Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)  >  NCERT Solutions: मेरे संग की औरतें

मेरे संग की औरतें NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij) PDF Download

प्रश्न 1: लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं?
उत्तर: लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे निम्न कारणों से प्रभावित थीं:

  1. लेखिका की नानी अपनी बेटी का विवाह एक क्रांतिकारी से करने की इच्छुक थी इसलिए नानी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से भेंट की थी । उस भेंट में उन्होंने यह इच्छा प्रकट की थी कि वे अपनी बेटी की शादी किसी क्रांतिकारी से करवाना चाहती है। इस घटना से उनका देश के प्रति अटूट प्रेम पता चलता है ।
  2. जीवन-भर परदे में रहकर भी उन्होंने किसी पर-पुरुष से मिलने की हिम्मत की। इससे उनके साहसी व्यक्तित्व और मन में सुलगती स्वतंत्रता की भावना का पता चला।
  3. लेखिका की नानी भले अनपढ़, पुराने ढंग और हमेशा परदे में रहने वाली महिला रहीं हो परन्तु अपनी निजी जिंदगी में वे आजाद विचारों वाली महिला थीं।

प्रश्न 2: लेखिका ने नानी की आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही ?
उत्तर: लेखिका की नानी आज़ादी के आंदोलन में प्रत्यक्ष रुप में भले ही भाग नहीं ले पाईं परन्तु अप्रत्यक्ष रुप में सदैव इस लड़ाई में सम्मिलित रहीं और इसका मुख्य उदारहण यही था कि उन्होनें अपनी पुत्री की शादी की ज़िम्मेदारी अपने पति के स्वतंत्रता सेनानी मित्र को दी थी। वह अपना दामाद एक आज़ादी का सिपाही चाहती थीं न कि अंग्रेज़ों की चाटुकारी करने वाले को। उन्हें अंग्रेजों और अंग्रेज़ियत से चिढ़ थी। उनके मन में आज़ादी के लिए एक जुनून था।

प्रश्न 3: लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में-- 
(क) लेखिका के माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए। 
(ख) लेखिका की दादी के घर के महौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
उत्तर: (क) लेखिका की माँ बहुत ही नाजुक, सुंदर और स्वतंत्र विचारों की महिला थीं। उनमें ईमानदारी,निष्पक्षता और सचाई भरी हुई थी।वे अन्य माताओं की तरह कभी भी अपनी बेटी को अच्छे-बुरे की न सीख दी और न खाना पकाकर खिलाया। उनका अधिकांश समय अध्ययन अथवा संगीत को समर्पित था। वे कभी झूठ नहीं बोलती थीं और न कभी इधर की बात उधर करती थीं । शायद यही कारण था कि हर काम में उनकी राय ली जाती थी और सब कोई उसे सहर्ष स्वीकारता भी था।
(ख) लेखिका की दादी के घर में कुछ लोग जहाँ अंग्रेज़ियत के दीवाने थे,वहीं कुछ लोग भारतीय नेताओं के मुरीद भी थे घर में बहुमति होने के बाद भी एकता का बोलबाला था। घर में किसी प्रकार की संकीर्णता नहीं थी। सभी लोग अपनी -अपनी स्वतंत्रता एवं निजता बनाए रख सकते थे। घर के बच्चों के पालन-पोषण में घर के सभी लोग जिम्मेदार थे। कोई भी सदस्य अपने विचार किसी पर थोप नहीं सकता था। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि घर का माहौल अमन-चैन से भरपूर और सुखद था।

प्रश्न 4: आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी ?
उत्तर: दादीजी एक सामान्य महिला थीं। उनके मन में लड़का - लड़की का भेद नहीं था। पीढ़ियों से परिवार में किसी कन्या का जन्म नहीं हुआ था। प्राय: सभी लोग लड़के की कामना करते थे । दादीजी को ये भेदभाव शायद चुभता होगा। परिवार में किसी कन्या का न होना , उनके मन को बेचैन करता होगा । शायद इन्हीं कारणों की वजह से परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी।

प्रश्न 5:  डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है - पाठ के आधार पर तर्क-सहित उत्तर दीजिये।
उत्तर: डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है। यह बात हमें लेखिका की माता द्वारा चोर के पकड़े जाने पर उसके साथ किए गए व्यवहार से पता चलता है। चोर के पकड़े जाने पर लेखिका की माँ ने न तो चोर को पकड़ा, न पिटवाया, बल्कि उससे सेवा ली और अपना पुत्र बना लिया। उसके पकड़े जाने पर उसने उसे उपदेश भी नहीं दिया। उसने इतना ही कहा – अब तुम्हारी मर्जी – चाहे चोरी करो या खेती। उसकी इस सहज भावना से चोर का ह्रदय परिवर्तित हो गया। उसने सदा के लिए चोरी छोड़ दी और खेती को अपना लिया। यदि शायद वे चोर के साथ बुरा बर्ताव या मारपीट करती तो चोर सुधरने के बजाए और भी गलत रास्ते पर चल पड़ता ।

