GST Exam  >  GST Notes  >  GST Acts, FAQs and Updates  >  पाठ 17. FAQs - अग्रिम न्यायिक निर्णय

पाठ 17. FAQs - अग्रिम न्यायिक निर्णय | GST Acts, FAQs and Updates PDF Download

प्र 1. अग्रिम न्यायिक निर्णय का क्या अर्थ है?
उत्तरः मॉडल सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. कानून की धारा 94 के अनुसार, अग्रिम न्यायिक निर्णय का अर्थ प्राधिकरण द्वारा अपीलकर्ता को उन मामलों में या उन प्रश्नों पर प्रदान  या जाने वाला लिखित रूप में निर्णय है जैसा कि धारा 97 और अपील में उल्लिखित किया गया है (धारा 99)।

प्र 2. धारा 97 में वे क्या मामले बताये गये हैं जिनमें अग्रिम न्यायिक निर्णय की मांग की जा सकती है?
उत्तरः निम्नलिखित मामलों में अग्रिम न्यायिक निर्णय की मांग की जा सकती हैंः
(क) अधिनियम के अंतर्गत किसी भी वस्तुओं या सेवाओं का वर्गीकरण;
(ख) अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत जारी अधिसूचना जो कर की दर को प्रभावित करती है;
(ग) मूल्य निर्धारण के प्रयोजनों के लिए अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत वस्तुओं या सेवाओं के अपनाये जाने वाले सिद्धांत;
(घ) इनपुट कर क्रेडिट के भुगतान या माने गये भुगतान की स्वीकार्यता;
(ङ) अधिनियम के अंतर्गत किसी भी वस्तुओं या सेवाआ पर कर भुगतान के दायित्व का निर्धारण;
(च) क्या अधिनियम के अंतर्गत आवेदक का पंजीकृत होना आवश्यक है;
(छ) आवेदक द्वारा वस्तुओं या सेवाओं के संबंध में किया गया कोई विशिष्ट कार्य जिसका परिणाम किन्ही वस्तुओं या सेवाओं के रूप में हो अथवा वस्तुओं और सेवाओं की
आपूर्ति से संबंधित हो, जो इस शब्द के दायरे में आते हों।

प्र 3. अग्रिम न्यायिक निर्णय के तंत्र का क्या उद्देश्य है?
उत्तरः कथित प्राधिकरण के गठन के व्यापक उद्देश्य निम्नलिखित हैंः

  1. आवेदक द्वारा प्रस्तावित की जाने वाली गतिविधि के संबंध में अग्रिम कर देयता में निश्चितता प्रदान करना है;
  2. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित (एफ.डी.आई.) करना;
  3. मुकदमेबाजी में कमी;
  4. पारदर्शिता और किफायत के साथ तत्काल न्यायिक निर्णय घोषित करना

प्र 4. जी.एस.टी. के अंतर्गत अग्रिम न्यायिक निर्णयों (ए.ए.आर.) के लिए प्राधिकरण की संरचना क्या होगी?
उत्तरः ”अग्रिम न्यायिक निर्णय के लिए प्राधिकरण” (ए.ए.आर.) में सी.जी.एस.टी. का एक और एस.जी.एस.टी. का एक सदस्य शामिल होगा। उन्हें क्रमशः केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। उनकी शैक्षिक योग्यताएं और नियुक्ति की शर्तें मॉडल जी. एस.टी. नियमों में निर्धारित की जाएंगी। (धारा 95)।

प्र 5. अग्रिम न्यायिक निर्णय (ए.ए.आर.) के लिए अपीलीय प्राधिकरण (AAAR: Appellate Authority for Advance Ruling) क्या है और उसकी क्या संरचना हो सकती है?
उत्तरः अग्रिम न्यायिक निर्णय (ए.ए.आर.) के लिए अपीलीय प्राधिकरण ए.ए.आर. द्वारा दिए गए अग्रिम फैसले के विरूद्ध अपील पर सुनवाई करेगी। इनमें दो सदस्य सम्मिलित होंगे अर्थात केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) द्वारा नामित मुख्य आयुक्त और एस.जी. एस.टी. के आयुक्त जिनके अधिकार क्षेत्र में आवेदक आता है। (धारा 96)।

प्र 6. जी.एस.टी. के अंतर्गत ए.ए.आर. और ए.ए.ए.आर. को कैसे गठित किया जाएगा?
उत्तरः प्रत्येक राज्य के लिए एक ए.ए.आर. और ए.ए.ए.आर. होगा (धारा 95 और 96)।

