प्र 1. इनपुट सेवा वितरक (आई.एस.डी.) क्या है?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 2(56) के अनुसार, आई.एस.डी. वस्तुओं और/या सेवाओं के आपूर्तिकर्ता का कार्यालय है जो इनपुट सेवाओं की प्राप्ति पर धारा 23 के अंतर्गत जारी किये कर चालान/बिल प्राप्त करता है और कर चालान/वस्तुओं और/या सेवाओं के कराधीन आपूर्तिकर्ता को कथित सेवाओं की आपूर्ति के लिये बिल या इस प्रकार के अन्य दस्तावेज जारी करता है या अन्य दस्तावेज़ जैसा सी.जी.एस.टी. (राज्य अधिनियमों में एस.जी.एस.टी.) क्रेडिट वितरण के प्रयोजन के लिए निर्धारित किया गया है और/या आई.जी.एस.टी. जिन्हें इन सेवाओं के लिये कराधीन आपूर्तिकर्ता के क्रेडिट वितरण के प्रयोजन के लिए, आईएसडी सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के रूप में माना जाता है। और/या कथित सेवाओं के कराधीन वस्तुओं और/या सेवाओं के आपूर्तिकर्ता जिसका वैसा ही पी.ए.एन. है जैसा ऊपर उल्लेख किया है। क्रेडिट वितरण के प्रयोजन के लिए, आई.एस.डी. को सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के रूप में माना जाता है।
प्र 2. आई.एस.डी. के रूप में पंजीकरण के लिए क्या आवश्यकताएं हैं?
उत्तरः एक आई.एस.डी. को एक डीम्ड सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के रूप में पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक है। (धारा 19 अनुसूची प्प्प् के पैरा 5 ;अपपद्ध के साथ पढ़ें)। आई.एस.डी. पर पंजीकरण की सीमा लागू नहीं होती। मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत आई.एस.डी. का पंजीकरण (अर्थात् सर्विस कर) जीएसटी व्यवस्था में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। सभी मौजूदा आई.एस.डी. यदि वे आई.एस.डी. के रूप में संचालन करना चाहते हैं तो उन्हें नई व्यवस्था के अंतर्गत नए सिरे से पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक है।
प्र 3. क्रेडिट के वितरण की क्या शर्तें/प्रतिबंध हैं?
उत्तरः क्रेडिट का वितरण निम्नलिखित शर्तों के अधीन किया जाएगाः
क. क्रेडिट कर चालान/बिलों या अन्य दस्तावेज़ों के माध्यम से वितरित किया जाना चाहिए जैसा निर्धारित किया गया है;
ख. वितरित क्रेडिट की राशि उपलब्ध क्रेडिट की राशि से अधिक नहीं होनी चाहिए;
ग. क्रेडिट केवल उन्हीं आपूर्तिकर्ताओं को वितरित किया जाना चाहिए जिन्हें कथित सेवाओं के लिये निश्चित किया गया है;
घ. एक से अधिक सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के संबंध में क्रेडिट पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के दौरान संबंधित आपूर्तिकर्ता के टर्नओवर/कुल बिक्री के आधार पर उसी अनुपात में वितरित किया जाना चाहिए।
प्र 4. क्या आई.एस.डी. को रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता है?
उत्तरः हाँ, एम.जी.एल. की धारा 27 (6) के अनुसार, आई.एस.डी. को अगले महीने की 13 तारीख तक जी.एस.टी.आर.-6 प्रपत्र में मासिक रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है।
प्र 5. क्या एक कंपनी के कई आई.एस.डी. हो सकते हैं?
उत्तरः हाँ, विभिन्न कार्यालयों में जैसे विपणन प्रभाग, सुरक्षा विभाग, आदि अलग-अलग आई.एस.डी. के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्र 6. आई.एस.डी. द्वारा वितरित किए गए अतिरिक्त/गलत क्रेडिट की वसूली के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तरः धारा 18(1) और 18(2) आई.एस.डी. के विरूद्ध कार्रवाई शुरू कर आई.एस.डी. से वितरित किए गए अतिरिक्त/गलत क्रेडिट की वसूली के प्रावधान करती है या इस प्रकार वितरित किये गये क्रेडिट प्राप्तकर्ता के विरूद्ध मॉडल जी.एस.टी. कानून की धारा 51 के अंतर्गत कार्रवाई शुरू करके।
प्र 7. क्या आई.एस.डी. द्वारा सी.जी.एस.टी. और आई.जी.एस.टीक्रेडिट विभिन्न राज्यों में स्थित इकाइयों को आई.जी.एस.टी. के रूप में वितरित किया जा सकता है?
