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CTET Practice Test: Hindi-1 - CTET & State TET MCQ


Test Description

20 Questions MCQ Test - CTET Practice Test: Hindi-1

CTET Practice Test: Hindi-1 for CTET & State TET 2024 is part of CTET & State TET preparation. The CTET Practice Test: Hindi-1 questions and answers have been prepared according to the CTET & State TET exam syllabus.The CTET Practice Test: Hindi-1 MCQs are made for CTET & State TET 2024 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for CTET Practice Test: Hindi-1 below.
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CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 1

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

जिन कर्मों में किसी प्रकार का कष्ट या हानि सहने का साहस अपेक्षित होता है उन सबके प्रति उत्कंठापूर्ण आनंद उत्साह के अन्तर्गत लिया जाता है कष्ट या हानि के भेद के अनुसार उत्साह के भी भेद हो जाते हैं। साहित्य-मीमांसकों ने इसी दृष्टि से युद्धवीर, दानवीर, दयावीर आदि भेद किए हैं इनमें सबसे प्राचीन और प्रधान युद्धवीरता है, जिसमें आघात, पीड़ा या मृत्यु की परवा नहीं रहती इस प्रकार की वीरता का प्रयोजन अत्यंत प्राचीनकाल से पड़ता आ रहा है, जिसमें साहस और प्रयत्न दोनों चरम उत्कर्ष पर पहुँचते हैं पर केवल कष्ट या पीड़ा सहन करने के साहस में ही उत्साह का स्वरूप स्फुरित नहीं होता उसके साथ आन्दपूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कंठा का योग चाहिए। 

Q. उत्साह के भेद किस आधार पर किए गए हैं ? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 1

उत्साह के भेद कष्ट या हानि के आधार पर किए गए हैं। 

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 2

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

जिन कर्मों में किसी प्रकार का कष्ट या हानि सहने का साहस अपेक्षित होता है उन सबके प्रति उत्कंठापूर्ण आनंद उत्साह के अन्तर्गत लिया जाता है कष्ट या हानि के भेद के अनुसार उत्साह के भी भेद हो जाते हैं। साहित्य-मीमांसकों ने इसी दृष्टि से युद्धवीर, दानवीर, दयावीर आदि भेद किए हैं इनमें सबसे प्राचीन और प्रधान युद्धवीरता है, जिसमें आघात, पीड़ा या मृत्यु की परवा नहीं रहती इस प्रकार की वीरता का प्रयोजन अत्यंत प्राचीनकाल से पड़ता आ रहा है, जिसमें साहस और प्रयत्न दोनों चरम उत्कर्ष पर पहुँचते हैं पर केवल कष्ट या पीड़ा सहन करने के साहस में ही उत्साह का स्वरूप स्फुरित नहीं होता उसके साथ आन्दपूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कंठा का योग चाहिए। 

Q. उत्कंठापूर्ण आनंद किसके अन्तर्गत लिया जाता है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 2

उत्कंठापूर्ण आनंद उत्साह के अन्तर्गत लिया गया है।

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CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 3

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

जिन कर्मों में किसी प्रकार का कष्ट या हानि सहने का साहस अपेक्षित होता है उन सबके प्रति उत्कंठापूर्ण आनंद उत्साह के अन्तर्गत लिया जाता है कष्ट या हानि के भेद के अनुसार उत्साह के भी भेद हो जाते हैं। साहित्य-मीमांसकों ने इसी दृष्टि से युद्धवीर, दानवीर, दयावीर आदि भेद किए हैं इनमें सबसे प्राचीन और प्रधान युद्धवीरता है, जिसमें आघात, पीड़ा या मृत्यु की परवा नहीं रहती इस प्रकार की वीरता का प्रयोजन अत्यंत प्राचीनकाल से पड़ता आ रहा है, जिसमें साहस और प्रयत्न दोनों चरम उत्कर्ष पर पहुँचते हैं पर केवल कष्ट या पीड़ा सहन करने के साहस में ही उत्साह का स्वरूप स्फुरित नहीं होता उसके साथ आन्दपूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कंठा का योग चाहिए। 

Q. साहित्य-मीमांसकों ने वीरता के कौन-कौनसे भेद किए हैं ? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 3

युद्धवीर, दानवीर और दयावीर के रूप में साहित्य-मीमांसकों ने वीरता के भेद किए हैं।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 4

