Which of the following is NOT a characteristic of socially disadvantaged students?
Which IQ range is called trainable IQ level of mentally retarded children?
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Do children acquire language because they are genetically predisposed to do so or because parents intensively teach them from an early age? This question essentially highlights
Motivation begins with needs that exist in all of us. The need that the student would tend to fulfil first pertains to
School-based assessment was introduced to:
Which of the following is NOT the tool for Formative Assessment in scholastic domain?
किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके उपभोक्ता भी बाजार में भागीदार बन जाता है। यदि उपभोक्ता नही होंगे तो किसी भी कंपनी का अस्तित्व नही होगा। जहाँ तक उपभोक्ता के अधिकार का सवाल है तो उपभोक्ता की स्थिति दयनीय ही कही जायेगी। इसको समझने के लिए आप वैसे दुकानदार का उदाहरण ले सकते है जो कम वजन तौलता है या वह कम्पनी जो अपने पैक पर झूठे वादे करती है। ज्यादातर मिठाई बेचने वाले कच्चे माल में मिलावट करके लड्डू या बर्फी बनाते है। कुछ वर्षो पहले मिलावटी सरसों तेल से फैलने वाली ड्रॉप्सी नाम की बीमारी आपको याद होगी। यदि आपने कभी ट्रेन से सफर किया होगा तो आपको पता होगा कि ट्रेन में बिकने वाले खाने पीने की ज्यादातर चीजे घटिया होती है। यहाँ तक की पैंट्री में मिलने वाला खाना भी घटिया क्वालिटी का होता है। भारत में मिलावट, कालाबाजारी, जमाखोरी, कम वजन आदि की पुरानी परम्परा रही है। 1960 के दशक से भारत में उपभोक्ता आन्दोलन शुरू हुए थे। 1970 के दशक तक उपभोक्ता आन्दोलन केवल आर्टिकल लिखने और प्रदर्शनी लगाने तक ही सीमित था। लेकिन हाल के वर्षो में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में तेजी से उछाल आया है।
विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से लोगो में इतनी अधिक असंतुष्टि थी कि उपभोक्ताओं के पास अपनी आवाज उठाने के सिवा और कोई रास्ता नही बचा था। कई वर्षो के लम्बे संघर्ष के बाद सरकार को इसकी खैर लेने के लिए बाधित होना पड़ा और इसकी परिणति के रूप में 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (कोपरा) को लागू किया गया। एक उपभोक्ता को किसी उत्पाद के बारे में सही जानकारी पाने का अधिकार होता है। अब ऐसे कानून है जो किसी उत्पाद के पैक पर अवयवों और सुरक्षा के बारे में जानकारी देना अनिवार्य बनाते है। सही सूचना से उपभोक्ता को किसी भी उत्पाद को खरीदने के लिए उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। किसी भी उत्पाद के पैक पर खुदरा मूल्य लिखना भी अनिवार्य होता है। यदि कूई दुकानदार एमआरपी से अधिक चार्ज करता है तो उपभोक्ता उसकी शिकायत कर सकता है। एक उपभोक्ता को विभिन्न विकल्पों में से चुनने का अधिकार होता है। कोई भी विक्रेता केवल एक ही ब्रांड पेश नही कर सकता है। उसे अपने ग्राहक को कई विकल्प देने होगे। इस अधिकार को मोनोपोली ट्रेंड के खिलाफ बने कानूनों के जरिये लागू किया जाता है।
