Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  NCERT Solutions for Class 10  >  NCERT Solutions: पाठ 15 - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10

पाठ 15 - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Solutions for Class 10 PDF Download

पाठ 15 - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन, लेखक – महावीर प्रसाद दि्वेदी | क्षितिज भाग-2 हिंदी
 (NCERT Solutions Chapter 15 - Stri Siksha Ke Birodhi Kartuko Ka Khandan, Class 10, Hindi Kshitij II)

प्रश्न अभ्यास 

प्रश्न 1. कुछ पुरातन पंथी लोग स्त्रियों की शिक्षा के विरोधी थे। द्विवेदी जी ने क्या-क्या तर्क देकर स्त्री-शिक्षा का समर्थन किया?
 उत्तर

कुछ पुरातन पंथी लोग स्त्रियों की शिक्षा के विरोधी थे। द्विवेदी जी ने अनेक तर्कों के द्वारा उनके विचारों का खंडन किया है –

1. प्राचीन काल में भी स्त्रियाँ शिक्षा ग्रहण कर सकती थीं। सीता, शकुंतला, रुकमणी, आदि महिलाएँ इसका उदाहरण हैं। वेदों, पुराणों में इसका प्रमाण भी मिलता है।
2. प्राचीन युग में अनेक पदों की रचना भी स्त्री ने की है।
3. यदि गृह कलह स्त्रियों की शिक्षा का ही परिणाम है तो मर्दों की शिक्षा पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। क्योंकि चोरी, डकैती, रिश्वत लेना, हत्या जैसे दंडनीय अपराध भी मर्दों की शिक्षा का ही परिणाम है।
4. जो लोग यह कहते हैं कि पुराने ज़माने में स्त्रियाँ नहीं पढ़ती थीं। वे या तो इतिहास से अनभिज्ञ हैं या फिर समाज के लोगों को धोखा देते हैं।
5. अगर ऐसा था भी कि पुराने ज़माने की स्त्रियों की शिक्षा पर रोक थी तो उस नियम को हमें तोड़ देना चाहिए क्योंकि ये समाज की उन्नति में बाधक है।

प्रश्न 2. ‘स्त्रियों को पढ़ाने से अनर्थ होते हैं’ – कुतर्कवादियों की इस दलील का खंडन दि्वेदीजी ने कैसे किया है, अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर
दि्वेदीजी ने कुतर्कवादियों की स्त्री शिक्षा विरोधी दलीलों का जोरदार खंडन किया है। अनर्थ स्त्रियों द्वारा होते हैं, तो पुरुष भी इसमें पीछे नहीं हैं। अतः पुरुषों के भी विद्यालय बंद कर दिए जाने चाहिए।
दूसरा तर्क यह है कि शंकुतला का दुष्यंत को कुवचन कहना या अपने परित्याग पर सीता का राम के प्रति क्रोध दर्शाना उनकी शिक्षा का परिणाम न हो कर उनकी स्वाभाविकता थी।
तीसरा तर्क व्यंग पूर्ण तर्क है – ‘स्त्रियों के लिए पढ़ना कालकूट और पुरूषों के लिए पीयूष का घूँट ! ऐसी दलीलों और दृष्टान्तों के आधार पर कुछ लोग स्त्रियों को अपढ़ रखकर भारतवर्ष का गौरव बढ़ाना चाहते हैं।

प्रश्न 3. द्विवेदी जी ने स्त्री-शिक्षा विरोघी कुतर्कों का खंडन करने के लिए व्यंग्य का सहारा लिया है – जैसे ‘यह सब पापी पढ़ने का अपराध है। न वे पढ़तीं, न वे पूजनीय पुरूषोंका मुकाबला करतीं।’ आप ऐसे अन्य अंशों को निबंध में से छाँटकर समझिए और लिखिए।

