Class 7 Exam  >  Class 7 Notes  >  Hindi (Bal Mahabharat Katha) Class 7  >  Important Questions : चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा

Important Questions : चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा | Hindi (Bal Mahabharat Katha) Class 7 PDF Download

प्रश्न 1: विदुर पांडवों को किस बात के लिए न्यौता देने गए थे?
उत्तर: विदुर पांडवों को चौसर के खेल के लिए न्यौता देने गए थे।

प्रश्न 2: राजवंशों की रीति के अनुसार चौसर के खेल का क्या नियम था?
उत्तर: राजवंशों की रीति के अनुसार किसी को भी खेल के लिए बुलावा मिल जाने पर उसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता था।

प्रश्न 3: सभा-मंडप में कौन-कौन उपस्थित थे?
उत्तर: सारा मंडप दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। द्रोण, भीष्म, कृप, विदुर, धृतराष्ट्र जैसे वयोवृद्ध भी उपस्थित थे।

प्रश्न 4: युधिष्ठिर की चौसर के खेल के बारे में क्या राय थी?
उत्तर: युधिष्ठिर की राय में चौसर का खेल अच्छा नहीं था। उससे आपस में झगड़े पैदा होते हैं। समझदार लोग उसे पसंद नहीं करते हैं।

प्रश्न 5: कुशल समाचार पूछने के बाद शकुनि ने सभा मंडप में युधिष्ठिर से क्या कहा?
उत्तर: कुशल समाचार पूछने के बाद शकुनि ने कहा - "युधिष्ठिर, खेल के लिए चौपड़ बिछा हुआ है। चलिए, दो हाथ खेल लें।”

प्रश्न 6: युधिष्ठिर के सलाह माँगने पर विदुर क्या बोले?
उत्तर: विदुर बोले-“यह तो किसी से छिपा नहीं है कि चौसर का खेल सारे अनर्थ की जड़ होता है। मैंने तो भरसक कोशिश की थी कि इसे न होने दें, किंतु राजा ने आज्ञा दी है कि तुम्हें खेल के लिए न्यौता दे ही आऊँ। इसलिए आना पड़ा। अब तुम्हारी जो इच्छा हो करो।”

प्रश्न 7: युधिष्ठिर चौरस के खेल में क्या-क्या हर गए?
उत्तर: पहले रत्नों की बाज़ी लगी, फिर सोने-चाँदी के ख़ज़ानों की। उसके बाद रथों और घोड़ों की। तीनों दाँव युधिष्ठिर हार गए। खेल में युधिष्ठिर बारी-बारी से अपनी गाएँ, भेड़, बकरियाँ, दास-दासी, रथ, घोड़े, सेना, देश, देश की प्रजा सब खो बैठे। वह अपने चारों भाईयों, खुद को और अपनी पत्नी द्रौपदी तक को भी हार गए।

प्रश्न 8: युधिष्ठिर ने धृतराष्ट्र का न्यौता क्यों स्वीकार कर लिया?
उत्तर: राजवंशों की रीति के अनुसार किसी को भी खेल के लिए बुलावा मिल जाने पर उसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता था। इसके अलावा युधिष्ठिर को डर था कि कहीं खेल में न जाने को ही धृतराष्ट्र अपना अपमान न समझ लें और यही बात कहीं लड़ाई का कारण न बन जाए। इन्हीं सब विचारों से प्रेरित होकर समझदार युधिष्ठिर ने न्यौता स्वीकार कर लिया।

प्रश्न 9: किसने किससे कहा?
(i) “चाचा जी! चौसर का खेल अच्छा नहीं है। उससे आपस में झगड़े पैदा होते हैं।”
उत्तर: युधिष्ठिर ने विदुर से कहा।
(ii) “यह तो किसी से छिपा नहीं है कि चौसर का खेल सारे अनर्थ की जड़ होता है।”
उत्तर: विदुर ने युधिष्ठिर से कहा।
(iii) “राजन्, यह खेल ठीक नहीं है। बाज़ी जीत लेना साहस का काम नहीं है।”
उत्तर: युधिष्ठिर ने शकुनि से कहा।
(iv) “आप भी क्या कहते हैं, महाराज! यह भी कोई धोखे की बात है!”
उत्तर: शकुनि ने युधिष्ठिर से कहा।
(v) “मेरी राय यह है कि किसी एक की जगह दूसरे को नहीं खेलना चाहिए। यह खेल के साधारण नियमों के विरुद्ध है।”
उत्तर: युधिष्ठिर ने दुर्योधन से कहा।

प्रश्न 10: अंत में दुर्योधन ने द्रौपदी को सभा में लाने के लिए किसे भेजा?
उत्तर: अंत में दुर्योधन ने द्रौपदी को सभा में लाने के लिए दुःशासन को भेजा।

