प्रश्न 1: महादेव पीड़ितों के लिए क्या कार्य करते थे?
उत्तर: महादेव जी पीड़ितों की बातों की संक्षिप्त टिप्पणियाँ तैयार करके उन्हें गाँधीजी के समक्ष पेश करते थे तथा उनके साथ प्रत्यक्ष मुलाकात भी करवाते थे।
प्रश्न 2: हार्नीमैन कौन थे? उन्हें देश निकाले की सजा क्यों दी गई?
उत्तर: हार्नीमैन ‘बंबई क्रॉनिकल' अखबार के संपादक थे। वे अंग्रेज़ सरकार पर तीखी टिप्पणियाँ करते थे। उनकी निडरता व कटु आलोचना के कारण उन्हें 'देश - निकाला' सजा देकर इंग्लैंड भेज दिया गया।
प्रश्न 3: आकाश में चमकता तेजस्वी तारा किसे कहा गया है?
उत्तर: आकाश में चमकता तेजस्वी तारा शुक्रतारे को कहा गया है।
प्रश्न 4: महादेव की गाँधीजी के बिना कल्पना क्यों नहीं हो सकती ?
उत्तर: महादेव का जीवन व उनके सारे कामकाज गांधीजी के साथ एकरूप हो गए थे। यही कारण है कि उन्हें गांधीजी से अलग करने की कल्पना नहीं की जा सकती थी।
प्रश्न 5: नक्षत्र मंडल के शुक्रतारे को 'कलगी रूप तारा' क्यों कहा गया है?
उत्तर: शुक्रतारे को ‘कलगी रूप तारा' कहा जाता है, क्योंकि वह कलगी के समान चमकता है।
प्रश्न 6: 'आँखों में तेल डालकर देखना' से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: इस मुहावरे का अर्थ है - पैनी दृष्टि से जाँच-पड़ताल करना, गांधीजी की हर बात पर दृष्टि रखना और उनके काम में कमियाँ खोजना।
प्रश्न 7: गांधीजी से मुलाकात करने के लिए कौन-कौन आते थे?
उत्तर: गांधीजी से मिलने के लिए बड़े-बड़े देशी-विदेशी राजपुरुष, राजनीतिज्ञ, प्रसिद्ध समाचार-पत्रों के प्रतिनिधि, पादरी, ग्रंथकार, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के संचालक आदि आते थे।
प्रश्न 8: बिहार व उत्तर प्रदेश के मैदान किससे बने हैं?
उत्तर: बिहार और उत्तर प्रदेश के हजारों मील लंबे मैदान गंगा, यमुना तथा अन्य दूसरी नदियों के परम उपकारी गाद से बने हैं।
प्रश्न 1. पंजाब में फौजी शासन ने क्या कहर बरसाया ?
उत्तरः पंजाब में फौजी शासन ने काफी आतंक मचाया। पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार किया गया। उन्हें उम्र केद की सजा देकर काला-पानी भेज दिया गया। 1919 में जलियाँवाला बाग में निर्दोष लोगों को गोलियों से भून दिया गया। ‘ट्रिब्यून’ के सम्पादक कालिनाथ राय को 10 साल की जेल की सजा दी गई।
प्रश्न 2. महादेव की साहित्यिक देन क्या है ?
उत्तरः महादेव को प्रथम श्रेणी की शिष्ट, सम्पन्न भाषा और मनोहारी लेखन-शैली की ईश्वरीय देन मिली थी। गाँधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी अनुवाद इन्होंने किया। नरहरि भाई के साथ उन्होंने टैगोर द्वारा रचित साहित्य का उलटना-पुलटना शुरू किया। टैगोर द्वारा रचित ‘विदाई का अभिशाप’ शीर्षक नाटिका, ‘शरद बाबू की कहानियाँ’ आदि अनुवाद उस समय की उनकी साहित्यिक देन हैं।
प्रश्न 3. महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था ?
