था। गाँव वालो का मानना था के वह सांप वहां बहुत दिनों से रह रहा है इसलिए वो उसे न मारे।
प्रश्न 5. फिल्म की शूटिंग कितने दिनों में हुई थी?
फिल्म की शूटिंग को पूरा ढाई साल का समय लगा था ।
प्रश्न 6. पाथेर पांचाली में इंदिरा ठकुरानी की भूमिका किसने निभाई थी तथा उन्होंने कितने समय तक काम किया था ?
चुन्नी बाला देवी ने पाथेर पांचाली फिल्म में इंदिरा ठकुरानी की भूमिका निभाई थी। उन्होंने पूरे ढाई साल तक फिल्म में काम किया था ।
प्रश्न 7. भूलो कुत्ते का भात खाने वाले दृश्य को पूरा करने में कितना समय लगा और क्यों ?
भूलो कुत्ते का भात खाने वाले दृश्य को पूरा करने में 6 महीने का समय लगा क्योंकि जिस दिन इस दृश्य को चित्रित करना था उसी दिन सूरज की रोशनी खत्म हो गई थी ।
प्रश्न 8. फिल्म में श्रीनिवास की भूमिका के लिए दूसरे व्यक्ति की जरूरत क्यों पड़ी और उस व्यक्ति में क्या कमी थी ?
जिस समय फिल्म में श्रीनिवास की भूमिका की शूटिंग चल रही थी। उसी समय उनकी मृत्यु हो गई थी और श्रीनिवास के किरदार की शूटिंग के लिए दूसरे व्यक्ति की जरूरत पड़ी लेकिन दूसरे व्यक्ति में यह कमी थी कि उसका चेहरा पहले श्रीनिवास के जैसा नहीं मिलता था।
प्रश्न 9. अप्पू के पात्र के लिए जब सत्यजीत जब लड़का खोज रहे थे तब कौन सी घटना हुई थी?
सत्यजीत जब अप्पू के पात्र के लिए बच्चों का इंटरव्यू ले रहा था तब उसी समय एक व्यक्ति अपनी बेटी के बाल कटवा कर उसे इंटरव्यू के लिए ले आया लेकिन सत्यजीत ने उसकी गर्दन पर लगे पाउडर से यह बात समझ ली थी वह बाल कटवा कर यहाँ आया है ।
प्रश्न 10. कुत्ते को बच्चों के पीछे भागने के लिए सत्यजीत से ने क्या योजना बनाई?
सत्यजीत ने बच्चों के पीछे कुत्ते को भगाने के लिए दुर्गा को अपने हाथ में मिठाई ले कर भागने को कहा ताकि कुत्ते खाने की चीज यानी मिठाई को देखकर उनके पीछे पीछे दौड़े और यही हुआ ।
प्रश्न 11. फिल्म के उन तीन दृश्यों को पता लगाइए जिनमें निर्देशक की समझदारी का पता चलता है?
यह बात बिल्कुल उचित है कि फिल्म का निर्देशक बहुत ही समझदार एवं बुद्धिमान था जैसे कि पहली बात देखे तो फिल्म में जब श्रीनिवास का किरदार निभा रहे व्यक्ति की अकस्मात मृत्यु हो जाती है तब उसी के जैसे दिखने वाला व्यक्ति के साथ उसकी पीठ दिखाकर दृश्य को पूरा किया जाता है।
दूसरा जब अप्पू के पात्र के लिए इंटरव्यू लिया जा रहा था तो उनमें एक बच्चे की गर्दन पर लगे पाउडर से यह पता लगाना कि वह लड़का है या लड़की तीसरा हम यह कह सकते हैं कि भूलो कुत्ते की मृत्यु के बाद दूसरे कुत्ते के साथ दृश्य को करना ।
इन तीनो दृश्यों से हमें ये पता लगता है की फिल्म के निर्देशक कितने समझदार थे।
प्रश्न 12. फिल्म बनाते समय फिल्म के सदस्यों को कौन-कौन से प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा?
