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CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - CTET & State TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi)

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) for CTET & State TET 2024 is part of CTET & State TET preparation. The CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) questions and answers have been prepared according to the CTET & State TET exam syllabus.The CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) MCQs are made for CTET & State TET 2024 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) below.
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CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 1

सीखने की अक्षमता के कारण __________ हैं।

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सीखने की अक्षमता के कारण आनुवंशिक कारक, जैविक और पर्यावरणीय कारक हैं।
सीखने की अक्षमता भी आंदोलनों के समन्वय में समस्या पैदा कर सकती है, जिससे बच्चा अजीब लगता है (और महसूस करता है)।
सीखने की अक्षमता ऐसे विकार हैं जो किसी व्यक्ति की नई जानकारी को समझने या प्रतिक्रिया करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं, या वे विकार हैं जो उस जानकारी को याद रखने की क्षमता को प्रभावित करते हैं जो कि ली गई प्रतीत होती है। सीखने की अक्षमता सुनने के कौशल, भाषा कौशल (बोलने, पढ़ने या लिखने सहित), और गणितीय संचालन के साथ समस्याएं पैदा करती है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 2

निर्देश: काव्‍यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नो के सबसे उचित उत्‍तर वाले विकल्‍प का चयन कीजिए-
किंतु अरे यह क्या,
इतना आदर, इतनी करुणा, सम्मान? 
प्रथम दृष्टि में ही दे डाला
तुमने मुझे अहो मतिमान! 
मैं अपने झीने आँचल में
इस अपार करुणा का भार
कैसे भला सँभाल सकूँगी
उनका वह स्नेह अपार।
लख महानता उनकी पल-पल
देख रही हूँ अपनी ओर 
मेरे लिए बहुत थी केवल
उनकी तो करुणा की कोर। 

Q. निम्‍न में से किस शब्‍द का प्रयोग उपर्युक्‍त पंक्तियों में नहीं किया गया है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 2

शोक शब्‍द का प्रयोग उपर्युक्‍त पंक्तियों में नहीं किया गया है।
काव्‍यांश के अनुसार-

  • मैं अपने झीने आँचल में
  • उनकी तो करुणा की कोर
  • प्रथम दृष्टि में ही दे डाला। 
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CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 3

निर्देश: काव्‍यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नो के सबसे उचित उत्‍तर वाले विकल्‍प का चयन कीजिए-
किंतु अरे यह क्या,
इतना आदर, इतनी करुणा, सम्मान? 
प्रथम दृष्टि में ही दे डाला
तुमने मुझे अहो मतिमान! 
मैं अपने झीने आँचल में
इस अपार करुणा का भार
कैसे भला सँभाल सकूँगी
उनका वह स्नेह अपार।
लख महानता उनकी पल-पल
देख रही हूँ अपनी ओर 
मेरे लिए बहुत थी केवल
उनकी तो करुणा की कोर। 

Q. निम्‍न में से उपर्युक्‍त पंक्तियों के रचयिता का नाम बताइए-

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 3

उपर्युक्‍त पंक्तियों के रचयिता का नाम है - सुभद्राकुमारी चौहान

  • ये पंक्तियां सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित 'अनोखा दान' कविता से लिया गया है। 
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 4

निर्देश: काव्‍यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नो के सबसे उचित उत्‍तर वाले विकल्‍प का चयन कीजिए-
किंतु अरे यह क्या,
इतना आदर, इतनी करुणा, सम्मान? 
प्रथम दृष्टि में ही दे डाला
तुमने मुझे अहो मतिमान! 
मैं अपने झीने आँचल में
इस अपार करुणा का भार
कैसे भला सँभाल सकूँगी
उनका वह स्नेह अपार।
लख महानता उनकी पल-पल
देख रही हूँ अपनी ओर 
मेरे लिए बहुत थी केवल
उनकी तो करुणा की कोर। 

Q. मुहावरा “और का और हो जाना” का क्‍या अर्थ है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 4

मुहावरा “और का और हो जाना” का क्‍या अर्थ है- पहले जैसा ना रहना,बिल्‍कुल बदल जाना। 

  • वाक्य में प्रयोग- मैंने सोचा कुछ था लेकिन "और का और हो गया"।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 5

