प्रश्न 1: मौर्य साम्राज्य के बाद सत्ता किसने सँभाली? इसके बाद भारत को किन-किन परिस्थितियों से गुज़रना पड़ा?
उत्तर: मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद शासन सत्ता शुंग वंश ने संभाली। इनका शासन क्षेत्र काफ़ी सीमित हो गया था। दक्षिण में बड़े राज्य उभर रहे थे। उत्तर में काबुल से पंजाब तक यूनानियों का साम्राज्य था।
प्रश्न 2: कुषाणों ने क्या काम किया?
उत्तर: कुषाणों ने शकों को पराजित करके दक्षिण की ओर खदेड़ दिया। कुषाणों ने पूरे उत्तर भारत में और मध्य एशिया के बहुत बड़े भाग पर अपना साम्राज्य स्थापित किया।
प्रश्न 3: कुषाण काल में बौद्ध-धर्म किस प्रकार प्रभावित हुआ?
उत्तर: कुषाण साम्राज्य की स्थापना के बाद बौद्ध धर्म दो भागों में विभक्त हो गया। – हीनयान और महायान। इन दोनों के मतभेद काफ़ी बढ़ गए। बड़ी-बड़ी सभाओं में इनके आपसी विवाद उठने लगे।
प्रश्न 4: जरथुष्ट्र धर्म से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: यह धर्म पारसी धर्म के नाम से जाना जाता है। ईरान में इस धर्म की उत्पत्ति हुई थी। इस धर्म के संस्थापक जरथुष्ट्र थे।
प्रश्न 5: भारत में चीनी राजदूत कब आए?
उत्तर: भारत में चीनी राजदूत 64 ई. में आए।
प्रश्न 6: नागार्जुन कौन थे? इन्होंने कौन-सा विशेष कार्य किया?
उत्तर: नागार्जुन बौद्ध शास्त्रों और भारतीय दर्शन के महान विद्वान थे। नागार्जुन ईसा की पहली शताब्दी में हुए।
प्रश्न 7: कौन से फल भारत को चीन की देन है?
उत्तर: आइ और नाशपाती ऐसे फल हैं जो भारत में नहीं उगते थे। ये चीनियों की देन हैं।
प्रश्न 8: मौर्य साम्राज्य का पतन होने के बाद दक्षिण भारत की शासन व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर: मौर्य साम्राज्य का अंत होने पर दक्षिण के राज्य एकांकी रूप में फलने-फूलने लगे।
प्रश्न 9: विदेशी शासकों की क्या विशेषता थी?
उत्तर: विदेशी शासकों ने अपने आपको भारतीय परंपरा, सभ्यता व संस्कृति के अनुरूप जल्दी ही ढाल लिया। इसलिए सफल शासक रहे।
प्रश्न 10: भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है? और क्यों?
उत्तर: गुप्त साम्राज्य के शासक ‘समुद्र गुप्त’ को भारत का नेपोलियन कहा जाता है। उसके शासन काल में साम्राज्य काफ़ी समृद्ध और शक्तिशाली था। इस काल में साहित्य और कला के क्षेत्र में भारत ने अभूतपूर्व उन्नति की।
प्रश्न 11: भारतीय सभ्यता की विशेषता क्या थी?
उत्तर: भारतीय सभ्यता की विशेषता यह थी कि यह व्यक्तिवादी होते हुए भी सामुदायिक रूप रखती थी।
प्रश्न 12. भवभूति कौन थे?
उत्तर: भवभूति संस्कृत भाषा के प्रसिद्ध नाटककार थे। वे सातवीं शताब्दी में नाटक के क्षेत्र में चमकते सितारे थे। कालिदास के बाद इनका ही स्थान है। भारत में भवभूति बहुत लोकप्रिय रहे।
प्रश्न 13: सर्वप्रथम किस नाटककार का नाम इतिहास में मिलता है?
उत्तर: प्राचीन नाटककारों में सर्वप्रथम नाम भारत में ‘भास’ का मिलता है। उन्होंने 13 नाटकों की रचनाएँ की।
प्रश्न 14: कालिदास कौन थे? उनकी प्रसिद्ध रचनाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: कालिदास गुप्तवंश के चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे। उन्होंने अपनी रचनाओं में प्रेम व प्रकृति का वर्णन बड़े अनुपम ढंग से किया है। उनकी प्रमुख रचना है – ‘शकुंतला’ जिसका जर्मन, फ्रेंच, डेनिश और इटालियन में अनुवाद भी हुआ। इनकी एक अन्य प्रमुख रचना है ‘मेघदूत’ जिसमें एक प्रेमी अपनी प्रेयसी को बादल द्वारा संदेश भेजता है।
प्रश्न 15: चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल के रचित नाटक ‘मुद्राराक्षस’ की क्या विशेषता है?
उत्तर: नाटक ‘मुद्राराक्षस’ उस समय की पूर्ण राजनीतिक गतिविधियों से अवगत करवाता है।
प्रश्न 16: संस्कृत भाषा को व्याकरणिक नियमों में किसने बाँधा?
उत्तर: संस्कृत को व्याकरण के नियमों में महान ‘वैयाकरण’ ‘पाणिनी’ ने बाँधा।
प्रश्न 17: उपनिवेश कायम करने का क्या लाभ हुआ?
उत्तर: उपनिवेश कायम करने से भारत का व्यापार व धर्म बाहर के देशों तक पहुँचा। इसके अलावा समुद्री जहाज़ों का चलन बढ़ा।
प्रश्न 18: भारतीय उपनिवेशों के इतिहास में भारत और चीन का प्रभाव कहाँ-कहाँ पड़ा?
उत्तर: उपनिवेशों के इतिहास में चीन का प्रभाव महाद्वीप के देशों, वर्मा, स्याम और हिंद चीन पर तथा भारत का प्रभाव टापुओं और मलय प्रायद्वीप पर अधिक था। यहाँ भारतीय धर्म और कला का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
प्रश्न 19: भारतीय उपनिवेशों का काल कब से कब तक माना जाता है?
उत्तर: भारतीय उपनिवेशों का काल ईसा की पहली या दूसरी शताब्दी से शुरू होकर पंद्रहवीं शताब्दी के अंत तक माना जाता है। यानी यह काल लगभग तेरह सौ साल या इससे कुछ अधिक रहा।
प्रश्न 20: किन-किन देशों पर भारतीय कला की छाप दिखाई पड़ती है?
उत्तर: इंडोनेशिया, जावा, बाली व फिलिपाइन व दक्षिण-पूर्वी एशिया के और भी देशों में भारतीय कला की झलक मिलती है।
51 videos|311 docs|59 tests
|
|
Explore Courses for Class 8 exam
|