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CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - CTET & State TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi)

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CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 1

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है, कहलाती है :

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 1
  • राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है।
  • वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। 

सामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है।

  • भाषा आभ्यंतर अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है।
  • यही नहीं वह हमारे आभ्यंतर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है।
  • भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है। 
CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 2

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. राष्ट्रभाषा के साथ कैसी परम्पराएँ जुड़ी रहती है? 

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 2
  • राष्ट्रभाषा सारे देश की संपर्क भाषा है।
  • राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परंपरायें जुड़ी रहती हैं। 
  • परंपरा एकवचन शब्द है जबकि परम्पराएँ इसका बहुवचन रूप होगा। 
  • परंपरा अर्थात अटूट सिलसिला या रीति-रिवाज होगा। 
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CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 3

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. निम्न में से समूह से भिन्न कौन-सा है ?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 3

रहा शब्द समूह से भिन्न है।

  • रहा शब्द क्रिया है 
  • जबकि अन्य शब्द संज्ञा है।
  • हिन्दी - विशेष भाषा - व्यक्तिवाचक संज्ञा 
  • अंग्रेजी  - विशेष भाषा - व्यक्तिवाचक संज्ञा 
  • भाषा - सम्पूर्ण जाति - जातिवाचक संज्ञा 
CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 4

निदानात्मक परीक्षण में किसे महत्व दिया जाता है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 4

निदानात्मक परीक्षण में गलत उत्तरों को महत्व दिया जाता है।
निदानात्मक परीक्षण का अर्थ है बालक की अधिगम संबंधी कठिनाईयों को पहचानना। कठिनाईयों को पहचानने के बाद इन कठिनाईयों को दूर करने के लिए उपचारात्मक शिक्षण किया जाता है।

  • निदानात्मक परीक्षण का कार्य है अनुत्तीर्ण बालक की कठिनाईयों को पहचानना और उन्हे दूर करने का हर संभव प्रयास करना।
  • निदानात्मक परीक्षण का कार्य अनुत्तीर्ण बालक की संख्या में कमी लाना है।
  • निदानात्मक परीक्षण का उद्देश्य ऐसे तत्वों व गलतियों को खोजना है, जो विद्यार्थी की विषय विशेष की प्रगति में रूकावट डालती है।
  • यह शिक्षण प्रक्रिया का अभिन्न अंग है।
  • निदानात्मक परीक्षण का उद्देश्य केवल छात्रों की कमजोरियों और सीमाओं का पता लगाना होता। 
  • निदानात्मक परीक्षण में छात्रों के गलत उत्तरों को महत्व दिया जाता है।
  • निदानात्मक परीक्षण के बाद उपचारात्मक शिक्षण अनिवार्य है।

अतः हम कह सकते है कि निदानात्मक परीक्षण में गलत उत्तरों को महत्व दिया जाता है।

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 5

दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. इस वर्ष के परिणाम को कामचलाऊ क्यों कहा गया है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 5

उपरोक्त गद्यांश के अध्ययन से हमे यह ज्ञात होता है कि इस वर्ष कोरोना के कारण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं पूर्ण से संपन्न नहीं हो पायी जिसके परिणामस्वरूप केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने मूल्यांकन के मापदंडो में बदलाव किये। अतः हम यह निष्कर्ष निकाल सकते है कि नए मापदंडो के कारण जहा एक तरफ कुछ विद्यार्थीओ को लाभ हुआ होगा वही दूसरी तरफ ऐसे बहुत से विद्यार्थी होंगे जिन्हे नुकसान हुआ होगा। अतः यह परिणाम पूर्णतः सटीक न होते हुए एक कामचलाऊ है।

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 6

दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक निचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 6

उपरोक्त गद्यांश के ध्यानपूर्वक अध्ययन से हम यह निष्कर्ष निकाल सकते है कि इस वर्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा द्वारा जारी परिणाम एक संतोषप्रद है तथा यह समस्त विद्यार्थियों के बीच एक उम्मीद की किरण ले कर आया है। अतः इस गद्यांश का सटीक शीर्षक “उम्मीद जगाते परिणाम” तथा “उम्मीद जगाते नतीजे”हो सकता है।
कोरोना की मार तथा कोरोना और परिणाम एक उपयुक्त शीर्षक नहीं है।

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 7

दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के इस वर्ष के परिणाम में कितने प्रतिशत बच्चों ने 95 % से ज्यादा अंक अर्जित किये?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 7

खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या उपरोक्त गद्यांश के इस भाग के अध्ययन से ज्ञात होता है कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं।

