GST Exam  >  GST Notes  >  GST Acts, FAQs and Updates  >  पाठ 1. FAQs - वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) का अवलोकन

पाठ 1. FAQs - वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) का अवलोकन | GST Acts, FAQs and Updates PDF Download

Table of contents
प्र 1. वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) क्या है?
उत्तरः यह वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग पर लगाया गया गंतव्य आधारित कर है। इसे विनिर्माण से अंतिम उपभोग के सभी चरणों पर कर लगाने के लिये प्रस्तावित किया जाता है और पिछले चरणों में भुगतान किये कर को अलग करने के लिये क्रेडिट प्राप्त किया जाता है। संक्षेप में, केवल मूल्य संवर्धन (अंसनम ंककपजपवद) पर ही कर लगाया जाएगा और कर का बोझ अंतिम उपभोक्ता द्वारा वहन किया जाएगा।
प्र 2. उपभोग पर गंतव्य आधारित कर की वास्तव में क्या अवधारणा है?
उत्तरः उस कर-प्राधिकरण को कर की प्राप्ति, जिसके अधिकार क्षेत्र के स्थान पर उपभोग किया जाएगा और जिसे आपूर्ति स्थल भी कहा जाता है, उपर्जित है।

प्र 1. वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) क्या है?

उत्तरः यह वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग पर लगाया गया गंतव्य आधारित कर है। इसे विनिर्माण से अंतिम उपभोग के सभी चरणों पर कर लगाने के लिये प्रस्तावित किया जाता है और पिछले चरणों में भुगतान किये कर को अलग करने के लिये क्रेडिट प्राप्त किया जाता है। संक्षेप में, केवल मूल्य संवर्धन (अंसनम ंककपजपवद) पर ही कर लगाया जाएगा और कर का बोझ अंतिम उपभोक्ता द्वारा वहन किया जाएगा।

प्र 2. उपभोग पर गंतव्य आधारित कर की वास्तव में क्या अवधारणा है?

उत्तरः उस कर-प्राधिकरण को कर की प्राप्ति, जिसके अधिकार क्षेत्र के स्थान पर उपभोग किया जाएगा और जिसे आपूर्ति स्थल भी कहा जाता है, उपर्जित है।

प्र 3. किस मौजूदा कर को जी.एस.टी. में सम्मिलित करने के लिये प्रस्तावित किया गया है?
 

उत्तरः जी.एस.टी. में निम्नलिखित करों को प्रतिस्थापित किया जायेगाः
(i) आज के समय केंद्र द्वारा वर्तमान समय पर लगाए और संग्रह किए जाने वाले करः
क. केंद्रीय उत्पाद शुल्क
ख. उत्पाद शुल्क (दवाईयां और प्रसाधन पदार्थ)
ग. अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (विशेष महत्व की वस्तुएं)
घ. अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (कपडा़ आरै कपडों की वस्तएु )

ड़. अतिरिक्त सीमा शुल्क (सामान्यतः सीवीडी से जाना जाता है)
च. अतिरिक्त विशेष सीमा शुल्क (एसएडी)
छ. सेवा कर
ज. केंद्रीय/राज्य अधिशुल्क और उपकर जहां तक वे वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित हैं

(ii) उन राज्य करों को स्पष्ट करें जिन्हें जी.एस.टी. में प्रतिस्थापित किया जाएगाः
क. राज्य वैट(मूल्य वर्धित कर)
ख. कंेद्रीय बिक्री कर
ग. विलास कर (लक्जरी टैक्स)
घ. प्रवेश कर (सभी रूपों में)
ड़. मनोरंजन और मनोरंजक कर (सिवाय तब जब स्थानीय निकायों द्वारा करारोपण किया गया है)
च. विज्ञापनों पर कर
छ. क्रय कर
ज. लॉटरी, शर्त और जुए पर कर
झ. राज्य अधिभार और उपकर जहां तक वे वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित हैं

जी.एस.टी. परिषद केंद्र आरै राज्यों को केंद्रीय, राज्यों आरै स्थानीय निकायों द्वारा करों उपकरों आरै अधिभारों के करारापे ण के लिये सिफारिश करेगी जिन्हें जी.एस.टी. में सम्मिलित किया जा सकता है।

प्र 4. जी.एस.टी. के अंतर्गत उपरोक्त करों को सम्मिलित करने के लिये किन सिद्धांतों को अपनाया गया था?

