प्रश्न 1: लेखक को बिना फीस के उकील आर्ट स्कूल में भर्ती क्यों कर लिया गया था?
उत्तर: लेखक की पेन्टिंग कार्य में रुचि थी। उसका इम्तिहान लेकर और उसके शौक को देखकर लेखक को बिना फीस के ही भर्ती कर लिया गया था।
प्रश्न 2: दिल्ली में प्रशिक्षण लेते समय लेखक अपना खर्चा कैसे चलाता था?
उत्तर: दिल्ली में प्रशिक्षण लेते समय कभी-कभी साइन बोर्ड पेन्ट कर लेता था तो कभी उसके रुपये भेज देते थे। इस तरह आर्थिक तंगी में रहकर लेखक अपना खर्चा चला लेता था।
प्रश्न 3: "अन्दर से मेरा हृदय बहुत उद्विग्न रहता" लेखक ने अपनी इस उद्विग्नता का क्या कारण बताया?
उत्तर: लेखक की उद्विग्नता का प्रमुख कारण यह था कि टी. बी. से उसकी पत्नी का देहान्त हो गया था और वह दिल्ली की सड़कों पर अकेला भटकने के लिए विवश था।
प्रश्न 4: लेखक हर चेहरे, गति और स्थिति को बड़े ध्यान से क्यों देखता था?
उत्तर: लेखक को हर चेहरे में अपनी ड्राइंग के लिए कोई न कोई विषय मिल जाता था। उसे हर गति, स्थिति और दृश्य में कोई न कोई विशिष्ट अर्थ मिल जाता था। इसलिए वह हर चेहरे, गति और स्थिति को बड़े ध्यान से देखता था।
प्रश्न 5: लेखक अपनी खोली में आकर बोर क्यों हो जाता था?
उत्तर: लेखक को अकेलापन बहुत अच्छा लगता था। वह अपने अकेलेपन में डूबकर नई-नई रचनाओं की विषय वस्तु तैयार कर लेता था। परन्तु खोली में अन्य लोग भी रहते थे इसलिए वह खोली में आकर बोर हो जाता था।
प्रश्न 6: लेखक ने अपनी सबसे बुरी आदत क्या बतायी?
उत्तर: लेखक की सबसे बुरी आदत यह थी कि वह आए हुए पत्रों का जवाब नहीं देता था। वह उन आए हुए पत्रों के जवाब मन ही मन तैयार कर हवा के साथ बिखेरता रहता था।
प्रश्न 7: लेखक दिल्ली से देहरादून आकर क्या करने लगा था?
उत्तर: लेखक देहरादून आकर अपनी ससुराल की केमिस्ट्स एण्ड ड्रगिस्ट्स की दुकान पर कम्पाउंडरी सीखने लगा था। उसने वहाँ रहकर डॉक्टरों द्वारा लिखे गये टेड़े-मेढ़े वाक्यों एवं शब्दों में लिखे नुस्खों को पढ़ने में महारत हासिल कर ली थी।
प्रश्न 8: बच्चनजी लेखक से पहली बार कहाँ और कैसे मिले थे?
उत्तर: लेखक द्वारा भेजे सॉनेट से प्रभावित होकर गर्मियों की छुट्टियों में जब बच्चनजी देहरादून आए थे तब वे लेखक से मिलने उसकी डिस्पेंसरी में गये थे और वे एक दिन के लिए उसके घर भी ठहरे थे।
प्रश्न 9: देहरादून में बच्चनजी के साथ कौनसा हादसा होते-होते बचा था?
उत्तर: जब बच्चनजी देहरादून में थे तो उसी समय एक दिन बहुत जोर की आँधी और बारिश आई। इस आँधी बारिश में गिरता हुआ एक पेड़ बच्चनजी पर गिरते-गिरते बचा था। इस प्रकार हादसा होते-होते टल गया।
प्रश्न 10: "बच्चनजी दृढ़संकल्पी और वक्त के पाबन्द थे।" कैसे?
उत्तर: एक बार उन्हें देहरादून से इलाहाबाद जाना था। जैसे ही वे स्टेशन की ओर चले, तेज बरसात होने लगी। उस स्थिति में कुली और वाहन न मिलने पर स्वयं सामान को कन्धे पर लाद कर रेलवे स्टेशन पहुँचना उनके दृढ़ संकल्पी और समय के पाबन्द होने का बोध कराता है।
प्रश्न 11: बच्चनजी ने लेखक को एम. ए. में दाखिला क्यों दिलवाया था?
