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निबंध लेखन की रणनीति | BPSC General Hindi - BPSC (Bihar) PDF Download

निबंध रणनीति

सिविल सेवा परीक्षा के बदले हुए पाठ्यक्रम ने निबंध को महत्वपूर्ण बना दिया है, जिससे यह अंतिम चयन में एक निर्णायक भूमिका निभाता है। सामान्य अध्ययन के चारों प्रश्नपत्रों की तुलना में, निबंध के प्रश्नपत्र में अपेक्षाकृत कम मेहनत करके अधिक अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। इस 250 अंकों के प्रश्नपत्र में, आप 160-170 अंक तक प्राप्त कर सकते हैं।

  • हालाँकि, कई परीक्षार्थी निबंध को हल्के में लेते हैं और सीधे परीक्षा में निबंध लिखने पहुँचते हैं। इनमें कुछ प्रतिभाशाली विद्यार्थी होते हैं जिन्होंने स्कूल और कॉलेज स्तर पर निबंध लेखन का अभ्यास किया है और वे बेहतर प्रदर्शन करते हैं। लेकिन, एक बड़ा हिस्सा अपने ‘अति आत्म-विश्वास’ का शिकार हो जाता है, क्योंकि सभी में ऐसी प्रतिभा नहीं होती कि वे परीक्षा भवन में पहुँचकर अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
  • यह सवाल आमतौर पर उठता है कि निबंध की तैयारी कैसे की जाए और इसके लिए कौन सी किताब पढ़ी जाए? इसके लिए कोई एक किताब नहीं है, जिसे पढ़कर आप तुरंत निबंध में दक्ष हो जाएं। न ही कोई विशेष विधि है जिसे रटकर आप परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
  • निबंध के प्रश्नपत्र में सफलता पाने के लिए सबसे ज़रूरी बात यह है कि संघ लोक सेवा आयोग के निबंधों की प्रवृत्ति रचनात्मक होती है। यहां आपसे तथ्यों का विशाल संग्रह नहीं, बल्कि आपकी रचनात्मकता और कल्पनाशक्ति की अपेक्षा की जाती है। निबंध को नीरस और उबाऊ बनाने की बजाय उसे रोचक और सार्थक बनाना महत्वपूर्ण है।
  • सिविल सेवा परीक्षा के वर्तमान प्रारूप में निबंध लेखन की चुनौती यह है कि कम शब्दों में पूरे विषय को स्पष्ट कैसे किया जाए? इसके लिए आपको नियत समय और शब्द सीमा में अभ्यास करने की आवश्यकता है।
  • प्रारंभिक परीक्षा के बाद बचे चार महीनों में सबसे पहला काम आपको करना चाहिए - अधिक से अधिक विषयों पर लेखन अभ्यास करना, खासकर उन विषयों पर जो सिविल सेवा परीक्षा में पहले पूछे जा चुके हैं। हालांकि, संभावना कम है कि किसी विषय का पुनरावृत्ति हो, लेकिन यदि आपने पूर्ववर्ती निबंधों का अभ्यास किया है, तो नए विषयों को समझना और बेहतर तरीके से जवाब देना आसान होगा।
  • आपका प्रयास यह होना चाहिए कि बचे समय में प्रतिदिन कम से कम एक निबंध लिखें या फिर दो दिन में एक निबंध जरूर लिखें।
  • यह सवाल भी अक्सर पूछा जाता है कि निबंध के लिए क्या पढ़ा जाए? पहले चर्चा की जा चुकी है कि इसके लिए कोई एक विशेष किताब नहीं है। निबंध आपके संपूर्ण व्यक्तित्व का परीक्षण है और यह आपकी संवेदनाओं और सोच को प्रकट करता है।
  • निबंध लेखन में मददगार सामग्री में नियमित रूप से अखबारों में प्रकाशित संपादकीय लेख बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये किसी विषय पर आपकी समझ को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, कुछ प्रसिद्ध निबंधकारों के निबंध पढ़ने से यह समझने में मदद मिलती है कि लेखक ने दिए गए विषय को किस आयामों में विभाजित किया है और उनके मनोभाव क्या थे।
  • इसके अलावा, कुछ प्रसिद्ध महापुरुषों के कथन, शायरी और कविता याद रखना भी लाभकारी हो सकता है, खासकर गरीबी, न्याय, महिला, विज्ञान, धर्म और भ्रष्टाचार से जुड़े विषयों पर।
  • निबंध के लिए अच्छा अध्ययन सामग्री प्राप्त करने में पहले दिक्कत होती थी, लेकिन हाल ही में ‘दृष्टि पब्लिकेशन’ द्वारा प्रकाशित ‘निबंध-दृष्टि’ पुस्तक ने इस कमी को दूर कर दिया है। इस पुस्तक में निबंध न केवल विभिन्न श्रेणियों में बांटे गए हैं, बल्कि उनकी भाषा, शैली और अप्रोच भी बहुत प्रभावी और स्तरीय है।

कैसे बनाएँ निबंध को रोचक?