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 8

बोधगम्य निवेश (i+I) का अर्थ है ___

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 8

i + 1  पहले से भाषाई क्षमता और अतिरिक्त भाषाई ज्ञान हासिल कर लेने को दर्शाता है, परिकल्पना का दावा है कि समृद्ध परिवेश की अन्तःक्रिया से समझ या भाषाई क्षमता में आयी वृद्धि बालको के समझ स्तर से थोड़ा उच्च हो सकती है।
भाषा के अधिग्रहण के लिए 'बोधगम्य निवेश' महत्वपूर्ण और आवश्यक घटक है।
बोधगम्य निवेश परिकल्पना को प्राकृतिक क्रम परिकल्पना के संदर्भ में पुन: स्थापित किया जा सकता है उदाहरण के लिए, यदि हम एक रैखिक क्रम (1, 2, 3 ...) में भाषा के नियमों को प्राप्त करते हैं , तो i अंतिम नियम या बालक के स्तर के अनुरूप सीखा भाषा ज्ञान है, और i + 1 बालक के स्तर से थोड़ा ऊपर भाषा के अवसर की उपलब्धता को दर्शाता है। हालांकि, इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि कोई भी निवेश पर्याप्त नहीं है; प्राप्त निवेश बोधगम्य होना चाहिए।  
जब पर्याप्त बोधगम्य निवेश (इनपुट) प्रदान किया जाता है, तो i + 1 उपलब्ध होता है ।
यदि भाषा मॉडल और शिक्षक पर्याप्त बोधगम्य इनपुट प्रदान करते हैं, तो वे संरचनाएँ जो सीखने के लिए तैयार हैं या जो उनके स्तर से थोड़ा ऊपर है, उस इनपुट में मौजूद होंगी।
कृष्णन के अनुसार, व्याकरणिक शुद्धता को विकसित करने का यह प्रत्यक्ष व्याकरण शिक्षण की तुलना में बेहतर तरीका है। 
शिक्षण क्रम प्राकृतिक व्यवस्था पर आधारित नहीं है। इसके बजाय, छात्र बोधगम्य इनपुट प्राप्त करके भाषा को एक प्राकृतिक क्रम में प्राप्त करेंगे। 
अतः निष्कर्ष निकलता है कि बोधगम्य निवेश (i+I) का अर्थ है, विषयवस्तु अवं सामग्री शिक्षार्थी की योग्यता के वर्तमान स्तर से थोड़ा ऊपर की होनी चाहिए। 
अतः विकल्प (A) सही  है।

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 9

किस पद्धति में शिक्षक को सभी पद्धतियों के बारे में जागरुक होना चाहिए?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 9

शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में शिक्षक परामर्शदाता का कार्य करता है।
परामर्श एक निर्धारित रूप से संरचित स्वीकृत सम्बन्ध है जो परामर्श प्रार्थी को पर्याप्त मात्रा में स्वयं के समझने में सहायता देता है जिससे वह अपने नवीन ज्ञान के परिप्रेक्ष्य में ठोस कदम उठा सके। 
परामर्श के सिद्धान्तों को चार वर्गों में बाँटा जा सकता है-

  • प्रभाववर्ती सिद्धांत
  • व्यवहारवादी सिद्धांत
  • बोधात्मक सिद्धांत

व्यवस्थावादी विभिन्न-दर्शनग्राही प्रारूप उपागम
व्यवस्थावादी विभिन्न-दर्शनग्राही प्रारूप उपागम- व्यवस्थावादी उपागम की प्रमुख विशेषता परामर्श का विभिन्न चरणें में संयोजित होना है।

  • प्रथम अवस्था- समस्या अन्वेषण 
  • द्वितीय अवस्था- द्विआयामी समस्या परिभाषा 
  • तृतीय अवस्था- विकल्पों का अभिज्ञान करना 
  • चतुर्थ अवस्था- आयोजना
  • पंचम अवस्था- क्रिया प्रतिबद्धता 
  • शष्ठ अवस्था- मूल्यांकन एवं फीडबैक

अतः निष्कर्ष निकलता है कि विभिन्न दर्शनग्राही / ग्रहणशील पद्धति में शिक्षक को सभी पद्धतियों के बारे में जागरुक होना चाहिए।
अतः विकल्प (D) सही  है।

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 10

संदर्भ में व्याकरण किस पर बल देता है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 10

