प्रश्न 1: किसने राजा शांतनु को अपने सौंदर्य और नवयौवन से मोह लिया?
उत्तर: गंगा ने राजा शांतनु को अपने सौंदर्य और नवयौवन से मोह लिया ।
प्रश्न 2: पैदा होते ही गंगा अपने पुत्रों से साथ क्या किया करती थी ?
उत्तर: पैदा होते ही गंगा अपने पुत्रों को नदी की बहती हुई धारा में फेंक दिया करती थी ।
प्रश्न 3: गंगा को पुत्रों को नदी में फेंकता देख कर भी राजा शांतनु कुछ क्यों नहीं कर पाते थे?
उत्तर: राजा शांतनु ने गंगा को वचन दिया था जिसके कारण वह सब कुछ देखकर भी मन मसोस कर रह जाते थे ।
प्रश्न 4: गंगा राजा शांतनु को छोड़ कर वापस क्यों चली गई?
उत्तर: राजा शांतनु ने गंगा को अपने आंठवे बच्चे को फेंकने से रोक कर अपना वचन तोड़ दिया था इसलिए गंगा उन्हें छोड़ कर वापस चली गयी ।
प्रश्न 5: भीष्म पितामह कौन थे?
उत्तर: गंगा और राजा शांतनु के आंठवे पुत्र देवव्रत थे जो आगे चलकर भीष्म पितामह के नाम से विख्यात हुए ।
प्रश्न 6: सूत जी के द्वारा बुलाई गयी सभा के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर: सूत जी के द्वारा बुलाई गयी सभा के अध्यक्ष महर्षि शौनक थे ।
प्रश्न 7: एक दिन राजा शांतनु शिकार खेलते-खेलते गंगा के तट पर चले गए तब उन्होंने वहाँ क्या देखा?
उत्तर: उन्होंने वहाँ देखा कि एक सुंदर और गठीला युवक गंगा की बहती हुई धारा पर बाण चला रहा था और उसके बाणों के बौछार से गंगा की प्रचंड धारा एकदम रुकी हुई थी ।
प्रश्न 8: देवव्रत के गुणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: देवव्रत ने शिक्षा महर्षि वसिष्ठ से ली थी । शास्त्र ज्ञान में शुक्राचार्य और रण कौशल में परशुराम ही उनका मुकाबला कर सकते थे । यह जितने कुशल योद्धा थे उतने ही चतुर राजनीतिज्ञ थे।
प्रश्न 9 किसने किससे कहा?
i. “राजन! आपकी पत्नी होना मुझे स्वीकार है, पर इससे पहले आपको मेरी शर्तें माननी होंगी । क्या आप मानेगें ?”
उत्तर: गंगा ने राजा शांतनु से कहा ।
ii. “माँ होकर अपने नादान बच्चों को अकारण ही क्यों मार दिया करती हो? यह घृणित व्यवहार तुम्हें शोभा नहीं देता है ।”
उत्तर: राजा शांतनु ने गंगा से कहा ।
iii. “राजन क्या आप अपना वचन भूल गए हैं? मालूम होता है कि आपको पुत्र से ही मतलब है, मुझ से नहीं ।"
उत्तर: गंगा ने राजा शांतनु से कहा ।
iv. “राजन, पहचाना मुझे और इस युवक को ? यही आपका और मेरा आठवाँ पुत्र देवव्रत है ।”
उत्तर: गंगा ने राजा शांतनु से कहा ।
प्रश्न 10: शांतनु के सामने उपस्थित होकर गंगा ने क्या कहा ?
उत्तर: गंगा ने शांतनु से कहा कि राजन्! क्या आपने मुझे और इस युवक को नहीं पहचाना! यह आपका आठवाँ पुत्र देवव्रत है। महर्षि वशिष्ठ ने इसे शिक्षा दी है। शास्त्रज्ञान में शुक्राचार्य और रण-कौशल में परशुराम ही इसका मुकाबला कर सकते हैं। यह जितना कुशल योद्धा है उतना ही चतुर राजनीतिज्ञ भी है।
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1. देवव्रत कौन थे? |
2. देवव्रत की कहानी क्या है? |
3. देवव्रत के वचन क्या थे? |
4. देवव्रत की कहानी में कौन-कौन से पात्र शामिल थे? |
5. देवव्रत की कहानी क्यों महत्वपूर्ण है? |
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