Police SI Exams Exam  >  Police SI Exams Notes  >  General Awareness/सामान्य जागरूकता  >  Short Notes: Shah Jahan (शाहजहां 1628-1658 ई०)

Short Notes: Shah Jahan (शाहजहां 1628-1658 ई०) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams PDF Download

शाहजहां 

  • शाहजहां जहांगीर का पुत्र तथा अकबर का पोता था, इसका जन्म 5 जनवरी 1592 लाहौर में हुआ था। इसके बचपन का नाम खुर्रम था। अहमदनगर और मुग़ल साम्राज्य के बीच 1617 ई. में संधि हुई थी, जिसमें जहांगीर के पुत्र खुर्रम ने अहम् भूमिका निभाई थी, जिससे प्रसन्न होकर जहांगीर ने खुर्रम को शाहजहां की उपाधि से नवाजा था।
  • 24 फरवरी, 1682 ई. को जहांगीर की मृत्यु के पश्चात शाहजहां मुग़ल साम्राज्य का नया बादशाह बना। मुग़ल शासक बनने के बाद पहले तीन वर्ष बुन्देल के जुझार सिंह और अफगान सरदार ख़ानेजहाँ लोदी के विद्रोह को दबाने में गुजरे। शाहजहां का मुकाबला सिक्खों के छठे गुरु हरगोविंद से भी हुआ था, जिसमें सिक्ख सेना की हार हुई थी।
  • शाहजहाँ का विवाह 1612 ई. में आसफ खाँ की पुत्री ‘अर्जुमन्द बानू बेगम‘ से हुआ था, जो जहांगीर की पत्नी नूरजहां की भतीजी थी।  अर्जुमन्द बानू बेगम को ही आगे चलकर मुमताज महल के नाम से जाना गया। शाहजहां और मुमताज महल के चार पुत्र और तीन पुत्रियां थी। पुत्रों के नाम औरंगजेब, मुरादबख्श, दाराशिकोह और शुजा थे। 1631 ई. में मुमताज की मृत्यु के पश्चात शाहजहां ने आगरा में यमुना नदी के किनारे मुमताज की याद में ताजमहल की नींव रखी, जो 1653 ई. में जाकर पूर्ण हुआ था। ताजमहल में ही मुमताज को दफनाया गया था।
  • 1633 ई. में शाहजहां ने दक्षिण भारत के अहमदनगर पर आक्रमण कर उसे मुग़ल साम्राज्य का हिस्सा बनाया था। इसके कुछ वर्ष पश्चात 1636 ई. में गोलकुण्डा पर आक्रमण किया, जहां का तत्कालीन सुल्तान अब्दुलाशाह था। अब्दुलाशाह को पराजय का सामना करना पड़ा और उसने मुगलों की अधीनता स्वीकार कर ली। इसी दौरान अब्दुलाशाह के वजीर मीर जुमला ने शाहजहाँ को भेट स्वरूप बेशकीमती कोहिनूर हिरा दिया था। इसी वर्ष शाहजहां ने बीजापुर पर आक्रमण कर वहां के तत्कालीन शासक मुहम्मद आदिल शाह को संधि करने के लिए मजबूर कर दिया था।
  • 1639 ई. में शाहजहाँ ने दिल्ली के नजदीक शाहजहाँनामाबाद नामक नयी राजधानी की नींव रखी थी। 1645 ई. में शाहजहां ने मध्य एशिया पर अपना साम्राज्य स्थापित करने के लिए अपने पुत्र मुरादबख्श को भेजा, पर वह इसमें कामयाब न हो सका। इसीलिए 1647 ई. में अपने दूसरे पुत्र औरंगजेब को यह काम पूर्ण करने भेजा परन्तु वह भी सफल न हो सका।
  • शाहजहां के शासन काल को स्थापत्य कला और सांस्कृतिक दृष्टि से स्वर्णिम युग कहा गया है। शाहजहाँ ने अपने शासन काल में कई प्रसिद्ध इमारतें बनवायी थी। जिनमें आगरा में स्थित ताजमहल, दिल्ली का लाल किला और जामा मस्जिद, आगरा की मोती मस्जिद, आगरा के किले में स्थित दीवाने खास, दीवाने आम और मुसम्मन बुर्ज, लाहौर में स्थित शालीमार बाग़, शालामार गांव में स्थित शीशमहल, और काबुल, कंधार, कश्मीर और अजमेर आदि में कई महल, बगीचे आदि कई इमारतें बनवायी थी। शाहजहां ने लाहौर तक रावी नहर का निर्माण भी करवाया था।