उत्तरः विभिन्न केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय करों का परीक्षण करने के बाद जी.एस.टी. में सम्मिलित करने की संभावना की पहचान की गई थी। पहचान करने के समय, निम्न सिद्धान्तों को ध्यान में रखा गया थाः
(i) सम्मिलित किये जाने वाले करों या उपकरों को मुख्य रूप से अप्रत्यक्ष कर की प्रकृति में, या तो वस्तु की आपूर्ति या सेवाओं की आपूर्ति होना चाहिये।
(ii) सम्मिलित किये जाने वाले करों या उपकरों को लेनदेन की श्रृंखला का हिस्सा होना चाहिये जो आयात/ विनिर्माण/वस्तुओं के उत्पादन या सेवाओं के एक स्थान पर प्रारम्भ के साथ दूसरे स्थान पर वस्तुओं या सेवाओं का उपभोग पर समाप्त होता है।
(iii) करों या करारोपण (लेवी) सम्मिलित करने के परिणाम स्वरूप राज्य के भीतर और अंतर-राज्य स्तर में टैक्स क्रेडिट का मुक्त प्रवाह होना चाहिए। जो कर, उपकर और फीस विशेष रूप से वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित नहीं हैं जी.एस.टी. के अंर्तगत सम्मिलित नहीं किये जाने चाहिए।

(iv) केंद्र और राज्यों को व्यक्तिगत रूप से राजस्व निष्पक्षता का प्रयास करने की आवश्यकता होगी।

प्र 5ः किन वस्तुओं को जी.एस.टी.के दायरे से बाहर रखा जाना प्रस्तावित है?

उत्तरः मानव उपभोग के लिए षराब, पेट्रोलियम उत्पाद अर्थात कच्चा पेट्रोलियम तेल, मोटर स्पिरिट (पेट्रोल), हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और विमानन टर्बाइन ईंधन एवं बिजली।

 प्र 6ः जी.एस.टी. क्रियान्वित करने के बाद उपरोक्त वस्तुओं के करारोपण के संबंध में क्या स्थिति होगी?
उत्तरः उपरोक्त वस्तुओं के संबंध में मौजूदा कराधान प्रणाली (वैट और केन्द्रीय उत्पाद षुल्क)अस्तित्व में जारी रहेगी।

 प्र 6अः जी.एस.टी. व्यवस्था के अंतर्गत तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों की क्या स्थिति होगी ?
उत्तरः तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पाद जीएसटी के अधीन होगें। इसके अतिरिक्त केन्द्र इन उत्पादों पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क आरोपित करने हेतु सशक्त होगा।

प्र 7. किस प्रकार का जी.एस.टी. लागू करने का प्रस्ताव किया गया है।

उत्तरः यह केंद्र और राज्यों के साथ एक साथ सामान्य कर आधार पर आरोपित एक दोहरा  जी.एस.टी. होगा। वस्तुओं या सेवाओं की अंतर-राज्य आपूर्ति पर केंद्र द्वारा लगाये गये कर को  केंद्रीय जी.एस. टी. (सी.जी.एस.टी.)  कहा जायेगा तथा राज्यों द्वारा लगाये करों को राज्य जी.एस.टी. (एस.जी.एस.टी.) कहा जायेगा इसी प्रकार केंद्र द्वारा प्रत्येक अतंर-राज्य वस्तुओं आरै सेवाओं की आपूर्ति पर एकीकतृ जी.एस.टी.(आई.जी.एस.टी.) लगाने तथा प्रशासित करने की व्यवस्था है।

प्र. 8. दोहरा जी.एस.टी. क्यों आवश्यक है?

उत्तरः भारत एक संघीय देश है, जहां केंद्र और राज्यों को उनके उपयुक्त काननू के माघ्यम से करारापेण और एकत्र करने की शक्तियां पद्रत्त की गई हैं। दोनों सरकार के स्तर पर अलग-अलग जिम्मदेारियों का निष्पादन के अनुसार सविधान में शक्तियों का विभाजन निर्धारित किया गया है जिसके लिये उन्हें संसाधनों को जुटाने की आवश्यकता होती है। दोहरा जी.एस.टी., इसीलिये, वित्तीय संघवाद की संवैधानिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

प्र 9. कौन सा प्राधिकरण जी.एस.टी. करारोपण और उसका प्रशासन करेगा?

उत्तरः केंद्र सी.जी.एस.टी. और आई.जी.एस.टी. का करारोपण और प्रशासन करेगा, जबकि संबंधित राज्य एस.जी.एस.टी. करारोपण और प्रशासन करेंगे।

प्र 10. भारत के संविधान को हाल ही में जी.एस.टी. के संदर्भ में क्यों संशोधित किया गया था?

