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Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Karnataka TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science)

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Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 1

According to the theory of Bruner, which of the following statements is correct?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 1

Bruner's theory is a general framework for instruction based upon the study of cognition. The main aim was that instruction should be designed to facilitate extrapolation and/or fill in the gaps.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 2

For which group of learners, sign-language method is the most appropriate?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 2

Hearing impaired learners, sign language is the most appropriate.
A hearing-impaired person is the one who has difficulty in hearing. For such people, sign languages are used to show them what one is saying. The first person credited with the creation of a formal sign language for the hearing impaired was Pedro Ponce de León, a 16th-century Spanish Benedictine monk.

  • A language that employs signs made with the hands and other movements, including facial expressions and postures of the body is called sign language.
  • But people with disabilities including Autism, Apraxia of speech, Cerebral Palsy, and Down Syndrome may also find sign language beneficial for communicating.
  • Sign language may be as coarsely expressed as mere grimaces, shrugs, or pointings; or it may employ a delicately nuanced combination of coded manual signals reinforced by facial expression and perhaps augmented by words spelt out in a manual alphabet.
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Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 3

पढ़ने का क्या महत्व है?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 3

पढ़ना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मन का विकास करता है, नई चीजों की खोज करता है, कल्पना को भी विकसित करता है। अच्छे पठन कौशल, विशेष रूप से ध्वन्यात्मक पढ़ने के कार्यक्रम में, वर्तनी और शब्दावली में सुधार होता है। पढ़ना महत्वपूर्ण है क्योंकि बोले गए और लिखे गए शब्द जीवन के आधार हैं।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 4

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
काल को हम बांध नहीं सकते। वह स्वत: नियंत्रित है, अबाध है। देवों का आह्वान करते हुए हम सकल कामना सिद्धि का संकल्प व्यक्त करते हुए और फिर विदा करते हुए कहते हैं- 'गच्छ-गच्छ सुरश्रेष्ठ पुनरागमनाय च'। जिसका अर्थ 'हे देव, आप स्वस्थान को तो जाएं, परंतु फिर आने के लिए' है। कितनी सकारात्मक हमारी संस्कृति है, जिसका मूल है- जो मानव मात्र के लिए हितकारी हो, कल्याणकारी हो, वह पुन:-पुन: हमारे जीवन में आए। गत वर्ष के लिए भी क्या ऐसी विदाई देना हमारे लिए संभव नहीं ? यह प्रश्न अनुत्तरित है। यह आना-जाना, आगमन-प्रस्थान सब क्या है ? एक उत्तर है कि ये काल द्वारा नियंत्रित क्रिया- प्रतिक्रियाएं हैं। जो आया है, वह जाएगा। फिर जो गया है, वह भी आएगा। यह हमारी संस्कृति की मान्यता है। हाल ही में एक विद्वान से उनके परिवार में हुई मृत्यु पर शोक संवेदना में कहा- 'गत आत्मा को शांति प्राप्त हो'। उन्होंने तुरंत ही टोकते हुए कहा- शांति प्राप्ति की बात तो पश्चिमी संस्कृति-सभ्यता की बात है। भारतीय परंपरा में तो उचित है- 'गत आत्मा को सद्गति प्राप्त हो'। इसके पीछे का गूढ़ भाव नए वर्ष के आगमन और पुराने वर्ष की विदाई की वेला को पूरी सार्थकता प्रदान करता है। शब्द और अर्थ मिलकर ही काल का, काल की गति का अर्थात् परिवर्तन का बोध कराते हैं। काल (समय) निराकार है, अबूझ है। मानव ने समय को बांधने का बहुत प्रयास किया- पल, घड़ी, घंटा, दिन, सप्ताह, महीना, साल, मन्वन्तर... फिर भी समय कभी बंधा नहीं, कहीं ठहरता नहीं। 'कालोस्मि भरतर्षभ' कहकर कृष्ण ने काल की सार्वकालिक सत्ता को प्रतिपादित किया। इस सत्ता के आगे नत भाव से, साहचर्य के भाव से हम नया वर्ष मनाते हैं। काल ने जो दिया था, उसे स्वीकार करें और नए वर्ष में जो मिलेगा, उसको अंगीकार-स्वीकार करने के लिए हम पूरी तैयारी, पूरे जोश से तैयार रहें। इसी में पुरातन और नववर्ष के सन्धिकाल की सार्थकता है। यह सत्य है कि परिणाम पर मनुष्य का कोई नियंत्रण या दखल नहीं, पर नया साल भी पुराना होगा। इसलिए मनुष्य एक साल की अवधि के लिए अपने जीवन के कुछ नियामक लक्ष्य तो तय कर सकता है। नए साल का सूरज यही प्रेरणा लेकर आया है। जीवन के चरम लक्ष्य पीछे छूटते जा रहे हैं, खोते जा रहे हैं। ऐसे में नए वर्ष की शुरुआत अपने लक्ष्य निर्धारित करने का अच्छा अवसर है, आत्म निरीक्षण का अचूक मौका है यह। काल शाश्वत है। नए साल का आगमन और पुराने की विदाई यह हमारा कालबोध ही तो है। आगत का स्वागत भारतीय परम्परा के मूल में है। जो आया है, अतिथि है उसे अपना लो। काल के साथ, समय के साथ चलना मनुष्य की नियति है, परंतु काल के कपाल पर कुछ अंकित करने का संकल्प मनुष्य की जिजीविषा का मूल है।