प्र 7. अग्रिम न्यायिक निर्णय किन पर लागू होगा?
उत्तरः धारा 102 प्रदान करती है कि ए.ए.आर. या ए.ए.ए.आर. द्वारा सुनाई अग्रिम न्यायिक निर्णय केवल आवेदक पर और आवेदक के कर प्राधिकरण क्षेत्राधिकार पर बाध्य होगा। इसका स्पष्ट रूप से यह अर्थ है कि अग्रिम न्यायिक निर्णय एक ही तरह के राज्य में कराधीन व्यक्तियों पर लागू नहीं होता है। यह केवल उन्हीं व्यक्तियों तक सीमित है जिन्होंने अग्रिम न्यायिक निर्णय के लिए आवेदन किया है।
 

प्र 8. अग्रिम न्यायिक निर्णय की लागू करने की क्या समय अवधि है?
उत्तरः अग्रिम न्यायिक निर्णय लागू करने के लिये कानून कोई निश्चित समय अवधि प्रदान नहीं करता। इसके बजाय, धारा 102 में, यह प्रदान किया जाता है कि अग्रिम न्यायिक निर्णय उस अवधि तक बाध्यकारी होगा जब तक मूल अग्रिम न्यायिक निर्णय को समर्थित कानून, तथ्य या परिस्थितियां बदल नहीं जाते।

प्र 9. क्या एक अग्रिम न्यायिक निर्णय को निरस्त माना जा सकता है?
उत्तरः धारा 103 प्रदान करती है कि एक अग्रिम न्यायिक निर्णय (ab initio void) प्रारम्भ से ही अवैध माना जाएगा यदि ए.ए.आर. या ए.ए.ए.आर. यह पाता है कि आवेदक द्वारा अग्रिम न्यायिक निर्णय धोखाधड़ी या तथ्यों की सामग्री को दबाकर या तथ्यों की गलत बयानी से प्राप्त किया गया है। ऐसी स्थिति में, आवेदक पर सी.जी. एस.टी./एस.जी.एस.टी. अधिनियम के सभी प्रावधान इस प्रकार से लागू होंगे जैसे कथित अग्रिम न्यायिक निर्णय कभी किया ही नहीं गया था (लेकिन उस अवधि को छोड़कर जब अग्रिम न्यायिक निर्णय़ दिया गया था और उस अवधि तक जब अवैध घोषित किये आदेश जारी किया जाता है)। अग्रिम न्यायिक निर्णय घोषणा को अवैध करार देने का आदेश केवल आवेदक की सुनवाई करने के बाद ही पारित किया जा सकता है।

प्र 10. अग्रिम न्यायिक निर्णय प्राप्त करने की क्या प्रक्रिया है?
उत्तरः धारा 97 और 98 अग्रिम न्यायिक निर्णय़ प्राप्त करने की प्रक्रिया से संबंधित है। धारा 97 प्रदान करती है कि अग्रिम न्यायिक निर्णय़ प्राप्त करने के इच्छुक आवेदक को एक निर्धारित प्रपत्र और तरीके से ए.ए.आर. के लिए आवेदन करना चाहिए। प्रपत्र और आवेदन के लिए विस्तृत प्रक्रिया का प्रारूप मॉडल जी.एस.टी. नियमों में निर्धारित किया जाएगा। धारा 98 अग्रिम न्यायिक निर्णय़ के लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रदान करती है। ए.ए.आर. आवेदन की एक प्रति उन अधिकारियों को भेजेगे जिनके क्षेत्राधिकार में आवेदक आता है और सभी प्रासंगिक रिकॉर्ड की मांग करेगी। इसके बाद ए.ए.आर. रिकॉर्ड के साथ आवेदन की जांच और आवेदक की सुनवाई कर सकती है। इसके बाद वह या तो आवेदन की स्वीकृति या रद्द करने के आदेश पारित कर देंगे।

प्र 11. किन परिस्थितियों के अंतर्गत अग्रिम न्यायिक निर्णय़ के आवेदनों को अनिवार्य रूप से अस्वीकार किया जा सकता है?
उत्तरः आवेदन को निरपवाद रूप से कुछ स्थितियों में अस्वीकार कर दिया जाता है जैसा कि धारा 98(2) के अंतर्गत निर्धारित किया गया है जिसे नीचे निर्दिष्ट किया गया हैः
(क) यदि आवेदक के मामले मे आवेदन पर उठाया गया प्रश्न पहले से ही किसी प्रथम अपीलीय प्राधिकारी, अपीलीय न्यायाधिकरण या किसी न्यायालय के समक्ष लंबित है;
(ख) यदि आवेदन में उठाया गया प्रश्न वही है जैसा कि इस मामले में पहले से प्रथम अपीलीय प्राधिकारी, अपीलीय न्यायाधिकरण या किसी न्यायालय द्वारा निर्णय किया गया है;
(ग) यदि आवेदन में उठाया गया प्रश्न वैसा ही है जैसा आवेदक के मामले में पहले से अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत किसी कार्यवाही में लंबित है;
(घ) यदि आवेदन में उठाया गया प्रश्न वैसा ही है जैसा आवेदक के मामले में पहले से निर्णायक प्राधिकारी या आंकलन प्राधिकारी द्वारा निर्णय लिया गया है, जो कोई भी लागू होता हो।
यदि आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है, इसे स्वतः स्पष्ट आदेश के माध्यम से अस्वीकृति के कारणों को बताकर दिया जाना चाहिए।

