पाचन तंत्र (Digestive System)
पाचन की रासायनिक विधि
पाचन की प्रकिया यांत्रिक एवं रासायनिक विधियों द्वारा संपन्न होती है। लार का श्लेष्म भोजन कणों को चिपकाने एवं उन्हें बोलस में रूपांतरित करने में मदद करता है। इसके उपरांत निगलने की क्रिया द्वारा बोलस ग्रसनी से ग्रसिका में चला जाता है। बोलस पेशीय संकुचन के क्रमाकुंचन (peristalsis) द्वारा ग्रसिका में आगे बढ़ता है। जठस्ग्रसिका अवरोधिनी भोजन के अमाशय में प्रवेश को नियंत्रित करती है।
पित्त
पाचन
पाचन ग्रंथियां
मनुष्य के पाचन में पांच मुख्य ग्रंथियां सहायक होती हैं :
मुखगुहा
आहारनाल
पोषण एवं आहार (Nutrition and Food)
जो शरीर की वृद्धि और क्षतिपूर्ति करता है- प्रोटीन युक्त पदार्थ,
जैसे-दूध, दालें, फलीदार अनाज, सोयाबीन, मेवे, मूंगफली आदि।
जो स्वास्थ्य सुरक्षा करते हैं- विटामिन व खनिज युक्त पदार्थ,
जैसे-हरी व पत्तेदार सब्जी, दुग्ध पदार्थ, दालें, फल आदि।
इन्हें नियामक भोजन भी कहते हैं। कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन और विटामिन रासायनिक तत्व हैं क्योंकि उनकी आण्विक संरचना में कार्बन होता है। जल और खनिज तत्व अकार्बनिक तत्व होते हैं क्योंकि इनकी सरंचना में कार्बन नहीं होता है। कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन की हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में जरूरत होती है जबकि विटामिन व खनिजों की अल्पमात्रा ही जरूरी होती है।
किसी व्यक्ति में यदि कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन व खनिजों की या इनमें से किसी की कमी हो जाती है, तो वह कुपोषण का शिकार हो जाता है और उसे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।
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