उत्तर
स्त्री शिक्षा से सम्बन्धित कुछ व्यंग्य जो द्विवेदी जी द्वारा दिए गए हैं –

1. स्त्रियों के लिए पढ़ना कालकूट और पुरुषों के लिए पीयूष का घूँट! ऐसी ही दलीलों और दृष्टांतो के आधार पर कुछ लोग स्त्रियों को अपढ़ रखकर भारतवर्ष का गौरव बढ़ाना चाहते हैं।
2. स्त्रियों का किया हुआ अनर्थ यदि पढ़ाने ही का परिणाम है तो पुरुषों का किया हुआ अनर्थ भी उनकी विद्या और शिक्षा का ही परिणाम समझना चाहिए।
3. “आर्य पुत्र, शाबाश! बड़ा अच्छा काम किया जो मेरे साथ गांधर्व-विवाह करके मुकर गए। नीति, न्याय, सदाचार और धर्म की आप प्रत्यक्ष मूर्ति हैं!”
4. अत्रि की पत्नी पत्नी-धर्म पर व्याख्यान देते समय घंटो पांडित्य प्रकट करे, गार्गी बड़े-बड़े ब्रह्मवादियों को हरा दे, मंडन मिश्र की सहधर्मचारिणी शंकराचार्य के छक्के छुड़ा दे! गज़ब! इससे अधिक भयंकर बात और क्या हो सकेगी!
5. जिन पंडितों ने गाथा-सप्तशती, सेतुबंध-महाकाव्य और कुमारपालचरित आदि ग्रंथ प्राकृत में बनाए हैं, वे यदि अपढ़ और गँवार थे तो हिंदी के प्रसिद्ध से भी प्रसिद्ध अख़बार का संपादक को इस ज़माने में अपढ़ और गँवार कहा जा सकता है; क्योंकि वह अपने ज़माने की प्रचलित भाषा में अख़बार लिखता है।

प्रश्न 4. पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या उनके अपढ़ होने का सबूत है – पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
 उत्तर

पुराने ज़माने की स्त्रियों द्वारा प्राकृत में बोलना उनके अपढ़ होने का प्रमाण नहीं है, क्योंकि बोलचाल की भाषा प्राकृत ही थी जिसे सुशिक्षितों द्वारा भी बोला जाता था। जिस तरह आज हिंदी जन साधारण की भाषा है। यदि हिंदी बोलना और लिखना अपढ़ और अशिक्षित होने का प्रमाण नहीं है, तो उस समय प्राकृत बोलने वाले भी अनपढ़ या गँवार नहीं हो सकते। इसका एकमात्र कारण यही है कि प्राकृत उस समय की सर्वसाधारण की भाषा थी। अत: उस समय की स्त्रियों का प्राकृत भाषा में बोलना उनके अपढ़ होने का सबूत नहीं है।

प्रश्न 5. परंपरा के उन्हीं पक्षों को स्वीकार किया जाना चाहिए जो स्त्री-पुरुष समानता को बढ़ाते हों – तर्क सहित उत्तर दीजिए।
 उत्तर

परम्पराएँ मानव-जीवन को सुन्दर व सुखमय बनाने के लिए होती हैं। प्रकृति ने मानव को स्त्री और पुरूष दो वर्गों में विभाजित किया है।  सृष्टि में दोनों की समान भागीदारी है। प्रकृति की ओर से कोई भेदभाव नहीं किया गया है। स्त्री हर क्षेत्र में पुरूषों की बराबरी कर रही है। स्त्री-पुरूष परस्पर मिलकर परिवार और समाज को बेहतर बना सकते हैं। इस कारण दोनों का प्रत्येक क्षेत्र में समान योगदान होता है। जहाँ तक परम्परा प्रश्न है, परम्पराओं का स्वरुप पहले से बदल गया है। अतः परम्परा के उन्हीं पक्षों को स्वीकार किया जाना चाहिए जो स्त्री-पुरूष की समानता को बढ़ाते हैं।

प्रश्न 6. तब की शिक्षा प्रणाली और अब की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर है? स्पष्ट करें।
 उत्तर