निर्देश: काव्‍यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नो के सबसे उचित उत्‍तर वाले विकल्‍प का चयन कीजिए-
किंतु अरे यह क्या,
इतना आदर, इतनी करुणा, सम्मान? 
प्रथम दृष्टि में ही दे डाला
तुमने मुझे अहो मतिमान! 
मैं अपने झीने आँचल में
इस अपार करुणा का भार
कैसे भला सँभाल सकूँगी
उनका वह स्नेह अपार।
लख महानता उनकी पल-पल
देख रही हूँ अपनी ओर 
मेरे लिए बहुत थी केवल
उनकी तो करुणा की कोर। 

Q. निम्‍नलिखित में से किस शब्‍द में उपसर्ग का प्रयोग नहीं किया गया है?

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महानता शब्‍द में उपसर्ग का प्रयोग नहीं किया गया है।

  • महान + ता = महानता
  • 'महान' मूलशब्द और 'ता' प्रत्यय 
  • अर्थ: महान होने का भाव, श्रेष्ठता, बड़प्पन।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 6

घरेलू भाषा मानक भाषा में दक्षता प्राप्त करने में-

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घरेलू भाषा अर्जित भाषा का एक उदाहरण है जबकि मानक भाषा को अधिगम से प्राप्त होने वाली भाषा के रूप में देखा जाता है।

  • समझ का विकास हमारे अपने स्वयं के अनुभवों द्वारा होता है।
  • बालक की समझ के विकास का एकमात्र रास्ता उसके लिए विभिन्न अनुभव देने वाली परिस्थितियों का निर्माण करना है।
  • बालक पर कोई अन्य व्याख्या आरोपित कर देने से समझ का विकास नहीं हो सकता।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 7

____ पूरी पाठ्यचर्या में विद्यमान है।

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 7

भाषा महज सम्प्रेषण का साधन नहीं है । दरअसल वह एक ऐसा माध्यम भी है , जिसके आधार पर हम जीवन - जगत की अधिकाँश जानकारी प्राप्त करते हैं। भाषा की पहचान हम एक ऐसी व्यवस्था के रूप में कर सकते हैं जो बहुत हद तक हमारे आस-पास की वास्तविकताओं और घटनाओं को हमारे दिमाग में व्यवस्थित करती है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 8

बड़ों का सम्पर्क भाषा विकास की गति को तीव्र कर देता है। यह कथन वाइगोत्सकी के किस सिद्धांत की व्याख्या करता है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 8

वाइगोत्स्की का सिद्धांत - अपने सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के लिए जाने वाले वाइगोत्स्की एक रूसी मनोवैज्ञानिक थे, जिसका मानना ​​था कि समुदाय "अर्थ बनाने" की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह अपने घरेलू कामों में अपने दो बेटों की मदद लेते थे। उन्होंने पाया कि उनके बच्चों ने पिता के सहयोग के बाद स्वतंत्र रूप से काम करना शुरू किया।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 9

सुश्री शीला कक्षा सात के विद्यार्थियों को वाक्यों के प्रकार के बारे में पढ़ा रही हैं। सबसे पहले वे उन्हें उन वाक्यों के कुछ उदाहरण बताती हैं जिन्हें हम सामान्यतः सुनते हैं फिर वह वाक्यों के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या करती हैं। सुश्री शीला निम्नलिखित में से किस शिक्षण सिद्धांत का अनुसरण कर रही हैं?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 9

सुश्री शीला आगमनात्मक से निगमनात्मक शिक्षण सिद्धांत का अनुसरण कर रही हैं।
आगमनात्मक-निगमनात्मक विधि: यह शिक्षण-अधिगम का शायद सबसे पुराना और सबसे बुनियादी तरीका है। यह आगमनात्मक और निगमनात्मक के दो तरीकों का एक संयोजन है।

  • आगमन विधि - यह एक मनोवैज्ञानिक विधि है जिसमें विशिष्ट अनुभवों और उदाहरणों के माध्यम से सामान्य नियमों का निर्माण किया जाता है। इसके द्वारा छात्र अधिक सक्रिय होकर सरल संप्रत्ययो के सहायता से नवीन ज्ञान का संचार करते हैं।
  • निगमन विधि - यह नियमों और सिद्धांतों के प्रस्तुतीकरण तथा बाद में उदाहरणों के द्वारा उन नियमों के पुष्टीकरण से संबंधित है। शिक्षक परिभाषा बता कर उनके सिद्धांत एवं परिभाषा को स्पष्ट करता है।
  • उपरोक्त वर्णित उपागम में सुश्री शीला आगमन विधि की सहायता से सबसे पहले वे उन्हें उन वाक्यों के कुछ उदाहरण बताती हैं, उसके बाद
  • निगमन विधि की सहायता से वह वाक्यों के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या करती हैं।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 10

