अनुच्छेद 157 के अनुसार किसी व्यक्ति को राज्यपाल नियुक्त करने के लिए निम्नलिखित योग्यता निर्धारित की गई है
राज्यपाल को अनुच्छेद 361 के अंतर्गत निम्नलिखित उन्मुक्तिया तथा संरक्षण प्राप्त हैं-
भारतीय संविधान द्वारा राज्यपाल को नियुक्त किए जाने का प्रावधान किया गया है, संविधान द्वारा राज्यपाल को नियुक्त करने की पद्धति को अपनाने के लिए प्रमुख कारण थे –
परिस्थिति जन्य विवेकाधिकार शक्तियां निम्न है
राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है [अनुच्छेद 164(1)] एक संवैधानिक उपबंधनों के अनुसार राज्यपाल बहुमत दल के नेताओं को मुख्यमंत्री नियुक्त करेगा| परंतु जब किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं हुआ हो तो राज्यपाल ने मनमाने तरीके से मुख्यमंत्री की नियुक्ति की है| अनेक बातों राज्यपाल ने बहुमत प्राप्त दल की उपेक्षा करते हुए अनुमति प्राप्त दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त कर विवेकाधिकार शक्ति का दुरुपयोग किया है उदाहरण –
राज्यपाल विधानमंडल का सदस्य नहीं होता, परंतु राष्ट्रपति की तरह वह भी विधानमंडल का अंग होता है, राज्यपाल का विधान मंडल की शक्तियों से यह संबंध है और उसे कई प्रकार की वैधानिक शक्तियां प्राप्त हैं जिनमें मुख्य निम्न है –
संविधान के अनुच्छेद 154 के अनुसार राष्ट्र राज्य की कार्यपालिका शक्तियां राज्यपाल में निहित की गई हैं जिनका प्रयोग वह स्वयं या तो प्रत्यक्ष रुप से करता है या अपने अधीन कर्मचारियों द्वारा कराता है| राज्यपाल को निम्नलिखित कार्यकारी शक्तियां प्राप्त हैं –
राज्यपाल की वित्तीय शक्तियां एवं कार्य निम्नलिखित हैं –
राज्यपाल को निम्नलिखित न्यायिक शक्तियां प्राप्त हैं –
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