प्रश्न 1: धृतराष्ट्र दुर्योधन का साथ क्यों देते थे?
उत्तर: अपने बेटे पर अंकुश रखने की शक्ति धृतराष्ट्र में नहीं थी। इस कारण यह जानते हुए भी कि दुर्योधन कुराह पर चल रहा है, उन्होंने उसका ही साथ दिया।
प्रश्न 2: दुर्योधन की जलन का क्या कारण था?
उत्तर: भीमसेन का शरीर - बल और अर्जुन की युद्ध कुशलता ही दुर्योधन की जलन का कारण थी।
प्रश्न 3: दुर्योधन के सलाहकार कौन थे?
उत्तर: दुर्योधन के सलाहकार मामा शकुनी और कर्ण थे।
प्रश्न 4: शकुनी कौन था?
उत्तर: शकुनी दुर्योधन का मामा था।
प्रश्न 5: धृतराष्ट्र के छोटे भाई पांडु को सिंहासन क्यों दिया गया था?
उत्तर: धृतराष्ट्र जन्म से अंधे थे इसलिए उनके छोटे भाई पांडु को सिंहासन दिया गया था।
प्रश्न 6: युधिष्ठिर के कुढ़ने का कारण क्या था?
उत्तर: युधिष्ठिर के कुढ़ने का कारण पांडवों की लोकप्रियता थी।
प्रश्न 7: पाण्डु के अकाल मृत्यु हो जाने पर किसने राज काज सँभाला और क्यों?
उत्तर: पाण्डु के अकाल मृत्यु हो जाने पर धृतराष्ट्र ने राज काज सँभाला क्योंकि पांडव बालक थे।
प्रश्न 8: प्रजा किसे सिंहासन के योग्य मानती थी और क्यों?
उत्तर: प्रजा युधिष्ठिर को सिंहासन के योग्य मानती थी क्योंकि उनका मानना था कि युधिष्ठिर ही सारी प्रजा के साथ न्यायपूर्वक व्यवहार कर सकेंगें।
प्रश्न 9: युधिष्ठिर को प्रजाजन क्यों चाहते थे?
उत्तर: प्रजाजन युधिष्ठिर को इसलिए चाहते थे क्योंकि वह धर्मानुसार चलते थे, सबसे समान स्नेह करते थे और अपने पिता के समान गुणवान थे।
प्रश्न 10: किसने किससे कहा?
(i) “पिता जी, पुरवासी तरह-तरह की बातें करते हैं।”
उत्तर: दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा।
(ii) “बेटा, तुम्हारा कहना ठीक है। लेकिन यधिष्ठिर के विरुद्ध कुछ करना भी तो कठिन है।”
उत्तर: धृतराष्ट्र ने दुर्योधन से कहा।
प्रश्न 11: पांडवों को वारणावत भेजने में दुर्योधन की क्या सोच थी?
उत्तर: दुर्योधन ने पुरोचन से कह कर वारणावत में लाख का भवन बनवाया था। दुर्योधन की योजना थी कि कुछ दिनों तक पांडवों को लाख के भवन में आराम से रहने दिया जाए और जब वे पूर्ण रूप से निःशंक हो जाएँ, तो रात में भवन में आग लगा दी जाए, जिससे पांडव तो जलकर भस्म हो जाएँ और कौरवों पर भी कोई दोष न लगे।
प्रश्न 12: कर्णिक नामक ब्राह्मण कौन था और उसने धृतराष्ट्र से क्या कहा?
उत्तर: कर्णिक नाम का एक ब्राह्मण था जो शकुनि का मंत्री था। उसने धृतराष्ट्र से कहा कि जो ऐश्वर्यवान है, वही संसार में श्रेष्ठ माना जाता है। यह बात ठीक है कि पांडव आपके भतीजे हैं, परंतु वे बड़े शक्ति संपन्न भी हैं। इस कारण से अभी से चौकन्ने हो जाइए। आप पांडु पुत्रों से अपनी रक्षा कर लिजिए, वरना पीछे पछताइएगा।
प्रश्न 13: पुरोचन कौन था?
उत्तर: पुरोचन दुर्योधन का मंत्री था।
प्रश्न 14: दुर्योधन ने पांडवों को वारणावत के मेले में भेजने के लिए किस प्रकार अपने पिता धृतराष्ट्र पर दबाब डाला?
उत्तर: दुर्योधन ने धृतराष्ट्र पर दबाब डालने के लिए कुछ कूटनीतिज्ञों को अपने पक्ष में मिला लिया और वे बारी - बारी से धृतराष्ट्र के पास जाकर पांडवों के विरुद्ध उन्हें उकसाने लगे।
प्रश्न 15: पांडवों को भी वारणावत जाने की उत्सुकता क्यों हुई?
उत्तर: दुर्योधन ने पांडवों से कहा कि वारणावत में एक भारी मेला होनेवाला है, जिसकी सोभा देखते ही बनेगी। उनकी बातें सुन – सुनकर खुद पांडवों को भी वारणावत जाने की उत्सुकता हुई।
प्रश्न 16: पुरोचन ने वारणावत जाकर दुर्योधन के कहने पर पांडवों के लिए कैसा भवन बनवाया?
उत्तर: वहाँ जाकर उसने पांडवों के ठहरने के लिए सन, घी, मोम, तेल, लाख, चरबी आदि जल्दी आग पकड़नेवाली चीज़ों को मिट्टी में मिलाकर एक सुंदर भवन बनवाया।
प्रश्न 17: किसने किससे कहा?
(i) “राजन! जो ऐश्वर्यवान है, वही संसार में श्रेष्ठ माना जाता है।”
उत्तर: कर्णिक ने धृतराष्ट्र से कहा।
(ii) “पिता जी, आपको कुछ नहीं करना है, सिर्फ़ पांडवों को किसी-न-किसी बहाने वारणावत के मेले में भेज दीजिए।"
उत्तर: दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा।
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