फिल्म के सदस्यों को फिल्म बनाते समय निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ा :
एक फिल्म बनाते समय अत्यधिक पैसों की जरूरत पड़ती है लेकिन फिल्म के दौरान पैसों की कमी हुई एवं फिल्म के पात्रों का चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण एवं कठिनाई पूर्ण कार्य है जो कि सही पात्र भी फिल्म को सफल बना सकता है, बदलते मौसम ,पर्यावरण समस्याएं ,बाहर के क्षेत्रों में वह जगह ढूंढना जहां फिल्म की शूटिंग हो सके एवं शूटिंग के दौरान सारी चीजों की व्यवस्थाओं को देखना यह सब समस्याएं आ सकती हैं ।
प्रश्न 13. काश के फूल वाले दृश्य को एक साल बाद क्यों फिल्माया गया ?
काश के फूल वाले दृश्य को एक साल बाद फिल्माया गया क्योंकि पहली बार में पूरा दृश्य एक साथ शूट नहीं किया जा सका और अगले शूटिंग को एक हफ्ते के बाद शूट किया गया उस एक हफ्ते में पशु पक्षियों ने काश के सारे फूल खा लिए जिसके कारण इस दृश्य को एक साल बाद फिल्माया गया ।
प्रश्न 14 .कुत्ते वाला दृश्य क्या था तथा कैसे फिल्माया गया था?
फिल्म में कुत्ते वाला दृश्य ऐसा था कि अप्पू की माँ अप्पू को चावल खिला रही है जबकि अप्पू तीर से खेलने के लिए भाग रहा है । माँ उसके पीछे दौड़ती है, भूलो कुत्ता वहां खड़ा है और सब कुछ देख रहा है उसका ध्यान चावल की थाली की ओर जाता है। इतना दृश्य पहले कुत्ते पर फिल्माया गया था । इसके बाद भी दृश्य में अप्पू की माँ बचे हुए चावल गमले में डाल देती है और भूलो वह भात खा जाता है यह दृश्य दूसरे कुत्ते के साथ फिल्माया गया क्योंकि पहले कुत्ते की मृत्यु हो जाती है ।
प्रश्न 15. अप्पू नाम के लड़के के चयन के लिए सत्यजीत ने क्या किया था ?
अप्पू नाम के लड़के के पात्र के लिए 6 साल के लड़के की आवश्यकता थी। उस पात्र के लिए बच्चे की चयन के लिए सत्यजीत ने अखबार में विज्ञापन दिया एवं रासबिहारी में एक कमरा लेकर बच्चों का इंटरव्यू लिया। परंतु कोई भी उनके हिसाब से अप्पू के पात्र के लिए लड़का नहीं मिला । एक दिन उनके पत्नी के कहने पर सामने वाले घर के लड़के सुबीर बनर्जी को पप्पू के पात्र के लिए इंटरव्यू लिया और पहली बार में ही उसे पसंद कर लिया ।
प्रश्न 16. पाथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग में कितना समय लगा था तथा ज्यादा समय लगने के क्या कारण थे ?
पाथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग में पूरा ढाई साल का समय लगा था क्योंकि शूटिंग के दौरान अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा जैसे समय की कमी, पैसों का अभाव ,कलाकारों का चयन एवं टेक्नोलॉजी की कमी। लेखक फिल्म की शूटिंग के पहले पैसे इकट्ठा करते उसके बाद शूटिंग करते थे जब पैसे खत्म हो जाते थे तो वापिस से फिल्म की शूटिंग रोक देते थे उसके बाद जो पैसे इकट्ठा होते तो फिर शूटिंग शुरू करते थे । फिल्म के लेखक विज्ञापन कंपनी में भी काम करते थे और वह अपना कार्य समाप्त होने के बाद भी शूटिंग कर पाते थे । कभी-कभी ऐसा होता था कि शूटिंग करनी होती थी लेकिन सलाहकारों के पास समय नहीं होता था। फिल्म से जुड़े सभी लोगों का एक सामान्य से बनकर शूटिंग करने में समय लगता था और कभी-कभी ऐसे दृश्यों के लिए भी समय लगता था जिसमें सुबह की आवश्यकता हो या रात की आवश्यकता हो ।
प्रश्न 17. दृश्य की निरंतरता फिल्म के लिए कितनी आवश्यक है इस फिल्म के दृश्य में निरंतरता बनाए रखने के लिए क्या किया गया था?