व्याकरण किसी भाषा के बोलने तथा लिखने के नियमों की व्यवस्थित पद्धति है अर्थात व्याकरण भाषा को व्यवस्थित करने का कार्य करती है। व्याकरण भाषा को स्थिर रखती है। यह भाषा के स्वरूप की सार्थक व्यवस्था करता है। यह भाषा का शरीर विज्ञान है तथा व्यवहारिक विश्लेषण करता है। ‘संदर्भ में व्याकरण’ का शैक्षिक निहितार्थ है कि व्याकरण को पाठ के संदर्भ में सिखाया जाता है।
यह पढ़ाए जा रहे पाठ के संदर्भ में व्याकरणिक बिंदु को स्पष्ट करने से सम्बंधित है।
यह पाठ में निहित व्याकरणिक नियमों का उल्लेख कर व्याकरण सीखने पर बल देता है।
यह शिक्षण कार्य या पाठ के दौरान पाठ में आने वाले शब्दों का उपसर्ग-प्रत्यय, संधिविच्छेद, आदि बताकर व्याकरणिक नियमों को आसानी से समझने में सहयोग करता है।
शिक्षक द्वारा इस विधि का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि संदर्भ में व्याकरण सिखाने पर बच्चों के लिए व्याकरणिक नियमों को ग्रहण करना सरल हो जाता है।
वे व्याकरण को पाठ के संदर्भ में आसानी से समझते हैं जिससे उन्हें उन नियमों को बिना समझे कंठस्थ करने की जरूरत नहीं होती।
अतः, हम कह सकते है कि संदर्भ में व्याकरण पाठ पढाते समय प्रसंगवश आने वाले व्याकरणिक बिन्दुओं को स्पष्ट करने पर बल देता है। 
अतः विकल्प (B) सही  है।

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 11

निर्देश : नीचे दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सबसे सटीक विकल्प का चयन कीजिए-
पालने के सिरहाने गायी जाने वाली लोरियों से लेकर
रेडियो से आने वाले समाचारों तक
हर जगह छिपे हुए असत्य पर विजय पाना
चाहे वह असत्य हृदय में हो या किताबों में
या शोर-गुल भरी सड़कों पर 
कितना कल्पनातीत आनंद है ज्ञान में
यह जान लेने में
कि समय के कदम अनिवार्य रूप से किधर बढ़ते रहेंगे
और अब भविष्य में क्या आनेवाला है।

Q. 'समय' में 'इक' प्रत्यय जोड़ने पर शब्द बनेगा -

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 11

'समय' में 'इक' प्रत्यय जोड़ने पर शब्द बनेगा - 'सामयिक'
समय- बेला, काल, घड़ी, वक्त, अवसर, मौका, अवकाश
 प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है।

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 12

निर्देश : नीचे दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सबसे सटीक विकल्प का चयन कीजिए-
पालने के सिरहाने गायी जाने वाली लोरियों से लेकर
रेडियो से आने वाले समाचारों तक
हर जगह छिपे हुए असत्य पर विजय पाना
चाहे वह असत्य हृदय में हो या किताबों में
या शोर-गुल भरी सड़कों पर 
कितना कल्पनातीत आनंद है ज्ञान में
यह जान लेने में
कि समय के कदम अनिवार्य रूप से किधर बढ़ते रहेंगे
और अब भविष्य में क्या आनेवाला है।

Q. 'कल्पनातीत' से तात्पर्य है -

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अन्य अर्थ: जिसकी कल्पना न की जा सके।
कल्पना- उद्भावना, परिकल्पना, मनगढ़ंत, मनोरचना, सूझ
​विलोम शब्द- यथार्थ
कल्पना का विशेषण काल्पनिक
काल्पनिक- 'कल्पना' मूल शब्द + 'इक' प्रत्यय

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 13

निर्देश : नीचे दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सबसे सटीक विकल्प का चयन कीजिए-
पालने के सिरहाने गायी जाने वाली लोरियों से लेकर
रेडियो से आने वाले समाचारों तक
हर जगह छिपे हुए असत्य पर विजय पाना
चाहे वह असत्य हृदय में हो या किताबों में
या शोर-गुल भरी सड़कों पर 
कितना कल्पनातीत आनंद है ज्ञान में
यह जान लेने में
कि समय के कदम अनिवार्य रूप से किधर बढ़ते रहेंगे
और अब भविष्य में क्या आनेवाला है।

Q. कविता के अनुसार सत्य और ज्ञान से -

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 13

पद्यांश के अनुसार:- 
कवि ने कविता के माध्यम से सत्य की खोज तथा ज्ञान की प्राप्ति को निश्चित समय व भविष्य को जानने की स्थिति को प्रदर्शित किया है। 

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 14

Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.

Q. 'The parties' in this context means

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 14

'The parties' in this context means 'participants' (in a quarrel).

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 15

Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.

