यदि हमें किसी भी दो निर्देशांक बिंदु के बीच की दूरी ज्ञात करनी हो जिसमे एक बिंदु x- अक्ष (x- axis) और दूसरा बिंदु y- अक्ष (y- axis) पर स्थित होता है तो हम दूरी सूत्र का इस्तेमाल करते है।
दूरी सूत्र (Distance formula) = √(x2-x1)² + (y2-y1)²
यहाँ,
x1 – रेखा के पहले बिंदु का x- निर्देशांक
x2 – रेखा के दूसरे बिंदु का x- निर्देशांक
y1 – रेखा के पहले बिंदु का y- निर्देशांक
y2 – रेखा के दूसरे बिंदु का y- निर्देशांक
अतः P(x1,y1) और Q(x2,y2) के बिंदुओ के बीच की दूरी हैं।
PQ = √(x2-x1)² + (y2-y1)² दूरी सूत्र (distance formula) कहलाता हैं।
नोट:
विशेष सूप से , बिंदु P(x,y) की मूल बिंदु O(0,0) से दूरी OP = √x² + y² होती है।
ध्यान रहे यदि बिंदु x- अक्ष पर है तो उसका निर्देशांक (x,0) यानी y- निर्देशांक शून्य होता है। अथवा बिंदु y- अक्ष पर है तो उसका निर्देशांक (0,y) यानी x- निर्देशांक शून्य होता हैं और origin का निर्देशांक (0,0) होता हैं।
यदि किसी रेखा को कोई बिंदु किसी भी अनुपात में विभाजन करता है तो हम उस बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कर सकते हैं।
उसके लिए हमे विभाजन सूत्र की आवश्यकता होगी।
मान लीजिए कोई रेखा AB है जिसमे A बिंदु के निर्देशांक A(x1,y1) और B बिंदु के निर्देशांक B(x2,y2) है और कोई दूसरी रेखा या बिंदु पहली वाली रेखा को विभाजित करता है m और n अनुपात में तो उसका सूत्र –
x= (mx2 + nx1)/m+n
y= (my2 + ny1)/m+n
इसे विभाजन सूत्र (sectional formula) कहते है और उसे विभाजन करने वाले रेखा के बिंदु के निर्देशांक {(mx2 + nx1)/m+n , (my2 + ny1)/m+n } होंगे ।
यहाँ,
x1 – रेखा के पहले बिंदु का x- निर्देशांक
x2 – रेखा के दूसरे बिंदु का x- निर्देशांक
y1 – रेखा के पहले बिंदु का y- निर्देशांक
y2 – रेखा के दूसरे बिंदु का y- निर्देशांक
m – रेखा के विभाजन के अनुपात का पहला हिस्सा
n – रेखा के विभाजन के अनुपात का दूसरा हिस्सा
जो रेखा का विभाजन होगा वो m:n के रूप में होगा।
यदि किसी भी दो निर्देशांक बिंदु के बीच का निर्देशांक बिंदु ज्ञात करना हो तो हमे मध्य बिंदु सूत्र की आवश्यकता होती है।
मान लीजिए A कोई बिंदु है जिसके निर्देशांक A(x1,y1) है और एक दूसरा बिंदु B है जिसके निर्देशांक B(x2,y2) है तो इसके मध्य बिंदु के निर्देशांक P(x,y) होंगे।
x = (x1 + x2)/2
y = (y1 + y2) /2
P { (x1 + x2)/2 , (y1 + y2)/2}
तो इस सूत्र से हम आसानी से मध्य बिंदु ज्ञात कर सकते है।यहाँ,
x1 – रेखा के पहले बिंदु का x- निर्देशांक
x2 – रेखा के दूसरे बिंदु का x- निर्देशांक
y1 – रेखा के पहले बिंदु का y- निर्देशांक
y2 – रेखा के दूसरे बिंदु का y- निर्देशांक
अब यदि हमें निर्देशांक से बने त्रिभुज का केंद्रक ज्ञात करना हो तो उसके लिए हमे केंद्रक का सूत्र की आवश्यक होती हैं।
मान लीजिए कोई त्रिभुज के तीन बिंदु है A (x1,y1) , B (x2,y2) और C (x3,y3) तो इसका केंद्रक O (x,y) –
x = (x1 + x2 + x3)/3
y = (y1 + y2 + y3)/3
O { (x1 + x2 + x3)/3 , (y1 + y2 + y3)/3}
आमतौर पर हम त्रिभुज के क्षेत्रफल का सूत्र एक त्रिभुज का। आधार और उसका संगत शीर्षलंब (ऊँचाई) से करते थे।
त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × शीर्षलंब
Area of triangle = 1/2 × Base × height
और आपने त्रिभुज के क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए हीरोन (Heron’s formula) सूत्र का भी इस्तेमाल किया होगा।
परंतु यदि निर्देशांक से बने त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करना हो तो उसके लिए हमे एक अलग सूत्र की आवश्यकता होंगी।
मान लीजिए कि किसी त्रिभुज के तीन बिंदु है जिनका निर्देशांक A(x1,y1) , B(x2,y2) और C(x3,y3) है तो त्रिभुज का क्षेत्रफल होगा –
∆ABC का क्षेत्रफल = 1/2 × [ x1(y2-y3) + x2(y3-y1) + x3(y1-y2) ]
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