उत्तरः वर्तमान में, केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय अधिकार स्पष्ट रूप से संविधान में सीमांकित किये गये हैं जिनमें संबंधित क्षेत्रों के बीच लगभग किसी तरह का ओवरलैप नही है। केंद्र के अधिकार में वस्तुओं के विनिर्माण (सिवाय मानव उपभोग के लिये शराब, अफीम, नशीले पदार्थों आदि को छोड़कर) पर कर लगाने की शक्तियां हैं, जबकि राज्यों के अधिकार में वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने की शक्तियां प्रदान की गई हैं। अंतर-राज्य बिक्री के मामले में केंद्र सरकार को वस्तुओं की बिक्री पर कर (केंद्रीय बिक्री कर) लगाने की शक्ति है लेकिन, कर पूरी तरह से राज्यों द्वारा एकत्र किया जाता है। जहां तक सेवाओं का प्रश्न है, केवल केंद्र को सेवा कर लगाने के लिये सशक्त किया गया है। जी.एस.टी. प्रस्तुत करने के लिए संविधान में आवश्यक संशोधन करने की आवश्यकता थी ताकि केंद्र और राज्यों को एक साथ कर लगाने और एकत्र करने के लिये सशक्त किया जा सके। भारत के संविधान को संविधान के (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 द्वारा हाल ही में इस प्रयोजन के लिये संशोधित किया गया था। संविधान का अनुच्छेद 246ए केंद्र और राज्यों का कर लगाने और जी.एस.टी. एकत्र करने के लिए सशक्त करती है।

 

प्र 11. किस प्रकार वस्तुओं और सेवाओं के एक विशेष लेन-देन के लिये कर एक साथ केंद्रीय जी.एस.टी. (सी.जी.एस.टी.) और राज्य जी.एस.टी. (एस.जी.एस.टी.) के अंर्तगत लगाया जाएगा?

उत्तरः केंद्रीय जी.एस.टी. आरै राज्य जी.एस.टी. को एक साथ प्रत्येक वस्तअुों और सेवाओं के लेनदेन पर लगाया जायेगा सिवाय छटू दी गई वस्तुओं और सेवाओं और जी.एस.टी. के दायरे से बाहर की वस्तुओं और उन लेनदेन को छोड़कर जिनका मूल्य निर्धारित सीमा से नीचे है। आगे, दोनों पर एक कीमत या मूल्य पर  कर लगाया जायेगा राज्य वैट के विपरीत जिसकें अतंर्गत वस्तुओं के मूल्य में सेनवैट जोडकर वटै लगाया जाता है। जबकि सी.जी.एस.टी. के प्रयोजन के लिये देश के भीतर आपूर्तिकर्ता और आपूर्ति प्राप्तकर्ता के स्थान का कोई अर्थ नही है और एस.जी.एस.टी. तभी लगाया जाएगा जब आपूितर्कर्ता और आपूर्ति प्राप्तकर्ता एक ही राज्य के भीतर स्थित हैं।

चित्रण I  मान लीजिए कि सी.जी.एस.टी. की दर 10 प्रतिशत और एस.जी.एस.टी. की दर 10 प्रतिशत है। जब उत्तर प्रदेश में स्टील का एक थोक व्यापारी एक निर्माण कंपनी को स्टील की सलाखों और छड़ों की आपूर्ति करता है जो उसी राज्य के भीतर स्थित है; मान लें कि 100 रूपये में, डीलर 10 रूपये का सी.जी.एस.टी. और 10 रूपये का एस.जी.एस.टी. माल के मूल दाम में जोड़कर वसूल करेगा। उस सी.जी.एस.टी. की रकम केंद्र सरकार के खाते में जमा करनी है, जबकि एस.जी.एस.टी. के हिस्से की राशि संबंधित राज्य सरकार के खाते जमा करना आवश्यक होगा। जाहिर है, कि उसे वास्तव में 20 रुपये (10$10 रुपये) नकद राशि में जमा करना आवश्यक नहीं होगा क्योंकि वह इस दायित्व को अपनी खरीद पर भुगतान किये गये सी.जी.एस.टी. या एस.जी.एस.टी. के (इनपुट, कहते हैं) के विरूद्ध समायोजित करने का हकदार होगा। लेकिन सी.जी.एस.टी. भुगतान करने के लिए उसे केवल अपनी खरीद पर सी.जी.एस.टी. क्रेडिट का उपयोग करने की ही अनुमति दी जाएगी जबकि सी.जी.एस. टी. के लिये वह अकेले एस.जी.एस.टी. के क्रेडिट का उपयोग कर सकता है। दूसरे शब्दों में, एस.जी.एस.टी. क्रेडिट को, आमतौर पर, एस.जी.एस.टी. के भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। न ही एस.जी.एस.टी. क्रेडिट को सी.जी.एस.टी. के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
 

