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सुभाषितानि Chapter Notes | Chapter Notes For Class 7 PDF Download

यहाँ संस्कृत के सुन्दर वचनों का संकलन है। प्रथम श्लोक में सुभाषितों का महत्त्व बताया गया है। इस संसार में जल, अन्न और सुभाषित-ये तीन ही रत्न बताए गए हैं। हीरा, पन्ना आदि पत्थर के टुकड़ों को रत्न कहना व्यर्थ है।

दूसरे श्लोक में सत्य की महिमा बताई गई है। इस संसार में पृथ्वी, सत्य पर टिकी है। सूर्य, सत्य के आश्रय से तपता है। सारा विश्व सत्य पर टिका हुआ है। . तीसरे श्लोक में कहा है कि इस पृथ्वी पर अनेक रत्न हैं। यथा-दान, तप, शौर्य, विनय इत्यादि। ये सभी रत्न परमात्मा प्रदत्त हैं।

चौथे श्लोक में सज्जन की महिमा कही है। हमें सज्जनों के साथ बैठना चाहिए। सज्जनों का साथ करना चाहिए और उनके साथ ही मित्रता करनी चाहिए। पाँचवें श्लोक में कहा है कि व्यक्ति को ज्ञान के संग्रह में, आहार तथा व्यवहार के विषय में संकोच नहीं करना चाहिए। छठे श्लोक में क्षमा का महत्त्व बताया गया है। जिस व्यक्ति के पास क्षमा रूपी हथियार है, उसका दुष्ट व्यक्ति कुछ बिगाड़ नहीं सकता है।

Word Meanings


(क) पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।
मूढः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते॥1॥

सरलार्थ :
पृथ्वी पर जल, अन्न और सुवचन ये तीन ही रत्न हैं परंतु मूों के द्वारा पत्थर के टुकड़ों को रत्न का नाम दिया जाता है।

शब्दार्थाः (Word Meanings) :

  • पृथिव्यां - धरती पर 
  • सुभाषितम् - सुन्दर वचन 
  • मूढः - मूों के द्वारा 
  • पाषाणखण्डेषु - पत्थर के टुकड़ों में 
  • रत्नसंज्ञा - रत्न का नाम 
  • विधीयते - किया जाता है/दिया जाता है 

(ख) सत्येन धार्यते पृथ्वी सत्येन तपते रविः।
सत्येन वाति वायुश्च सर्वं सत्ये प्रतिष्ठितम्॥2॥

सरलार्थ :
सत्य से पृथ्वी धारण की जाती है। सत्य से सूरज तपता है और सत्य से ही वायु प्रवाहित होती है। सब कुछ सत्य में समाहित (स्थित) है।

शब्दार्थाः (Word Meanings) :

  • सत्येन - सत्य से 
  • धार्यते - धारण की जाती है 
  • तपते - जलता है 
  • वाति - बहता है/बहती है 
  • वायुश्च - और वायु 
  • प्रतिष्ठितम् - स्थित है 

(ग) दाने तपसि शौर्ये च विज्ञाने विनये नये।
विस्मयो न हि कर्त्तव्यो बहुरत्ना वसुन्धरा ॥3॥

सरलार्थ :
दान में, तपस्या में, बल में, विशेष ज्ञान में, विनम्रता में और नीति में निश्चय ही आश्चर्य नहीं करना चाहिए। पृथ्वी बहुत रत्नों वाली है। अर्थात् पृथ्वी में बहुत से ऐसे रत्न भरे हुए हैं।

शब्दार्थाः (Word Meanings) :

  • तपसि - तपस्या में
  • शौर्ये - बल में 
  • विज्ञाने - विशेष ज्ञान में 
  • नये - नीति में 
  • विस्मयो - आश्चर्य 
  • बहुरना - अनेक रत्नों वाली 
  • कर्त्तव्यो - करना चाहिए 
  • वसुन्धरा - पृथ्वी

(घ) सद्भिरेव सहासीत सद्भिः कुर्वीत सङ्गतिम्।
सद्भिर्विवादं मैत्री च नासद्भिः किञ्चिदाचरेत् ॥4॥

सरलार्थ :
सज्जनों के साथ ही बैठना चाहिए। सज्जनों के साथ संगति (रहन-सहन) करनी चाहिए। सज्जनों के साथ विवाद (तर्क-वितर्क) और मित्रता करनी चाहिए।असज्जनों (दुष्टों) के साथ कुछ भी व्यवहार नहीं करना चाहिए।