प्र 12. एक बार आवेदन स्वीकार किया जाता है तब ए.ए.आर. द्वारा क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिये?
उत्तरः यदि आवेदन को स्वीकार कर लिया जाता है, तब ए.ए.आर आवेदन प्राप्त करने के नब्बे दिनों के भीतर अपना न्यायिक निर्णय़ घोषित कर देगा। अपने न्यायिक निर्णय़ देने से पहले, यह आवेदन और आवेदक या संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा दी गई सामग्री की जांच करेगा।
न्यायिक निर्णय़ देने से पहले, ए.ए.आर. को आवेदक या उसके अधिकृत प्रतिनिधि के साथ सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. के क्षेत्राधिकार के अधिकारियों को भी सुनना होगा।

प्र 13. यदि ए.ए.आर. के सदस्यों के बीच मतभेद हो जाता है तब क्या होगा?
उत्तरः अगर वहाँ ए.ए.आर. के दो सदस्यों के बीच कुछ मतभेद हो जाता है, वे जिस मुद्दे या मुद्दों पर उनके बीच विवाद है उन मुद्दों की सुनवाई के लिए वे ए.ए.ए.आर. को संदर्भित कर देंगे। यदि ए.ए.आर. ए.ए.ए.आर. के सदस्य भी इन मुद्दे(दों) के संबंध में एक आम निष्कर्ष पर आने में विफल हो जाते हैं, तब यह मान लिया जाएगा कि ए.ए.ए.आर. स्तर पर उन विवादों के संबंध में कोई अग्रिम न्यायिक निर्णय़ नहीं दिया जा सकता है।

प्र 14. ए.ए.आर. के आदेश के विरूद्ध अपील के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तरः मॉडल जी.एस.टी. कानून की धारा 99 और 100 में ए.ए.ए.आरके समक्ष अपील के प्रावधान हैं।
यदि आवेदक ए.ए.आर. निष्कर्ष परिणामों ये असंतुष्ट है, तब वह ए.ए.ए.आर. के समक्ष अपील दायर कर सकता है। इसी तरह, यदि सी.जी.एस.टी./ एस.जी.एस.टी. के निर्धारित या क्षेत्राधिकार अधिकारी ए.ए.आर. की निष्कर्ष परिणामों के साथ सहमत नहीं है, वह भी ए.ए.ए.आर. के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं। सी.जी. एस.टी./एस.जी.एस.टी. के प्राधिकृत अधिकारी का अर्थ एक ऐसे अधिकारी से है जिसे सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. प्रशासन द्वारा आवेदन के संबंध में अग्रिम न्यायिक निर्णय़ के लिए नामित किया गया है। सामान्य परिस्थितियों में, संबंधित अधिकारी वह अधिकारी है जिसके क्षेत्राधिकार में आवेदक स्थित होगा। ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारी सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. क्षेत्राधिकार का अधिकारी होगा।
कोई भी अपील अग्रिम न्यायिक निर्णय़ की प्राप्ति से तीस दिनों के भीतर दायर की जानी चाहिए। अपील निर्धारित प्रारूप में की जानी चाहिए और निर्धारित तरीके से उसका सत्यापन होना चाहिए। इसे मॉडल जी.एस.टी. नियमों में निर्धारित किया गया है।
अपीलीय प्राधिकारी अपील दायर करने के नब्बे दिनों की अवधि के भीतर अपील करने के लिए पक्षों की सुनवाई के बाद एक आदेश पारित करेगा। यदि अपील में निर्दिष्ट किसी मुद्दे पर ए.ए.ए.आर. के सदस्यों के बीच कोई मतभेद है तो, यह समझा जाएगा कि अपील के अंतर्गत किसी भी प्रश्न के संबंध में कोई अग्रिम न्यायिक निर्णय़ जारी नहीं किया गया है।