  • शाहजहां के दरबार में पंडित जगन्नाथ राजकवि हुआ करते थे, जिन्हें जगन्नाथ पण्डितराज के नाम से भी जाना जाता था। जो ‘गंगा लहरी‘ और ‘रस गंगाधर‘ के रचनाकार हैं। यह उच्चकोटि के कवि, समालोचक व साहित्यकार थे। इसके दरबार में संगीतकार सुरसेन, सुखसेन आदि दरबारी थे। शाहजहां के सबसे बड़े पुत्र दाराशिकोह ने ‘भगवत गीता‘ और ‘योगवशिष्ठ‘ का फ़ारसी भाषा में अनुवाद करवाया था, साथ ही वेदों का संकलन भी करवाया था। इसीलिए शाहजहां ने दाराशिकोह को ‘शाहबुलंद इक़बाल‘ की उपाधि से सम्मानित किया था।
  • शाहजहाँ के शासन काल में ही फ़्रांसिसी यात्री बर्नियरऔर ट्रेवर्नियर तथा इटेलियन यात्री मनुची भारत आये थे। इन्होने शाहजहां के शासन काल का वर्णन किया है। शाहजहां ने अपने  शासन काल में सिक्का चलाया था जिसे ‘आना‘ कहा जाता था। शाहजहां एक बेशकीमती तख़्त पर आसीन होता था जिसे ‘तख्त-ए-ताऊस‘ कहा जाता था।
  • 1657 ई. में शाहजहां के बीमार होते ही उसके पुत्रों के मध्य सुल्तान बनने की होड़ सी शुरू हो गयी और आपसी संघर्ष शुरू हो गया। जिस घटना को इतिहास में ‘उत्तराधिकार का युद्ध‘ नाम से जाना जाता है। शाहजहां दाराशिकोह को अपने बाद मुग़ल साम्राज्य का शासक बनाना चाहता था परन्तु औरंगजेब खुद मुगलों का शासक बनना चाहता था। जिस कारण शाहजहां की सभी सातों संतानों के बीच सुल्तान बनने की जंग प्रारम्भ हो गयी। जिस कारण इनके बीच धरमट (धर्मत) का युद्ध (1658 ई. में), सामूगढ़ का युद्ध और देवराई का युद्ध आदि कुछ प्रमुख युद्ध हुए थे।
  • जिनमें औरंगजेब की विजय हुई थी और वो मुग़ल साम्राज्य का शासक बन बैठा। औरंगजेब इतने में ही नहीं रुका उसने मुरादबख्श को हराकर उसकी मृत्यु करवा दी। साथ ही अपने पिता शाहजहाँ को बंदी बनाकर आगरा के किले शाहबुर्ज में बंद करवा दिया। जहाँ शाहजहाँ ने आठ वर्ष बंदी के रूप में व्यतीत किये और 1666 ई. में उसकी मृत्यु हो गयी। शाहजहां के शव को उसकी पत्नी मुमताज महल की कब्र के पास ताजमहल में ही दफनाया गया। शाहजहाँ एक मात्र ऐसा मुग़ल शासक था, जिसे उसके पुत्र ने ही बंदी बनाया था।

The document Short Notes: Shah Jahan (शाहजहां 1628-1658 ई०) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams is a part of the Police SI Exams Course General Awareness/सामान्य जागरूकता.
All you need of Police SI Exams at this link: Police SI Exams
Are you preparing for Exam? Then you should check out the best video lectures, notes, free mock test series, crash course and much more provided by EduRev. You also get your detailed analysis and report cards along with 24x7 doubt solving for you to excel in exam. So join EduRev now and revolutionise the way you learn!
Sign up for Free Download App for Free
203 videos|273 docs|23 tests

Up next

Related Searches

ppt

,

Important questions

,

Free

,

pdf

,

shortcuts and tricks

,

Sample Paper

,

MCQs

,

mock tests for examination

,

Short Notes: Shah Jahan (शाहजहां 1628-1658 ई०) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams

,

Extra Questions

,

past year papers

,

Short Notes: Shah Jahan (शाहजहां 1628-1658 ई०) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams

,

Objective type Questions

,

Summary

,

video lectures

,

Short Notes: Shah Jahan (शाहजहां 1628-1658 ई०) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams

,

study material

,

practice quizzes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Semester Notes

,

Exam

,

Viva Questions

;