प्रश्न 1: पांडवों की कुशलता जानकर दुर्योधन ईर्ष्या की आग में क्यों जलने लगा?
उत्तर: दुर्योधन को जब मालूम हुआ कि पांडवों ने लाख के घर की भीषण आग से किसी तरह बचकर और एक बरस तक कहीं छिपे रहने के बाद अब पराक्रमी पांचालराज की कन्या से ब्याह कर लिया है और अब वे पहले से भी अधिक शक्तिशाली बन गए हैं, तो उनके प्रति उसके मन में ईर्ष्या की आग और अधिक प्रबल हो उठी।
प्रश्न 2: दुर्योधन ने एकांत में धृतराष्ट्र से क्या कहा?
उत्तर: दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा “पिता जी, जल्दी ही हम ऐसा कोई उपाय करें, जिससे हम सदा के लिए निश्चित हो जाएँ।”
प्रश्न 3: कर्ण ने दुर्योधन को क्या सलाह दी?
उत्तर: कर्ण ने दुर्योधन को पांडवों पर हमला करने की सलाह दी।
प्रश्न 4: कर्ण ने दुर्योधन को पांडवों पर हमला करने की सलाह क्यों दी?
उत्तर: एक साल बाहर रहने और दुनिया देख लेने से पांडवों को काफी अनुभव प्राप्त हो चुका था। साथ ही उनके प्रति दुर्योधन का वैरभाव उनसे छिपा नहीं था। इसलिए छल-प्रपंच या आपस में फूट डालकर भी उनको हराना संभव नहीं था। राजा द्रुपद भी पांडवों के साथ थे। इन सब कारणों से ही कर्ण ने दुर्योधन को पांडवों पर हमला करने की सलाह दी।
प्रश्न 5: भीष्म और आचार्य द्रोण ने धृतराष्ट्र को क्या सलाह दी?
उत्तर: भीष्म और आचार्य द्रोण दोनों ने ही धृतराष्ट्र को पांडवों को आधा राज्य दे देने की सलाह दी।
प्रश्न 6: कर्ण की बातों से क्रोधित द्रोणाचार्य क्या बोले?
उत्तर: कर्ण की बातों से द्रोणाचार्य क्रोधित हो गरजकर बोले “दुष्ट कर्ण! तुम राजा को गलत रास्ता बता रहे हो। यह निश्चित है कि यदि राजा धृतराष्ट्र ने मेरी तथा पितामह भीष्म की सलाह न मानी और तुम जैसों की सलाह पर चले, तो फिर कौरवों का नाश होनेवाला है।”
प्रश्न 7: धृतराष्ट्र ने पांडवों को द्रौपदी तथा कुंती सहित लिवा लाने के लिए किसे और कहाँ भेजा?
उत्तर: धृतराष्ट्र ने पांडवों को द्रौपदी तथा कुंती सहित लिवा लाने के लिए विदुर को पांचाल देश भेजा।
प्रश्न 8: किसने किससे कहा?
(i) “पांडव अभी जीवित हैं। राजा द्रुपद की कन्या को स्वयंवर में अर्जुन ने प्राप्त किया है।”
उत्तर: विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा।
(ii) “बेटा, तुम बिलकुल ठीक कहते हो। तुम्हीं बताओ, अब क्या करना चाहिए?”
उत्तर: धृतराष्ट्र ने दुर्योधन से कहा।
(iii) “तो फिर हमें कोई ऐसा उपाय करना चाहिए, जिससे पांडव यहाँ आएँ ही नहीं, क्योंकि यदि वे इधर आए, तो ज़रूर राज्य पर भी अपना अधिकार जमाना चाहेंगे।”
उत्तर: दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा।
(iv) “बेटा! वीर पांडवों के साथ संधि करके आधा राज्य उन्हें दे देना ही उचित है।”
उत्तर: भीष्म ने धृतराष्ट्र से कहा।
(v) “राजन्! मुझे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हो रहा है कि आचार्य द्रोण भी आपको ऐसी कुमंत्रणा देते हैं!”
उत्तर: कर्ण ने धृतराष्ट्र से कहा।
(vi) “हमारे कुल के नायक भीष्म तथा आचार्य द्रोण ने जो बताया है, वही श्रेयस्कर है।”
उत्तर: विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा।
प्रश्न 9: खांडवप्रस्थ कैसी नगरी थी?
उत्तर: खांडवप्रस्थ वह नगरी थी, जो पुरु, नहुष एवं ययाति की राजधानी थी।
प्रश्न 10: बाद में खांडवप्रस्थ का नाम क्या रखा गया?
उत्तर: बाद में खांडवप्रस्थ का नाम इंद्रप्रस्थ रखा गया।
प्रश्न 11: इंद्रप्रस्थ में द्रौपदी और माता कुंती के साथ पाँचों पांडव ने कितने बरस तक राज्य किया?
उत्तर: इंद्रप्रस्थ में द्रौपदी और माता कुंती के साथ पाँचों पांडव ने तेईस बरस तक राज्य किया।
प्रश्न 12: राज्याभिषेक के उपरांत युधिष्ठिर को आशीर्वाद देते हुए धृतराष्ट्र ने क्या कहा?
उत्तर: राज्याभिषेक के उपरांत युधिष्ठिर को आशीर्वाद देते हुए धृतराष्ट्र ने कहा कि एक साथ रहने से संभव है कि कौरवों और पांडवों के बीच वैर बढ़े इसलिए उन्हें खांडवप्रस्थ को अपनी राजधानी बना लेनी चाहिए, जो पुरु, नहुष एवं ययाति की राजधानी थी और इसे फिर से बसाने का यश और श्रेय पांडवों को ही प्राप्त होगा।
प्रश्न 13: किसने किससे कहा?
“देवी, आप निश्चिंत रहें। आपके बेटों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा।”
उत्तर: विदुर ने कुंती से कहा।
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