'ट्रांसफार्मेशनल ग्रामर' की बुनियाद निम्न में से किस वैज्ञानिक के द्वारा रखी गयी है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 10

'ट्रांसफार्मेशनल ग्रामर' की बुनियाद चॉम्स्की के द्वारा रखी गयी है।

  • उनका दृढ़ विश्वास है कि बच्चों में भाषा सीखने की क्षमता जन्मजात होती है जो भाषा अधिग्रहण में आधार के रूप में कार्य करती है।
  • चॉम्स्की ने 'भाषा अर्जन क्षमता' सिद्धांत में पूर्व स्थापित संरचनावादी भाषा-वैज्ञानिकों की मान्यताओं के चुनौती देकर ट्रांसफार्मेशनल ग्रामर की बुनियाद रखी।
  • चॉम्स्की के अनुसार बच्चें शब्दों की निश्चित संख्या से कुछ निश्चित नियमों का अनुकरण करते हुए वाक्यों का निर्माण करना सीख जाते है। वाक्य निर्माण के इस नियम को चॉम्स्की ने जेनेरेटिव ग्रामर की संज्ञा दी।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 11

बहुभाषिकता परिचायक है:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 11

बहुभाषिकता उपरोक्त सभी का परिचायक है।
बहुभाषी कक्षा से तात्पर्य एक ऐसी कक्षा से है जिसमें दो से अधिक प्रकार की बोली जाने वाली भाषा के छात्रों की उपलबध्ता हो और साथ में उन्हें अपनी-अपनी भाषा में बोलनें के अवसरों की भी उपलब्धता हो।

  • बहु-भाषिकता भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है। भारत एक बहुभाषी देश है।
  • यह भारत की समस्या नहीं बल्कि संज्ञानात्मक विकास के लिए अच्छा संसाधन  है।
  • बहु-भाषिकता पर हुए अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि बहु-भाषिकता समाज में संप्रेषण को बाधित करने के बजाय सहायता प्रदान करती है।
  • बच्चों की गृहभाषा के प्रयोग को सम्मान देती है।
  • बच्चों को उनकी मातृभाषा में कहने सुनने की आजादी देती है।
  • बहु-भाषिक बच्चों की वैचारिक क्षमता अन्य बच्चों की तुलना में अच्छी होती है।
  • कक्षा में विभिन्न भाषाों का प्रयोग करना सांस्कृति आदान प्रदान का भी माध्यम है।
  • कक्षा में बच्चें अलग-अलग भाषायी- सांस्कृतिक पृष्ठभूमी से आते हैं।
  • कक्षा में सभी बच्चों की भाषा को उचित स्थान देना हि, बहु-भाषिकता है। 
  • बहु-भाषिकता, बच्चे की अस्मिता का निर्माण करती है।
  • बहु-भाषिकता पर हुए अध्ययनों से पता चलता है, कि बहुभाषिकता बच्चों की संज्ञानात्मक विकास, सामाजिक सहिष्णुता, विस्तृत चिंतन एवं बौद्धिक उपलब्धियों के स्तर को बढ़ाती है।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 12

