Humanities/Arts Exam  >  Humanities/Arts Notes  >  Hindi Class 12  >  Important Questions & Answers: जूझ

Important Questions & Answers: जूझ | Hindi Class 12 - Humanities/Arts PDF Download

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. लेखक का मन कहाँ जाने को तड़पता था?

लेखक का मन पाठशाला जाने को तड़पता था।


प्रश्न 2. मास्टर लेखक को क्या कहकर पुकारते थे?

मास्टर लेखक को ‘आनंदा’ कहकर पुकारते थे।


प्रश्न 3. नायास तथा बालिस्टर का शब्दार्थ लिखिए।

  • नायास - अनुत्तीर्ण 
  • बालिस्टर - बैरिस्टर, वकील


प्रश्न 4. गाँव में सबसे पहले किसका कोल्हु शुरू हुआ था।

गाँव में सबसे पहले लेखक के पिता का कोल्हु शुरू हुआ था।


प्रश्न 5. लेखक के कक्षा में मराठी कौन पढ़ाता था?

लेखक की कक्षा में मराठी न. व. सौंदगेलकर मास्टर पढ़ाता था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 6. किस के डर से पाठशाला के बच्चे घर से पढ़ कर आने लगे और क्यों?

मंत्री मास्टर के भय से बच्चे पाठशाला घर से पढ़ कर आया लगे। क्योंकि कोई लड़का जब शैतानी करता था तब मास्टर जी उसको दंडित करते थे।


प्रश्न 7. लेखक को ऐसा क्यों लगता था कि उसे कक्षा में मोनिट्री मिलनी चाहिए, वसंत पाटिल को नहीं?

वसंत पाटिल नामक लड़के को कक्षा के मॉनिटर का पद दिया गया था। वह लेखक से छोटा था, और लेखक उससे पहले कक्षा पांचवी में शामिल हुआ था। इसी कारण से लेखक को लगता था कि उसे कक्षा का मॉनिटर बनाया जाना चाहिए था।


प्रश्न 8. किसके कहने पर लेखक के पिता ने लेखक को पाठशाला पढ़ने भेजा?

दत्ता जी राव सरकार की सलाह पर लेखक के पिता ने लेखक को पाठशाला पढ़ने भेजा।


प्रश्न 9. कक्षा में किसके साथ लेखक की अच्छी मित्रता हो गई?

वसंत पाटिल नाम के लड़के से लेखक्त की कक्षा में अच्छी मित्रता हो गई। दोनों एकसाथ पढ़ते थे और दोनों गणित में अच्छे हो गए थे।


प्रश्न 10. कविताएँ लिखने के बाद लेखक किसे अपनी कविता सुनाते थे?

कविताओं को लिखने के बाद लेखक न. व. सौंदलेकर मास्टर को खुद की रची हुई कविताएँ सुनाते थे।


प्रश्न 11. लेखक को कविता लिखने के लिए किसने प्रेरित किया तथा लेखक ने कविता लिखना कैसे सिखा?

लेखक को सौंदगेलकर मास्टर जी ने कविता लिखने के लिए प्रेरणा प्रदान की। उनके संपर्क में आकर पहले लेखक ने कविता का उच्चारण सिखा फिर धीरे धीरे कविता को अलग स्वरूप में गाना भी शुरू किया। पहले वह कविता लिखने की कोशिश में तुकबंदी करते थे और परिणामस्वरूप कुछ वक्त के बाद वह खुद अच्छे कवि बन गए।


प्रश्न 12. कविताएँ गाना शुरू करने पर लेखक को अब कौन सी बात अब नहीं खटकती थी?

खेती का काम करते हुए लेखक को अधिकतर अकेलापन खटकता था। परंतु जब लेखक ने कविताएँ गाने शुरु किए खेती का कार्य करते वक्त तब उन्हें अकेलापन नहीं खटकता था।


प्रश्न 13. लेखक के मन में क्या विचार चल रहा था?