  • निबंध को रोचक बनाने के लिए आप शायरी, कहानी, लोकोक्ति, श्लोक, संस्मरण, प्रसिद्ध विद्वानों के कथन या कोई अन्य प्रासंगिक सामग्री शामिल कर सकते हैं। इनका उपयोग निबंध के शुरुआत, मध्य, या अंत में किया जा सकता है, जहाँ भी यह उपयुक्त लगे। हालांकि, यह सुनिश्चित करें कि जो कविता या कहानी आप शामिल कर रहे हैं, वह विषय से संबंधित हो और बिना कारण न डाली गई हो।
  • इनका सही तरीके से इस्तेमाल करने से आपका निबंध न केवल रोचक और प्रवाहमय बनेगा, बल्कि परीक्षक भी इसे पढ़ते समय बोर नहीं होंगे। विद्वानों के कथन से आपके विचारों को पुष्ट और प्रमाणिकता मिलती है। कभी-कभी तो काव्य पंक्तियाँ या विद्वानों के कथन खुद निबंध के विषय के रूप में पूछे जाते हैं, जिससे इनकी महत्ता और अधिक स्पष्ट हो जाती है।
  • दरअसल, निबंध का उद्देश्य केवल आपके ज्ञान का परीक्षण नहीं, बल्कि आपके व्यक्तित्व का परीक्षण है। यह देखने का प्रयास किया जाता है कि आप किस प्रकार के इंसान हैं, क्या आप एक सिविल सेवक के रूप में जनता की भावना और संवेदना से जुड़ पाएंगे या नहीं? आपके निबंध लेखन में ये भाव स्वतः ही प्रकट हो जाते हैं, चाहे आप इन्हें छुपाने की कितनी भी कोशिश करें।
  • निबंध और इंटरव्यू में समानता इस बात में है कि दोनों में आपकी संवेदनाएँ और विचारधारा का ही परीक्षण किया जाता है। इसलिए, निरंतर अपने व्यक्तित्व को निखारने और सकारात्मक विचारों को अपनाने की कोशिश करें। आशावादी बनें और समस्याओं का समाधान सुझाएँ, न कि उन्हें बढ़ावा दें। याद रखें, निराशावादी सोच आपको प्रतियोगिता से बाहर कर सकती है।

निबंध लिखते समय क्या हो विचारधारा?

  • परीक्षार्थियों के लिए एक बड़ी समस्या यह होती है कि निबंध लेखन के दौरान उनकी विचारधारा क्या होनी चाहिए? क्या किसी विशेष विचारधारा का असर पड़ता है? क्या हम सरकारी नीतियों का विरोध कर सकते हैं?
  • इसका सीधा उत्तर यह है कि हमारी विचारधारा जो भी हो, उसे आम जन के विरोध में नहीं होना चाहिए। यह किसी लिंग, जाति या धर्म के प्रति दुराग्रहपूर्ण भी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि अगर ऐसा है तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सरकारी नीतियों के विरोध की बात करें तो, उचित विरोध किया जा सकता है, लेकिन सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं करना चाहिए।

कैसे करें विषयों का चुनाव?

  • पिछले वर्ष के निबंध प्रश्नपत्र में, प्रथम और द्वितीय खण्ड से 4-4 निबंध पूछे गए थे, जिसमें से प्रत्येक खण्ड से एक-एक विषय का चयन करना था। इसका मतलब यह है कि अब आपको दो विषयों पर निबंध लिखना होगा, और यह संभावना भी हो सकती है कि भविष्य में यह संख्या और बढ़ जाए।
  • इसलिए, विषय चयन के प्रति बहुत सावधानी बरतनी जरूरी है। दिए गए विकल्पों में से आपको वह विषय चुनना चाहिए जिसमें आप अधिक सहज महसूस करें और जो आपकी रुचि से जुड़ा हो। लेकिन इस चयन को सोच-समझकर करें, क्योंकि यदि आप किसी विषय पर लिखना शुरू करने के बाद यह महसूस करते हैं कि आप किसी और विषय पर बेहतर लिख सकते थे, तो इससे आपके समय और ऊर्जा की बर्बादी होगी, साथ ही आपका आत्मविश्वास भी गिर सकता है। इसके अलावा, लिखते समय काट-छाँट करना और फिर से लिखना परीक्षक पर भी अच्छा प्रभाव नहीं डालता।
  • एक बार यदि आपने किसी विषय पर लिखना शुरू कर दिया है, तो उसे पूरे आत्मविश्वास के साथ लिखें। यह ध्यान रखें कि निबंध का कोई भी प्रश्न किसी निश्चित उत्तर के लिए नहीं होता। यह इस पर निर्भर करता है कि आपका दृष्टिकोण क्या है और आप विषय को किस तरह परिभाषित करते हैं। जैसे, 2005 में यूपीएससी ने एक निबंध पूछा था – ‘शिशु को खिलाने वाले हाथ’। इस पर कुछ परीक्षार्थियों ने इसे माँ के दृष्टिकोण से देखा, तो कुछ ने इसे परिवार और समाज के दृष्टिकोण से। निबंध के उत्तर कभी पूर्णत: सही या गलत नहीं होते। हाँ, यह कोशिश करनी चाहिए कि आप दिये गए विषय के मूल भाव तक पहुँच सकें।

परीक्षा भवन में क्या करें?

