प्रश्न 1: शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है?
उत्तर: शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर यह बताना चाहता है कि सावन मास में रक्षाबंधन के दिन बरसा में जिस तरह बिजली चमकती है उसी प्रकार बहन चमकती राखी बाँधकर भाई के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है। रक्षाबंधन एक मीठा बंधन है। सावन का जो संबंध झीनी घटा से है, घटा का जो संबंध बिजली से है वही संबंध भाई का बहन से होता है।
प्रश्न 2: खुद का परदा खोलने से क्या आशय है?
उत्तर: ‘खुद का परदा’ खोलने से कवि का आशय है कि जो व्यक्ति उनकी बुराई करता है वह जाने-अनजाने संसार के सामने अपनी कमज़ोरी ही प्रकट करता है।
प्रश्न 1: गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता।
उत्तर: गोदी का चाँद अर्थात् बच्चा माँ को हर्षित करता है और गगन का चाँद बच्चे को यानि गोदी के चाँद को हर्षित करता है।
प्रश्न 2: सावन की घटाएँ व रक्षाबंधन का पर्व।
उत्तर: रक्षाबंधन एक मीठा बंधन है। सावन में रक्षाबंधन आता है। सावन का जो संबंध झीनी घटा से है, घटा का जो संबंध बिजली से है वही संबंध भाई का बहन से होता है। भाई-बहन के मन में प्यार की घटाएँ होती हैं।
प्रश्न 1: इन रुबाइयों से हिंदी, उर्दू और लोकभाषा के मिले-जुले प्रयोगों को छाँटिए।
उत्तर: हिंदी के प्रयोग –
आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी
हाथों पे झुलाती है उसे गोद-भरी
गूँज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी
रक्षाबंधन की सुबह रस की पुतली
छायी है घटा गगन की हलकी-हलकी
बिजली की तरह चमक रहे हैं लच्छे
भाई के हैं बाँधती चमकती राखी।
उर्दू के प्रयोग –
उजझे हुए गेसुओं में कंघी करके
देख के आईने में चाँद उतर आया है।
लोक-भाषा के प्रयोग –
रह -रह के हवा में जो लोका देती है।
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