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सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए-
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए-
प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही है-
A. डायरी के नीरस पृष्ठ- 1951
B. तर्क का तूफान -1945
C. अमर वल्लरी -1945
D. निशानियाँ- 1947
E. देवदासी- 1945
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
निम्न रचनाओं में से किसका मिलान सही हैं-
A. नाभादास- अष्टयाम
B. रामप्रिया शरण दास - सीतायण
C. हृदयराम- हनुमन्नाटक
D. नरहरि बारहट- पौरुषेय रामायण
E. रामचरण दास- कवित्तवली
नीचे दिए गए विकल्पों एमन से सही विकल्प का चयन कीजिए-
निम्नलिखित कवियों के साथ उनके द्वारा रचित कविताओं को सुमेलित कीजिए।
"इस कल्पवास का मोह है, क्योंकि इस थोड़े समय में जीवन का जितना विस्तृत ज्ञान मुझे प्राप्त हो जाता है, उतना अन्य उपाय से संभव नहीं और जीवन के संबंध में निरंतर जिज्ञासा मेरे स्वाभाव का अंग बन गई है।"
उपर्युक्त कथन किस रचना से संबंधित है?
मानवीय संवेदना को किस प्रकार की धर्म से संबंधित किया गया है?
"स्वाभाविक पर भी नियंत्रण जरूरी होता है। संयम ही संस्कृति है। व्यवहार रूढ़ि बनकर संस्कृति कहलाता है।"
उपर्युक्त कथन झूठा-सच उपन्यास में किस पात्र का है?
प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित उपन्यासों का सही अनुक्रम है:
निर्देशः प्रश्नों में दो कथन दिए गए हैं। इनमें से एक स्थापना (A) है और दूसरा तर्क (R) है। कोड में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए।
स्थापना (Asseration) (A): मिथक विगत का आलेख है जिसका संबंध केवल धर्म और इतिहास से है।
तर्क (Reason) (R) : इसीलिए मिथक का प्रयोजन केवल सामाजिक व्यवस्था के संरक्षण और संचालन से है, रचनात्मक स्वतंत्रता से नहीं।
संवत् 1050-1375 की कालावधि में लिखे गए हिन्दी साहित्य का ‘वीरगाथा काल’ के रूप में नामकरण किसने किया था?
निम्नलिखित उपन्यासों को उनसे संबद्ध पात्रों के साथ सुमेलित कीजिए:
इनमें से किस कवि ने सतसई की रचना नहीं की है ?
प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से डॉ. नगेन्द्र के आलोचना ग्रंथों का सही अनुक्रम है-
“गिरा अरथ, जल बीचि सम कहियत भिन्न न भिन्न ।
बंद सीताराम पद जिनहि परम प्रिय खिन्न ।”
उक्त काव्य पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?
“अब तक क्या किया,
जीवन क्या जिया,
ज्यादा लिया और दिया बहुत-बहुत कम ।
उपर्युक्त पंक्तियों के रचयिता हैं-
अनुकरण का अर्थ सर्जना का अभाव नहीं अपितु पुनर्सर्जना है। प्रस्तुत मत किस विद्वान का है।
जहाँ कलह तहँ सुख नहीं, कलह सुखन को सूल ।।
सबै कलह इक राज में, राज कलह को मूल ।।।
इस दोहे के द्वारा किस कवि ने अतीतकालीन चित्तवृत्ति का वर्णन किया है ?
रामचंद्र शुक्ल ने बिहारी की भाषा के बारे में क्या लिखा है ?