चित्रण II मान लीजिए, फिर अनुमानतः कि सी.जी.एस.टी. की दर 10 प्रतिशत और एस.जी.एस.टी. की दर भी 10 प्रतिशत है। जब
मुंबई में स्थित एक विज्ञापन कंपनी महाराष्ट्र राज्य के भीतर स्थित एक साबुन विनिर्माण कंपनी के लिए विज्ञापन सेवाओं की आपूर्ति
करती है, आईये मान लेते हैं कि 100 रूपये, विज्ञापन कंपनी सेवा की मूल कीमत पर 10 रूपये सी.जी.एस.टी. और 10 रूपये एस.जी. एस.टी. शुल्क लगायेगी। उसे सी.जी.एस.टी. का हिस्सा केंद्र सरकार के खाते में, और एस.जी.एस.टी. हिस्सा संबंधित राज्य सरकार के खाते में जमा करना आवश्यक होगा। बेशक, उसे फिर से, वास्तव में 20 रुपये (10$10 रु) का नकद भुगतान करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह इस दायित्व को अपनी खरीद पर भुगतान किये गये सी.जी.एस.टी. या एस.जी.एस.टी. के (इनपुट जैसे स्टेशनरी, आॅफिस उपकरण, कलाकारों की सेवाएं इत्यादि कहते हैं) के विरूद्ध समायोजित करने का हकदार होगा। लेकिन सी.जी.एस.टी. भुगतान करने के लिए उसे केवल अपनी खरीद पर सी.जी.एस.टी. क्रेडिट/ जमा का उपयोग करने की ही अनुमति दी जाएगी जबकि एस.जी. एस.टी. के लिये वह अकेले एस.जी.एस.टी. के क्रेडिट का उपयोग कर सकता है। दूसरे शब्दों में, सी.जी.एस.टी. क्रेडिट को, आमतौर पर, एस.जी.एस.टी. के भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। न ही एस.जी.एस.टी. क्रेडिट को सी.जी.एस.टी. के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

प्र 12. वे कौन से लाभ हैं जो देश को जी.एस.टी. से प्राप्त होंगे?

उत्तरः जी.एस.टी. की पेशकश भारत के अप्रत्यक्ष कर सुधारों के क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होगा। बहुत सारे केंद्रीय और राज्यों के करों को एकल कर में मिलाकर और पूर्व-चरणों के करों को समाप्त करने की अनुमति देकर, यह व्यापक रूप से गिरावट के बुरे प्रभावों को काफी हद तक कम करने में मदद करेगा और समान राष्ट्रीय बाजार के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। उपभोक्ताओं के लिए सबसे बड़ा फायदा समग्र माल पर कर बोझ में कमी है, जिसका वर्तमान समय में 25 से 30 प्रतिशत का अनुमान है। जी.एस.टी. की पेशकश हमारे उत्पादों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्रतिस्पर्धी बनाएगा। अध्ययनों से पता चलता है कि इससे आर्थिक विकास में तुरन्त तेजी आ जाती है। वहाँ केंद्र और राज्यों के लिए भी कर आधार को व्यापक करने के कारण राजस्व लाभ हो सकता है,
व्यापार में वृद्धि और कर अनुपालन भी बेहतर होगा। अंतिम लेकिन कम नहीं है, इस कर की पारदर्शी प्रकृति के कारण, इसका प्रशासन भी आसान होगा।

 

प्र 13. आई.जी.एस.टी. क्या है?

उत्तरः जी.एस.टी. व्यवस्था के अंर्तगत, अंतर-राज्य वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर केंद्र द्वारा एकीकृत जी.एस.टी. (आई.जी.एस. टी.) कर लगाया और एकत्र किया जायेगा। संविधान के अनुच्छेद 269ए के अंर्तगत, अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य के दौरान आपूर्ति पर जी.एस.टी. लगाया जाएगा और भारत सरकार द्वारा एकत्र किया जायेगा और कथित कर को केंद्र और राज्य के बीच इस प्रकार से विभाजित किया जायेगा जिस प्रकार संसद द्वारा वस्तु और सेवा कर परिषद की सिफारिशों पर कानून बनाकर किया जा सकता है।

प्र 14. जी.एस.टी. कर लगाने के लिए कौन इसकी दरें तय करेगा?

