Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)  >  कविता का सार - नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ...

कविता का सार - नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ... | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

कविता का सार

(1) नए इलाके में
इस कविता में एक ऐसे दुनिया में प्रवेश का आमंत्रण है, जो एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है। यह इस बात का बोध कराती है कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं होता। इस पल-पल बनती-बिगड़ती दुनिया में स्मृतियों के भरोसे नहीं जिया जा सकता। कवि कहता है कि वह नए बसते इलाकों तथा नए-नए बनते मकानों के कारण रोज अपने घर का रास्ता भूल जाता है। वह अपने घर तक पहुँचने रास्ते में पड़ने वाले निशानों को याद रखता हुआ आगे बढ़ता है लेकिन उसे वे निशान नहीं मिलते। वह हर बार एक या दो घर आगे चला जाता है। इसलिए वह कहता है कि यहाँ स्मॄतियों का कोई भरोसा नहीं । यह दुनिया एक दिन में ही पुरानी पड़ जाती है। अब घर ढूँढने का एक ही रास्ता है कि वह हर एक घर का दरवाजा खटखटाकर पूछे कि क्या उसका घर यही है? पर इसके लिए भी समय बहुत कम है। कहीं इतने समय में ही फिर कोई बदलाव न हो जाए। फिर उसके मन में एक आशा जगती है कि शायद उसका कोई जाना-पहचाना उसे भटकते हुए देखकर ऊपरी मंजिल से उसे पुकार कर कह दे कि वह रहा तुम्हारा घर।

(2) खुशबू  रचते हैं हाथ
प्रस्तुत कविता 'खुशबू रचते हैं हाथ' में कवि ने हमारा ध्यान समाज के उपेक्षित वर्ग की ओर खींचने का प्रयास किया है। ये अगरबत्ती बनाने वाले लोग हैं जो की हमारी जिंदगी को खुश्बुदार बनाकर खुद गंदगी में जीवन बसर कर रहे हैं। वे नालियों के बीच, कूड़े-करकट के ढेरों में रहकर अगरबत्ती बनाने का काम अपने हाथों से करते हैं। यहां कवि ने कई प्रकार की हाथों का जिक्र किया है जो की मूलतः बनाने वालों की उम्र को दिखाने के लिए किया गया है। लोगों के जीवन में सुगंध बिखरने वाले हाथ भयावह स्थितियों में अपना जीवन बिताने पर मज़बूर हैं। क्या विडंबना है कि खुशबू रचने वाले ये हाथ दूरदराज़ के सबसे गंदे और बदबूदार इलाकों में जीवन बिता रहे हैं।

कवि परिचय

अरुण कमल
इनका जन्म बिहार के रोहतास जिले के नासरीगंज में 15 फ़रवरी 1954 को हुआ। ये पटना विश्वविद्यालय में प्राध्यापक भी रह चुके हैं। इन्हें अपनी कविताओं के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

प्रमुख कार्य
कविता संग्रह – अपनी केवल धार, सबूत नए इलाके में,पुतली में संसार।
आलोचना - कविता और समय।

कठिन शब्दों के अर्थ

  • इलाका- क्षेत्र
  • अकसर – प्रायः 
  • ताकता – देखता
  • ढहा – गिरा हुआ 
  • ठकमकाता – डगमगाते हुए
  • स्मॄति – याद 
  • वसंत – एक ऋतु
  • पतझड – एक ऋतु जिसमें पेड़ों के पत्ते झड़ते हैं
  • वैसाख – चैत के बाद आने वाला महीना
  • भादों – सावन के बाद आने वाला महीना
  • अकास - गगन
  • कूड़ा-करकट – रद्दी या कचरा
  • टोले – छोटी बस्ती
  • जख्म – घाव
  • मुल्क – देश 
  • खस – पोस्ता
  • रातरानी – एक सुगंधित फूल
  • मशहूर - प्रसिद्ध
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FAQs on कविता का सार - नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ... - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. What is the central theme of the poem "नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ..."?
Ans. The central theme of the poem "नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ..." is the experience of a person who is moving to a new place and how the person tries to create a sense of belonging by adding their own touch to the new surroundings.
2. What does the phrase "खुशबू रचते हैं हाथ" mean in the context of the poem?
Ans. The phrase "खुशबू रचते हैं हाथ" means adding a personal touch or imprint to the new surroundings. In the context of the poem, it refers to the protagonist's attempt to create a sense of belonging by adding their own scent or aura to the new place.
3. Who is the intended audience for this poem?
Ans. The intended audience for this poem is anyone who has experienced the feeling of moving to a new place or environment and trying to create a sense of belonging.
4. What literary devices are used in the poem "नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ..."?
Ans. The poem "नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ..." uses various literary devices such as imagery, metaphor, and personification to convey the protagonist's experience of moving to a new place.
5. What is the significance of the title "नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ..."?
Ans. The title "नए इलाके में...खुशबू रचते हैं हाथ..." is significant as it captures the essence of the poem. It refers to the protagonist's attempt to create a sense of belonging by adding their own scent or aura to the new place. The phrase "हाथ रचना" refers to the act of creating or adding something personal to the new surroundings.
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