'जन्मभर खेत में कार्य करने के बावजूद भी उसके हाथ कुछ नहीं लगेगा। जो बाबा के वक्त में था, वह दादा के वक्त में नहीं रहा होगा। यह खेती हमें खाई में ढकेल रही है। पढ़ जाऊँगा तो अच्छी नौकरी मिल जाएगी, चार पैसे हाथ में रहेंगे, विठोबा अन्ना की तरह कोई धंधा कारोबार कर सकूँगा। ‘लेखक के मन में उपरोक्त विचार चल रहे थे।


प्रश्न 14. लेखक के दादा सबसे पहले कोलहू क्यों शुरू किया करते थे?

लेखक के दादा का मानना था कि जल्दी कोल्हू शुरू करने से गुड़ कि अच्छी कीमत मिलती है। जब सभी तरफ गुड़ बनने लगता था, तो गुड़ के दामों में गिरावट आ जाती थी। इसी कारण से लेखक के दादा सबसे पहले कोल्हू शुरू किया करते थे।


प्रश्न 15.  लेखक कहाँ-कहाँ कविताएँ लिखते थे?

लेखक अपनी कविता लिखने के लिए अपने खिसा में कागज़ व पेंसिल रखने लगे। जब कभी कागज़ नहीं होते थे उस वक्त वह भैंस कि पीठ पर लकड़ी से रेखा खींचकर लिखते थे अथवा पत्थर कि शिला पर कंकड़ से उकेर देते थे और जब याद हो जाता था तो मिटा दिया करते थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 16.  श्री सौंदगेलकर जी के अध्यापन की खूबियों को लिखें, जिसने लेखक के मन में कविता के प्रति रुचि जगाई?

श्री सौंदगेलकर जी के अध्यापन कि खूबियां निम्नलिखित हैं:-

  • वह विषय को अत्यधिक रुचिकर तरह से पढ़ाते थे।
  • उनके प्रभावशाली तरह का कविता पाठन, लेखक को प्रोत्साहित और प्रभावित करता था।
  • उनकी मधुर आवाज उनके कविता पाठन में एक अलग ही तरंग जगा देती थी।
  • वे छात्रों को उनकी पसंदीदा कविताएँ ही याद करवाते थे।
  • उनकी स्वयं द्वारा रचित कविताएँ भी बहुत आकर्षक थी।
  • उनकी यह सभी खूबियाँ उन्हें एक अच्छे अध्यापक के रूप में दर्शाती हैं। एकता और क्षमता पर आधारित हो।


प्रश्न 17.  श्री सौंदगेलकर जी के सानिध्य में आकर लेखक के जीवन में क्या परिवर्तन आए?

श्री सौंदगेलकर जी के सानिध्य मैं आकर लेखक को कविताओं में रुचि आने लगी। यह रूचि मंद गति से लगाव में परिवर्तित हो गई। जिस अकेलेपन के कारण लेखक पहले चिंतित रहते थे, अब उन्हें वह अच्छा लगने लगा। अब वह अकेलेपन में कविताएँ पढ़ने लगे क्योंकि इससे उनका मन भी लगा रहता था और वक्त भी गुजर जाता था। कभी वे अभिनय भी करते थे। इस प्रकार वे आजादी की अनुभूति करते थे। इस कार्य से मिलने वाली सफलता से भी वे बहुत प्रसन्न रहते थे। पहले उन्हें यही अकेलापन बहुत खलता था, परंतु अब उन्हें कविताओं के प्रेम ने पूर्ण रूप से बदल कर रख दिया।


प्रश्न 18. लेखक कि चारित्रिक विशेषता बताइए।

इस कहानी को पढ़ने के बाद, कहानी ‘जूझ’ के लेखक के बारे में यह कहा जा सकता है कि उसका चरित्र एक साहसी व्यक्ति का है। उसका जन्म एक गाँव के किसान परिवार में हुआ था। उसकी सोच व मान्यता अच्छी प्रकार पढ़ाई-लिखाई करने की है। मगर उनके पिता शिक्षा के महत्व को नहीं समझते। उनके पिता को लगता है कि केवल खेती के कार्य से ही हमें रोजी-रोटी मिलेगी। अंतः लेखक का सर्वप्रथम अपने पिता से थोड़ा संघर्ष होता है और वह स्वयं के लिए शिक्षा के द्वार खोलता है। द्वार खुलते ही वह उसका पूर्ण रूप से लाभ उठाता है। उसके संघर्ष और एकाग्रता के कारण ही उसे शीघ्र ही लाभ की प्राप्ति होती है। वह अपने चरित्र की खूबसूरती के कारण ही अपने पारिवारिक, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर स्वयं के लिए लड़ता है और सफल हो कर दिखाता है।