Q. The queen bee has a position which gives her ______ from her subordinates.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 15

The queen bee has a position which gives her exceptional reverence and devotion from her subordinates.
"Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects."

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 16

Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.

Q. 'To exert themselves' means the bees are

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 16

'To exert themselves' means the bees are busy toiling.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 17

Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.

Q. 'Each hive is a commonwealth' means the hive

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 17

'Each hive is a commonwealth' means the hive is self-governing.
'Commonwealth' means a self-governing territory. Here, it signifies self-governance.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 18

Directions: Select the most appropriate option.
Standardised assessment means ____ assessment.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 18

Standardised assessment means summative assessment. Summative assessment (or summative evaluation) refers to the assessment of participants where the focus is on the outcome of a programme. This contrasts with formative assessment, which summarises the participants' development at a particular time.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 19

Directions: Identify the meaning of the phrase underlined in the following sentence.
He is reluctant to ask for permission to leave early.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 19

It is the correct option. The synonym of 'reluctant' is 'unwilling'. 'Reluctant' means 'unwilling and hesitant; disinclined'.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 20

Read the following passage carefully.
Discursive writing refers to a style of writing that presents a balanced argument by considering various points of view. This type of writing allows the writer to explore different perspectives and draw conclusions based on evidence and reasoning. Discursive writing provides an opportunity for the writer to critically analyze a topic and consider different perspectives. This style of writing can also be used to present a convincing argument and persuade the reader to accept a particular viewpoint. Additionally, discursive writing helps the writer to develop analytical skills and improves critical thinking abilities.
However, discursive writing can also have some disadvantages. One of the main challenges is finding credible sources of information to support one's arguments. In addition, it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics. Moreover, discursive writing can become repetitive and monotonous if the writer focuses too much on presenting different perspectives without offering a conclusion. To effectively write a discursive essay, it is important to research the topic thoroughly and gather relevant information from credible sources. The writer should also aim to present a balanced argument by considering both sides of the issue. Additionally, the writer should focus on developing clear and well-structured paragraphs and use transitional words to guide the reader through the argument.
In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions. However, it is important to approach the task with care and consideration to ensure that the writing is objective and presents a balanced argument. With the right preparation and strategy, discursive writing can be an enjoyable and effective way to express one's opinions and thoughts on a particular topic.

Q. What strategies are recommended for effective discursive writing in the passage?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 20
  • The answer of this can be found in the third paragraph, where it is mentioned that "it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics."
  • This means that one of the main challenges of discursive writing is maintaining objectivity and impartiality in the writing, especially when the topic being discussed is controversial or sensitive.

Therefore, the correct answer is Option 1.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 21

Read the following passage carefully.
Discursive writing refers to a style of writing that presents a balanced argument by considering various points of view. This type of writing allows the writer to explore different perspectives and draw conclusions based on evidence and reasoning. Discursive writing provides an opportunity for the writer to critically analyze a topic and consider different perspectives. This style of writing can also be used to present a convincing argument and persuade the reader to accept a particular viewpoint. Additionally, discursive writing helps the writer to develop analytical skills and improves critical thinking abilities.
However, discursive writing can also have some disadvantages. One of the main challenges is finding credible sources of information to support one's arguments. In addition, it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics. Moreover, discursive writing can become repetitive and monotonous if the writer focuses too much on presenting different perspectives without offering a conclusion. To effectively write a discursive essay, it is important to research the topic thoroughly and gather relevant information from credible sources. The writer should also aim to present a balanced argument by considering both sides of the issue. Additionally, the writer should focus on developing clear and well-structured paragraphs and use transitional words to guide the reader through the argument.
In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions. However, it is important to approach the task with care and consideration to ensure that the writing is objective and presents a balanced argument. With the right preparation and strategy, discursive writing can be an enjoyable and effective way to express one's opinions and thoughts on a particular topic.

Q. What is the conclusion of the passage regarding discursive writing?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 21
  • This conclusion is stated in the final paragraph of the passage, where it is mentioned that "In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions."
  • This means that the author of the passage believes that discursive writing has value as it allows for the exploration of multiple viewpoints and the formation of conclusions based on evidence and reasoning.