Q. किसी उत्पाद के पैक पर क्या लिखना अनिवार्य होता है?
निर्देश: दिए गए पद्यांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिएI
क्या रोकेंगे प्रलय मेघ ये, क्या विद्युत-धन के नर्तन,
मुझे न साथी रोक सकेंगे, सागर के गर्जन-तर्जन।
मैं अविराम पथिक अलबेला रुके न मेरे कभी चरण,
शूलों के बदले फूलों का किया न मैंने मित्र चयन।
मैं विपदाओं में मुसकाता नव आशा के दीप लिए
फिर मुझको क्या रोक सकेंगे जीवन के उत्थान-पतन,
मैं अटका कब, कब विचलित में, सतत डगर मेरी संबल
रोक सकी पगले कब मुझको यह युग की प्राचीर निबल
आँधी हो, ओले-वर्षा हों, राह सुपरिचित है मेरी,
फिर मुझको क्या डरा सकेंगे ये जग के खंडन-मंडन।
मुझे डरा पाए कब अंधड़, ज्वालामुखियों के कंपन,
मुझे पथिक कब रोक सके हैं अग्निशिखाओं के नर्तन।
मैं बढ़ता अविराम निरंतर तन-मन में उन्माद लिए,
फिर मुझको क्या डरा सकेंगे, ये बादल-विद्युत नर्तन।
Q. 'मेघ' का पर्यायवाची शब्द क्या होगा?
निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प को चुनिए।
प्राचीन भारत में शिक्षा, ज्ञान प्राप्ति का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता था। व्यक्ति के जीवन को सन्तुलित और श्रेष्ठ बनाने तथा एक नई दिशा प्रदान करने में शिक्षा का महत्त्वपूर्ण योगदान था। सामाजिक बुराइयों को उसकी जड़ों से निर्मूल करने और त्रुटिपूर्ण जीवन में सुधार करने के लिए शिक्षा की नितान्त आवश्यकता थी। यह एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसके द्वारा सम्पूर्ण जीवन ही परिवर्तित किया जा सकता था। व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व का विकास करने, वास्तविक ज्ञान को प्राप्त करने और अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए शिक्षा पर निर्भर होना पड़ता था। आधुनिक युग की भाँति प्राचीन भारत में भी मनुष्य के चरित्र का उत्थान शिक्षा से ही सम्भव था। सामाजिक उत्तरदायित्वों को निष्ठापूर्वक वहन करना प्रत्येक मानव का परम उद्देश्य माना जाता है। इसके लिए भी शिक्षित होना नितान्त अनिवार्य है। जीवन की वास्तविकता को समझने में शिक्षा का उल्लेखनीय योगदान रहता है। भारतीय मनीषियों ने इस ओर अपना ध्यान केन्द्रित करके शिक्षा को समाज की आधारशिला के रूप में स्वीकार किया। विद्या का स्थान किसी भी वस्तु से बहुत ऊँचा बताया गया। प्रखर बुद्धि एवं सही विवेक के लिए शिक्षा की उपयोगिता को स्वीकार किया गया। यह माना गया कि शिक्षा ही मनुष्य की व्यावहारिक कर्तव्यों का पाठ पढ़ाने और सफल नागरिक बनाने में सक्षम है। इसके माध्यम से व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अर्थात् सर्वांगीण विकास सम्भव है। शिक्षा ने ही प्राचीन संस्कृति को संरक्षण दिया और इसके प्रसार में मदद की। विद्या का आरम्भ ‘उपनयन संस्कार’ द्वारा होता था। उपनयन संस्कार के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए मनुस्मृति में उल्लेख मिलता है कि गर्भाधान संस्कार द्वारा तो व्यक्ति का शरीर उत्पन्न होता है पर उपनयन संस्कार द्वारा उसका आध्यात्मिक जन्म होता है। प्राचीन काल में बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आचार्य के पास भेजा जाता था। शतपथ ब्राह्मण के अनुसार, जो ब्रह्मचर्य ग्रहण करता है। वह लम्बी अवधि की यज्ञावधि ग्रहण करता है। छान्दोग्योपनिषद् में उल्लेख मिलता है कि आरुणि ने अपने पुत्र श्वेतकेतु को ब्रह्मचारी रूप से वेदाध्ययन के लिए गुरु के पास जाने को प्रेरित किया था। आचार्य के पास रहते हुए ब्रह्मचारी को तप और साधना का जीवन बिताते हुए विद्याध्ययन में तल्लीन रहना पड़ता था। इस अवस्था में बालक जो ज्ञानार्जन करता था उसका लाभ उसको जीवन भर मिलता था। गुरु गृह में निवास करते हुए विद्यार्थी समाज के निकट सम्पर्क में आता था। गुरु के लिए समिधा, जल का लाना तथा गृह-कार्य करना उसका कर्त्तव्य माना जाता था। गृहस्थ धर्म की शिक्षा के साथ-साथ वह श्रम और सेवा का पाठ पढ़ता था। शिक्षा केवल सैद्धान्तिक और पुस्तकीय न होकर जीवन की वास्तविकताओं के निकट होती थी।