प्र 15. क्या ए.ए.आर. और ए.ए.ए.आर. न्यायिक निर्णय़ की गलतियों में सुधार के लिये कोई आदेष जारी कर सकता है?
उत्तरः हाँ। अधिनियम की धारा 101 ए.ए.आर. और ए.ए.ए.आर. को रिकार्ड द्वारा उसके आदेश की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर किसी भी गलती को सुधारने के लिय शक्तियां प्रदान करती है। इस तरह की गलतियां प्राधिकारी द्वारा स्वंय भी सूचित की जा सकती हैं या आवेदक द्वारा उनके संज्ञान में लाई जा सकती हैं या निर्धारित की जा सकती है या सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. क्षेत्राधिकार अधिकारी द्वारा। यदि सुधार का प्रभाव कर देनदारी की वृद्धि या इनपुट कर क्रेडिट के परिमाण को कम करता है, तब आदेश पारित करने से पहले आवेदक को सुना जाना चाहिए।

The document पाठ 17. FAQs - अग्रिम न्यायिक निर्णय | GST Acts, FAQs and Updates is a part of the GST Course GST Acts, FAQs and Updates.
All you need of GST at this link: GST
59 docs

Top Courses for GST

FAQs on पाठ 17. FAQs - अग्रिम न्यायिक निर्णय - GST Acts, FAQs and Updates

1. आगे क्या है अग्रिम न्यायिक निर्णय GST?
उत्तर: अग्रिम न्यायिक निर्णय GST एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें यदि कोई व्यक्ति GST के खिलाफ संरक्षा की योजना पेश करता है और न्यायिक निर्णय शीघ्र करने की आवश्यकता होती है, तो अग्रिम न्यायिक निर्णय जारी किया जाता है। इसमें न्यायिक निर्णय को अंकित करने का एक निर्दिष्ट समय सीमा भी होती है।
2. अग्रिम न्यायिक निर्णय क्यों जरूरी होता है?
उत्तर: अग्रिम न्यायिक निर्णय जरूरी होता है क्योंकि यह संरक्षा के आवेदनकर्ता को चुनौती प्रदान करता है कि उन्हें न्यायिक निर्णय के लिए शीघ्र न्यायिक प्रक्रिया में बने रहना चाहिए। इसके अलावा, अग्रिम न्यायिक निर्णय उन लोगों को समर्थन प्रदान करता है जिन्हें चाहिए कि उनकी योजना तत्परता से और शीघ्रता से न्यायिक निर्णय के लिए देखी जाए।
3. अग्रिम न्यायिक निर्णय कितने समय तक मान्य होता है?
उत्तर: अग्रिम न्यायिक निर्णय की मान्यता निर्दिष्ट समय सीमा तक होती है, जो न्यायिक निर्णय के द्वारा निर्धारित की जाती है। इस समय सीमा के अंतर्गत, न्यायिक निर्णय को पूरा करने के लिए संरक्षा की योजना पर विचार किया जाता है और उसके आधार पर निर्णय लिया जाता है।
4. अग्रिम न्यायिक निर्णय की प्रक्रिया में क्या शामिल होता है?
उत्तर: अग्रिम न्यायिक निर्णय की प्रक्रिया में योजना की जांच, न्यायिक निर्णय की अंकित अवधि के लिए आवेदन, आवेदन की समीक्षा, न्यायिक निर्णय का जारी करने का निर्णय और उसकी पारिति शामिल होती है। इसके अलावा, यह प्रक्रिया उन लोगों को भी शामिल करती है जो अग्रिम न्यायिक निर्णय के विरोध में आपत्ति दर्ज करना चाहते हैं।
5. अग्रिम न्यायिक निर्णय के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
उत्तर: अग्रिम न्यायिक निर्णय के लिए संरक्षा की योजना पेश करने का अधिकार किसी भी व्यक्ति को होता है जो GST के खिलाफ योजना पेश करना चाहता है और जिसे न्यायिक निर्णय की जरूरत है। इसमें व्यक्ति को न्यायिक निर्णय के लिए शीघ्रता और तत्परता का सबूत प्रदान करना होता है।
59 docs
Download as PDF
Explore Courses for GST exam

Top Courses for GST

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Objective type Questions

,

Viva Questions

,

पाठ 17. FAQs - अग्रिम न्यायिक निर्णय | GST Acts

,

ppt

,

mock tests for examination

,

Semester Notes

,

FAQs and Updates

,

FAQs and Updates

,

पाठ 17. FAQs - अग्रिम न्यायिक निर्णय | GST Acts

,

past year papers

,

Exam

,

practice quizzes

,

पाठ 17. FAQs - अग्रिम न्यायिक निर्णय | GST Acts

,

Free

,

FAQs and Updates

,

Important questions

,

Sample Paper

,

MCQs

,

video lectures

,

shortcuts and tricks

,

Summary

,

Extra Questions

,

study material

,

Previous Year Questions with Solutions

,

pdf

;