पहले की शिक्षा प्रणाली और आज की शिक्षा प्रणाली में बहुत परिवर्तन आया है। तब की शिक्षा प्रणाली में स्त्रियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता था पहले शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को गुरुकुल में रहना ज़रूरी था। परन्तु आज शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यालय है। पहले शिक्षा एक वर्ग तक सीमित थी। लेकिन आज किसी भी जाति के तथा वर्ग के लोग शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। आज की शिक्षा प्रणाली में स्त्री-पुरूषों की शिक्षा में अंतर नहीं किया जाता है। पहले की शिक्षा में जहाँ जीवन-मूल्यों की शिक्षा पर बल दिया जाता था वहीँ आज व्यवसायिक तथा व्यावहारिक शिक्षा पर बल दिया जाता है। गुरु-परम्परा भी लगभग समाप्त सी हो चली है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 7. महावीर प्रसाद द्विवेदी का निबंध उनकी दूरगामी और खुली सोच का परिचायक है, कैसे?
 उत्तर

हावीरप्रसाद द्विवेदी जी ने अपने निबंध “स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन” में स्त्रियों की शिक्षा के प्रति अपने विचार प्रकट किये हैं। उस समय समाज में स्त्री शिक्षा पर प्रतिबंध था। इस निबंध में द्विवेदी जी ने स्त्रियों के भी पढ़ने-लिखने का ज़ोरदार समर्थन किया है। स्त्री-शिक्षा के विरोधियों के सभी कुतर्कों का उन्होंने बहुत ही कड़े शब्दों में खंडन किया हैं। उन्होंने पुराने ज़माने में स्त्री-शिक्षा पर प्रतिबन्ध होने की मिथ्या धारणा का सप्रमाण गलत सिद्ध किया है। स्त्री-शिक्षा को अनर्थकारी बताने के कुतर्क को भी उन्होंने अनुचित एवं गलत प्रमाणित किया है। साथ ही यह भी विचार प्रकट किया है कि स्त्री-शिक्षा के उपरान्त ही समाज की उन्नति संभव है। स्त्री को भी पुरूष के ही समान अधिकार दिये जाने की बात को तर्कपूर्ण ढंग से सिद्ध करते हुए द्विवेदी जी ने इस निबंध में अपनी उनकी दूरगामी और खुली सोच का परिचय दिया है।

प्रश्न 8. दि्वेदी जी की भाषा-शैली पर एक अनुच्छेद लिखिए।
 उत्तर

द्विवेदी जी ने अपने निबंध में विषयानुरूप गंभीर, सरस एवं प्रवाहमयी भाषा का प्रयोग किया है। विचारपूर्ण निबंध होने के कारण इसमें उदाहरण, व्यंग एवं सामसिक शैली का प्रयोग किया गया है। इन्होंने व्याकरण तथा वर्तनी की अशुद्धियों पर विशेष ध्यान दिया। इन्होने अपने निबंध में संस्कृत निष्ठ तत्सम शब्दों, के साथ साथ देशज, तद्भव तथा उर्दू और अंग्रेजी शब्दों का भी प्रयोग किया है।

भाषा अध्यन

प्रश्न 9. निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों को ऐसे वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए जिनमें उनके एकाधिक अर्थ स्पष्ट हों – चाल, दल, पत्र, हरा, पर, फल, कुल
 उत्तर

चाल
राधा को पुरस्कार देना, उसकी चाल है। (चालाकी)
अपनी चाल को तेज़ करो। (चलना)

दल
उस दल का नेता बहुत अच्छे स्वभाव वाला है। (टोली)
फूल का दल बहुत कोमल है। (पंखुड़ियाँ)

पत्र
मैंने अपने भाई को एक चिट्ठी लिखी। (चिट्ठी)
पहले भोजपत्र पर लिखा जाता था। (पत्ती)

हरा
पत्तों का रंग हरा होता है। (रंग)
इतनी गर्मी होने के बाद भी तालाब का पानी अभी भी हरा-भरा है। (ताज़ा)