उत्तर: बच्चनजी ने लेखक को एम. ए. में इसलिए दाखिला दिलवाया कि वे अपनी बेरोजगारी से मुक्ति पा सकें और भविष्य में अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
प्रश्न 12: लेखक के मन में सरकारी नौकरी के प्रति वितृष्णा क्यों जाग गयी थी?
उत्तर: लेखक के पिता ने जीवन भर सरकारी नौकरी की थी। उन्हीं को देखकर लेखक के मन में सरकारी नौकरी न करने की बात जाग गयी थी।
प्रश्न 13: "यह बस घोंचपन की हद थी।" लेखक का वह घोंचपन क्या था?
उत्तर: लेखक ने सरकारी नौकरी न करने का जो निर्णय लिया था, वह उसका घोंचूपन था। बाद की सोच के अनुसार उसने इस निर्णय से अपनी बहादुरी का प्रदर्शन नहीं किया बल्कि भूल ही की।
प्रश्न 14: शमशेर बहादुर सिंह ने किस-किस भाषा में साहित्य की रचना की?
उत्तर: शमशेर बहादुर सिंह ने अंग्रेजी, उर्दू तथा हिन्दी भाषाओं में साहित्य रचना की। उन्हें अंग्रेजी में लिखने का अभ्यास था ही, उर्दू वातावरण में वे पले थे, पर हिन्दी में लिखने के लिए उन्हें अभ्यास करना पड़ा था।
प्रश्न 15: लेखक ने अपने परिवार एवं अपने बचपन को किस लिए धन्यवाद दिया?
उत्तर: लेखक के जाट परिवार में किसी भी भाषा को अपनाने की छट थी। इसलिए लेखक बचपन से ही अंग्रेजी और उर्दू को व्यवहार में लाने लगा था। इसी बात पर लेखक ने अपने परिवार एवं अपने बचपन को धन्यवाद दिया।
प्रश्न 16: हिन्दी ने क्यों मुझे उस समय अपनी ओर खींचा? लेखक ने उसका क्या कारण बताया?
उत्तर: बच्चन के आग्रह पर इलाहाबाद आकर निराला और पंत ने उसकी चेतना को हिन्दी की ओर आकृष्ट किया। इसके साथ ही बच्चन की प्रेरणा और मित्रों के प्रोत्साहन ने हिन्दी में लिखने के प्रति रुचि जगायी।
प्रश्न 17: लेखक की प्रारम्भिक रचनाएँ कब तथा किन पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई?
उत्तर: सन् 1933 में लेखक की प्रारम्भिक रचनाएँ 'सरस्वती' और 'चाँद' पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं। इसके साथ ही 'अभ्युदय', 'रूपाभ' और 'हंस' पत्रिकाओं में भी कुछ रचनाएँ छपी।
प्रश्न 18: बच्चन की 'निशा निमंत्रण' कविता से आकृष्ट होकर लेखक ने क्या किया?
उत्तर: 'निशा निमंत्रण' कविता से प्रभावित होकर लेखक ने भी उसी तरह की कुछ कविताओं को लिखने का प्रयास किया लेकिन इस प्रकार की रचना में उसे कठिनाई की अनुभूति हुई। अन्ततोगत्वा उसने सफलता प्राप्त की।
प्रश्न 19: बच्चनजी ने किस कारण लेखक पर क्षोभ व्यक्त किया?
उत्तर: बच्चनजी ने लेखक को एम. ए. पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाया लेकिन लेखक ने इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया और न ही वार्षिक परीक्षा दी। इसी लापरवाही पर बच्चनजी लेखक पर क्षुब्ध हुए।
प्रश्न 20: लेखक के मित्र किन कारणों से चिंतित थे?
उत्तर: लेखक के मित्र उसकी आत्म-व्यक्ति की अभावना के कारण चिंतित थे क्योंकि उसने अपने पत्रों में कई बार स्वयं को घटित किया और उसके उत्कृष्ट रचनात्मक योग्यताओं का अनुभव नहीं किया।
प्रश्न 21: लेखक ने किसके बारे में कहा कि "वे आपके अदृश्य संघर्षों की आवश्यकता को स्पष्टीकरण देते हैं"?
उत्तर: लेखक ने इस वाक्य में बच्चनजी के बारे में कहा है, जिन्होंने उनके अदृश्य संघर्षों की आवश्यकता को स्पष्टीकरण दिया है।
प्रश्न 22: लेखक ने अपने लेख की समापन बात किसके साथ की थी?
उत्तर: लेखक ने अपने लेख की समापन बात बच्चनजी के साथ की थी, जिन्होंने उन्हें प्रेरित किया और संवाद किया कि लेखक को अपने शब्दों के माध्यम से समाज के अदृश्य संघर्षों को प्रकट करने का कार्य करना है।
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