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

जिन कर्मों में किसी प्रकार का कष्ट या हानि सहने का साहस अपेक्षित होता है उन सबके प्रति उत्कंठापूर्ण आनंद उत्साह के अन्तर्गत लिया जाता है कष्ट या हानि के भेद के अनुसार उत्साह के भी भेद हो जाते हैं। साहित्य-मीमांसकों ने इसी दृष्टि से युद्धवीर, दानवीर, दयावीर आदि भेद किए हैं इनमें सबसे प्राचीन और प्रधान युद्धवीरता है, जिसमें आघात, पीड़ा या मृत्यु की परवा नहीं रहती इस प्रकार की वीरता का प्रयोजन अत्यंत प्राचीनकाल से पड़ता आ रहा है, जिसमें साहस और प्रयत्न दोनों चरम उत्कर्ष पर पहुँचते हैं पर केवल कष्ट या पीड़ा सहन करने के साहस में ही उत्साह का स्वरूप स्फुरित नहीं होता उसके साथ आन्दपूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कंठा का योग चाहिए।

Q. सबसे प्राचीन कौन सी वीरता है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 4

सबसे प्राचीन युद्धवीरता है।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 5

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

जिन कर्मों में किसी प्रकार का कष्ट या हानि सहने का साहस अपेक्षित होता है उन सबके प्रति उत्कंठापूर्ण आनंद उत्साह के अन्तर्गत लिया जाता है कष्ट या हानि के भेद के अनुसार उत्साह के भी भेद हो जाते हैं। साहित्य-मीमांसकों ने इसी दृष्टि से युद्धवीर, दानवीर, दयावीर आदि भेद किए हैं इनमें सबसे प्राचीन और प्रधान युद्धवीरता है, जिसमें आघात, पीड़ा या मृत्यु की परवा नहीं रहती इस प्रकार की वीरता का प्रयोजन अत्यंत प्राचीनकाल से पड़ता आ रहा है, जिसमें साहस और प्रयत्न दोनों चरम उत्कर्ष पर पहुँचते हैं पर केवल कष्ट या पीड़ा सहन करने के साहस में ही उत्साह का स्वरूप स्फुरित नहीं होता उसके साथ आन्दपूर्ण प्रयत्न या उसकी उत्कंठा का योग चाहिए। 

Q. युद्धवीरता के लिए किस प्रकार की प्रवृत्ति अपेक्षित है ? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 5

युद्धवीरता के लिए साहस प्रयत्न और कष्ट सहने का धीरज अपेक्षित है।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 6

‘अज्ञ’ का विलोम शब्द है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 6

‘अज्ञ’ का विलोम शब्द ‘विज्ञ’ है। ‘अज्ञ’ का अर्थ है- न जानने वाला, जिसे ज्ञान या समझ न हो। ‘विज्ञ’ का अर्थ है- जानकार, विद्वान।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 7

निम्नलिखित में से कौन सा शब्द ‘भ्रमर’ का पर्यायवाची नहीं है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 7

चंचरीक, शिलीमुख, मिलिन्द, मधुकर, षट्पद, अलि, भृंग, मधुराज, मधुप आदि ‘भ्रमर’ के पर्यायवाची शब्द हैं। शोणित, रक्त का पर्यायवाची शब्द है।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 8

निम्नलिखित में से कौन सा शब्द विशेष्य है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 8

अग्नि, विशेष्य है। इसका विशेषण आग्नेय है। इसी प्रकार आसीन, मधुर तथा कर्मठ विशेषण हैं, इनके विशेष्य क्रमशः आसन, मधु और कर्म हैं।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 9

‘बुरे उद्देश्य से की गई गुप्त मंत्रणा’ इस वाक्यांश के लिए एक शब्द है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 9

‘बुरे उद्देश्य से की गई गुप्त मंत्रणा’ इस वाक्यांश के लिए एक शब्द है- ‘दुरभिसंधि’।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 10

‘धुंधला’ शब्द में विशेषण है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 10

‘धुंधला’ शब्द में गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण संख्या से संबंधित होते हैं। जैसे- एक, दो, पहला, दूसरा, तिगुना आदि। सार्वनामिक विशेषण है- यह, वह, ऐसा, वैसा आदि।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 11

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

हरा भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
नदियाँ, पर्वत, हवा, पेड़ से आती है बहार। 
बचपन, कोमल तन-मन लेकर, 
आए अनुपम जीवन लेकर, 
जग से तुम और तुमसे है ये प्यारा संसार 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
वृंद-लताएँ, पौधे, डाली 
चारों ओर भरे हरियाली 
मन में जगे उमंग यही है सृष्टि का उपहार, 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
मुश्किल से मिलता है जीवन, 
हम सब इसे बनाएँ चंदन 
पर्यावरण सुरक्षित न हो तो है सब बेकार 
हरा – भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार 

Q. हरा-भरा जीवन का अर्थ है - 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 11

‘हरा-भरा जीवन का अर्थ है’ – खुशियों से परिपूर्ण जीवन।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 12