प्रश्न 11: दुर्योधन ने प्रातिकामी को बुलाकर क्या आदेश दिया?
उत्तर: दुर्योधन ने प्रातिकामी को बुलाकर कहा-"विदुर तो हमसे जलते हैं और पांडवों से डरते हैं। रनवास में जाओ और द्रौपदी को बुला लाओ।"

प्रश्न 12: दुःशासन द्रौपदी को सभा किस प्रकार ले कर आया?
उत्तर: दुःशासन ने द्रौपदी के गुँथै हुए बाल बिखेर डाले, गहने तोड़-फोड़ दिए और उसके बाल पकड़कर बलपूर्वक घसीटता हुआ सभा ले कर आया।

प्रश्न 13: युधिस्ठर अपने चारों भाइयों को भी जुए में हार गए। इस पर शकुनि ने सभा में क्या घोषणा की?
उत्तर: इस पर शकुनि सभा के बीच उठ खड़ा हुआ और पाँचों पांडवों को एक-एक करके पुकारा और घोषणा की कि वे अब उसके गुलाम हो चुके हैं।

प्रश्न 14: युधिष्ठिर ने जब द्रौपदी को भी दाँव पर लगा दिया तब सभा मंडप में उपस्थित लोगों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर: युधिष्ठिर की इस बात पर सारी सभा में एकदम हाहाकार मच गया। जहाँ वृद्ध लोग बैठे थे, उधर से धिक्कार की आवाजें आने लगीं। लोग बोले-“छि:-छिः, कैसा घोर पाप है!” कुछ ने आँसू बहाए और कुछ लोग परेशानी के मारे पसीने से तर-बतर हो गए।

प्रश्न 15: किसने किससे कहा?
(i) “हाँ! यदि इस बार तुम जीत गए, तो मैं खुद तुम्हारे अधीन हो जाऊँगा”
उत्तर: युधिष्ठिर ने शकुनि से कहा।
(ii) “एक और चीज़ है, जो तुमने अभी हारी नहीं है। उसकी बाजी लगाओ, तो तुम अपने-आपको भी छुड़ा सकते हो।”
उत्तर: शकुनि ने युधिष्ठिर से कहा।
(iii) “चलो अपनी पत्नी द्रौपदी की भी मैंने बाज़ी लगाई!”
उत्तर: युधिष्ठिर ने शकुनि से कहा।
(iv) “आप अभी रनवास में जाएँ और द्रौपदी को यहाँ ले आएँ। उससे कहें कि जल्दी आए।”
उत्तर: दुर्योधन ने विदुर से कहा।
(v) “मूर्ख! नाहक क्यों मृत्यु को न्यौता देने चला है। अपनी विषम परिस्थिति का तुम्हें ज्ञान नहीं है।”
उत्तर: विदुर ने दुर्योधन से कहा।
(vi) “विदुर तो हमसे जलते हैं और पांडवों से डरते हैं। रनवास में जाओ और द्रौपदी को बुला लाओ।”
उत्तर: दुर्योधन ने प्रातिकामी से कहा।
(vii) "द्रौपदी से जाकर कह दो कि वह स्वयं ही आकर अपने पति से यह प्रश्न कर ले।”
उत्तर: दुर्योधन ने प्रातिकामी से कहा।

प्रश्न 16: दूसरी बार खेल के परिणाम स्वरूप युधिष्ठिर ने क्या किया?
उत्तर: दूसरी बार भी युधिष्ठिर हार गए और पांडव अपने किए वादे के अनुसार वन में चले गए।

प्रश्न 17: युवक विकर्ण के भाषण से सभा के लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: युवक विकर्ण के भाषण से वहाँ उपस्थित लोगों के विवेक पर से भ्रम का परदा हट गया। सभा में बड़ा कोलाहल मच गया।

प्रश्न 18: भीम ने भरी सभा में क्या शपथ ली?
उत्तर: भीम ने भरी सभा में शपथ ली कि जब तक वह भरत-वंश पर बट्टा लगानेवाले इस दुरात्मा दुःशासन की छाती चीर न लेगा, तब तक इस संसार को छोड़कर नहीं जाएगा।

प्रश्न 19: दुःशासन जब द्रौपदी के वस्त्र पकड़कर खींचने लगा तब कौन सी अद्भुत घटना घटी?
उत्तर: दुःशासन ज्यों-ज्यों द्रौपदी के वस्त्र पकड़कर खींचता गया त्यों-त्यों वस्त्र भी बढ़ता गया। अंत में खींचते-खींचते दुःशासन की दोनों भुजाएँ थक गई।