Therefore, the correct answer is Option 1.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 22

Read the following passage carefully.
Discursive writing refers to a style of writing that presents a balanced argument by considering various points of view. This type of writing allows the writer to explore different perspectives and draw conclusions based on evidence and reasoning. Discursive writing provides an opportunity for the writer to critically analyze a topic and consider different perspectives. This style of writing can also be used to present a convincing argument and persuade the reader to accept a particular viewpoint. Additionally, discursive writing helps the writer to develop analytical skills and improves critical thinking abilities.
However, discursive writing can also have some disadvantages. One of the main challenges is finding credible sources of information to support one's arguments. In addition, it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics. Moreover, discursive writing can become repetitive and monotonous if the writer focuses too much on presenting different perspectives without offering a conclusion. To effectively write a discursive essay, it is important to research the topic thoroughly and gather relevant information from credible sources. The writer should also aim to present a balanced argument by considering both sides of the issue. Additionally, the writer should focus on developing clear and well-structured paragraphs and use transitional words to guide the reader through the argument.
In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions. However, it is important to approach the task with care and consideration to ensure that the writing is objective and presents a balanced argument. With the right preparation and strategy, discursive writing can be an enjoyable and effective way to express one's opinions and thoughts on a particular topic.

Q. What is the part of speech of the word "perspectives" as used in the second paragraph of the passage?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 22
  •  A noun is a word that represents a person, place, thing, or idea. 
  • In the given passage, "perspectives" refers to viewpoints or ways of considering something, which is an idea, making it a noun.
  • Here,  "perspectives" is the direct object of the verb "explore", representing the things that are being explored.

Thus, the correct answer is Option 1. 

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 23

'Teachers should consider a child's prospective learning power before trying to expand the child's grasp of language. 'These are the views of

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 23

Piaget was born in Switzerland. He was a student of biology and also had a keen interest in psychology and philosophy. His interest in the study of cognition evolved while working in a laboratory.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 24

Direction: Read the passage given below and answer the questions that follow by selecting the most appropriate options:
A duty is an obligation. It is something we owe to others as social beings when we live together. We must let others live with us. My right of living implies my duty to my fellow beings to allow them the same conditions of life. In fact, rights and duties are correlated. What is a right in regard to one may be a duty in regard to others Rights and duties are two sides of the same coin. We should always observe from the standpoint of others. Moral duty is more effective than legal rights. A moral duty is that which is binding upon the people on moral grounds. It is my moral duty to help the poor because of being a member of the society.
I must try to create conditions that contribute to the welfare of humanity. Similarly, I owe a duty to my parents—to be obedient and respectful to them. This duty originates from the sense of responsibility which is directly related to our conscience. So, this is concerned with a moral duty which any person owes without a legal bondage.
A sense of duty is paramount for the proper development of civilization. Hypocrisy is quite reverse to the sense of duty. It involves wickedness, while duty involves sincerity and faithfulness.

Q. Which of the following statements is NOT correct according to the passage?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 24

The statement in option (D) ‘Sense of duty is not important for the development of civilization’ is incorrect. A sense of duty is paramount for the proper development of civilization. Hypocrisy is quite reverse to the sense of duty. It involves wickedness, while duty involves sincerity and faithfulness.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 25

What is most important in developing the reading skills of children?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 25

Pronunciation accuracy rather than meaning is most important in developing the reading skills of children.
Children receive the right sanskars by reading letters, pronunciation, sound, power, output, recitation, etc. Through reading, the student understands the use of punctuation, semicolon etc. Reading awakens the tendency for self-study. Due emphasis is given to words through reading. Read the student and understand its meaning and explain it to others and also correct the errors.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 26

What type of compositions should be included in the language textbooks at the primary stage?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 26

Compositions that are related to the children's environment and have different shades of language, should be included in the language textbooks at the primary stage. The compositions should be such that according to the educational purposes, it is helpful in capturing the language, interestingness, variety of subjects, level, orderly, co-relation with other subjects, preservation and promotion of national culture.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 27

Which method is most helpful in understanding the depth of meaning?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 27

Silent reading is most helpful in understanding the depth of meaning. By reading silently, understanding the words in their mind, they read further. It also increases the speed of reading and increases the ability to understand.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 28

Teachers who want to introduce meaningful language to children:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 28

Teachers who want to introduce meaningful language to children, they place the language of daily use in the textbook.
The concept or theory of meaningful learning is that learned information is completely understood and can now be used to make connections with other previously known knowledge, aiding in further understanding.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 29

Which of the following is most important in maintaining naturalness in oral expression?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 29

The most important in maintaining naturalness in oral expression is use of simple and easy language. There is a natural in speaking self-respect in oral expression, the use of artificial speech can be ridiculous. Unusual language makes the speaker untrustworthy. Natural language is reliable. The pronunciation should be clear while speaking.

CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 30

By which method is the writing of words taught by point matching?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Mathematics and Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 30

Outlining Method is the initial stage of writing. In this method, the teacher writes the word or sentence by placing dots on the copy, slate or black board with chalk or pen and asks the students to match those dots to fill the word or sentence.

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