नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
एक दिन की बात है कि दूर एक प्रचंड प्रकाश-पिंड दिखाई पड़ा। उनकी आँखें चौंधियाने लगीं। यह पिंड बड़ी तेज़ से सूर्य की ओर बढ़ रहा था। ज्यों-ज्यों पास आता जाता था, उसका आकार बढ़ता जाता था। यह सूर्य से लाखोंं गुना बड़ा था। उसकी महान आकर्षण-शक्ति से हमारा सूर्य काँप उठा। ऐसा ज्ञात हुआ कि उस ग्रहराज से टकराकर हमारा सूय चूर्ण हो जाएगा। वैसा न हुआ।वह सूर्य से सहस्रों मील दूर से ही घूम चला, परंतु उसकी भीषण आकर्षण-शक्ति के कारण सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला।
प्रशन: प्रकाश पिंड कैसा दिखाई पड़ रहा था?
नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएःएक दिन की बात है कि दूर एक प्रचंड प्रकाश-पिंड दिखाई पड़ा। उनकी आँखें चौंधियाने लगीं। यह पिंड बड़ी तेज़ से सूर्य की ओर बढ़ रहा था। ज्यों-ज्यों पास आता जाता था, उसका आकार बढ़ता जाता था। यह सूर्य से लाखोंं गुना बड़ा था। उसकी महान आकर्षण-शक्ति से हमारा सूर्य काँप उठा। ऐसा ज्ञात हुआ कि उस ग्रहराज से टकराकर हमारा सूय चूर्ण हो जाएगा। वैसा न हुआ।वह सूर्य से सहस्रों मील दूर से ही घूम चला, परंतु उसकी भीषण आकर्षण-शक्ति के कारण सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला।
प्रशन: प्रकाश-पिंड किस ओर तेशी से बढ़ रहा था?
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नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएःएक दिन की बात है कि दूर एक प्रचंड प्रकाश-पिंड दिखाई पड़ा। उनकी आँखें चौंधियाने लगीं। यह पिंड बड़ी तेज़ से सूर्य की ओर बढ़ रहा था। ज्यों-ज्यों पास आता जाता था, उसका आकार बढ़ता जाता था। यह सूर्य से लाखोंं गुना बड़ा था। उसकी महान आकर्षण-शक्ति से हमारा सूर्य काँप उठा। ऐसा ज्ञात हुआ कि उस ग्रहराज से टकराकर हमारा सूय चूर्ण हो जाएगा। वैसा न हुआ।वह सूर्य से सहस्रों मील दूर से ही घूम चला, परंतु उसकी भीषण आकर्षण-शक्ति के कारण सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला।
‘ग्रहराज’ किसे कहा गया है?
नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
एक दिन की बात है कि दूर एक प्रचंड प्रकाश-पिंड दिखाई पड़ा। उनकी आँखें चौंधियाने लगीं। यह पिंड बड़ी तेज़ से सूर्य की ओर बढ़ रहा था। ज्यों-ज्यों पास आता जाता था, उसका आकार बढ़ता जाता था। यह सूर्य से लाखोंं गुना बड़ा था। उसकी महान आकर्षण-शक्ति से हमारा सूर्य काँप उठा। ऐसा ज्ञात हुआ कि उस ग्रहराज से टकराकर हमारा सूय चूर्ण हो जाएगा। वैसा न हुआ।वह सूर्य से सहस्रों मील दूर से ही घूम चला, परंतु उसकी भीषण आकर्षण-शक्ति के कारण सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला।
प्रशन: सूर्य का एक भाग क्यों टूट गया?
नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
एक दिन की बात है कि दूर एक प्रचंड प्रकाश-पिंड दिखाई पड़ा। उनकी आँखें चौंधियाने लगीं। यह पिंड बड़ी तेज़ से सूर्य की ओर बढ़ रहा था। ज्यों-ज्यों पास आता जाता था, उसका आकार बढ़ता जाता था। यह सूर्य से लाखोंं गुना बड़ा था। उसकी महान आकर्षण-शक्ति से हमारा सूर्य काँप उठा। ऐसा ज्ञात हुआ कि उस ग्रहराज से टकराकर हमारा सूय चूर्ण हो जाएगा। वैसा न हुआ।वह सूर्य से सहस्रों मील दूर से ही घूम चला, परंतु उसकी भीषण आकर्षण-शक्ति के कारण सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला।
‘यह सूर्य से लाखों गुना बड़ा था’- रचना की दृष्टि से यह वाक्य किस प्रकार का है?