उत्तरः सन् 1934-35 में गाँधी जी वर्धा के महिला आश्रम में और मगनबाड़ी में रहने के बाद अचानक मगनबाड़ी से चलकर गाँव की सरहद पर एक पेड़ के नीचे जा बैठे। उसके बाद वहाँ एक-दो झोंपड़े बने और फिर धीरे-धीरे मकान बनकर तैयार हुए, तब तक महादेव भाई, दुर्गा बहन और चि. नारायण के साथ मगनबाड़ी में रहे। वही से वे वर्धा की असह्य गर्मी में रोज सुबह पैदल चलकर सेवाग्राम पहुँचते थे। वहाँ दिन भर काम करके शाम को वापस पैदल आते थे। आते-जाते पूरे 11 मील चलते थे। रोज-रोज का यह सिलसिला लम्बे समय तक चला। कुल मिलाकर इसका जो प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, वही उनकी अकाल मृत्यु का कारण बना।
प्रश्न 4. शुक्र तारे के समान किसे बताया गया और क्यों ?
उत्तरः शुक्र तारे के समान महादेव भाई देसाई को बताया गया है, जो गाँधी जी के परम सहयोगी थे। आकाश के तारों में शुक्र का कोई जोड़ नहीं। शुक्र, चन्द्र का साथी। जिस प्रकार शुक्र तारा नक्षत्र मण्डल में ऐन शाम या सवेरे घण्टे दो घण्टे दिखता है, पर अपनी आभा-प्रभा से आकाश को जगमगा देता है, उसी प्रकार महादेव भाई आधुनिक भारत की स्वतन्त्रता के उषाकाल में अपने स्वभाव व विद्वता से देश-दुनिया को मुग्ध करके अचानक अस्त हो गए।
प्रश्न 1. ”अपना परिचय उनके पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।“ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः महादेव भाई का समूचा जीवन और उनके सारे कामकाज गाँधी जी के साथ एकरूप होकर इस प्रकार गुँथ गए थे कि गाँधी जी से अलग करके अकेले उनकी कोई कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। वे गाँधी जी के लिए ही सारा काम करते थे। वे अत्यन्त विनम्र थे। अपनी बातों से किसी को ठेस नहीं पहुँचाते थे। वे स्वयं को गाँधी जी का भक्त, उनका खाना बनाने वाला, उनके लिए रास्ते पर पानी छिड़कने वाला तथा गधे के समान गाँधी जी के हर काम को करने के लिए तैयार रहने वाला कहकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते थे अर्थात् उन्हें अभिमान छू भी न सका था।
प्रश्न 2. महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया?
उत्तरः महादेव को उनके निम्नलिखित गुणों ने सबका लाड़ला बना दिया था-
(i) महादेव गाँधी जी की यात्राओं के और प्रतिदिन की उनकी गतिविधियों के साप्ताहिक विवरण भेजा करते थे।(ii) वे गाँधी जी के खिलाफ लिखने वालों पर टिप्पणी करते थे।
(iii) बेजोड़ कलम, भरपूर, चैकसाई ऊँचे-से-ऊँचे ब्रिटिश समाचार पत्रों की परम्पराओं को अपनाकर चलने का गाँधी जी का आग्रह और कट्टर विरोधियों के साथ भी सत्यनिष्ठा, विनय से विवाद करने की गाँधी जी की तालीम आदि गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था।
प्रश्न 3. ”देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्र तारे की तरह अचानक अस्त हो गए।“ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः आकाश में अगणित तारे होते है, पर उनके बीच शुक्र तारा अलग ही अपनी चमक बिखेरता है। इसे चन्द्रमा का साथी माना गया है। शुक्र तारे की चमक का वर्णन कवियों द्वारा भी किया गया है। यह तारा कुल मिलाकर सुबह शाम में घंटे-दो-घंटे ही दिखता है, ठीक इसी तरह महादेव भाई भी स्वतंत्रता की प्रभात बेला में अपने कार्य एवं मधुर व्यवहार से लोगों के बीच लाड़ले बन गए थे। गाँधी जी के लिए वे सारे कार्य करते रहते थे। वे गाँधी जी तथा लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुके थे। उनकी असमय मृत्यु से विशेषकर गाँधी जी दुःखी थे। शुक्र तारे की तरह कम समय में ही अपने व्यवहार से सबको प्रभावित करते हुए अस्त हो गए।
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