प्रश्न 1: राजा शांतनु क्यों प्रसन्न थे?
उत्तर: राजा शांतनु देवव्रत को पुत्र के रूप में पाकर प्रसन्न थे।
प्रश्न 2: राजा शांतनु ने यमुना तट पर क्या देखा?
उत्तर: राजा शांतनु ने यमुना तट पर अप्सरा-सी सुंदर एक तरुणी को देखा जिसका नाम सत्यवती था।
प्रश्न 3: सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में क्या विचार आया?
उत्तर: सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में उन्हें अपनी पत्नी बनाने की इच्छा हुई।
प्रश्न 4: केवटराज की क्या सर्त थी?
उत्तर: केवटराज की शर्त थी कि राजा शांतनु के बाद हस्तिनापुर का राज सिंहासन सत्यवती के पुत्र को मिले।
प्रश्न 5: राजा शांतनु क्यों चिंतित थे?
उत्तर: राजा शांतनु इसलिए चिंतित थे क्योंकि वह सत्यवती से विवाह करना चाहते थे पर सत्यवती के पिता केवटराज ने जो शर्त रखी वो अनुचित थी।
प्रश्न 6: देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण किस प्रकार पता चला?
उत्तर: देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण उनके सारथी से पूछताछ करने से पता चला।
प्रश्न 7: देवव्रत का नाम भीष्म क्यों पड़ा ?
उत्तर: देवव्रत का नाम भीष्म इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने आजन्म ब्रह्मचारी रहने की कठोर प्रतिज्ञा की थी।
प्रश्न 8: सत्यवती और शांतनु के कितने पुत्र हुए?
उत्तर: सत्यवती और शांतनु के दो पुत्र हुए- चित्रांगद और विचित्रवीर्य ।
प्रश्न 9: राजा शांतनु के बाद कौन हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठा ?
उत्तर: राजा शांतनु के बाद चित्रांगद हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठा।
प्रश्न 10: चित्रांगद के युद्ध में मारे जाने के बाद हस्तिनापुर की राजगद्दी किसे दी गयी?
उत्तर: चित्रांगद के युद्ध में मारे जाने के बाद हस्तिनापुर की राजगद्दी विचित्रवीर्य को दी गयी।
प्रश्न 11: विचित्रवीर्य की कितनी रानियाँ थीं? उनके नाम लिखें।
उत्तर: विचित्रवीर्य की दो रानियाँ थीं – अंबिका और अंबालिका।
प्रश्न 12: अंबिका और अंबालिका के पुत्रों के नाम लिखें।
उत्तर: अंबिका के पुत्र थे धृतराष्ट्र और अंबालिका के पुत्र थे पांडु ।
प्रश्न 13: किसने किससे कहा?
(i) “मेरे पिता मल्लाहों के सरदार हैं। पहले उनकी अनुमति ले लीजिए। फिर मैं आपकी पत्नी बनने के लिए तैयार हूँ।”
उत्तर: सत्यवती ने राजा शांतनु से कहा ।
(ii) “आपको मुझे एक वचन देना पड़ेगा ।”
उत्तर: केवटराज ने राजा शांतनु से कहा ।
(iii) “जो माँगोगे दूँगा यदि वह मेरे लिए अनुचित न हो ।”
उत्तर: राजा शांतनु ने केवटराज से कहा ।
(iv) “पिता जी, संसार का कोई भी सुख ऐसा नहीं है, जो आपको प्राप्त न हो, फिर भी इधर कुछ दिनों से आप दुखी दिखाई दे रहें हैं । आपको किस बात की चिंता है । "
उत्तर: देवव्रत ने राजा शांतनु से कहा ।
(v) “यदि तुम्हारी आपत्ति का कारण यही है, तो मैं वचन देता हूँ कि मैं राज्य का लोभ नहीं करूँगा । सत्यवती का पुत्र ही मेरे पिता के बाद राजा बनेगा ।”
उत्तर: देवव्रत ने राजा केवटराज से कहा
(vi) “आर्यपुत्र, इस बात का मुझे पूरा भरोसा है कि आप आपने वचन पर अटल रहेंगे, किंतु आपकी संतान मैं वैसी आशा कैसे रख सकता हूँ?”
उत्तर: केवटराज ने देवव्रत से कहा ।
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1. भीष्म प्रतिज्ञा की कहानी में कौन-कौन से मुख्य पात्र हैं? |
2. भीष्म प्रतिज्ञा की कहानी किस ग्रंथ से ली गई है? |
3. भीष्म प्रतिज्ञा की कहानी में भीष्म की प्रतिज्ञा क्या थी? |
4. भीष्म प्रतिज्ञा की कहानी में क्या संदेश दिया गया है? |
5. भीष्म प्रतिज्ञा की कहानी में भीष्म का क्या अंत हुआ? |
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