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश के बाद  प्रश्न दिए गए हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।
लगभग पांच शताब्दी पूर्व पुर्तगाली इतिहासकार डोमिंग पेस ने हम्पी (विजयनगर) को स्वप्नों की नगरी कहा था। यह संगम वंश के शासकों की राजधानी थी जिन्होंने 1336 में प्राचीन हम्पी के निर्माण स्थल पर विजय नगर साम्राज्य की नींव रखी थी। लेकिन वह कृष्णदेव राय (1509-1529) थे जिन्होंने भव्य महल और मंदिरों से राजधानी को अलंकृत किया और विजयनगर साम्राज्य की सीमाओं को दूर-दूर तक फैलाया जिससे वह दक्षिण भारत का सर्वाधिक शाक्तिशाली हिन्दु साम्राज्य बना। परन्तु इस साम्राज्य की शक्ति का पतन पड़ोसी बहमई राज्यों के संघ के 1565 में संयुक्त आक्रमण से आरंभ हुआ। इस विजयनगर को परास्त करके नष्ट कर दिया गया। यह उस साम्राज्य का दुखत अंत था जो कभी अरब सागर से बंगाल की खाड़ी और दक्कन पठार से भारतीय प्रायद्वीप तक फैला था। विजयनगर के भग्नाशेष एक दूसरे पर टंगी विशाल चट्टानों की निर्जन दृश्यावली के बीच फैले हैं। दक्षिण भारत के राजनीतिक परिदृश्य में अपने उदय से पूर्व हम्पी कई शताब्दियों से एक प्रख्यात पावन स्थल था। रामायण में जैसा वर्णित है यह बाली शासित क्षेत्र किष्किन्धा का एक भाग था। इस स्थान में बाली और सुग्रीव, हनुमान, राम सीता, लक्ष्मण से जुड़ी अनेक घटनाएं घटी हैं। तुंगभद्रा नदी के पार स्थित वर्तमान एनीगोण्डी दुर्ग इस वानर साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था। हम्पी के चट्टानी पर्वत जैसे हेमकूट पर्वत, मातण्ग पर्वत और माल्यावंथ पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है। तुंगभद्रा का प्राचीन नाम और पार्वती का नाम पम्पा है जिसने विरूपाक्ष रूपी शिव से विवाह किया था। इसी नाम पर इस नगरी का नाम पड़ा है

Q. बेमेल शब्द का चयन कीजिए:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 12

अंत, पतन, समाप्त तीनो पर्यायवाची शब्द है।
इतिहास के पर्यायवाची शब्द - इतिवृत, प्रचीनकथा, पुरावृत्त, पूर्ववृत्तांत, पुराण, पूर्वकथा, अतीत कथा, पूर्ववृत।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 13

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश के बाद  प्रश्न दिए गए हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।
लगभग पांच शताब्दी पूर्व पुर्तगाली इतिहासकार डोमिंग पेस ने हम्पी (विजयनगर) को स्वप्नों की नगरी कहा था। यह संगम वंश के शासकों की राजधानी थी जिन्होंने 1336 में प्राचीन हम्पी के निर्माण स्थल पर विजय नगर साम्राज्य की नींव रखी थी। लेकिन वह कृष्णदेव राय (1509-1529) थे जिन्होंने भव्य महल और मंदिरों से राजधानी को अलंकृत किया और विजयनगर साम्राज्य की सीमाओं को दूर-दूर तक फैलाया जिससे वह दक्षिण भारत का सर्वाधिक शाक्तिशाली हिन्दु साम्राज्य बना। परन्तु इस साम्राज्य की शक्ति का पतन पड़ोसी बहमई राज्यों के संघ के 1565 में संयुक्त आक्रमण से आरंभ हुआ। इस विजयनगर को परास्त करके नष्ट कर दिया गया। यह उस साम्राज्य का दुखत अंत था जो कभी अरब सागर से बंगाल की खाड़ी और दक्कन पठार से भारतीय प्रायद्वीप तक फैला था। विजयनगर के भग्नाशेष एक दूसरे पर टंगी विशाल चट्टानों की निर्जन दृश्यावली के बीच फैले हैं। दक्षिण भारत के राजनीतिक परिदृश्य में अपने उदय से पूर्व हम्पी कई शताब्दियों से एक प्रख्यात पावन स्थल था। रामायण में जैसा वर्णित है यह बाली शासित क्षेत्र किष्किन्धा का एक भाग था। इस स्थान में बाली और सुग्रीव, हनुमान, राम सीता, लक्ष्मण से जुड़ी अनेक घटनाएं घटी हैं। तुंगभद्रा नदी के पार स्थित वर्तमान एनीगोण्डी दुर्ग इस वानर साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था। हम्पी के चट्टानी पर्वत जैसे हेमकूट पर्वत, मातण्ग पर्वत और माल्यावंथ पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है। तुंगभद्रा का प्राचीन नाम और पार्वती का नाम पम्पा है जिसने विरूपाक्ष रूपी शिव से विवाह किया था। इसी नाम पर इस नगरी का नाम पड़ा है