उत्तरः सी.जी.एस.टी. और एस.जी.एस.टी. केंद्र और राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से तय की गई दरों पर लगाया जाएगा। दरों को जी. एस.टी. परिषद की सिफारिशों पर अधिसूचित किया जाएगा।

 प्र 15. जी.एस.टी. परिषद की क्या भूमिका होगी?

उत्तरः जी.एस.टी. परिषद के गठन में केंद्रीय वित्त मंत्री (जो परिषद के अध्यक्ष हांेगे), राज्यमंत्री (राजस्व) और राज्य वित्त/कराधान मंत्री सम्मिलित होंगे जो केंद्र और राज्यों को निम्न पर अपनी सिफारिशें करेंगेः

(i) केंद्र, राज्यों और स्थानीय निकायों द्वारा लगाये करों, उपकरों और अधिभारों पर जिन्हें जी.एस.टी. के अंतर्गत सम्मिलित किया जा सकता है;

(ii) वस्तुओं और सेवाओं पर जो जी.एस.टी. के अधीन की जा सकती हैं या जिन्हें छूट दी जा सकती है;

(iii) जिस तारीख को पेट्रोलियम कच्चे तेल, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्प्रिट (आमतौर पर पेट्रोल के रूप में जाना जाता है), प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर जी.एस.टी. लगाया जाएगा;

(iv) मॉडल जी.एस.टी. कानून, करारोपण के सिद्धांत, आईजी.ए स.टी. का संविभाजन और वे सिद्धांत जो आपूर्ति स्थल को निर्धारित करते हैं;

(v) कुल बिक्री की वह सीमारेखा जिसके नीचे वस्तुओं और सेवाओं को जी.एस.टी. से छूट दी जा सकती है;

(vi) वह दरें जिनमें जी.एस.टी.बैंड सहित न्यूनतम तय दरें शामिल हैं;

(vii) प्राकृतिक आपदा या आपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए कोई विशेष दर या निर्धारित अवधि के लिए तय की गई दरें;

(viii) उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के संबंध में विशेष प्रावधान; तथा

(ix) जी.एस.टी. से संबंधित कोई अन्य मामला, जिसपर परिषद निर्णय ले सकती है;

 प्र 16. जी.एस.टी. परिषद के मार्गदर्शक सिद्धांत क्या हैं?

उत्तरः जी.एस.टी. परिषद की प्रक्रिया केंद्र और राज्यों के साथ-साथ राज्यों के बीच जी.एस.टी. के विभिन्न पहलुओं पर सामंजस्य बनाये रखना सुनिश्चित करेगी। संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 में यह प्रावधान किया गया है कि जी.एस.टीपरिष् ाद, अपने विभिन्न कार्यों के निष्पादन में जी.एस.टी. की सामंजस्य संरचना की जरूरत और वस्तुओं और सेवाओं के अनुकूल राष्ट्रीय बाजार के विकास के लिए निर्देशित की जायेगी।

प्र 17. जी.एस.टी. परिषद द्वारा कैसे निर्णय लिया जाएंगे?

उत्तरः संविधान का (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 प्रावधान करता है कि जी.एस.टी. परिषद का प्रत्येक निर्णय बैठक में कम से कम कुल उपस्थित सदस्यों के 3/4 के बहुमत से मतदान करने के बाद लिया जाएगा। बैठक में कुल डाले गये मतों के 1/3 हिस्से का महत्व केंद्र सरकार के मतों का और बाकी सभी राज्य सरकारों का एक साथ मिलकर कुल डाले गये मतों का 2/3 हिस्से का महत्व होगा। जी.एस.टी. परिषद के सदस्यों की कुल संख्या में से आधे के साथ बैठकों का कोरम गठित होगा।

प्र 18. प्रस्तावित जी.एस.टी. व्यवस्था के अंतर्गत कौन जी.एस.टी. भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है?

उत्तरः जी.एस.टी. व्यवस्था के अंतर्गत, कर का भुगतान वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर कराधीन व्यक्ति द्वारा देय है। कर के भुगतान के लिए दायित्व तब उत्पन्न होता है जब कराधीन व्यक्ति छूट दी गई सीमारेखा (threshold exemption) को पार कर लेता है, यानि 10 लाख रुपए (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए यह 5 लाख रुपये होगी) सिवाय कुछ विशिष्ट मामलों को छोड़कर कराधीन व्यक्ति जी.एस.टीका भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है भले ही उसने निर्धारित सीमा रेखा की छूट को पार नहीं किया है। सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टीअंतर- राज्य में आपूर्ति की गई सभी वस्तुओं और/या सेवाओ पर देय है। सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. और आई.जी.एस.टी संबंधित अधिनियमों की अनुसूचियों में निर्दिष्ट दरों पर देय हैं।

 प्र 19. जी.एस.टी. व्यवस्था के अंतर्गत छोटे कर दाताओं के लिये क्या लाभ उपलब्ध हैं?