Q. स्वागत शब्द की संरचना है:

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 4

'सु + आगत', स्वागत शब्द की संरचना है।
'स्वागत' शब्द में 'सु' उपसर्ग और 'आगत' मूल शब्द है।
उपसर्ग उस शब्दांश या अव्यय को कहते हैं, जो किसी शब्द अथवा अव्यय के आदि में जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन उत्पंन करते हैं; जैसे- अधिक के पहले 'अति' उपसर्ग लगने से अत्यधिक शब्द बन गया है।​

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 5

प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों के भाषा-शिक्षण के संदर्भ में कौन-सा कथन सही है?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 5

बच्चों को ऐसा वातावरण मिलना जरूरी है, जो भाषा से समृद्ध हो।समृद्ध भाषिक परिवेश में  बच्चे सहज रूप से स्वतः ही भाषा में सुधार कर सकते हैं।

  • पढ़ने का आरम्भ अर्थपूर्ण एवं लिपि से होना चाहिए और किसी उद्देश्य के लिए होना चाहिए।
  • यह उद्देश्य कहानी सुनकर-पढ़कर आनन्द लेना भी हो सकता है।
  • धीरे-धीरे बच्चों में भाषा की लिपि से परिचित होने के बाद अपने परिवेश में उपलब्ध लिखित भाषा को पढ़ने-समझने की जिज्ञासा उत्तपन्न होने लगती है।
Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 6

निर्देश: नीचे दी गई काव्य – पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:
ये कोरोना वाली छुट्टी, बहुत कुछ सिखा गयी
जरूरते है कितनी कम, रिश्तो में है दम
पैसे कि क्या अहमियत, किसकी है कैसी नीयत हाँ, पर सब कुछ जता गयी..
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
पर जो नही आ पायी बाई, खुद किये घर की सफाई
सब्जी जो नही मिल पायी, चावल दाल बुरी नही भाई
सहनशक्ति को आजमा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
नौकरी करते या खेती बाडी, छोटी कार या बड़ी गाडी
बड़ा बंगलो या छोटा घर, बीमारी के सामने सब बराबर
इंसान को हैसियत समझा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
अंग्रेजी वाले शब्द हुए पॉपुलर
क्वारंटाइन, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
लोकल के लिए वोकल सच में
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी

Q. सफाई शब्द में प्रत्यय पहचानिए।

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 6

सफाई शब्द में प्रत्यय "ई" प्रत्यय है।
सफ़ाई: सफ़ा + ई
सफ़ा शब्द अरबी भाषा का शब्द है।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 7

शिक्षा में मातृभाषा आधारित बहुभाषिकता का क्या अर्थ है?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 7

बहुभाषिकता: भिन्न-भिन्न प्रांतों के बच्चों द्वारा अलग-अलग प्रकार की भाषा बोले जाने को भाषायी विविधता या बहु-भाषिकता कहा जाता है। बहु-भाषिकता भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 8