Q. किस शब्द में दो प्रत्ययों का प्रयोग हुआ है?
निर्देश : नीचे दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सबसे सटीक विकल्प का चयन कीजिए-
पालने के सिरहाने गायी जाने वाली लोरियों से लेकर
रेडियो से आने वाले समाचारों तक
हर जगह छिपे हुए असत्य पर विजय पाना
चाहे वह असत्य हृदय में हो या किताबों में
या शोर-गुल भरी सड़कों पर
कितना कल्पनातीत आनंद है ज्ञान में
यह जान लेने में
कि समय के कदम अनिवार्य रूप से किधर बढ़ते रहेंगे
और अब भविष्य में क्या आनेवाला है।
Q. 'समय' में 'इक' प्रत्यय जोड़ने पर शब्द बनेगा -
निर्देश: नीचे दी गई काव्य – पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:
ये कोरोना वाली छुट्टी, बहुत कुछ सिखा गयी
जरूरते है कितनी कम, रिश्तो में है दम
पैसे कि क्या अहमियत, किसकी है कैसी नीयत हाँ, पर सब कुछ जता गयी..
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
पर जो नही आ पायी बाई, खुद किये घर की सफाई
सब्जी जो नही मिल पायी, चावल दाल बुरी नही भाई
सहनशक्ति को आजमा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
नौकरी करते या खेती बाडी, छोटी कार या बड़ी गाडी
बड़ा बंगलो या छोटा घर, बीमारी के सामने सब बराबर
इंसान को हैसियत समझा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
अंग्रेजी वाले शब्द हुए पॉपुलर
क्वारंटाइन, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
लोकल के लिए वोकल सच में
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
Q. कौन सा शब्द स्त्रीलिंग नहीं है:
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
विज्ञान ने प्राचीन काल के ऋषियों-मुनियों और गुरूओं के मंत्रों और अस्त्रों के प्रयोग को आज विभिन्न प्रकार के आविष्कारों द्वारा सत्य कर दिया है। रामायण काल के पुष्पक विमान, वर्षा, अग्नि, वायु आदि की शक्तियों को प्रकट करने वाले बाणों, समुद्र सोख कर जमीन निकालने वाले मंत्र से चलने वाले अद्भुत बाण-अस्त्र, महाभारतकालीन संजय की प्राप्त हुई दिव्य-दृष्टि आदि को साक्षात् और सत्य करने के लिए विज्ञान ने हमें बहुत कुछ उपलब्ध करा दिया है।
मनुष्य विज्ञान की सहायता से शारीरिक कमज़ोरियों एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पाने में सक्षम हो गया है। ऐसी असाध्य बीमारियों का इलाज भी संभव है, जिन्हें पहले लाइलाज समझा जाता था। अब टीबी सहित कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को शुरुआती स्तर पर ही समाप्त करना संभव हो गया है।
विज्ञान का सहयोग मनुष्य के लिए एक अभिशाप के रूप में भी सामने आया है। विज्ञान की सहायता से मानव ने घातक हथियारों का आविष्कार किया तथा साथ ही मनुष्य ने अपने सुख-चैन के लिए अनेक प्रकार की मशीनों को भी आविष्कार किया, किंतु अफ़सोस की बात यह है कि मशीन के साथ-साथ वह भी मशीन होता जा रहा है, जिसके कारण उसकी जीवन-शैली भी अत्यंत व्यस्त हो गई है।
Q. ‘पुष्पक’ विमान की चर्चा किस काल में की गई है?
निम्नलिखित में से किसे 'पोर्टफोलियो आकलन' कहेंगे?
शब्दों के अर्थ स्पष्ट करने की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है:
In the Constructivist Approach, language is taught by
A class teacher Ankita uses various tasks such as creating charts, graphs, drawing, gathering information, and presenting them through pair or group work. This type of instruction
Direction: Read the passage given below and then answer the questions given below the passage. Some words may be highlighted for your attention.
The big fuss about consensus management is an issue that boils down to a lot of noise about not much. The consensus advocates are great admirers of the Japanese management style. Consensus is what Japan is famous for. Well, I know the Japanese fairly well: They still remember Douglas MacArthur with respect, and they still bow down to their Emperor. In my dealings with them, I found that they talk a lot about consensus, but there's always one guy behind the scenes who ends up making the tough decisions. It doesn't make sense to me to think that Mr. Toyoda or Mr. Morita of Sony sits around in committee meetings and says, "We've got to get everybody in this organization, from the janitor up, to agree with this move". The Japanese believe in their workers' involvement early on in the decision-making process and in feedback from employees. And they probably listen better than we do. But you can bet that when the chips are down, the yen stops at the top guy's desk. So, we're wasting time trying toDirection: Read the passage given below and then answer the questions given below the passage. Some words may be highlighted for your attention.