फिल्म में दृश्य के निरंतरता फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। किसी फिल्म से दर्शक तभी प्रभावित होते हैं जब उसके दृश्य में निरंतरता होती है ,पाथेर पांचाली में दर्शक निरंतरता पर बहुत ही ज्यादा ध्यान दिया गया था। एक बार निर्देशक को काश के फूलों का दृश्य फिल्म आना था। पहली बार में पूरा दृश्य एक साथ शुट नहीं किया जा सका क्योंकि शूटिंग के दौरान एक हफ्ते का गैप आ गया और 1 हफ्ते में जानवरों ने काश के फूल खा लिए इसी वजह से लेखक को इस दृश्य का शूटिंग मिलाने के लिए कई महीनों का इंतजार करना पड़ा ।
प्रश्न 18. भूलो नामक कुत्ते के साथ शूटिंग में क्या परेशानी हुई थी?
इस दृश्य की शूटिंग के दौरान कुत्ते को चावल खाते दिखाए जाना था परंतु उस दिन सूर्य के कारण दृश्य पूरा नहीं किया जा सका और पैसे की कमी के कारण दृश्य 6 महीने तक नहीं फिल्माया जा सका। 6 महीने बाद जब वापस से इस दृश्य को शूट किया जाना था तो पता चला के कुत्ता मर चुका था। बहुत ही मुश्किलों के साथ नए कुत्ते को ढूंढा एवं दृश्य को दोबारा फिल्माया गया और यह दृश्य इतना सही शूट हुआ कि कुत्तों के बदलाव का किसी को पता भी नहीं चला ।
प्रश्न 19. निर्देशक की कुशलता के कारण एक ही पात्र के लिए दो व्यक्ति का प्रयोग किया और दर्शक दृश्य में अंतर समझ नहीं पाए ?
इन पंक्तियों का आशय है कि फिल्म में श्रीनिवास नामक एक व्यक्ति की भूमिका निभा रहा था लेकिन कुछ समय के लिए शूटिंग रोक दी गई और दोबारा जब शूटिंग शुरू हुई तो उनकी मृत्यु हो जाती है। निर्देशक ने बड़ी कुशलता एवं समझदारी के साथ उस दृश्य के बाकी दृश्य को दूसरे व्यक्ति के साथ फिल्माया जो पहले व्यक्ति के जैसा था । उस व्यक्ति में बदलवा था परन्तु निर्देशक ने उसको इतनी बखूबी शूट किया की कोई भी नहीं समझ पाया कि यह दो अलग-अलग कलाकार थे । ऐसा ही कुत्ते की मृत्यु के दौरान हुआ था ,उसमें भी कोई भी दोनों कुत्तों में अंतर नहीं बता पाया था। यही एक निर्देशक की कुशलता है ।
प्रश्न 20. बारिश के दृश्य को फिल्माने के लिए निदेशक ने किस प्रकार संघर्ष किया?
बारिश का दृश्य फिल्माने के लिए निर्देशक एवं कलाकार ने बहुत ही मेहनत एवं संघर्ष किया। बारिश के मौसम में पैसों की कमी के कारण शूटिंग नहीं हो पाई। पैसे आते आते अक्टूबर का महीना आ गया और इस समय बारिश बहुत ही कम होती थी लेकिन फिर भी सत्यजीत ने अप्पू और दुर्गा की भूमिका करने वाले बच्चे एवं कैमरा और तकनीशियन सब प्रतिदिन गांव में जाकर बैठे रहते और बारिश आने का इंतजार करते रहते एक दिन बहुत ही तेज बारिश शुरू हुई और दृश्य को फिल्माया गया यह दृश्य बहुत ही सुंदर एवं अद्भुत चित्रित हुआ।
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