मुहावरे और लोकोक्तियों के प्रयोग के संदर्भ में कौन सा कथन उचित है?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 8

मुहावरे और लोकोक्तियों ये भाषा – प्रयोग को प्रभावी बनाते है।
हिंदी भाषा की सौंदर्य और आंचलिकता बनाए रखने हेतु शिक्षण कार्य के दौरान पाठ में निहित तथ्यों के संदर्भ में मुहावरों और लोकोक्तियों का उचित प्रयोग:

  • भाषा प्रयोग को प्रभावी बनाता है।
  • भाषिक अभिव्यक्ति को सजीव बनाता है।
  • पाठ को अर्थपूर्ण, प्रवाहपूर्ण और रुचिकर बनाता है।
  • बच्चों में लिखित-मौखिक अभिव्यक्ति कौशल का विकास करता है।
  • बच्चों को तथ्यों को संदर्भ में जोड़ कर आसानी से समझने में मदद करता है।

इसलिए, यह कहा जा सकता है कि मुहावरे और लोकोक्तियों भाषा – प्रयोग को प्रभावी बनाते है।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 9

निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प को चुनिए।
प्राचीन भारत में शिक्षा, ज्ञान प्राप्ति का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता था। व्यक्ति के जीवन को सन्तुलित और श्रेष्ठ बनाने तथा एक नई दिशा प्रदान करने में शिक्षा का महत्त्वपूर्ण योगदान था। सामाजिक बुराइयों को उसकी जड़ों से निर्मूल करने और त्रुटिपूर्ण जीवन में सुधार करने के लिए शिक्षा की नितान्त आवश्यकता थी। यह एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसके द्वारा सम्पूर्ण जीवन ही परिवर्तित किया जा सकता था। व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व का विकास करने, वास्तविक ज्ञान को प्राप्त करने और अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए शिक्षा पर निर्भर होना पड़ता था। आधुनिक युग की भाँति प्राचीन भारत में भी मनुष्य के चरित्र का उत्थान शिक्षा से ही सम्भव था। सामाजिक उत्तरदायित्वों को निष्ठापूर्वक वहन करना प्रत्येक मानव का परम उद्देश्य माना जाता है। इसके लिए भी शिक्षित होना नितान्त अनिवार्य है। जीवन की वास्तविकता को समझने में शिक्षा का उल्लेखनीय योगदान रहता है। भारतीय मनीषियों ने इस ओर अपना ध्यान केन्द्रित करके शिक्षा को समाज की आधारशिला के रूप में स्वीकार किया। विद्या का स्थान किसी भी वस्तु से बहुत ऊँचा बताया गया। प्रखर बुद्धि एवं सही विवेक के लिए शिक्षा की उपयोगिता को स्वीकार किया गया। यह माना गया कि शिक्षा ही मनुष्य की व्यावहारिक कर्तव्यों का पाठ पढ़ाने और सफल नागरिक बनाने में सक्षम है। इसके माध्यम से व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अर्थात् सर्वांगीण विकास सम्भव है।
शिक्षा ने ही प्राचीन संस्कृति को संरक्षण दिया और इसके प्रसार में मदद की। विद्या का आरम्भ ‘उपनयन संस्कार’ द्वारा होता था। उपनयन संस्कार के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए मनुस्मृति में उल्लेख मिलता है कि गर्भाधान संस्कार द्वारा तो व्यक्ति का शरीर उत्पन्न होता है पर उपनयन संस्कार द्वारा उसका आध्यात्मिक जन्म होता है। प्राचीन काल में बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आचार्य के पास भेजा जाता था। शतपथ ब्राह्मण के अनुसार, जो ब्रह्मचर्य ग्रहण करता है। वह लम्बी अवधि की यज्ञावधि ग्रहण करता है। छान्दोग्योपनिषद् में उल्लेख मिलता है कि आरुणि ने अपने पुत्र श्वेतकेतु को ब्रह्मचारी रूप से वेदाध्ययन के लिए गुरु के पास जाने को प्रेरित किया था। आचार्य के पास रहते हुए ब्रह्मचारी को तप और साधना का जीवन बिताते हुए विद्याध्ययन में तल्लीन रहना पड़ता था। इस अवस्था में बालक जो ज्ञानार्जन करता था उसका लाभ उसको जीवन भर  मिलता था। गुरु गृह में निवास करते हुए विद्यार्थी समाज के निकट सम्पर्क में आता था। गुरु के लिए समिधा, जल का लाना तथा गृह-कार्य करना उसका कर्त्तव्य माना जाता था। गृहस्थ धर्म की शिक्षा के साथ-साथ वह श्रम और सेवा का पाठ पढ़ता था। शिक्षा केवल सैद्धान्तिक और पुस्तकीय न होकर जीवन की वास्तविकताओं के निकट होती थी।