उत्तरः वे कर दाता जिनका एक वित्तीय वर्ष में कुल कारोबार (10 लाख रूपये) तक है उन्हें कर से मुक्त किया जाएगा। (सकल कुल बिक्री में कुल कर योग्य और गैर-कर योग्य आपूर्ति, छूट दी गई आपूर्ति और वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात का कुल मूल्य शामिल होगा और कर अर्थात जी.एस.टी. शामिल नहीं होंगे।) सकल कुल बिक्री की गणना अखिल भारतीय आधार पर की जाएगी। पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम के लिए, छूट सीमा (रुपए 5 लाख) होगी। सीमा में छूट के पात्र सभी करदाताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आई.टी.सी.) लाभ के साथ कर के भुगतान करने का विकल्प उपलब्ध होगा। अंतर-राज्य आपूर्ति करने वाले कर दाताओं या रिवर्स चार्ज के आधार पर कर का भुगतान कर रहे कर दाताओं को सीमा में छूट की पात्रता प्राप्त नहीं होगी।

प्र 20. जी.एस.टी. व्यवस्था के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं को कैसे वर्गीकृत किया जाएगा?

उत्तरः एच.एस.एन. (हार्मोनाइज़्ड सिस्टम आफ नाॅमेंक्लेचर) कोड को जी.एस.टी. व्यवस्था के अंर्तगत वस्तुओं को वर्गीकृत करने के लिए प्रयोग किया जाएगा। करदाताओं जिनकी कुल बिक्री/टर्नओवर 1.5 करोड रुपये से ऊपर है लेकिन 5 करोड़ रुपये से कम है, वे 2 अंकों के कोड का उपयोग कर पाएंगे और वह करदाता जिनकी कुल बिक्री/टर्नओवर 5 करोड रुपये और उससे अधिक है वह 4 अंकों के कोड का उपयोग करेंगे। ऐसे करदाताओं को जिनकी कुल बिक्री 1.5 करोड रुपये के नीचे है उन्हें अपने चालान/बिलों पर एचएसएन कोड का उल्लेख करना आवश्यक नहीं है। सेवाओं को सर्विस एकाउंटिंग कोड के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा (एस.ए.सी.)

 प्र 21. जी.एस.टी. व्यवस्था के अंर्तगत आयात पर किस प्रकार कर लगाया जायेगा?

उत्तरः वस्तुओं और सेवाओं के आयात को अंतर-राज्य आपूर्ति के रूप में माना जाएगा और देश में वस्तुओं ओर सेवाओं के आयात पर आई.जी.एस.टी. लगाया जाएगा। कर की घटना का गतंव्य सिद्धांत पालन करेंगे और एस.जी.एस.टी. के मामले में कर राजस्व उस राज्य द्वारा प्राप्त किया जायेगा जहां आयातित वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग किया जा रहा है। वस्तुओं और सेवाओं के आयात पर पिछले चरण में भुगतान किया गया जी.एस.टी. कर पूरा और सारा (full and Final) सेट-आॅफ (वापसी) पुनः प्राप्त हो जाएगा।

 

प्र 22. जी.एस.टी. के अंर्तगत निर्यात से कैसे व्यवहार किया जाएगा?

उत्तरः निर्यात को शून्य दर की आपूर्ति के रूप में माना जाएगा। वस्तुओं या सेवाओं के निर्यात पर कोई कर देय नहीं होगा, हालांकि इनपुट टैक्स क्रेडिट पर जमा सुविधा उपलब्ध रहेगी और उसे निर्यातकों को रिफंड कर दिया जाएगा।

 

प्र 23. जी.एस.टी. के अंर्तगत संरचना योजना ;बवउचवेपजम ेबीमउमद्ध का क्या कार्यक्षेत्र है?