शब्दार्थाः (Word Meanings) :

  • सद्भिरेव (सद्भिः +एव) - सज्जनों के साथ ही 
  • सहासीत ( सह+आसीत) - साथ बैठना चाहिए 
  • कुर्वीत - करना चाहिए 
  • सद्भिर्विवादम् (सद्भिः +विवादम्) - सज्जनों के साथ विवाद (झगड़ा) 
  • नासद्भिः (न+असद्भिः ) - असज्जन लोगों के साथ नहीं 
  • मैत्री - मित्रता 

(ङ) धनधान्यप्रयोगेषु विद्यायाः संग्रहेषु च।
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्॥5॥

सरलार्थ :
धन धान्य के प्रयोग में और विद्या के संचय में, आहार और व्यवहार में संकोच को छोड़नेवाला अर्थात् उदार प्रवृत्ति वाला व्यक्ति सुखी (होता है)।


शब्दार्थाः (Word Meanings) :

  • धनधान्यप्रयोगेषु - धनधान्य के प्रयोग में/व्यवहार में 
  • संग्रहेषु - एकत्र करने (इकट्ठा करने) में 
  • त्यक्तलज्जः  - संकोच को छोड़नेवाला 
  • भवेत् - हो (होता है)

(च) क्षमावशीकृतिर्लोके क्षमया किं न साध्यते।
शान्तिखड्गः करे यस्य किं करिष्यति दुर्जनः॥6॥

सरलार्थ :
क्षमा संसार में (सबसे बड़ा) वशीकरण है। क्षमा से क्या (कार्य) पूर्ण नहीं होता है ? जिसके हाथ में क्षमारूपी तलवार है, उसका दुष्ट व्यक्ति क्या कर सकता है (क्या बुरा कर सकता है)?


शब्दार्थाः (Word Meanings) :

  • क्षमावशीकृतिर्लोके (क्षमावशीकृति: लोके) - संसार में क्षमा (सबसे बड़ा) वशीकरण है 
  • क्षमया - क्षमा से 
  • साध्यते - साधा जाता है 
  • करे - हाथ में 
  • दुर्जन: - बुरे लोग
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FAQs on सुभाषितानि Chapter Notes - Chapter Notes For Class 7

1. सुभाषितानि की कक्षा 7 में कितने अध्याय हैं?
उत्तर: सुभाषितानि की कक्षा 7 में 15 अध्याय हैं।
2. सुभाषितानि कक्षा 7 के अंतर्गत कौन-कौन से विषय शामिल हैं?
उत्तर: सुभाषितानि कक्षा 7 के अंतर्गत नैतिकता, मानवता, देशभक्ति, स्वच्छता, शिक्षा, विद्या, धर्म, उद्यम, विज्ञान, समाजसेवा, महात्मा गांधी, स्वावलंबन, समय, पर्यावरण और संस्कृति जैसे विषय शामिल हैं।
3. सुभाषितानि कक्षा 7 में प्रत्येक अध्याय का विषय क्या है?
उत्तर: सुभाषितानि कक्षा 7 में प्रत्येक अध्याय का विषय एक नैतिक मूल्य या भावना है। यह अध्यायों में प्रस्तुत की गई कहानियों और दोहों के माध्यम से विभिन्न मूल्यों और भावनाओं को समझाता है।
4. सुभाषितानि कक्षा 7 में अध्यायों के पठन सामग्री किस प्रकार की होती है?
उत्तर: सुभाषितानि कक्षा 7 में प्रत्येक अध्याय की पठन सामग्री दोहों, कविताओं, कहानियों, और व्याख्यानों की रूपरेखा होती है। ये सामग्री छात्रों को नैतिक मूल्यों और भावनाओं को समझने में मदद करती हैं।
5. सुभाषितानि कक्षा 7 के अध्यायों को समझने के लिए छात्रों को क्या करना चाहिए?
उत्तर: सुभाषितानि कक्षा 7 के अध्यायों को समझने के लिए छात्रों को ध्यान से पठन करना चाहिए, उनकी अर्थ-व्याख्या पढ़नी चाहिए, और उनके मूल्यों और भावनाओं को समझने का प्रयास करना चाहिए। छात्रों को आदर्शों, नैतिकता, देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है।
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