Q. प्राचीन भारत में शिक्षा ________ होती थी।

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 9

प्राचीन भारत में शिक्षा जीवन की वास्तविकताओं से परिपूर्ण होती थी। दिए गए गद्यांश के अनुसार, आधुनिक युग की भाँति प्राचीन भारत में भी मनुष्य के चरित्र का उत्थान शिक्षा से ही सम्भव था। सामाजिक उत्तरदायित्वों को निष्ठापूर्वक वहन करना प्रत्येक मानव का परम उद्देश्य माना जाता है। इसके लिए भी शिक्षित होना अनिवार्य है। जीवन की वास्तविकता को समझने में शिक्षा का उल्लेखनीय योगदान रहता है। भारतीय मनीषियों ने इस ओर अपना ध्यान केन्द्रित करके शिक्षा को समाज की आधारशिला के रूप में स्वीकार किया।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 10

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश के बाद  प्रश्न दिए गए हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।
लगभग पांच शताब्दी पूर्व पुर्तगाली इतिहासकार डोमिंग पेस ने हम्पी (विजयनगर) को स्वप्नों की नगरी कहा था। यह संगम वंश के शासकों की राजधानी थी जिन्होंने 1336 में प्राचीन हम्पी के निर्माण स्थल पर विजय नगर साम्राज्य की नींव रखी थी। लेकिन वह कृष्णदेव राय (1509-1529) थे जिन्होंने भव्य महल और मंदिरों से राजधानी को अलंकृत किया और विजयनगर साम्राज्य की सीमाओं को दूर-दूर तक फैलाया जिससे वह दक्षिण भारत का सर्वाधिक शाक्तिशाली हिन्दु साम्राज्य बना। परन्तु इस साम्राज्य की शक्ति का पतन पड़ोसी बहमई राज्यों के संघ के 1565 में संयुक्त आक्रमण से आरंभ हुआ। इस विजयनगर को परास्त करके नष्ट कर दिया गया। यह उस साम्राज्य का दुखत अंत था जो कभी अरब सागर से बंगाल की खाड़ी और दक्कन पठार से भारतीय प्रायद्वीप तक फैला था। विजयनगर के भग्नाशेष एक दूसरे पर टंगी विशाल चट्टानों की निर्जन दृश्यावली के बीच फैले हैं। दक्षिण भारत के राजनीतिक परिदृश्य में अपने उदय से पूर्व हम्पी कई शताब्दियों से एक प्रख्यात पावन स्थल था। रामायण में जैसा वर्णित है यह बाली शासित क्षेत्र किष्किन्धा का एक भाग था। इस स्थान में बाली और सुग्रीव, हनुमान, राम सीता, लक्ष्मण से जुड़ी अनेक घटनाएं घटी हैं। तुंगभद्रा नदी के पार स्थित वर्तमान एनीगोण्डी दुर्ग इस वानर साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था। हम्पी के चट्टानी पर्वत जैसे हेमकूट पर्वत, मातण्ग पर्वत और माल्यावंथ पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है। तुंगभद्रा का प्राचीन नाम और पार्वती का नाम पम्पा है जिसने विरूपाक्ष रूपी शिव से विवाह किया था। इसी नाम पर इस नगरी का नाम पड़ा है