प्रश्न 20: धृतराष्ट्र की विनती को सुनकर पांडवों ने क्या किया?
उत्तर: धृतराष्ट्र की इन मीठी बातों को सुनकर पांडवों के दिल शांत हो गए और यथोचित अभिवादनादि के उपरांत द्रौपदी और कुंती सहित सब पांडव इंद्रप्रस्थ के लिए विदा हो गए।

प्रश्न 21: धृतराष्ट्र भयभीत क्यों थे?
उत्तर: धृतराष्ट्र भयभीत थे क्योंकि उन्होंने समझ लिया था कि यह सब ठीक नहीं हुआ है। उन्होंने अनुभव किया कि जो कुछ हो चुका है, उसका परिणाम शुभ नहीं होगा। यह उनके पुत्रों और कुल के विनाश का कारण बन जाएगा।

प्रश्न 22: धृतराष्ट्र ने परिस्थिति को सँभालने के इरादे से क्या किया?
उत्तर: उन्होंने परिस्थिति को सँभालने के इरादे से द्रौपदी को बड़े प्रेम से अपने पास बुलाया और शांत किया तथा सांत्वना दी। उसके बाद उन्होंने युधिष्ठिर से विनती की कि वह अपना राज्य तथा संपत्ति आदि सब ले जाए और इंद्रप्रस्थ जाकर सुखपूर्वक रहें।

प्रश्न 23: धृतराष्ट्र युधिष्ठिर से क्या विनती की?
उत्तर: धृतराष्ट्र युधिष्ठिर से बोले-"युधिष्ठिर तुम तो अजातशत्रु हो। उदार हृदय के भी हो। दुर्योधन की इस कुचाल को क्षमा करो और इन बातों को मन से निकाल दो और भूल जाओ। अपना राय तथा संपत्ति आदि सब ले जाओ और इंद्रप्रस्थ जाकर सुखपूर्वक रहो!”

प्रश्न 24: दूसरी बार खेल में क्या शर्त थी?
उत्तर: दूसरी बार खेल में शर्त थी कि हारा हुआ दल अपने भाइयों के साथ बारह वर्ष तक वनवास करेगा तथा उसके उपरांत एक वर्ष अज्ञातवास में रहेगा। यदि इस एक वर्ष में उनका पता चल जाएगा, तो उन सबको बारह वर्ष का वनवास फिर से भोगना होगा।

The document Important Questions : चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा | Hindi (Bal Mahabharat Katha) Class 7 is a part of the Class 7 Course Hindi (Bal Mahabharat Katha) Class 7.
All you need of Class 7 at this link: Class 7
40 videos|122 docs

Top Courses for Class 7

FAQs on Important Questions : चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा - Hindi (Bal Mahabharat Katha) Class 7

1. चौसर का खेल क्या है?
उत्तर: चौसर का खेल एक प्राचीन भारतीय खेल है जिसमें एक डाइ और गोटे का उपयोग होता है। इस खेल को द्रौपदी के विवाह से जुड़ा है।
2. द्रौपदी की व्यथा क्या थी?
उत्तर: द्रौपदी की व्यथा उस समय हुई थी जब वह कौरवों द्वारा चीर हरण किया गया था। उस समय भगवान कृष्ण ने उसकी मदद की और उसकी वस्त्राओं को असीम रूप से बढ़ा दिया।
3. चौसर का खेल क्यों खेला जाता था?
उत्तर: चौसर का खेल महिलाओं के इज्जत और सम्मान की रक्षा के लिए खेला जाता था। इसके माध्यम से द्रौपदी के अपमान का स्मरण कराया जाता था।
4. द्रौपदी का चीर हरण किसने किया था?
उत्तर: द्रौपदी का चीर हरण कौरवों द्वारा किया गया था। इस घटना के बाद उसने भगवान कृष्ण की मदद से अपनी इज्जत और सम्मान की रक्षा की।
5. द्रौपदी की व्यथा का क्या संदेश है?
उत्तर: द्रौपदी की व्यथा हमें स्त्री के सम्मान और इज्जत की महत्वता को समझाती है। यह हमें उसके साथ हुए अन्याय का आदर्श सिखाती है।
Explore Courses for Class 7 exam

Top Courses for Class 7

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Semester Notes

,

Exam

,

Important questions

,

Sample Paper

,

MCQs

,

shortcuts and tricks

,

Important Questions : चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा | Hindi (Bal Mahabharat Katha) Class 7

,

Objective type Questions

,

video lectures

,

Free

,

mock tests for examination

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Important Questions : चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा | Hindi (Bal Mahabharat Katha) Class 7

,

study material

,

Summary

,

Extra Questions

,

Important Questions : चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा | Hindi (Bal Mahabharat Katha) Class 7

,

past year papers

,

pdf

,

ppt

,

practice quizzes

,

Viva Questions

;