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कविता का सारांश

यह कविता चार दिशाओं के बारे में है। कवि कहता है कि जब हम सूरज की ओर मुँह करके खड़े होते हैं तो सामने पूरब दिशा होती है। हमारी पीठ पीछे पश्चिम दिशा होती है। हमारी बाईं ओर उत्तर दिशा होती है और हमारी दाहिनी ओर दक्षिण दिशा होती है। इस तरह, चार दिशाएँ होती हैं - पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण।

कविता का अर्थ

इस कविता का अर्थ यह है कि चार दिशाएँ हमारे चारों ओर हैं। हम जब भी किसी दिशा में देखते हैं, तो हम किसी न किसी दिशा की ओर देख रहे होते हैं।
Summary: चार दिशाएँ | Hindi for Class 2 (सारंगी)

शब्दार्थ

  • सूरज: आसमान में चमकता हुआ तारा
  • सामने: सामने की ओर
  • पीठ पीछे: पीठ के पीछे
  • उत्तर: उत्तर की ओर
  • दक्षिण: दक्षिण की ओर
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