प्रश्न 19. पढ़ाई लिखाई के संबंध में लेखक, लेखक के पिता और दत्ता राव जी में से किस के विचार उचित थे? टिप्पणी करें।

पाठ के अनुसार देखें तो, लेखक और दत्ता राव जी के विचार पढ़ाई लिखाई के संबंध में उचित थे। उनका यह कहना था कि पढ़ाई लिखाई जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण है। पढ़ाई लिखाई से मनुष्य को रोज़ी-रोटी कमाने की साधन तो उपलब्ध होते ही हैं साथ ही साथ एक बेहतर ज़िंदगी का रास्ता भी खुल जाता है। मानव की सोचने की शक्ति को बढ़ाने में पढ़ाई लिखाई बहुत ही महत्व रखती है। परंतु लेखक के पिता का रवैया बहुत ही अलग था क्योंकि उनका मानना था की खेती से ही रोजी रोटी का अच्छे से निर्वाह होता है। परंतु लेखक पढ़ाई लिखाई कर एक अच्छी जगह नौकरी करना चाहता था। उनके पिता ने हमेशा से गाँव में ही निवास किया है इसी कारणवश उनकी सोच अधिक विकसित नहीं हो पाई। शिक्षा का महत्व सर्वत्र है, और बिना इसके सही और गलत का भेद कर पाना बहुत मुश्किल है अथवा नामुमकिन है। यह बात लेखक और दत्ता राव भी मानते थे, अंतः हम यह मान सकते हैं की पढ़ाई लिखाई के प्रति लेखक और दत्ता राव जी का रवैया बिल्कुल सही था।


प्रश्न 20. लेखक को कब ज्ञान हुआ कि वह कविता लिख सकता है?

लेखक ने देखा कि मास्टर सौंदगेलकर ने अपने घर के बाहर लगी बेलों पर कविता लिखी थी। उस वक्त लेखक को यह ज्ञात हुआ कि वह भी अपने आसपास की वस्तुओं पर कविता लिख सकता है। सौंदगेलकर ने लेखक को कविता लिखने के लिए प्रेरणा दी। सौंदगेलकर उसकी पाठशाला के मराठी भाषा के अध्यापक थे और खुद एक अच्छे कवि थे और अच्छे चरित्र के व्यक्ति थे। उनके करीब आकर लेखक ने सर्वप्रथम कविता का उच्चारण करना सीखा और बाद में उसे अलग-अलग तरीके से गाना भी शुरू किया। पहले वह कविता लिखने के लिए तुकबंदी करते थे और परिणामस्वरूप स्वयं एक अच्छे कवि बन गए। सौंदगेलकर ने उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए बहुत मेहनत की। उन्होंने लेखक को बहुत से कवियों के बारे में बताया। कवियों के बारे में जानकर उनके अंदर का आत्मविश्वास जाग गया और वह भी एक अच्छे कवि बन गए।

The document Important Questions & Answers: जूझ | Hindi Class 12 - Humanities/Arts is a part of the Humanities/Arts Course Hindi Class 12.
All you need of Humanities/Arts at this link: Humanities/Arts
88 videos|166 docs|36 tests

Top Courses for Humanities/Arts

88 videos|166 docs|36 tests
Download as PDF
Explore Courses for Humanities/Arts exam

Top Courses for Humanities/Arts

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

shortcuts and tricks

,

Previous Year Questions with Solutions

,

practice quizzes

,

study material

,

Important Questions & Answers: जूझ | Hindi Class 12 - Humanities/Arts

,

mock tests for examination

,

Extra Questions

,

Exam

,

Free

,

Summary

,

ppt

,

pdf

,

Important questions

,

past year papers

,

MCQs

,

video lectures

,

Semester Notes

,

Important Questions & Answers: जूझ | Hindi Class 12 - Humanities/Arts

,

Objective type Questions

,

Important Questions & Answers: जूझ | Hindi Class 12 - Humanities/Arts

,

Viva Questions

,

Sample Paper

;