Q. 'दूर-दूर' शब्द :-

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 10

पुनरुक्त -  जो फिर कहा गया हो।
जैसे - दूर, दूर 
समानार्थी - जो शब्द समान अर्थ के कारण किसी दूसरे शब्द की जगह ले लेते हैं उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं या समान अर्थ प्रदान करने वाले शब्द पर्यायवाची शब्द अथवा समानार्थक शब्द कहलाते हैं।
जैसे - पर्वत - नग, भूधर आदि 
विरुद्धार्थी - एक-दूसरे के विपरीत या उल्टा अर्थ देने वाले शब्दों को, विलोम शब्द कहते है। जैसे - दिन - रात।
श्रुतिसम भिन्नार्थक - ऐसे शब्द जो पढ़ने और सुनने में लगभग एक-से लगते हैं, परंतु अर्थ की दृष्टि से भिन्न्न होते हैं, श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं। जैसे अचार - आचार

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 11

एक अध्यापक ने कक्षा सात के विद्यार्थियों को कहा कि वे समूह बनाकर ऐसे विषय/थीम का चयन करें जिसके अंतर्गत अपने शहर और आस-पास के स्थानों मे जुड़े आँकड़े एकत्र करें, अपने मित्रों के साथ उन पर चर्चा करें और रिपोर्ट तैयार करें। इस कार्य को क्या कहा जाएगा?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 11
  • परियोजना कार्य की एक श्रृंखला को संदर्भित करता है जिसे किसी विशेष लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए छात्रों के एक समूह द्वारा करने की आवश्यकता होती है। परियोजनाएं उद्देश्य-उन्मुख हैं और विद्यार्थियों को एक समृद्ध अनुभव प्रदान करती हैं।
  • भाषा सीखने में, परियोजना कार्य में पढ़ना, डेटा/सूचना का संग्रह, उसका विश्लेषण करना और समूहों में रिपोर्ट लिखना शामिल है। यह व्यावहारिक ज्ञान के अनुप्रयोग को प्रोत्साहित करता है और शिक्षार्थियों के विकास को सुनिश्चित करता है।
  • यह एक ऐसा तरीका है जहां छात्र "वास्तविक जीवन" की समस्याओं का विश्लेषण और विकास करने के लिए समूहों में काम करते हैं या एक समय सीमा के भीतर वर्तमान विषय से निपटते हैं। यह एक विशिष्ट परियोजना को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए साथियों के समूह के सहयोग और आपसी सहयोग से सक्रिय सीखने पर जोर देता है।
  • उपरोक्त बिंदुओं से, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि भाषा सीखने के कार्य के रूप में परियोजना कार्य में पढ़ना, डेटा/सूचना का संग्रह, उसका विश्लेषण करना और समूहों में रिपोर्ट लिखना शामिल है।

अतः निष्कर्ष निकलता है कि एक अध्यापक ने कक्षा सात के विद्यार्थियों को कहा कि वे समूह बनाकर ऐसे विषय/थीम का चयन करें जिसके अंतर्गत अपने शहर और आस-पास के स्थानों मे जुड़े आँकड़े एकत्र करें, अपने मित्रों के साथ उन पर चर्चा करें और रिपोर्ट तैयार करें। इस कार्य को परियोजना कार्य कहा जाएगा।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 12

बच्चे प्रारंभ से:

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 12

बच्चे प्रारंभ से ही बहुभाषिक होते हैं। 3 वर्ष के बच्चें में एकभाषिक, द्विभाषिक या बहुभाषिक दक्षता बच्चे के भाषा समृद्ध परिवेश पर निर्भर करती है।
बच्चा जिस परिवेश में रहता उस परिवेश में बोली जाने वाली भाषा स्वभाविक रूप से सीख लेता है। दो या तीन वर्ष का बच्चा अपने परिवेश से अनायास ही व्याकरण युक्त भाषा सीख लेता है। बच्चे प्रारंभ से ही बहुभाषिक होते हैं, उनके पास अपना एक आंतरिक व्याकरण होता है। दो या अधिक भाषायी परिवेश में रहने वाले बच्चें स्कूल आने से पूर्व ही दो या अधिक भाषाओं को समझने और बोलने की क्षमता रखते हैं।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 13

वाइगोत्स्की के अनुसार भाषा सीखने, शब्दों को अर्थ देने में ______ की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।

