दिए गए विकल्पों में से ‘मानव’ शब्द से _______विशेषण बनेगा।
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‘तुम काम कर रहे हो कि समय बर्बाद कर रहे हो।’ इस वाक्य में रेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरा क्या है।
'फटे–पुराने कपड़े पहनने वाला' वाक्यांश के लिए एक शब्द है-
'जैसी बहे बयार, पीठ तब तैसी दीजे' लोकोक्ति का अर्थ हैः
''अफ़सोस! मैं नहीं जा सका" में रेखांकित शब्द का अव्यय प्रकार बताइये?
निर्देश: निम्न प्रश्न के शब्द-युग्म के सही अर्थ-भेद का चयन कीजिए।
कल्मष - कुल्माष
“योग्य व्यक्ति ही पहचाना जाता है” वाक्य में ‘योग्य’ शब्द क्या है?
निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
कोई पेड़ एक वर्ष बाद ही मर जाता है। सब पेड़ मरने से पहले संतान छोड़ जाने के लिए व्यग्र हैं। बीज ही गाछ-बिरछ की संतान है। बीज की सुरक्षा व सार संभाल के लिए पेड़ फूल की पंखुड़ियों से घिरा एक छोटा-सा घर तैयार करता है। फूलों से आच्छादित होने पर पेड़ कितना सुंदर दिखलाई पड़ता है। फूल की तरह सुंदर चीज और क्या है? ज़रा सोचो तो, गाछ- बिरछं तो मटमैली माटी से आहार व विषाक्त वायु से अंगारक ग्रहण करते हैं। फिर इस अपरूप उपादान से किस तरह ऐसे सुन्दर फूल खिलते हैं। कथा सुनी होगी - पारस पत्थर की, जिसके परस से सोना लोहा हो जाता है। ममता का परस पाते ही मानो माटी व अंगार के फूल बन जाते है। खुशी के मौके पर हम प्रफुल्लित होकर अपने प्रियजनों को निमंत्रित करते है। उसी प्रकार फूलों की बहार छाने पर गाछ-बिरछ भी अपने बंधु बांधवों को बुलाते है। मधुमक्खी व तितली आती हैं। पतंगों पक्षियों के डर से दिन में बाहर नहीं निकलते। शाम होते ही उन्हें बुलाने की खातिर फूल चारों तरफ़ सुगंध फैला देते हैं।
Q. पेड़ अपनी संतान छोड़ जाने के लिए क्यों व्यग्र रहते हैं?
निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
कोई पेड़ एक वर्ष बाद ही मर जाता है। सब पेड़ मरने से पहले संतान छोड़ जाने के लिए व्यग्र हैं। बीज ही गाछ-बिरछ की संतान है। बीज की सुरक्षा व सार संभाल के लिए पेड़ फूल की पंखुड़ियों से घिरा एक छोटा-सा घर तैयार करता है। फूलों से आच्छादित होने पर पेड़ कितना सुंदर दिखलाई पड़ता है। फूल की तरह सुंदर चीज और क्या है? ज़रा सोचो तो, गाछ- बिरछं तो मटमैली माटी से आहार व विषाक्त वायु से अंगारक ग्रहण करते हैं। फिर इस अपरूप उपादान से किस तरह ऐसे सुन्दर फूल खिलते हैं। कथा सुनी होगी - पारस पत्थर की, जिसके परस से सोना लोहा हो जाता है। ममता का परस पाते ही मानो माटी व अंगार के फूल बन जाते है। खुशी के मौके पर हम प्रफुल्लित होकर अपने प्रियजनों को निमंत्रित करते है। उसी प्रकार फूलों की बहार छाने पर गाछ-बिरछ भी अपने बंधु बांधवों को बुलाते है। मधुमक्खी व तितली आती हैं। पतंगों पक्षियों के डर से दिन में बाहर नहीं निकलते। शाम होते ही उन्हें बुलाने की खातिर फूल चारों तरफ़ सुगंध फैला देते हैं।
Q. फूल शाम होते ही चारों तरफ अपनी सुगंध किस लिए फैला देते हैं?
निर्देश: नीचे लिखे वाक्य के लिए एक शब्द बताइए।
अयोग्य होते हुए भी अभिमान करना।
क्रिया के जिस रूप से वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो उसे _______ कहते हैं।
"चरण - कमल बंदौ हरि राई।" निम्नलिखित पंक्ति में कौन सा अलंकार है?