लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: ‘तोप’ पाठ में वर्णित तोप कहाँ रखी गई है? इसको वहाँ किसने रखवाया?
उत्तर: ‘तोप’ नामक पाठ में वर्णित तोप उस बाग के प्रवेश द्वार पर रखी गई है जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपनाया हुआ था। इसी बाग में ईस्ट इंडिया कंपनी ने सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय रखवाया ताकि वह भारतीयों का मनोबल कुचल सके।
प्रश्न 2: कंपनी द्वारा तोप रखवाने का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से अंग्रेज़ भारत पर शासन करते हुए अत्याचार कर रहे थे। भारतीयों द्वारा जब अपनी आजादी पाने के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति का रास्ता अपनाया गया तो उन्होंने कंपनी बाग में तोप रखकर असंख्य भारतीयों को उसी तोप से उड़ा दिया।
प्रश्न 3: कंपनी बाग की तोप को साल में दो बार चमकाने का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: कंपनी बाग की तोप को साल में दो बार चमकाया जाता था। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व के अवसर इस तोप को इसलिए चमकाया जाता है ताकि हम स्वतंत्रता पाने के क्रम में लोगों द्वारा तरह-तरह की यातना सहते हुए मृत्यु को गले लगाने जैसे कार्यों को याद कर सकें तथा अपनी आज़ादी का मूल्य समझ सकें।
प्रश्न 4: कंपनी बाग में आने वाले सैलानियों को तोप अपने बारे में क्या बताती प्रतीत होती है?
उत्तर: कंपनी बाग में अब न तोप का आतंक है और न अंग्रेजों का। वह लोग सुबह-शाम घूमने के लिए आते हैं। पर्यटन के लिए आने वालों को तोप अपने बारे में यह बताती है कि कभी वह (तोप) बहुत शक्तिशाली थी। उसने उस समय अच्छे-अच्छे वीरों को मौत की नींद सुला दी थी। उस समय लोगों के मन में इसका खौफ़ था। वे तोप के पास आने से बचते थे।
प्रश्न 5: ‘अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे अपने ज़माने में यह किन सूरमाओं और ज़माने की बात की जा रही है?
उत्तर: तोप कविता में ‘अच्छे-अच्छे सूरमाओं’ और ‘जमाने’ के माध्यम से उने भारतीय वीरों स्वतंत्रता प्रेमियों और क्रांतिकारियों की बात की गई है जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी और अत्याचार का विरोध करते हुए बगावत कर दिया था। उन्होंने अंग्रेजों के साथ युद्ध किया। इसमें हजारों वीर मारे गए। जिन वीरों को अंग्रेजों ने बंदी बनाया उन्हें तोपों से उड़ा दिया। कविता में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय अर्थात् सन् 1857 और उसके आसपास की बात कही गई है।
प्रश्न 6: अंग्रेजी शासन काल और स्वतंत्रता के बाद कंपनी बाग की स्थिति में क्या बदलाव आया है?
उत्तर: अंग्रेजी शासन काल और स्वतंत्रता के बाद कंपनी बाग की दशा में बहुत बदलाव आया है। अंग्रेजों के समय कंपनी में अंग्रेजों का आतंक छाया रहता था। इस बाग के मुहाने पर रखी तोप गरज उठती थी। लोग वहाँ जाने से डरते थे और बचते थे। आज़ादी के बाद कंपनी बाग की स्थिति विरासत जैसी हो गई। अब वहाँ आने-जाने के लिए न कोई प्रतिबंध और न डर। लोग पर्यटन स्थल मानकर यहाँ घूमने आते हैं और बच्चे खेलते हैं।
प्रश्न 7: कवि तोप को बच्चों और चिड़ियों के खेलने की वस्तु मात्र बताना चाहता है। इस बहाने कवि क्या दर्शाना चाहता है?
उत्तर: कवि ने ‘तोप’ कविता के माध्यम से बताया है कि वर्ष 1857 में जिस तोप ने बड़े-बड़े शूरमाओं को मौत की नींद सुला दिया था, आज वह तोप खुद दयनीय हालत में है। जिस तोप के पास लोग फटकने से भी डरते थे, उसी तोप पर आज बच्चे घुड़सवारी करते हैं और उनके उतरते ही चिड़िया अपनी मनपसंद जगह बना लेती हैं। इनके माध्यम से कवि यह दर्शाना चाहता है कि भारतीयों के मन में अब अंग्रेजों के तोप के प्रति कोई डर नहीं रह गया है। आतंक या डरा धमकी कर मनुष्यता को नहीं जीता जा सकता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 8: कंपनी बाग और तोप को विरासत में मिली हुई क्यों बताया गया है?
उत्तर: कंपनी बाग ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाया गया बाग था जिसकी अंग्रेजों के शासन काल में बड़ी चर्चा थी। इसी बाग के मुहाने पर एक तोप रखी गई थी जिसका उपयोग भारतीयों के स्वतंत्रता के लिए किए गए विद्रोह को कुचलने में किया जाता था। भारत से अंग्रेजों के चले जाने के बाद यह तोप और बाग विरासत में भारतीयों को मिली। जिस प्रकार विरासत में मिली वस्तुएँ आने वाली पीढ़ी को तत्कालीन परिस्थितियों से अवगत कराती हैं तथा उस समय की यादें तरोताजा कराती हैं तो दूसरी ओर प्रेरणा स्रोत के रूप में गलती न करने या उसे न दोहराने की सीख भी देती हैं। कंपनी बाग और तोप की विरासत के समान ही हमें अंग्रेज़ों के अत्याचार की याद दिलाती है तो हमें अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने की प्रेरणा भी देती है।
प्रश्न 9: ‘तोप’ कविता द्वारा कवि क्या संदेश देना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘तोप’ कविता के माध्यम से कवि हमें कई संदेश देना चाहता है; जैसे-हमें अपनी विरासतों की रक्षा करते हुए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके अलावा हमें अपनी शक्ति और धन का घमंड किए बिना सभी के साथ विनम्रतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए। अपनी शक्ति से कभी भी दूसरों पर अत्याचार नहीं करना चाहिए क्योंकि समय सदा एक-सा नहीं रहता। शक्ति के बल पर मानव को अधिक दिनों तक दबाया नहीं जा सकता है। बुरे कार्यों में प्रयुक्त शक्ति का अंत करने के लिए लोगों को एकजुट होने और बलिदान देने के लिए तैयार रहने का भी संदेश देना चाहता है।
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