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वाइगोत्स्की के अनुसार भाषा सीखने, शब्दों को अर्थ देने में सामाजिक अंत:क्रिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। रूसी मनोवैज्ञानिक 'वाइगोत्स्की' ने अपने 'सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत' में भाषा विकास के सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत किया था। इन्होंने भाषा विकास के सन्दर्भ में "सामाजिक अतःक्रिया" पर बल दिया है।

  • वाइगोत्स्की के अनुसार ज्ञान का परिवर्तनशील भंडार दूसरों के साथ मिलकर तैयार किया जाता है अर्थात् भाषा सीखने मे सामाजिक अन्तःक्रिया का महत्वपूर्ण स्थान है। वाइगोत्स्की द्वारा दिये गये सिद्धान्त को संज्ञानात्मक विकास या सांस्कृतिक-एतिहासिक मनोविज्ञान कहा जाता है।

अतः निष्कर्ष निकलता है कि वाइगोत्स्की के अनुसार भाषा सीखने, शब्दों को अर्थ देने में सामाजिक अंतःक्रिया का भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 14

A student begins to fear public speaking after being ridiculed by her classmates during a recitation exercise. In classical conditioning terms, her newly acquired 'fear' would be due to a/an

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 14

In classical conditioning, the conditioned stimulus is a previously neutral stimulus that, after becoming associated with the unconditioned stimulus, eventually comes to trigger a conditioned response.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 15

Which of the following is/are advantages of using multilingualism as a resource in classroom?
(i) Exposure to multiple languages at the same time.
(ii) Greater linguistic and cognitive flexibility
(iii) Restricted employment opportunities
(iv) Conflicts in classroom because of different culture

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 15

Multilingualism refers to speaking more than one language competently. The term multilingualism is derived from two Latin words namely “multi” which means many and “lingua” which means language. Thus multilingualism is referred to as the ability of a speaker to express himself or herself in several languages with equal and native-like proficiency.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 16

Which of the following psychologists is associated with ‘language development’?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 16

Noam Chomsky, known as the father of modern linguistics, has made a crucial contribution in the field of linguistics.
Let's understand Chomsky's view about language in brief:

  • Innate ability: He strongly believes that children are born with an innate knowledge of grammar that serves as the basis for all language acquisition.
  • Generative grammar: According to Chomsky it refers to a finite set of rules to generate sentences and can be used to produce more sentences in that language.
  • Universal grammar: Chomsky's universal grammar suggests that all children have an innate ability to acquire, understand and develop grammar.
  • Language Acquisition Device: Chomsky proposed that humans are equipped with a language acquisition device that enables a child to acquire and produce language.

A brief description of other psychologists:

So, Noam Chomsky is associated with ‘language development'.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 17

Which of the following is true for media?
1. Media is the plural form of the word ‘medium’.
2. It describes the various ways through which we communicate in society.
3. TV, radio and newspapers are a form of media. 

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 17
  • Everything ranging from the stall at the local fair to the programme that you see on TV can be called media.
  • Media is the plural form of the word ‘medium’.
  • The term "medium" refers to a means or channel of communication, such as newspapers, television, radio, or the Internet.
  • When referring to multiple channels of communication, the plural form "media" is used. Hence, statement 1 is true.
  • The term "media" refers to the various ways in which we communicate and share information in society. Therefore, statement 2 is true.
  • This can include traditional forms of media as well as newer forms of media.
  • Media refers to all means of communication, everything ranging from a phone call to the evening news on TV can be called media.
  • TV, radio and newspapers are a form of media that reaches millions of people, or the masses, across the country and the world and, thus, they are called mass media. Thus, statement 3 is true.

Thus, we can conclude that all the given statements are true for the media.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 18

Which of the following is true with reference to 180 degrees east and 180 degrees west longitudes?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 18

The Prime Meridian divides the Earth into two equal halves. Its value is 0 degrees longitude and from it, we count 180 degrees eastwards and 180 degrees westwards. Therefore, 180 degrees east and 180 degrees west are on the same line.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 19

In which year was 'Consumer Protection Act' introduced to India?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 19

Consumer Protection Act, 1986 is an Act of the Parliament of India enacted in 1986 to protect the interests of consumers in India. It makes provision for the establishment of consumer councils and other authorities for the settlement of consumers' disputes and for matters connected therewith.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 20

The 2001 census found that _________ girls are less likely, than _________ girls, to complete primary school.