Q. किसने हम्पी को स्वप्नों की नगरी कहा था?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 13

पुर्तगाली इतिहासकार डोमिंग पेस ने हम्पी को स्वप्नों की नगरी कहा था।
सन्दर्भ पंक्ति - लगभग पांच शताब्दी पूर्व पुर्तगाली इतिहासकार डोमिंग पेस ने हम्पी (विजयनगर) को स्वप्नों की नगरी कहा था। 

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 14

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश के बाद  प्रश्न दिए गए हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।
लगभग पांच शताब्दी पूर्व पुर्तगाली इतिहासकार डोमिंग पेस ने हम्पी (विजयनगर) को स्वप्नों की नगरी कहा था। यह संगम वंश के शासकों की राजधानी थी जिन्होंने 1336 में प्राचीन हम्पी के निर्माण स्थल पर विजय नगर साम्राज्य की नींव रखी थी। लेकिन वह कृष्णदेव राय (1509-1529) थे जिन्होंने भव्य महल और मंदिरों से राजधानी को अलंकृत किया और विजयनगर साम्राज्य की सीमाओं को दूर-दूर तक फैलाया जिससे वह दक्षिण भारत का सर्वाधिक शाक्तिशाली हिन्दु साम्राज्य बना। परन्तु इस साम्राज्य की शक्ति का पतन पड़ोसी बहमई राज्यों के संघ के 1565 में संयुक्त आक्रमण से आरंभ हुआ। इस विजयनगर को परास्त करके नष्ट कर दिया गया। यह उस साम्राज्य का दुखत अंत था जो कभी अरब सागर से बंगाल की खाड़ी और दक्कन पठार से भारतीय प्रायद्वीप तक फैला था। विजयनगर के भग्नाशेष एक दूसरे पर टंगी विशाल चट्टानों की निर्जन दृश्यावली के बीच फैले हैं। दक्षिण भारत के राजनीतिक परिदृश्य में अपने उदय से पूर्व हम्पी कई शताब्दियों से एक प्रख्यात पावन स्थल था। रामायण में जैसा वर्णित है यह बाली शासित क्षेत्र किष्किन्धा का एक भाग था। इस स्थान में बाली और सुग्रीव, हनुमान, राम सीता, लक्ष्मण से जुड़ी अनेक घटनाएं घटी हैं। तुंगभद्रा नदी के पार स्थित वर्तमान एनीगोण्डी दुर्ग इस वानर साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था। हम्पी के चट्टानी पर्वत जैसे हेमकूट पर्वत, मातण्ग पर्वत और माल्यावंथ पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है। तुंगभद्रा का प्राचीन नाम और पार्वती का नाम पम्पा है जिसने विरूपाक्ष रूपी शिव से विवाह किया था। इसी नाम पर इस नगरी का नाम पड़ा है

Q. हम्पी साम्राज्य की शक्ति का पतन कैसे हुआ?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 14

हम्पी साम्राज्य की शक्ति का पतन संयुक्त आक्रमण से हुआ।
सन्दर्भ पंक्ति - परन्तु इस साम्राज्य की शक्ति का पतन पड़ोसी बहमई राज्यों के संघ के 1565 में संयुक्त आक्रमण से आरंभ हुआ। इस विजयनगर को परास्त करके नष्ट कर दिया गया। 

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 15

दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. इस वर्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम में 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक का 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करना किस भाव क़ो प्रकट करता है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 15

उपरोक्त गद्यांश के गहन अध्ययन से यह ज्ञात होता कि इस वर्ष 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक का 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करना एक सकारात्मक भाव प्रकट करता है, क्योकि कोरोना जैसे महामारी के कारण इस प्रकार का परिणाम एक संतोषप्रद है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 16

दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक निचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 16

उपरोक्त गद्यांश के ध्यानपूर्वक अध्ययन से हम यह निष्कर्ष निकाल सकते है कि इस वर्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा द्वारा जारी परिणाम एक संतोषप्रद है तथा यह समस्त विद्यार्थियों के बीच एक उम्मीद की किरण ले कर आया है। अतः इस गद्यांश का सटीक शीर्षक “उम्मीद जगाते परिणाम” तथा “उम्मीद जगाते नतीजे”हो सकता है।
कोरोना की मार तथा कोरोना और परिणाम एक उपयुक्त शीर्षक नहीं है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 17

दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द “प्रेरणा” का पर्यावाची दिए गए विकल्पों में से कौन सा है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 17