The big fuss about consensus management is an issue that boils down to a lot of noise about not much. The consensus advocates are great admirers of the Japanese management style. Consensus is what Japan is famous for. Well, I know the Japanese fairly well: They still remember Douglas MacArthur with respect, and they still bow down to their Emperor. In my dealings with them, I found that they talk a lot about consensus, but there's always one guy behind the scenes who ends up making the tough decisions. It doesn't make sense to me to think that Mr. Toyoda or Mr. Morita of Sony sits around in committee meetings and says, "We've got to get everybody in this organization, from the janitor up, to agree with this move". The Japanese believe in their workers' involvement early on in the decision-making process and in feedback from employees. And they probably listen better than we do. But you can bet that when the chips are down, the yen stops at the top guy's desk. So, we're wasting time trying to emulate something I don't think really exists.
Business structures are microcosms of other structures. There were no corporations in the fifteenth century. But there were families. There were city governments, provinces, and armies. There was the Church. All of them had, for lack of a better word, a pecking order.
Why? Because that's the only way you can steer clear of anarchy. Otherwise, you'll have somebody come in one morning and tell you: "Yesterday I got tired of painting red convertibles, so today I switched to all baby-blues on my own". You'll never get anything done right that way.
What's to admire about consensus management anyway? By its very nature, it's slow. It can never be daring. There can never be real accountability - or flexibility. About the only plus that I've been able to figure out is that consensus management means consistency of direction and objectives. And so much consistency can become faceless, and that's a problem too. In any event, I don't think it can work in this country. The fun of business for entrepreneurs, big or small, lies in the free enterprise system, not in the greatest agreement by the greatest number.
Business structures are microcosms of other structures. There were no corporations in the fifteenth century. But there were families. There were city governments, provinces, and armies. There was the Church. All of them had, for lack of a better word, a pecking order.
Why? Because that's the only way you can steer clear of anarchy. Otherwise, you'll have somebody come in one morning and tell you: "Yesterday I got tired of painting red convertibles, so today I switched to all baby-blues on my own". You'll never get anything done right that way.
What's to admire about consensus management anyway? By its very nature, it's slow. It can never be daring. There can never be real accountability - or flexibility. About the only plus that I've been able to figure out is that consensus management means consistency of direction and objectives. And so much consistency can become faceless, and that's a problem too. In any event, I don't think it can work in this country. The fun of business for entrepreneurs, big or small, lies in the free enterprise system, not in the greatest agreement by the greatest number.
Q. Which of the following is true as per the given passage?
The problem-solving strategy in which one begins from the goal and moves back sequentially to figure out the solution, is called -
The activity that offers the most 'experience' while learning is
Which of the following statement(s) is/are true for Direct Method of teaching languages?
A. Concrete vocabulary is taught through demonstration, objects and pictures.
B. Abstract vocabulary is taught by association of ideas.
Directions: Identify the compound sentence.
Given below are the steps to test the presence of proteins in a food item. These steps are not in correct sequence.
(A) Take a small quantity of food item in a test tube, add 10 drops of water to it and shake it.
(B) Make the paste or powder of the food to be tested.
(C) Add 10 drops of caustic soda solution to the test tube and shake well.
(D) Add 2 drops of copper sulphate to it.
The correct sequence of these steps is
A big mansion has a rectangular grassy field of 95 m and 60 m and it has a path of 2.5 m wide all around it on the inside. Find the cost of gravelling the path at Rs. 3 per square meter.
The slant height and radius of a right circular cone are in the ratio 29 ∶ 20. If its volume is 4838.4 π cm3, then its radius is:
Which one of the following is not a recommendation of NCF-2005 regarding science curriculum?
______ considers scientific method consists of systematic observation, classification and interpretation of data.
Which of the following documents delineates the learning objectives
At which stage of cognitive development does the child acquire mathematical knowledge using real objects?
The bread, cereals and pasta group is a good source of