उत्तरः वे छोटे करदाता जिनकी एक वित्तीय वर्ष में टर्नओवर (50 लाख रुपए) तक है, संरचना कर के पात्र होंगे। इस योजना के अंर्तगत, एक कर दाता बिना आई.टी.सी. लाभ लिये एक वित्तीय वर्ष में अपनी टर्नओवर के प्रतिशत के रूप में कर का भुगतान करता है। सी.जी.एस.टी. और एस.जी.एस.टी. के लिए कर की सीमारेखा (threshold) की दर (1 प्रतिशत) से कम नहीं होगी। संरचना का विकल्प चयन करने वाला करदाता अपने ग्राहकों से किसी भी प्रकार का कर वसूल नहीं करेगा। वह करदाता जो अंतर-राज्य आपूर्ति कर रहा है या रिवर्स चार्ज आधार पर कर का भुगतान करता है संरचना योजना का पात्र नहीं होगा।

 प्र 24. क्या संरचना योजना वैकल्पिक या अनिवार्य होगी?

उत्तरः वैकल्पिक है।

प्र 25. जी.एस.टी.एन.. क्या है और जी.एस.टी. व्यवस्था में इसकी क्या भूमिका है?

उत्तरः जी.एस.टी.एन. वस्तुओं एवं सेवाओं का कर एक नेटवर्क (जी.एस.टी.एन.) है। यह एक विशेष प्रयोजन के लिये माध्यम है जिसे जी.एस.टी.एन. कहा जाता है और इसे जी.एस.टी. की जरूरतों को पूरा करने के लिये स्थापित किया गया है। जी.एस.टी.एन. केंद्रीय और राज्य सरकारों, कर दाताआंे और अन्य हितधारकों को जी.एस. टी. के कार्यान्वयन के लिये आईटी बुनियादी सुविधाएं साझा करेगा। जी.एस.टी.एन. के काम में, अन्य बातों के साथ, शामिल होंगेः (i) पंजीकरण की सुविधा; (ii) केन्द्रीय और राज्य के अधिकारियों को रिटर्न अग्रेषित करना; (iii) आई.जी.एस.टी. की संगणना और निपटान; (iv) बैंकिंग नेटवर्क के साथ कर भुगतान विवरणों का मिलान करना; (v) केन्द्र और राज्य सरकारों को करदाताओं के रिटर्न/वापसी की जानकारी के आधार पर विभिन्न एमआईएस सूचना प्रदान करना; (vi) करदाताओं के प्रोफाइल का विश्लेषण प्रदान करना; और (vii) इनपुट टैक्स क्रेडिट के मिलान, उलटने और पुर्नदावा करने के लिये उसी के अनुकूल इंजन का संचालन करना। जी.एस.टी.एन.. पंजीकरण, भुगतान, रिटर्न और एम.आई.एस./ रिपोर्ट के लिए एक आम जी.एस.टी. पोर्टल और एप्लीकेशंस विकसित कर रहा है।

जी.एस.टी.एन.. में मौजूदा कर प्रशासन में उपयोग की जा रही आईटी प्रणालियों के साथ एक आम जी.एस. टी. पोर्टल को एकीकृत किया जाएगा और करदाताओं के लिए इंटरफेस का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जी.एस.टी. एन. 19 राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों (मॉडल II राज्यों) के लिये मूल्यांकन, लेखा परीक्षण, रिटर्न, अपील इत्यादि के लिये एक बैक-एंड मॉडयूल भी विकसित कर रहा है। सीबीईसी और मॉडल I राज्य (15 राज्य) स्वयं अपने जी.एस.टी. बैक-एंड सिस्टम् विकसित कर रहे हैं। जी.एस.टी. के फ्रंट-एंड सिस्टम को बैक-एंड सिस्टम से एकीकृत कर प्रक्रिया सुगम करने के लिये पहले से ही परीक्षण पूरा कर लिया जायेगा।

प्र 26. जी.एस.टी. व्यवस्था के अंतर्गत विवादों का समाधान कैसे किया जायेगा?
उत्तरः संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 प्रदान करता है कि वस्तुओं और सेवाओं की परिषद या उसके कार्यान्वयन
की सिफारिशों से उत्पन्न किसी भी विवाद में निर्णय देने के लिये एक मैकेनिज़्म स्थापित करेगी-
(क) भारत सरकार और एक या एक से अधिक राज्यों के बीच; या
(ख) भारत सरकार और कोई राज्य या एक से अधिक राज्य एक तरफ तथा एक या एक से अधिक राज्य दूसरी तरफ, के बीच; या
(ग) दो या अधिक राज्यों के बीच,