  • प्रश्नपत्र सामने आते ही पहले सभी विषयों को आराम से पढ़ें, फिर जो आपको अधिक रुचिपूर्ण लगे उसका चयन करें। 
  • दिये गए विषय के पक्ष व विपक्ष में कुछ बिंदु सोचें व नोट करें, फिर उन्हें सम्यक रूप से लिखने की कोशिश करें। 
  • कई बार, कुछ विषयों में सिर्फ पक्ष या सिर्फ विपक्ष का चुनाव कर सकते हैं, मगर ऐसे में आपके पास सिर्फ विरोध या सिर्फ समर्थन के ठोस तर्क होने चाहियें, हवा-हवाई बातों से काम नहीं चलेगा। अंत में निष्कर्ष अवश्य लिखें जो कि आपके निबंध का सार है।

कैसे करें लिखने की शुरुआत? क्या हो उचित समापन?

  • निबंध का उत्तर लिखते समय कुछ परीक्षार्थियों के मन में बड़ा प्रश्न यह होता है कि पहली पंक्ति में क्या लिखें? शुरुआत कहाँ से करें, तो बिना डरे किसी कविता, कहानी, कोई संस्मरण, किसी फिल्म का प्रासंगिक दृश्य, आपके जीवन से जुड़ी कोई घटना आदि से शुरुआत की जा सकती है। 
  • अंत भी ऐसा ही हो जो विषय के मूलभाव को संतुलित तरीके से समेट सके।
  • इसमें अच्छे अंक प्राप्त करने के लिये आप परीक्षा से पूर्व इससे सम्बंधित किसी मॉक टेस्ट श्रृंखला में सम्मिलित हो सकते हैं। अगर संभव हो तो आप ‘दृष्टि द विज़न’ द्वारा दिल्ली में चलाई जाने वाली निबंध की कक्षाओं में भाग ले सकते हैं।
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FAQs on निबंध लेखन की रणनीति - BPSC General Hindi - BPSC (Bihar)

1. निबंध लेखन में रोचकता कैसे बढ़ाई जा सकती है?
Ans. निबंध लेखन में रोचकता बढ़ाने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं: 1. आकर्षक शीर्षक चुनें जो विषय को स्पष्टता से दर्शाए। 2. प्रारंभ में एक प्रेरक उद्धरण या रोचक तथ्य का उपयोग करें। 3. उदाहरण और किस्से शामिल करें जो पाठकों को जोड़ सकें। 4. स्पष्ट और संक्षिप्त भाषा का उपयोग करें। 5. विभिन्न दृष्टिकोणों को दर्शाने के लिए विचारों में विविधता लाएं।
2. निबंध लिखते समय विचारधारा का महत्व क्या है?
Ans. निबंध लिखते समय विचारधारा का महत्व अत्यधिक होता है क्योंकि यह आपके तर्क और विचारों को एक दिशा देती है। विचारधारा से यह स्पष्ट होता है कि आप किस दृष्टिकोण से विषय को देख रहे हैं। यह निबंध को एक ठोस आधार और दिशा प्रदान करती है, जिससे पाठक को आपके विचार समझने में मदद मिलती है।
3. निबंध के लिए विषयों का चुनाव कैसे किया जाए?
Ans. निबंध के लिए विषयों का चुनाव करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें: 1. अपने रुचियों और ज्ञान के अनुसार विषय चुनें। 2. विषय की प्रासंगिकता और मौलिकता पर विचार करें। 3. विषय ऐसे चुनें जो समाजिक, आर्थिक या राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हों। 4. समय पर पहुंचने वाले विषयों का चयन करें जो परीक्षा के लक्ष्यों से संबंधित हों।
4. परीक्षा भवन में निबंध लेखन के दौरान क्या करना चाहिए?
Ans. परीक्षा भवन में निबंध लेखन के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें: 1. प्रश्न पत्र को ध्यान से पढ़ें और निबंध के विषय को समझें। 2. समय का सही प्रबंधन करें, पहले से योजना बनाएं। 3. लिखने से पहले एक संक्षिप्त रूपरेखा तैयार करें। 4. सुनिश्चित करें कि आपकी भाषा सरल और स्पष्ट हो। 5. लेखन के बाद अपने निबंध को पुनः पढ़ें और आवश्यक सुधार करें।
5. निबंध की शुरुआत और समापन कैसे करें?
Ans. निबंध की शुरुआत करते समय एक आकर्षक उद्घाटन वाक्य का उपयोग करें, जैसे कोई प्रश्न, तथ्य या उद्धरण जो विषय से संबंधित हो। समापन में, अपने विचारों का सारांश प्रस्तुत करें और एक प्रभावशाली निष्कर्ष दें जो पाठक को सोचने पर मजबूर करे। समापन को सुनिश्चित करें कि वह निबंध के मुख्य बिंदुओं को दोहराता है और एक स्पष्ट निष्कर्ष प्रदान करता है।
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