उत्तरः हां। सी.जी.एस.टी. क्रेडिट आई.जी.एस.टी. के रूप में और आई.जी.एस.टी. क्रेडिट आई.जी.एस.टी. के रूप मंे आई.एस.डी. द्वारा विभिन्न राज्यों में स्थित इकाइयों को वितरित किया जा सकता है। (धारा 17(1))
प्र 8. क्या आई.एस.डी. द्वारा एस.जी.एस.टी. क्रेडिट आई.जी.एस.टीक्रेडिट के रूप में विभिन्न राज्यों में स्थित इकाइयों को वितरित किया जा सकता है?
उत्तरः हाँ, एक आई.एस.डी. एस.जी.एस.टी. क्रेडिट को आई.जी.एस. टी. क्रेडिट के रूप में विभिन्न राज्यों में स्थित इकाइयों को वितरित कर सकता है (धारा 17(2)।
प्र 9. क्या आई.एस.डी. सी.जी.एस.टी. और आई.जी.एस.टी. क्रेडिट को सी.जी.एस.टी. क्रेडिट के रूप में वितरित कर सकता है?
उत्तरः हाँ, सी.जी.एस.टी. और आई.जी.एस.टी. क्रेडिट को आई.एस. डी. द्वारा सी.जी.एस.टी. के रूप में एक ही राज्य में स्थित इकाइयों के लिये वितरित किया जा सकता है ?
प्र 10. क्या एस.जी.एस.टी. और आई.जी.एस.टी. क्रेडिट को एस.जी एस.टी. क्रेडिट के रूप में वितरित किया जा सकता है?
उत्तरः हाँ, आई.एस.डी. एक ही राज्य में स्थित इकाइयों के लिए एस.जी.एस.टी. और आई.जी.एस.टी. क्रेडिट वितरित कर सकते हैं।
प्र 11. वे कौन से दस्तावेज़ हैं जिनके माध्यम से आई.एस.डी. द्वारा क्रेडिट एक वितरित किया जा सकता है?
उत्तरः वे दस्तावेज जिनके अंतर्गत क्रेडिट वितरित किया जा सकता है अभी निर्धारित किये जाने बाकी हैं। अधिनियम यह प्रदान करता है कि क्रेडिट केवल निर्धारित दस्तावेज़ के माध्यम से वितरित किये जा सकते हैं ।
प्र 12. आई.एस.डी. की सभी इकाइयों के बीच कैसे समान क्रेडिट वितरित किया जाना चाहिए?
उत्तरः सभी इकाइयों द्वारा इस्तेमाल किया गया समान क्रेडिट आई. एस.डी. द्वारा यथानुपात आधार पर वितरित किया जा सकता है अर्थात् प्रत्येक ईकाई के टर्नओवर/कुल बिक्री और उन इकाईयों की सकल टर्नओवर के आधार पर जिन्हें क्रेडिट वितरित किया गया है।
प्र 13. आई.एस.डी. राज्यों के बाहर प्राप्तकर्ताओं को सी.जी.एस.टीऔर आई.जी.एस.टी. वितरित कर सकते हैं जैसे
(क) आई.जी.एस.टी.
(ख) सी.जी.एस.टी.
(ग) एस.जी.एस.टी
उत्तरः (क) आई.जी.एस.टी.
प्र 14. आई.एस.डी. राज्य के भीतर सी.जी.एस.टी. क्रेडिट वितरित कर सकते हैं जैसे
(क) आई.जी.एस.टी
(ख) सी.जी.एस.टी.
(ग) एस.जी.एस.टी.
(घ) उपरोक्त में से कोई एक
उत्तरः (ख) सीजीएसटी
प्र 15. एक से अधिक आपूर्तिकर्ता द्वारा इस्तेमाल इनपुट सेवा कर के भुगतान पर क्रेडिट होगा।
(क) उन आपूर्तिकर्ताओं में उस राज्य की टर्नओवर के यथानुपात आधार पर वितरित किया जाएगा जो कथित इनपुट सेवाओं का प्रयोग करते हैं।
(ख) समान रूप से सभी आपूर्तिकर्ताओं के बीच वितरित किया है।
(ग) केवल एक आपूर्तिकर्ता को वितरित किया गया है।
(घ) वितरित नहीं किया जा सकता।
उत्तरः (क) उन आपूर्तिकर्ताओं में उस राज्य की टर्नओवर के यथानुपात आधार पर वितरित किया जाएगा जो कथित इनपुट सेवाओं का प्रयोग करते हैं।
प्र 16. क्या विभाग द्वारा अतिरिक्त वितरित क्रेडिट को वसूल किया जा सकता है ?
उत्तरः हाँ, अतिरिक्त वितरित किये गये क्रेडिट को ब्याज के साथ आई.एस.डी. से विभाग द्वारा वसूल किया जा सकता है।
प्र 17. अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में वितरित क्रेडिट के क्या दृश्परिणाम हो सकते हैं?
उत्तरः अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में वितरित क्रेडिट उस इकाई से ब्याज़ सहित वसूले जा सकते हैं जिसने वितरित किया है।
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