पर
तुमने उस पक्षी के पर क्यों काट दिए। (पंख)
तुम उसे नहीं जानते पर मैं उसे अच्छी तरह से जानती हूँ। (लेकिन)

फल
इस पेड़ के फल बहुत मीठे हैं। (खाने वाला फल)
उसके कार्य का फल बहुत बुरा था। (परिणाम)

कुल
ऊँचें कुल में जन्म लेने से कोई ऊँचा नहीं हो जाता। (वंश)
हमारे देश की कुल आबादी कितनी होगी? (पूरा)

The document पाठ 15 - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Solutions for Class 10 is a part of the Class 10 Course NCERT Solutions for Class 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
177 docs

Top Courses for Class 10

FAQs on पाठ 15 - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions - NCERT Solutions for Class 10

1. स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्क क्या होते हैं?
उत्तर: स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्क वे तर्क होते हैं जो स्त्रियों को शिक्षित होने से रोकने के लिए उठाए जाते हैं। इन तर्कों में स्त्रीजनों को घर से बाहर निकलने, उच्च शिक्षा प्राप्त करने या नौकरी करने से रोका जाता है।
2. स्त्री शिक्षा क्यों जरूरी है?
उत्तर: स्त्री शिक्षा अत्यंत जरूरी है क्योंकि इससे स्त्रियों को अपनी पहचान बनाने की संभावना मिलती है। स्त्रियों में आत्मविश्वास और स्वाभिमान का विकास होता है जो कि उन्हें अपने जीवन में सफल होने के लिए बहुत जरूरी है।
3. स्त्रियों को शिक्षित करने से समाज में क्या बदलाव आ सकते हैं?
उत्तर: स्त्रियों को शिक्षित करने से समाज में बहुत सारे बदलाव आ सकते हैं। शिक्षित स्त्रियां अपनी भूमिकाओं में अधिक अभिवृद्धि कर सकती हैं और समाज में अपनी अहमियत बढ़ा सकती हैं। स्त्रियों के साथ समान व्यवहार और अधिकारों के प्रदान से समाज में संतुलन और न्याय बढ़ सकता है।
4. स्त्रियों को शिक्षित करने से कौन फायदा उठाता है?
उत्तर: स्त्रियों को शिक्षित करने से समाज और देश दोनों को फायदा होता है। शिक्षित स्त्रियां अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकती हैं और अपने परिवार और समाज में अपनी भूमिकाएं अधिक बेहतरीन तरीके से निभा सकती हैं। समाज को अधिक सक्षम और उन्नत बनाने के लिए शिक्षित स्त्रियों की आवश्यकता होती है।
5. स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्क असंगत और गलत क्यों होते हैं?
उत्तर: स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्क असंगत और गलत होते हैं क्योंकि इनका दावा होता है कि स्त्रियों की शिक्षा उनकी प्रकृति के विरुद्ध होती है। इन तर्कों का मूल उद्देश्य स्त्रियों के उत्थान को रोकना होता है। लेकिन, स्त्री शिक्षा भी उसी तरह महत्वपूर्ण होती है जैसे कि पुरुषों की शिक्षा। स्त्रियों को शिक्षित न करने से उनका दरिद्रता, अज्ञानता, असमानता, और असक्षमता जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
177 docs
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Sample Paper

,

हिंदी

,

shortcuts and tricks

,

Exam

,

हिंदी

,

क्षितिज II

,

Semester Notes

,

past year papers

,

क्षितिज II

,

पाठ 15 - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन

,

पाठ 15 - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन

,

Extra Questions

,

क्षितिज II

,

study material

,

Important questions

,

MCQs

,

Objective type Questions

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Solutions for Class 10

,

हिंदी

,

pdf

,

video lectures

,

mock tests for examination

,

ppt

,

Viva Questions

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Solutions for Class 10

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | NCERT Solutions for Class 10

,

practice quizzes

,

Free

,

Summary

,

पाठ 15 - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन

,

Previous Year Questions with Solutions

;