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Test: पहली बूँद - 2 - Class 6 MCQ


Test Description

10 Questions MCQ Test - Test: पहली बूँद - 2

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Test: पहली बूँद - 2 - Question 1

बूँद गिरते ही धरती की रोमावलि कैसी हो गई?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 1

कविता में "धरती की रोमावलि-सी, हरी दूब, पुलकी मुसकाई" का अर्थ है कि बूँद गिरते ही धरती पर हरी घास उग आई और वह खुश होकर मुस्काई। यह वाक्य धरती के हरे-भरे और जीवन से भरने का प्रतीक है।

Test: पहली बूँद - 2 - Question 2

कविता में बादल क्या कर रहे हैं?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 2

कविता में बादल "धरती की तरुणाई जगा रहे हैं"। यह वाक्य इस बात को दर्शाता है कि बादल अपनी गर्जना और बिजली की चमक से धरती पर जीवन और ऊर्जा का संचार कर रहे हैं, जिससे धरती में नयी उमंग और यौवनता का आभास होता है।

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Test: पहली बूँद - 2 - Question 3

'धरती की चिर-प्यास बुझाई' पंक्ति में 'चिर' का क्या अर्थ है?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 3

"चिर" का अर्थ है स्थायी या दीर्घकालिक। इस पंक्ति में 'धरती की चिर-प्यास बुझाई' का मतलब है कि धरती की लम्बे समय से पड़ी प्यास, यानी सूखा, अब पूरी तरह से खत्म हो गया है। यहाँ 'चिर' से तात्पर्य है कि धरती की प्यास बहुत समय से बनी हुई थी।

Test: पहली बूँद - 2 - Question 4

पहली बूँद गिरते ही धरती का कैसा अँगड़ाई ली?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 4

"पहली बूँद गिरते ही धरती का अँगड़ाई ली" का अर्थ है कि धरती ने जैसे नया जीवन पाया। वर्षा की पहली बूँद गिरते ही धरती में नया जीवन और हरियाली का संचार होता है, जिससे वह अँगड़ाई लेती है, यानी नवीनीकरण का एहसास होता है।

Test: पहली बूँद - 2 - Question 5

'धरती के सूखे अधरों पर' पंक्ति में 'सूखे अधर' का क्या अर्थ है?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 5

"सूखे अधर" का अर्थ है भूमि की प्यास। यहाँ कवि ने धरती की सूखी और पड़ी सतह को "सूखे अधर" के रूप में प्रस्तुत किया है, जो पानी की कमी के कारण प्यास से ग्रसित है। वर्षा की पहली बूँद गिरने से यह प्यास बुझ जाती है।

Test: पहली बूँद - 2 - Question 6

'बूढ़ी धरती शस्य-श्यामला बनने को फिर से ललचाई' पंक्ति का भावार्थ क्या है?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 6

"बूढ़ी धरती शस्य-श्यामला बनने को फिर से ललचाई" का अर्थ है कि सूखी और बेजान धरती, जो अब बूढ़ी हो चुकी थी, फिर से हरा-भरा और समृद्ध होने की इच्छा रखने लगी है। वर्षा के बाद धरती में नया जीवन आता है, और वह पुनः हरे-भरे होने के लिए लालायित हो उठती है।

Test: पहली बूँद - 2 - Question 7

कविता में नीले नयनों से क्या संकेत मिलता है?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 7

कविता में "नीले नयनों" से संकेत आकाश की ओर है। यहाँ 'नीले नयनों' का प्रयोग आकाश की नीली रंगत को दर्शाने के लिए किया गया है, जैसे नीली आँखों की तरह आकाश भी नीला होता है।

Test: पहली बूँद - 2 - Question 8

'पहली बूँद' कविता में किस ऋतु का वर्णन किया गया है?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 8

"पहली बूँद" कविता में पावस (वर्षा) ऋतु का वर्णन किया गया है। कविता में वर्षा की पहली बूँद के गिरने से धरती में परिवर्तन और नयापन आता है, जो पावस ऋतु का विशेष लक्षण है।

Test: पहली बूँद - 2 - Question 9

'वसुंधरा की रोमावलि-सी, हरी दूब पुलकी-मुसकाई।' पंक्ति में 'रोमावलि' शब्द का क्या अर्थ है?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 9

"रोमावलि" शब्द का अर्थ है बाल। यहाँ कवि धरती की सुंदरता और हरियाली को बालों की पंक्तियों की तरह प्रस्तुत कर रहे हैं। यह एक रूपक है, जिसमें धरती की हरी घास (दूब) को रोमावलि (बालों) की तरह, जो धरती पर फैल गई हो, दर्शाया गया है।

Test: पहली बूँद - 2 - Question 10

कविता में "बूढ़ी धरती" से कवि किसे व्यक्त कर रहे हैं?

Detailed Solution for Test: पहली बूँद - 2 - Question 10

"बूढ़ी धरती" से कवि धरती के सूखे और बेजान होने की स्थिति को व्यक्त कर रहे हैं। यह धरती की उन स्थितियों का प्रतीक है, जब वह वर्षा से पहले सूखी और मृत प्रतीत होती है।

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