उपरोक्त गद्यांश में प्रयुक्त शब्द “प्रेरणा” का अर्थ होता है-प्रोत्साहन। विकल्पों में दिए गए शेष शब्द गद्यांश के शब्द “प्रेरणा” के सामान अर्थ प्रकट करने में अशक्षम है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 18

इनमे से कौन प्राथमिक स्तर पर बच्चों के शुरुआती भाषा-विकास में सर्वाधिक योगदान दे सकता है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 18

बच्चे घर-परिवार एवं परिवेश से सर्वप्रथम भाषा बोलना सीखते हैं। पहली बार विद्यालय में आने वाला बच्चा शब्दों के अर्थ और उनके प्रभाव से परिचित होता है।
सर्वप्रथम भाषा बच्चे अर्जन से सीखते हैं। प्राथमिक स्तर पर बच्चों के शुरुआती भाषा में परिवार में होने वाली परस्पर बातचीत का माहौल बच्चे के भाषा विकास में प्रभावकारी भुमिका निभाता है। परिवार में होने वाली बातचीत जितनी अधिक गुणवत्तापूर्ण होगी भाषा  विकास में उतनी ही अधिक सहायक होगी। 
अतः हम कह सकते है कि परिवार में होने वाली परस्पर गुणवत्तापूर्ण बातचीत प्राथमिक स्तर पर बच्चों के शुरुआती भाषा-विकास में सर्वाधिक योगदान दे सकती है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 19

श्रव्य सहायक सामग्री का उदाहरण है-

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 19

भाषा-प्रयोगशाला श्रव्य सहायक सामग्री का उदाहरण है। श्रव्य-साधन का अर्थ है, ऐसी अधिगम सहायक सामग्री जिसमें केवल कानों का प्रयोग करके शिक्षण को सहज बनाया जाता है। उदाहरण- मौखिक प्रश्नोत्तर, रेडियो, टेपरिकार्डर, लिंग्वाफोन, भाषा-प्रयोगशाला, आडियो काॅन्फैसिंग, ग्रामोफोन आदि।
अतः हम कह सकते हैं कि भाषा-प्रयोगशाला श्रव्य सहायक सामग्री का उदाहरण है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 20

निर्देश: नीचे दिए गए पद्मांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।
ताते जल नहा पहन श्वेत वसन आई,
खुले लॉन में बैठ गई दमकती लुनाई,
सूरज खरगोश धवल गोद उछल आया।
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।
नभ के उद्यान-छत्र तले भेज टीला,
पड़ा हरा फूल कढ़ा मेज़पोश पीला,
वृक्ष खुली पुस्तक हर पृष्ठ फड़फड़ाया।
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।
पैरों में मखमल की जूती सी क्यारी,
मेघ ऊन का गोला बुनती सुकुमारी,
डोलती सलाई हिलता जल लहराया।
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।

Q. 'मुझे धूप ने बुलाया' में अलंकार है-

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 20

"मुझे धूप ने बुलाया है" पंक्ति में मानवीकरण अलंकार है।
कवि ने धूप को मानव का रूप देकर उससे आह्वान दिलवाया है। इस प्रकार यहाँ प्रकृति का मानवीकरण किया गया है।
रूपक अलंकार के उदहराण:
मैया ! मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों।
चरण-कमल बन्दों हरिराई।
उपमा अलंकार के उदहराण:
पीपर पात सरिस मन ड़ोला।
मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है।
अनुप्रास अलंकार के उदाहरण:
मुदित महिपति मंदिर आए।
बंदौ गुरु पद पदुम परगा।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 21

Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.

Q. 'The prospect of a future generation' suggests that the writer is ______ in his/her outlook.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 21

'The prospect of a future generation' suggests that the writer is nationalistic in his/her outlook.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 22

Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.

Q. 'The parties' in this context means

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 22

'The parties' in this context means 'participants' (in a quarrel).

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 23

Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.

Q. The queen bee has a position which gives her ______ from her subordinates.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 23

The queen bee has a position which gives her exceptional reverence and devotion from her subordinates.
"Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects."

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 24

Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.

