एक बार की बात है, एक नाजुक चूजा जंगल में सैर के लिए निकला। वह देवदार के पेड़ के नीचे से जा रहा था तभी अचानक एक फल उसके सिर पर आ गिरा।
नाजुक चूजे ने समझा कि हो न हो आसमान गिर रहा है। भयभीत होकर वह दौड़ने लगा। उसने जंगल के राजा शेर को यह बताने का निर्णय किया और तेजी से दौड़ने लगा। उसे बेतहाशा भागते देखकर मुर्गी ने पूछा, “अरे! ओ नाजुक चूजे, कहाँ दौड़े जा रहे हो?”
हाँफता-हाँफता नाजुक चूजा बोला, “आह! आसमान गिर रहा है, भागो… मैं शेर भाई को सूचित करने जा रहा हूँ।” मुर्गी भी नाजुक चूजे के साथ हो ली।
मार्ग में उनकी मुलाकात बत्तख से हुई। सारी बातें जानकर वह भी इनके साथ दौड़ने लगी। चलते-चलते उन्हें लोमड़ी मिली। उसने पूछा, “अरे भाई, तुम सब कहाँ जा रहे हो?” उन तीनों ने कहा, “हम लोग शेर को बताने जा रहे हैं कि आसमान गिर रहा है।”
लोमड़ी उन तीनों को शेर के पास ले गई। शेर सभी के साथ उस पेड़ के नीचे आया तभी फिर से देवदार का एक फल नाजुक चूजे पर गिरा और वह घबराकर चिल्लाया, “आह! वह देखो, आसमान गिर रहा है।” यह सुनकर सभी एक साथ हँसने लगे।
Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा: बिना समझे अपफवाहें न फैलाएं।
गर्मियों के दिन थे। एक मैदान में एक टिड्डा अपनी ही मस्ती में झूम-झूम कर गाना गा रहा था। तभी उधर से एक चींटी गुजरी। वह एक मक्के का दाना उठाकर अपने घर ले जा रही थी।
टिड्डे ने उसे बुलाया और कहा, “चींटी रानी, चींटी रानी, कहाँ जा रही होघ? इतना अच्छा मौसम है… आओ बातें करें… मस्ती करें…”
चींटी ने कहा, “टिड्डे भाई, मैं सर्दियों के लिए भोजन इकट्ठा कर रही हूँ। बहुत काम पड़ा है… मुझे क्षमा कर दोए मैं बैठ नहीं सकती।”
टिड्डे ने फिर कहा, “अरे! सर्दियों की चिंता क्यों करती हो? अभी तो सर्दी आने में बहुत देर है…” पर चींटी मुस्कराकर चलती रही। उसे अपना काम पूरा करना था।
शीघ्र ही सर्दियाँ आ गईं। टिड्डे के पास खाने के लिए कुछ नहीं था जबकि चींटी अपने इकट्ठे किए अनाज को आराम से बैठकर खा रही थी। टिड्डे को अब आभास हुआ कि कठिन दिनों के लिए उसे भी पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए थी।
Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा: आज किए गए कार्य का फल आने वाले समय में मिलता है।
एक बार एक लोमड़ी और एक गधे में दोस्ती हो गई। दोनों ने मिलकर आपस में एक समझौता किया। उन्होंने सदा एक दूसरे की सहायता करने का वादा किया। एक दिन दोनों साथ मिलकर भोजन ढूँढने के लिए जंगल में गए।
वहाँ उनकी मुलाकात एक शेर से हुई। लोमड़ी चतुराई से शेर के पास गई। उसने शेर से कहा, “महाराज! यदि आप मुझे कोई नुकसान नहीं पहुँचाएंगे तो मैं गधे को आपके पास ले आऊगीं। आप को अपना भोजन मिल जाएगा और मुझे भी।”
शेर ने लोमड़ी की बात मान लिया। लोमड़ी गधे को अपनी बातों में उलझाकर एक गहरे गड्ढे की ओर ले गई। बात करते करते बेचारे गधे ने ध्यान नही दिया और वह गडे मे गिर गया।
शेर अवसर की तलाश में ही था। सबसे पहले उसने लोमड़ी पर हमला करके उसे मार डाला। छककर उसने लोमड़ी का भोजन किया। बाद में उसने आराम से गधे को भी मारा और खा लिया।
Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा: मित्रा को धेखा देने वाला स्वयं अपनी ही बर्बादी को आमंत्रित करता है।
एक समय की बात है… एक नीलकंठ ने मोरों को नाचते हुए देखा। वह उनके सुंदर पंखों से मोहित हो गया। वह घूमता-घूमता मोरों के रहने की जगह पहुँचा।
वहाँ उसने मोरों के ढेर सारे पंख गिरे हुए देखे। नीलकंठ ने सोचा कि यदि मैं इन पंखों को लगा ले तो मैं भी मोरों की तरह सुंदर बन जाऊँगा।
यह सोचकर उसने सभी पंखों को उठाया और अपनी पूँछ के चारों ओर रखकर बाँध लिया। फिर ठुमकता हुआ वह मोरों के बीच पहुँचा और उन्हें घूम-घूमकर दिखाने लगा।
मोरों ने उसे पहचान लिया और चोंच से मारना शुरु कर दिया। चोंच मारने के साथ वे बँधे हुए पंखों को भी खींचते जाते थे। सारे पंख निकालकर ही वे शांत हुए।
नीलकंठ के भाई-बंधु दूर से यह तमाशा देख रहे थे। नीलकंठ दुखी मन से अपने भाई बंधु के बीच पहुँचा। सभी उससे नाराज थे उन्होंने कहा, “सुंदर पक्षी बनने के लिए मात्र सुंदर पंख आवश्यक नहीं है। ईश्वर ने सबको अलग-अलग सुंदरता दी है।”
Moral of Short Stories In Hindi शिक्षा: स्वाभाविक रहें, और दूसरों की नकल न करें।
एक समय की बात है… गर्मी की दोपहर थी। एक गंजा आदमी सुबह से काम करते-करते थककर आराम करने बैठा था। एक मक्खी कहीं से उड़ती हुई आई और उसके आस-पास मंडराने लगी।
गंजा आदमी उसे उड़ाता पर बार-बार वह उसके माथे पर बैठ जाती और उसे काट लेती। परेशान होकर उसने एक जोर का पंजा उसे मारा।
मक्खी तो उड़ गई पर अपना ही हाथ उसे सिर पर जोर का लगा। कुछ पलों बाद मक्खी फिर से आकर काटने लगी। सिर पर बैठने पर गंजे ने उसे फिर से जोर से मारा।
मक्खी इस बार भी बच गई। कुछ देर शांत रही। शीघ्र ही मक्खी ने फिर से भिनभिनाना शुरु कर दिया। गंजा व्यक्ति समझ गया। उसने कहा, “दुष्ट शत्रुओं पर ध्यान देने से व्यक्ति अपना ही नुकसान करता है उस पर ध्यान न देने में ही भलाई है…” थोड़ी देर बाद मक्खी उड़कर किसी और को बताने चली गई।
Moral of Short Stories In Hindiशिक्षा: दुष्ट शत्राओं पर ध्यान देने से व्यक्ति अपना ही नुकसान करता है।
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