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

हरा भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
नदियाँ, पर्वत, हवा, पेड़ से आती है बहार। 
बचपन, कोमल तन-मन लेकर, 
आए अनुपम जीवन लेकर, 
जग से तुम और तुमसे है ये प्यारा संसार 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
वृंद-लताएँ, पौधे, डाली 
चारों ओर भरे हरियाली 
मन में जगे उमंग यही है सृष्टि का उपहार, 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
मुश्किल से मिलता है जीवन, 
हम सब इसे बनाएँ चंदन 
पर्यावरण सुरक्षित न हो तो है सब बेकार 
हरा – भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार 

Q. कौन-सी चीजें बहार लेकर आती हैं?

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 12

पद्यांश के आधार पर समस्त प्राकृतिक उपादान बहार लेकर आती हैं।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 13

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

हरा भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
नदियाँ, पर्वत, हवा, पेड़ से आती है बहार। 
बचपन, कोमल तन-मन लेकर, 
आए अनुपम जीवन लेकर, 
जग से तुम और तुमसे है ये प्यारा संसार 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
वृंद-लताएँ, पौधे, डाली 
चारों ओर भरे हरियाली 
मन में जगे उमंग यही है सृष्टि का उपहार, 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
मुश्किल से मिलता है जीवन, 
हम सब इसे बनाएँ चंदन 
पर्यावरण सुरक्षित न हो तो है सब बेकार 
हरा – भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार 

Q. कवि ने सृष्टि का उपहार किसे कहा है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 13

प्राकृतिक सुन्दरता और उससे उत्पन्न होने वाली ख़ुशी को कवि ने सृष्टि का उपहार कहा है 

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 14

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

हरा भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
नदियाँ, पर्वत, हवा, पेड़ से आती है बहार। 
बचपन, कोमल तन-मन लेकर, 
आए अनुपम जीवन लेकर, 
जग से तुम और तुमसे है ये प्यारा संसार 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
वृंद-लताएँ, पौधे, डाली 
चारों ओर भरे हरियाली 
मन में जगे उमंग यही है सृष्टि का उपहार, 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
मुश्किल से मिलता है जीवन, 
हम सब इसे बनाएँ चंदन 
पर्यावरण सुरक्षित न हो तो है सब बेकार 
हरा – भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार 

Q. कवि यह सन्देश देना चाहता है कि- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 14

कवि यह सन्देश देना चाहता है कि पर्यावरण-संरक्षण में ही जीवन संभव है।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 15

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

हरा भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
नदियाँ, पर्वत, हवा, पेड़ से आती है बहार। 
बचपन, कोमल तन-मन लेकर, 
आए अनुपम जीवन लेकर, 
जग से तुम और तुमसे है ये प्यारा संसार 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
वृंद-लताएँ, पौधे, डाली 
चारों ओर भरे हरियाली 
मन में जगे उमंग यही है सृष्टि का उपहार, 
हरा-भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार, 
मुश्किल से मिलता है जीवन, 
हम सब इसे बनाएँ चंदन 
पर्यावरण सुरक्षित न हो तो है सब बेकार 
हरा – भरा जो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार 

Q. ‘जग से तुम और तुम से है ये प्यारा संसार’ पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 15

‘जग से तुम और तुम से है ये प्यारा संसार’ पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि व्यक्ति और संसार दोनों का अस्तित्व एक-दूसरे पर निर्भर करता है।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 16

‘कर्पट’ शब्द का तद्भव रूप है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 16

‘कर्पट’ का तद्भव रूप ‘कपड़ा’ है, ‘कपाट’ का तद्भव रूप ‘किवाड़’ है। 

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 17

निम्नलिखित प्रत्येक विकल्प में से ऐसे शब्द का चयन कीजिए जिसमे ‘सम्’ उपसर्ग जोड़ने से एक नया शब्द निर्मिंत होता है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 17

योग शब्द में सम् उपसर्ग जोड़ने से ‘संयोग’ शब्द बनता है।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 18

निम्नलिखित में से कौन सा शब्द अनेकार्थी शब्द ‘दल’ से सम्बद्ध नहीं है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 18

दल के अनेकार्थी शब्द हैं- समुद्र, सेना, पत्ता।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 19

निम्नलिखित में से किस वाक्य में सर्वनाम का सही प्रयोग नही हुआ है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 19

शुद्ध वाक्य है – वह पुस्तक सोनी की है।

CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 20

निम्नलिखित में से किस वाक्य में क्रिया सम्बन्धी अशुद्धि है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-1 - Question 20

यहाँ ‘तुम देर करोगे तो मैं पीता बनूँगा’ के स्थान पर ‘तुम देर करोगे तो मैं चलता बनूँगा’ का प्रयोग उचित है।

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