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 20

In Select Education Survey, GOI 2003-2004, SC and ST girls leave school at a rate that is higher than the category ‘All Girls’. This means that girls who are from Dalit and Adivasi backgrounds are less likely to remain in school.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 21

Part III of the Indian Constitution is related to ___________

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 21
  • Fundamental Rights
    • The Fundamental Rights are enshrined in Part III of the Constitution (Articles 12-35). Part III of the Constitution is described as the Magna Carta of India.
    • ‘Magna Carta’, the Charter of Rights issued by King John of England in 1215 was the first written document relating to the Fundamental Rights of citizens.
    • The Fundamental Rights are justiciable because when violated the aggrieved individual can move the courts for their enforcement.
    • The Supreme Court or High Courts have the power to issue directions or orders or writs for the enforcement of any of the Fundamental Rights.
Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 22

Which characteristic of the traditional external examination is excluded in the present school-based assessment?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 22

This is the correct option because it is always the Normal Probability Curve, which demarcates the students into various performance categories made as per some fixed criteria, which majorly depends on the test taken by the school. So, this means that the scholastic aspects are duly taken into account in our assessment system.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 23

The elevation of land is measured from the level of the sea because

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 23

All the oceans of the world are connected with each other, so the level of the sea water remains the same everywhere. Therefore, the elevation of land is taken from the level of the sea, which is taken as zero.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 24

Which one of the following is a new concept in Social Sciences?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 24

The study of human relations and betterment of society is a new concept in Social Sciences. Social sciences are essential to provide social, cultural, and analytical skills required to adjust to an increasingly interdependent world, and to deal with political and economic realities.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 25

The objectives of teaching the social sciences at the upper primary stage are:
A. To develop an understanding about the earth.
B. To initiate the learner into a study of her/ his own region, state, and country in the global context.
C. Planning a handbook with examples of activities.

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 25

At the upper primary stage, the subject area of Social Science drawing its content from history, geography, political science, and economics will be introduced. 

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 26

The tomb of a Sufi saint is known as

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 26

A 'Dargah' is a shrine built over the grave of a revered religious figure, often a Sufi saint or dervish.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 27

Directions: Answer the following question by selecting the most appropriate option.
Which of the following would you recommend for peer learning in your classroom?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 27

Peer learning strategies foster student relationships and help students develop a greater multicultural understanding and acceptance. When students are put into groups where they can talk freely, they can bring in aspects of their background and beliefs, potentially leading to more understanding among the members within a group. So, 'drama' is one such group where students open up and create friendships.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 28

Which of the following statement(s) is/are correct regarding the nature of social science?
I. Social science are advance level studies of human society.
II. Social Science contribute to the social utility and advancement of knowledge.
III. Social Sciences are those aspects of knowledge which have direct bearing on man’s activities in different socio-cultural fields.

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 28

Social sciences are the body of knowledge and thought pertaining to human affairs as distinguished from sticks, stones, stars, and physical objects.
The following points may characterize the nature of social sciences

  • Direct bearing on human activity: Social sciences are those aspects of knowledge that have a direct bearing on man’s activities in different sociocultural fields.
  • Advance studies of human society: Social sciences are advance level studies of human society, and they are generally taught at a higher education level.
  • Find out truths about human relationships: Social sciences seek to find out truths about human relationships which ultimately contribute to the social utility and advancement of knowledge.

Hence, we conclude that all the above points are correct regarding the nature of social science.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 29

While assessing the attitudes and values, a Social Science teacher may assign weightage to which of the following descriptors?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 29

This is the right answer. A student, who feels free to ask questions, is believed to be more interested in learning.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 30

While teaching "Youths of India – A demographic dividend" which of the following method is most useful in the secondary school context? 

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 1 (Social Science) - Question 30

A social science teacher uses several methods and techniques in teaching various contents of social sciences. The choice of these methods and techniques depends on the nature of the contents to be taught to students. 

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