अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर -
1. गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
एक नयी जीवन-शैली अपना वर्चस्व स्थापित कर रही है। उसके साथ आ रहा है एक नया जीवन-दर्शन-उपभोक्तावाद का दर्शन। उत्पादन बढ़ाने पर जोर है चारों ओर। यह उत्पादन आपके लिए है; आपके भोग के लिए है, आपके सुख के लिए है। ‘सुख' की व्याख्या बदल गई है। उपभोग-भोग ही सुख है। एक सूक्ष्म बदलाव आया है नई स्थिति में उत्पाद तो आपके लिए हैं, पर
आप यह भूल जाते हैं कि जाने-अनजाने आज के माहौल में आपका चरित्र भी बदल रहा है और आप उत्पाद को समर्पित होते जा रहे हैं।
प्रश्न 1: लेखक के अनुसार, नयी जीवन-शैली अपनाने से क्या हुआ है?
उत्तर: लेखक के अनुसार, नयी जीवन-शैली अपनाने के साथ ही उपभोक्तावाद का नया सिद्धांत हमारे जीवन में प्रवेश कर रहा है|
प्रश्न 2: उपभोक्तावाद के दर्शन के कारण हमारी जीवन-शैली में कैसा बदलाव आया है?
उत्तर: उपभोक्तावाद का अर्थ है- उपभोग के लिए ही उत्पादन को बढ़ाना| नयी जीवन-शैली उपभोक्तावाद से प्रेरित है, जिसमें उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाता जाता है ताकि उपभोग के लिए साधन उपलब्ध हो सकें| उपभोक्तावाद के दर्शन के कारण हम उत्पाद के प्रति समर्पित होते जा रहे हैं|
प्रश्न 3: सुख की व्याख्या किस प्रकार बदल गई है?
उत्तर: आधुनिक युग में सुख की व्याख्या पूरी तरह बदल गई है| पहले लोग मानसिक और आध्यात्मिक सुख को ही वास्तविक सुख मानते थे| लेकिन अब उनके लिए सुख का अर्थ है धन-दौलत से परिपूर्ण होना| समाज में जो व्यक्ति जितना अधिक समृद्ध है, वह उतना ही अधिक सुखी है|
2. गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
संभ्रांत महिलाओं की ड्रेसिंग टेबल पर तीस-तीस हज़ार की सौंदर्य सामग्री होना तो मामूली बात है। पेरिस से परफ्यूम मॅगाइए, इतना ही और खर्च हो जाएगा। ये प्रतिष्ठा-चिह्न हैं, समाज में आपकी हैसियत जताते हैं। पुरुष भी इस दौड़ में पीछे | नहीं है। पहले उनका काम साबुन और तेल से चल जाता था। आफ़्टर शेव और कोलोन बाद में आए। अब तो इस सूची में दर्जन-दो दर्जन चीजें और जुड़ गई हैं।
प्रश्न 1: संभ्रांत महिलाओं से क्या आशय है?
उत्तर: संभ्रांत महिलाओं का अर्थ है संपन्न परिवारों की महिलाएँ, जो समाज में अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने में कोई कमी नहीं करतीं|
प्रश्न 2: ‘प्रतिष्ठा-चिन्ह’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: ‘प्रतिष्ठ-चिन्ह’ का तात्पर्य है मान-सम्मान का सूचक| जिस वस्तु के उपयोग से समाज में किसी की ऊँची हैसियत का पता चलता है, उसे प्रतिष्ठा-चिन्ह माना जाता है|
प्रश्न 3: आधुनिक युग में पुरूष किस दौड़ में शामिल हो गए हैं?
उत्तर: आधुनिक युग में महिलाओं के साथ-साथ पुरूष भी सौन्दर्य-सामग्री का उपयोग करने में पीछे नहीं हैं| वे केवल साबुन और शैम्पू के प्रयोग करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि कई अन्य प्रकार के सौन्दर्य-साधनों का उपयोग करने में नहीं हिचकते| वे महिलाओं की तरह रूप-सज्जा के दौड़ में शामिल हो गए हैं|