यह कहानी एक युवा लड़की सुनीता की है, जो अपने स्कूल में बहुत अच्छी तरह से पढ़ाई करती है और सभी को प्रभावित करती है। सुनीता की एक विशेषता यह है कि वह व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती है क्योंकि वह चल नहीं सकती। इसके बावजूद, वह अपनी कक्षा में सबसे उत्साही और ऊर्जावान छात्रा है।
कहानी में उसके स्कूल का वर्णन है जहाँ उसे पढ़ाई के दौरान और अन्य गतिविधियों में सहायता प्रदान की जाती है। वह अपनी माँ के साथ बाजार जाने, स्कूल की प्रतियोगिताओं में भाग लेने और अपने मित्रों के साथ समय बिताने का आनंद उठाती है। सुनीता के जीवन में उसकी माँ का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, जो उसे हर स्थिति में समर्थन और प्रोत्साहन देती है।
एक दिन, स्कूल में एक खेल प्रतियोगिता के दौरान, सुनीता को अपनी क्षमताओं पर संदेह होता है, लेकिन उसकी माँ और शिक्षकों की प्रेरणा से वह अपने आप को साबित करने का निश्चय करती है। वह न केवल प्रतियोगिता में भाग लेती है बल्कि उत्कृष्ट प्रदर्शन भी करती है, जिससे सभी चकित रह जाते हैं।
इस कहानी के माध्यम से, लेखक यह संदेश देता है कि कठिनाइयों और बाधाओं के बावजूद, दृढ़ संकल्प और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और उसमें सफल हो सकते हैं। सुनीता की कहानी प्रेरणादायक है और यह दिखाती है कि समर्थन और विश्वास के साथ, हर कोई अपनी सीमाओं को पार कर सकता है और अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सकता है।
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