Q. 'To exert themselves' means the bees are

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 24

'To exert themselves' means the bees are busy toiling.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 25

What do you say when you see a man who is eight feet tall?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 25

The correct sentence that presents exclamation is "How tall he is!".
Option 2 has a structure of an interrogative sentence. Options 3 and 4 are incorrect.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 26

Directions: Select the most appropriate option.
Standardised assessment means ____ assessment.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 26

Standardised assessment means summative assessment. Summative assessment (or summative evaluation) refers to the assessment of participants where the focus is on the outcome of a programme. This contrasts with formative assessment, which summarises the participants' development at a particular time.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 27

Directions: Identify the meaning of the phrase underlined in the following sentence.
The bus broke down on the ghat road.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 27

The bus broke down on the ghat road.
Here, 'break down' means 'stopped due to mechanical failure' because 'break down' means 'stop operating or functioning'.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 28

Directions: Identify the meaning of the phrase underlined in the following sentence.
He is reluctant to ask for permission to leave early.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 28

It is the correct option. The synonym of 'reluctant' is 'unwilling'. 'Reluctant' means 'unwilling and hesitant; disinclined'.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 29

Read the following passage carefully.
Discursive writing refers to a style of writing that presents a balanced argument by considering various points of view. This type of writing allows the writer to explore different perspectives and draw conclusions based on evidence and reasoning. Discursive writing provides an opportunity for the writer to critically analyze a topic and consider different perspectives. This style of writing can also be used to present a convincing argument and persuade the reader to accept a particular viewpoint. Additionally, discursive writing helps the writer to develop analytical skills and improves critical thinking abilities.
However, discursive writing can also have some disadvantages. One of the main challenges is finding credible sources of information to support one's arguments. In addition, it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics. Moreover, discursive writing can become repetitive and monotonous if the writer focuses too much on presenting different perspectives without offering a conclusion. To effectively write a discursive essay, it is important to research the topic thoroughly and gather relevant information from credible sources. The writer should also aim to present a balanced argument by considering both sides of the issue. Additionally, the writer should focus on developing clear and well-structured paragraphs and use transitional words to guide the reader through the argument.
In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions. However, it is important to approach the task with care and consideration to ensure that the writing is objective and presents a balanced argument. With the right preparation and strategy, discursive writing can be an enjoyable and effective way to express one's opinions and thoughts on a particular topic.

Q. What is a synonym for the word "monotonous" as used in the passage?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 29
  • The word "monotonous"  refers to something that is dull, repetitive, or lacking in variety and interest.
    Example - A long drive on a straight, flat highway can be monotonous.
  • The word "Tedious" means too long, slow or tiresome.
    Example  - Manually copying a long list of names and addresses can be a tedious task.

Based on the given points, it is clear that monotonous and tedious 
Therefore, the correct answer is Option 2.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 30

Direction: ​Read the given passages carefully and answer the question that follows.
Everything that men do or think concerns either the satisfaction of the needs they feel or the need to escape from pain. This must be kept in mind when we seek to understand spiritual or intellectual movements and the way in which they develop, for feeling and longing are the motive forces of all human striving and productivity – however nobly these latter may display themselves to us.
What, then, are the feelings and the needs which have brought mankind to religious thought and to faith in the widest sense? A moment’s consideration shows that the most varied emotions stand at the cradle of religious thought and experience.
In primitive people, it is, first of all, fear that awakens religious ideas – fear of hunger, of wild animals, of illness, and of death. Since the understanding of causal connections is usually limited on this level of existence, the human soul forges a being, more or less like itself, on whose will and activities depend the experiences which it fears. One hopes to win the favor of this being, by deeds and sacrifices, which according to the tradition of the race are supposed to appease the being or to make him well disposed to man. I call this the religion of fear.
This religion is considerably established, though not caused, by the formation of priestly caste which claims to mediate between the people and the being they fear and so attains a position of power. Often a leader or despot will combine the function of the priesthood with its own temporal rule for the sake of greater security, or an alliance may exist between the interests of political power and the priestly caste.

Q. Choose the antonym for 'latter'.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 6 (Hindi) - Question 30
  • The word 'Former' is the opposite in meaning of word 'latter'.
  • ​The word Latter(adjective) means- "near or towards the end of something".
    E.g: In the latter stages of the fight he began to tire.​
  • ​The antonyms of the given word Latter are-  'Former', 'foremost', 'starting', 'primary, etc.
  • The word Former(adjective) means- "of or in an earlier time; before the present time or in the past".
    E.g: A former employer.
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