प्र 27. जी.एस.टी. पेश करने के लिये अन्य क्या कानूनी आवश्यकताएं हैं?
उत्तरः जी.एस.टी. (केंद्रीय जी.एस.टी. विधेयक, एकीकृत जी.एस.टी विधेयक और राज्य जी.एस.टी. विधेयक) करारोपण के लिये उपयुक्त विधेयक को संविधान से शक्तियां प्राप्त हुई हैं जिसे संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित करने की आवश्यकता होगी। संविधान के संशोधन जिसमंे 2/3 बहुमत की आवश्यकता होती है उसके विपरीत, जी.एस.टी. विधेयक को एक साधारण बहुमत से पारित करने की आवश्यकता होगी। जाहिर है, कर की वसूली केवल तभी शुरू की जा सकती हैं जब जी.एस.टी. का कानून संसद और संबंधित विधान मंडलों द्वारा अधिनियमित किया जाएगा।

The document पाठ 1. FAQs - वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) का अवलोकन | GST Acts, FAQs and Updates is a part of the GST Course GST Acts, FAQs and Updates.
All you need of GST at this link: GST
59 docs

Top Courses for GST

FAQs on पाठ 1. FAQs - वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) का अवलोकन - GST Acts, FAQs and Updates

1. जी.एस.टी. क्या है?
उत्तर: जी.एस.टी. वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) का पूरा नाम है, जो भारतीय कर व्यवस्था में एक एकीकृत और अधिकांशतः अद्यतित कर उद्योग है। इसका मुख्य उद्देश्य कर व्यवस्था को सरल, आसान और सुगम बनाना है एवं अधिकारियों के लिए कर वस्तुओं और सेवाओं की नई सूची को बनाए रखने का भी है।
2. जी.एस.टी. कब लागू हुआ?
उत्तर: जी.एस.टी. भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू हो गया। इससे पहले भारतीय कर व्यवस्था में वस्तु एवं सेवा कर को अलग-अलग तरीकों से लागू किया जाता था, जो बहुत संशोधनों और जटिलताओं के कारण व्यापारियों को परेशानी पहुँचा रहा था। जी.एस.टी. के लागू होते ही ये सभी तरीके समाप्त हो गए और एक समान टैक्स सिस्टम आयोजित किया गया।
3. जी.एस.टी. के लाभ क्या हैं?
उत्तर: जी.एस.टी. के कई लाभ हैं। कुछ मुख्य लाभों में शामिल हैं: व्यापारियों के लिए वस्तु एवं सेवा कर को एकीकृत करने से उन्हें अलग-अलग राज्यों में कर भरने की जरूरत नहीं होती है, जो उनके लिए काफी सरलता लाता है। इसके साथ ही, जी.एस.टी. के लागू होते ही कर वस्तुओं और सेवाओं की कई संख्या में कटौतियाँ हुईं, जिससे कुछ मामूली रूप से महंगी हो रही वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें काफी कम हो गईं।
4. जी.एस.टी. कैसे काम करता है?
उत्तर: जी.एस.टी. एक द्रव्यमान वस्तु और सेवा कर है, जिसमें निर्माता और उपभोक्ता दोनों को कर देना होता है। इसके तहत, व्यापारियों को पंजीकरण करवाना होता है और वे अपनी वस्तुओं और सेवाओं पर जी.एस.टी. की दर लगाने के लिए योग्य होते हैं। यह दर उनकी उत्पादन या प्रदान की गई सेवा के आधार पर लागू होती है और ये राज्य और केंद्र सरकार के बीच बांटी जाती है।
5. जी.एस.टी. लागू होने के बाद क्या बदल गया है?
उत्तर: जी.एस.टी. के लागू होने के बाद भारतीय कर व्यवस्था में कई बदलाव हुए हैं। सबसे पहले, वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव हुआ है और कई सामान और सेवाएं सस्ती हो गई हैं। इसके साथ ही, व्यापारियों के लिए कर भरना और कर रिटर्न भरना भी सरल हो गया है। व्यापारियों को एक ही जी.एस.टी. पोर्टल पर पंजीकरण और भुगतान करने की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
59 docs
Download as PDF
Explore Courses for GST exam

Top Courses for GST

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

mock tests for examination

,

shortcuts and tricks

,

practice quizzes

,

pdf

,

Sample Paper

,

Exam

,

पाठ 1. FAQs - वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) का अवलोकन | GST Acts

,

MCQs

,

पाठ 1. FAQs - वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) का अवलोकन | GST Acts

,

FAQs and Updates

,

Free

,

Viva Questions

,

past year papers

,

Previous Year Questions with Solutions

,

ppt

,

Extra Questions

,

video lectures

,

FAQs and Updates

,

Important questions

,

Semester Notes

,

Objective type Questions

,

पाठ 1. FAQs - वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) का अवलोकन | GST Acts

,

Summary

,

study material

,

FAQs and Updates

;