Which of the following statement are best suited to cater to individual differences of students?
(i) The curriculum should be organized and made flexible.
(ii) A separate arrangement should be made for the education of exceptional children.
(iii) The methods of teaching should be in keeping with the needs of the individuals.
(iv) The division in classes should be in heterogenous groupings.
A child is not suitable to learn a task properly because of non-attainment of age. The learning factor involved is
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Which statement is true about the Post conventional morality stage of Kohlberg?
According to Vygotsky, ‘the relationship between development and learning’ summarizes best by which among the following option given below:
Extinction of a response is more difficult, following
Assertion(A): Family, Neighbours, plays an important role in the language development of the child.
Reason(R): Socio-cultural environment emphasizes the learning of the language of a child and children can learn their native language through intimation.
Piaget believes that children build mental structures in their minds. What are they called?
Which among the following is an autocratic strategy of teaching?
दिए गए पद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
आकाश का साफा बाँधकर
सूरज की चिलम खींचता
बैठा है पहाड़
घुटनों पर पडी है नदी चादर सी
पास ही दाहक रही है
पलाश के जंगल की अंगीठी
अन्धकार दूर पूर्व में
सिमटा बैठा है भेड़ो के गल्ले सा
चानक बोला मोर
जैसे किसी ने आवाज दी
अजी सुनते हो
चिलम औंधी
धुँआ उठा
सूरज डूबा
अन्धकार छा गया।
Q. पलाश वन को अंगीठी कहा गया है क्योंकि
दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।
Q. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा इस वर्ष टॉपरों के नाम घोषित ना करने के पीछे मुख्य कारण क्या है?
भाषा शिक्षाशास्त्री सुझाव देते है कि शिक्षार्थी तब अच्छी तरह से सीखते हैं, जब तक वे स्वयं न करने लग जाए तब तक अध्यापक उन्हें सहारा देते रहें। शब्दभंडार सिखानें के लिए कौन सी युक्ति सही नहीं है?
योगात्मक आकलन से क्या तात्पर्य है?
निर्देश: निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
पूछता क्यों शेष कितनी रात ?
अमर सम्पुट में ढला तू,
छू नखों की कांति चिर संकेत पर जिन के जला तू,
स्निग्ध सुधि जिन की लिये कज्जल-दिशा में हँस चला तू!
परिधि बन घेरे तुझे वे उँगलियाँ अवदात !
झर गए खद्योग सारे;
तिमिर-वात्याचक्र में सब पिस गये अनमोल तारे,
बुझ गई पवि के हृदय में काँप कर विद्युत-शिखा रे !
साथ तेरा चाहती एकाकिनी बरसात !
व्यंगमय है क्षितिज-घेरा
प्रश्नमय हर क्षण निठुर-सा पूछता परिचय बसेरा,
आज उत्तर हो सभी का ज्वालवाही श्वास तेरा !
छीजता है इधर तू उस ओर बढ़ता प्रात !
Q. ‘अनमोल’ शब्द मे उपसर्ग बताइए।
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
विज्ञान ने प्राचीन काल के ऋषियों-मुनियों और गुरूओं के मंत्रों और अस्त्रों के प्रयोग को आज विभिन्न प्रकार के आविष्कारों द्वारा सत्य कर दिया है। रामायण काल के पुष्पक विमान, वर्षा, अग्नि, वायु आदि की शक्तियों को प्रकट करने वाले बाणों, समुद्र सोख कर जमीन निकालने वाले मंत्र से चलने वाले अद्भुत बाण-अस्त्र, महाभारतकालीन संजय की प्राप्त हुई दिव्य-दृष्टि आदि को साक्षात् और सत्य करने के लिए विज्ञान ने हमें बहुत कुछ उपलब्ध करा दिया है।
मनुष्य विज्ञान की सहायता से शारीरिक कमज़ोरियों एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पाने में सक्षम हो गया है। ऐसी असाध्य बीमारियों का इलाज भी संभव है, जिन्हें पहले लाइलाज समझा जाता था। अब टीबी सहित कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को शुरुआती स्तर पर ही समाप्त करना संभव हो गया है।
विज्ञान का सहयोग मनुष्य के लिए एक अभिशाप के रूप में भी सामने आया है। विज्ञान की सहायता से मानव ने घातक हथियारों का आविष्कार किया तथा साथ ही मनुष्य ने अपने सुख-चैन के लिए अनेक प्रकार की मशीनों को भी आविष्कार किया, किंतु अफ़सोस की बात यह है कि मशीन के साथ-साथ वह भी मशीन होता जा रहा है, जिसके कारण उसकी जीवन-शैली भी अत्यंत व्यस्त हो गई है।
Q. मशीन के साथ-साथ मनुष्य भी मशीन होता जा रहा है, जिसके कारण उसकी जीवन-शैली भी अत्यंत_______ हो गई है।
निम्नलिखित में से कौन-सा 'सांकेतिक भाषा' के संदर्भ में सही है?
बहुभाषिक कक्षा में एक बालक हिंदी तथा दूसरा हड़ौती बोली बोलता है। वैज्ञानिक दृष्टि से भाषा और बोली में-
Web-casting as an educational media does not include
Errors are a natural part of the language learning process and need not be completely avoided. This view about errors is supported by
The value of a machine depreciates at the rate of 10% per year. It was purchased three years ago. If its present value is Rs. 1,45,800, then for how much was it purchased?
The radius of curvature of the curved surface of a plano-convex lens is 20 cm. If the refractive index of the material of the lens be 1.5, then focal length of lens will be:
Which of the following is a hetero atomic molecule?
A chord 70 cm long is drawn in a circle of diameter 74 cm. The perpendicular distance of the chord from the center is (in cm) :
In the quadrilateral ABCD shown above, ∠DAB = ∠ DCX = 120°. If ∠ABC = 105°, what is ∠ADC equal to?
The basic functional unit in learning Science is
To be a “good” mathematician one must be able to
Errors/difficulties in learning Science are identified using
“Mathematics helps to develops qualities of cleanliness, punctuality, honesty, self-confidence” this statement related to which type of mathematical values.
One of the following would be the best assessment technique to reduce stress:
Which of the following is true about Mathematics?