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Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Class 10 MCQ


Test Description

20 Questions MCQ Test - Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2

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Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 1

‘फादर कामिल बुल्के’ की मृत्यु ……. रोग से हुई?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 2

 इलाहाबाद की सड़कों पर फादर क्या करते दिखते थे?

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Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 3

फ़ादर बुल्के कैसे संन्यासी थे?

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फ़ादर कामिल बुल्के संकल्प के संन्यासी थे। ल एक साहित्यिक संस्था है।

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 4

सेंट जेवियर्स कॉलेज राँची में फादर किस पद पर रहे?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 5

राष्ट्रभाषा के रूप में फादर किसे देखना चाहते थे?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 6

‘फादर बुल्के’ ने ………. कोश तैयार किया?

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फादर बुल्के ने अंग्रेजी-हिन्दी कोश तैयार किया।

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 7

लेखक अपने बच्चे के किस संस्कार के अवसर पर फादर को याद करते हैं?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 8

फादर की चिंता हिंदी को किस रूप में देखने की थी?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 9

लेखक ने फ़ादर की उपस्थिति की तुलना किस वृक्ष से की है?

Detailed Solution for Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 9

देवदारु के वृक्ष से फादर बुल्के की तुलना की गई है।

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 10

फादर का अंतिम संस्कार किस विधि-से किया गया?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 11

किसी के दुःख में फादर का व्यवहार कैसा होता था?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 12

फादर को ज़हरबाद से नहीं मरना चाहिए था। जिसकी रगों में दूसरों के लिए मिठास भरे अमृत के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं था उसके लिए इस ज़हर का विधान क्यों हो ? यह सवाल किस ईश्वर से पूछे ? प्रभु की आस्था ही जिसका अस्तित्व था। वह देह की इस यातना की परीक्षा उम्र की आखिरी देहरी पर क्यों दे ? एक लंबी, पादरी के सफेद चोगे से ढकी आकृति सामने है-गोरा ग, सफ़ेद झाँईं मारती भूरी दाढ़ी, नीली आँखें बाँहें खोल गले लगाने को आतुर। इतनी ममता, इतना अपनत्व इस साधु में अपने हर एक प्रियजन के लिए उमड़ता रहता था। मैं पैंतीस साल से इसका साक्षी था। तब भी जब वह इलाहाबाद में थे और तब भी जब वह दिल्ली आते थे। आज उन बाँहों का दबाव मैं अपनी छाती पर महसूस करता हूँ!
फादर की रगों में दूसरों के प्रति क्या भरा था?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 13

पत्नी और पुत्र की मृत्यु पर लेखक को किसकी बातों से सांत्वना मिली?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 14

आज वह नहीं हैं। दिल्ली में बीमार रहे और पता नहीं चला। बाँहें खोलकर इस बार उन्होंने गले नहीं लगाया। जब देखा-तब वे बाँहें दोनों हाथों की सूजी उँगलियों को उलझाए ताबूत में जिस्म पर पड़ी थीं। जो शांति बरसती थी वह चेहरे पर स्थिर थी। तरलता जम गई थी। वह 18 अगस्त, 1982 की सुबह दस बजे का समय था। दिल्ली में कश्मीरी गेट के निकलसन कब्रगाह में उनका ताबूत एक छोटी-सी नीली गाड़ी में से उतारा गया। कुछ पादरी, रघुवंश जी का बेटा और उनके परिजन राजेश्वरसिंह उसे उतार रहे थे। फिर उसे उठाकर एक लंबी सँकरी, उदास पेड़ों की घनी छाँह वाली सड़क से कब्रगाह के आखिरी छोर तक ले जाया गया जहाँ धरती की गोद में सुलाने के लिए कब्र अवाक् मुँह खोले लेटी थी। ऊपर करील की घनी छाँह थी और चारों ओर कलें और तेज़ धूप के व्रत्त।
फादर बीमारी के दिनों में कहाँ रहे?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 15

फादर की मृत्यु कहाँ हुई?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 16

कब्र के ऊपर किस पेड़ की छाया थी?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 17

फादर को याद करना एक उदास, शांत संगीत को सुनने जैसा है। उनको देखना करुणा के निर्मल जल में स्नान करने जैसा था और बात करना कर्म के संकल्प से भरना था। मुझे ‘परिमल’ के वे दिन याद आते हैं जब हम सब एक पारिवारिक रिश्ते में बँधे जैसे थे; जिसके बड़े फादर बुल्के थे। हमारे हँसी-मज़ाक में वह निर्लिप्त शामिल रहते, हमारी गोष्ठियों में वह गंभीर बहस करते, हमारी रचनाओं पर बेबाक राय और सुझाव देते और हमारे घरों के किसी भी उत्सव और संस्कार में वह बड़े भाई और पुरोहित जैसे खड़े हो हमें अपने आशीषों से भर देते। मुझे अपना बच्चा और फ़ादर का उसके मुख में पहली बार अन्न डालना याद आता है और नीली आँखों की चमक में तैरता वात्सल्य भी-जैसे किसी ऊँचाई पर देवदारु की छाया में खड़े हों।
लेखक ने फादर को याद करना कैसा बताया है?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 18

फादर को देखना कैसा था?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 19

घर में उत्सव आदि के अवसर पर फ़ादर किस प्रकार सम्मिलित होते थे?

Test: मानवीय करुणा की दिव्या चमक- 2 - Question 20

फ़ादर का होना किस वृक्ष की भाँति लगता था?

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