प्रश्न 6: ‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’-इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: ‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’ – इस दिशा में लेखिका ने निम्न प्रयास किए ।
शादी के बाद जब लेखिका को कर्नाटक के छोटे से कस्बे बागनकोट में रहना पड़ा तो वहाँ उनके ही बच्चों को पढ़ने की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी अत: लेखिका ने वहाँ पर स्कूल खुलवाने के लिए बिशप से प्रार्थना की परन्तु जब बिशप तैयार नहीं हुए तो उन्होंने अपनी कोशिशों तथा कुछ उत्साही लोगों की मदद से स्कूल खोला। उसे सरकारी मान्यता दिलवाई, जिससे स्थानीय बच्चों को शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े ।

प्रश्न 7: पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?
उत्तर: प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जो लोग कभी झूठ नहीं बोलते और सच का साथ देते हैं । जो किसी की बात को इधर-उधर नहीं करते अर्थात् चुगलखोरी से दूर रहते हैं। जिनके इरादे मजबूत होते हैं,जो हीन भावना से ग्रसित नहीं होते तथा जिनका व्यक्तित्व सरल, सहज एवं पारदर्शी होता है, उन्हें पूरा समाज श्रद्धा भाव से देखता है।

प्रश्न 8:  ‘सच, अकेलेपन का मज़ा ही कुछ और है’-इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर: लेखिका व उनकी बहन एकांत प्रिय स्वभा की थीं। लेखिका व उनकी बहन के व्यक्तित्व का सबसे खूबसूरत पहलू था - वे दोनों ही जिद्दी स्वभाव की थीं परन्तु इस जिद्द से वे हमेशा सही कार्य को ही अंजाम दिया करती थे। लेखिका कि जिद्द ने ही कर्नाटक में स्कूल खोलने के लिए प्रेरित किया था। वे दोनों स्वतंत्र विचारों वाले व्यक्तित्व की स्वामिनी थीं और इसी कारण जीवन में अपने उद्देश्यों को पाने में सदा आगे रही।

The document मेरे संग की औरतें NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij) is a part of the Class 9 Course Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
17 videos|159 docs|33 tests

Top Courses for Class 9

FAQs on मेरे संग की औरतें NCERT Solutions - Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

1. "मेरे संग की औरतें" लेख का मुख्य संदेश क्या है ?
Ans."मेरे संग की औरतें" लेख का मुख्य संदेश यह है कि महिलाएँ समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उनकी आवाज़, अनुभव और संघर्षों को समझना आवश्यक है। लेख में विभिन्न महिलाओं की कहानियों के माध्यम से उनके साहस और आत्मनिर्भरता को दर्शाया गया है।
2. इस लेख में किन-किन महिलाओं के अनुभवों का उल्लेख किया गया है ?
Ans. लेख में कई महिलाओं के अनुभवों का उल्लेख किया गया है, जैसे कामकाजी महिलाओं, गृहणियों और समाज में बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर रही महिलाओं की कहानियाँ। इनमें से प्रत्येक महिला की कहानी उनके संघर्ष, सफलता और समाज में उनके योगदान को उजागर करती है।
3. "मेरे संग की औरतें" लेख में महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को कैसे दर्शाया गया है ?
Ans. लेख में महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को दर्शाने के लिए विभिन्न उदाहरणों का उपयोग किया गया है। यह दिखाया गया है कि कैसे पारंपरिक सोच और सामाजिक बाधाएँ महिलाओं की प्रगति में रुकावट डालती हैं, लेकिन उनके संघर्ष और दृढ़ता से वे इन बाधाओं को पार कर रही हैं।
4. इस लेख से हमें किन सीखों को अपनाना चाहिए ?
Ans. इस लेख से हमें यह सीखने को मिलता है कि महिलाओं को समान अवसर प्रदान करना चाहिए और उनके संघर्षों को समझना चाहिए। हमें समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता है, ताकि वे अपनी क्षमता को पूरी तरह से पहचान सकें।
5. "मेरे संग की औरतें" लेख का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Ans. "मेरे संग की औरतें" लेख समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, क्योंकि यह महिलाओं के अनुभवों और संघर्षों को उजागर करके समाज में उनकी भूमिका को महत्व देता है। यह महिलाओं के अधिकारों और समानता के प्रति जागरूकता बढ़ाता है, जिससे समाज में बदलाव की संभावना बढ़ती है।
17 videos|159 docs|33 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Semester Notes

,

Important questions

,

Viva Questions

,

मेरे संग की औरतें NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

practice quizzes

,

Objective type Questions

,

ppt

,

Exam

,

MCQs

,

Previous Year Questions with Solutions

,

मेरे संग की औरतें NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

Free

,

मेरे संग की औरतें NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

video lectures

,

study material

,

past year papers

,

mock tests for examination

,

Summary

,

Sample Paper

,

Extra Questions

,

shortcuts and tricks

,

pdf

;